Tuesday 13 August 2024

PARVEEN SHAAKIR.. CHOSEN COUPLETS

मिलते हुए दिलों के बीच और था फ़ैसला कोई
उस ने मगर बिछड़ते वक़्त और सवाल कर दिया 

Meeting hearts had one decision on card.
While parting was another question hard. 

वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी
इंतजार उसका मगर कुछ सोच कर करते रहे

I knew, he won't come this evening as well. 
Yet I waited for him with thought so swell

हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगा
क्या ख़बर थी कि रग-ए-जाँ में उतर जाएगा 

I thought it was a wound, 'd heal. 
Who' d know it could vessels seal

कमाल-ए-ज़ब्त को ख़ुद भी तो आज़माऊँगी
मैं अपने हाथ से उस की दुल्हन सजाऊँगी 

I 'll also assess trying to control myself. 
I' ll decorate his bride by hands myself. 

याद तो होंगी वो बातें तुझे अब भी लेकिन
शेल्फ़ में रक्खी हुई बंद किताबों की तरह 

You might remember those ralks but . 
It would be like shelf books kept shut. 

शाम भी हो गई धुँदला गईं आँखें भी मिरी
भूलने वाले मैं कब तक तिरा रस्ता देखूँ 

My eyes are clouded and it's evening time. 
How long should I wait for you love prime? 

मैं सच कहूँगी मगर फिर भी हार जाऊँगी
वो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा 

I'll speak truth but lose still. 
He'll just tell lies  but win still. 

काँटों में घिरे फूल को चूम आएगी लेकिन
तितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा 

It will kiss flowers surrounded by thorn. 
Never have I seen a butterfly wing torn. 

बस ये हुआ कि उस ने तकल्लुफ़ से बात की
और हम ने रोते रोते दुपट्टे भिगो लिए 

He talked only with some modest gesture. 
I wept  to wet my attire in each posture. 

कुछ फ़ैसला तो हो कि किधर जाना चाहिए
पानी को अब तो सर से गुज़र जाना चाहिए

Let it be decided which way to go. 
From the head let water overflow. 

कल रात जो ईंधन के लिए कट के गिरा है
चिड़ियों को बड़ा प्यार था उस बूढ़े शजर से

What was chopped for firewood last night. Sparrows had loved that old tree in sight. 
   

Sunday 11 August 2024

SHAKEB JALAALI... COUPLETS

बद-क़िस्मती को ये भी गवारा न हो सका 

हम जिस पे मर मिटे वो हमारा न हो सका 



टैग : क़िस्मत 
  
  
आज भी शायद कोई फूलों का तोहफ़ा भेज दे 

तितलियाँ मंडला रही हैं काँच के गुल-दान पर 



टैग्ज़ : तोहफ़ा और 2 अन्य 
  
  
तू ने कहा न था कि मैं कश्ती पे बोझ हूँ 

आँखों को अब न ढाँप मुझे डूबते भी देख 



 
  
  
लोग देते रहे क्या क्या न दिलासे मुझ को 

ज़ख़्म गहरा ही सही ज़ख़्म है भर जाएगा 



 
  
  
सोचो तो सिलवटों से भरी है तमाम रूह 

देखो तो इक शिकन भी नहीं है लिबास में 



 
  
  
ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे 

तमाम दश्त ही प्यासा दिखाई देता है 



टैग : अब्र 
  
  
मुझे गिरना है तो मैं अपने ही क़दमों में गिरूँ 

जिस तरह साया-ए-दीवार पे दीवार गिरे 



 
  
  
जाती है धूप उजले परों को समेट के 

  
ज़ख़्मों को अब गिनूँगा मैं बिस्तर पे लेट के 



टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य 
 
  
यूँ तो सारा चमन हमारा है 

फूल जितने भी हैं पराए हैं 



 
  
मल्बूस ख़ुश-नुमा हैं मगर जिस्म खोखले 
छिलके सजे हों जैसे फलों की दुकान पर 

Bodies are vacant in these cloak top
As if fruit skins adore fruit shop  

क्या कहूँ दीदा-ए-तर ये तो मिरा चेहरा है 
संग कट जाते हैं बारिश की जहाँ धार 
 
What to say O teary eyed it's my face. 
Stones get dented as rains leave trace. 

लोग दुश्मन हुए उसी के 'शकेब' 
काम जिस मेहरबान से निकला 

O 'Shakeb'! People became his foe. 
Knd hearted man who was on toe. 
  
जहाँ तलक भी ये सहरा दिखाई देता है 
मिरी तरह से अकेला दिखाई देता है 

As far as this desert is seen. 
It is lonely, as I have been. 

उतर के नाव से भी कब सफ़र तमाम हुआ 
ज़मीं पे पाँव धरा तो ज़मीन चलने लगी 

Passage wasn't over alighting the ship
With feet on earth, it moved on a trip. 
 
जो मोतियों की तलब ने कभी उदास किया 
तो हम भी राह से कंकर समेट लाए बहुत 

When saddened by desire of pearls. 
I collected pebbles on the way girls! 
 
न इतनी तेज़ चले सर-फिरी हवा से कहो 
शजर पे एक ही पत्ता दिखाई देता है 

 Don't blow off the top O wind
One leaf on tree is left behind. 

आ के पत्थर तो मिरे सेहन में दो-चार गिरे 
जितने उस पेड़ के फल थे पस-ए-दीवार गिरे 

Some stones fell in my courtyard as well. 
All the fruits of that tree on hind side fell. 

आलम में जिस की धूम थी उस शाहकार पर 
दीमक ने जो लिखे कभी वो तब्सिरे भी देख 

The portrait that had gained world fame. 
Read comments termites carved on same. 
  
फ़सील-ए-जिस्म पे ताज़ा लहू के छींटे हैं 
हुदूद-ए-वक़्त से आगे निकल गया है कोई 

Splash of fresh blood is on body cover. 
One has crossed limits of time cover 
  
गले मिला न कभी चाँद बख़्त ऐसा था 
हरा-भरा बदन अपना दरख़्त ऐसा था 

She never embraced, such was my fate. 
My well groomed body was a tree O mate!