Tuesday 21 December 2021

BASHIR BADR.... GHAZAL... PHOOL SA KUCHH KALAAM AUR SAHII.....

फूल सा कुछ कलाम और सही।
इक ग़ज़ल उसके नाम और सही। 

 Flowery songs acclaim
. A ghazal for that dame. 

उस की ज़ुल्फ़ें बहुत घनेरी हैं। 
एक शब का क़याम और सही। 

Her tresses are so thick.. 
One more night halt claim

ज़िन्दगी के उदास क़िस्से में। 
एक लड़की का नाम और सही। 

In sad tale of life. 
One more girl to name. 

कुर्सियों को सुनाइए ग़ज़लें। 
क़त्ल की एक शाम और सही। 

Recite ghazals to chairs. 
Kill one more night, shame ! 

कँपकँपाती है रात सीने में। 
ज़हर का एक जाम और सही। 

Shivers night in chest. 
This poison cup to blame. 





 

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