Thursday 29 June 2023

ASRAR-UL-HAQ-MAJAZ.. GHAZAL.. DHUAN SA IK SAMT UTH RAHAA HAI, SHARAARE UDH-UDH KE AA RAHE HAIN.....

धुआँ सा इक सम्त उठ रहा है शरारे उड़ उड़ के आ रहे हैं 

ये किस की आहें ये किस के नाले तमाम आलम पे छा रहे हैं 

Smoke is rising from all sides, sparks are flying everywhere. 
Whose are these sighs 'n laments that are frying everywhere. 

नक़ाब रुख़ से उठा चुके हैं खड़े हुए मुस्कुरा रहे हैं 

मैं हैरती-ए-अज़ल हूँ अब भी वो ख़ाक हैराँ बना रहे हैं 

She has raised veil from face and is smiling on my face 
I am surprised from start still, while she is eyeing everywhere. 

हवाएँ बे-ख़ुद फ़ज़ाएँ बे-ख़ुद ये अम्बर-अफ़्शाँ घटाएँ बे-ख़ुद 

मिज़ा ने छेड़ा है साज़ दिल का वो ज़ेर-ए-लब गुनगुना रहे हैं 

Frenzy is in winds 'n cosmos, on the clouds flying in atmos'. 
 My heart is set to tune, her lips mum, hum, 
prying everywhere 

ये शौक़ की वारदात-ए-पैहम ये वादा-ए-इल्तिफ़ात-ए-पैहम 

कहाँ कहाँ आज़मा चुके हैं कहाँ कहाँ आज़मा रहे हैं।

 It's my first love incident, her promise is as usual consistent. 
Where has she not tried before, where is she trying everywhere? 

सुराहियाँ नौ-ब-नौ हैं अब भी जमाहियाँ नौ-ब-नौ हैं अब भी 

मगर वो पहलू-तही की सौगंद अब भी नज़दीक आ रहे हैं 

Goblets are new to their fill, yawning is in
 the air still. 
But promise being by the side, she is near, eyeing everywhere


वो इश्क़ की वहशतों की ज़द में वो ताज की रिफ़अतों के आगे 

मगर अभी आज़मा रहे हैं मगर अभी आज़मा रहे हैं

She is in the frenzy tone, beyond the height
 of crown zone.
But she has been trying still and even now trying everywhere. 

Wednesday 28 June 2023

........... निशुम्भ-वध...... ध्यानम्........

अर्धनारीश्वर के श्रीविग्रह की  लें शरण निरन्तर।
वरद मुद्रा, अक्षमाला, पाश, अंकुश, भुजा सुंदर।।

रक्तपीतमिश्रित है वर्ण, ज्यों बन्धूकपुष्प औ' स्वर्ण।
वे त्रिनेत्र से करें निरीक्षण, अर्धचन्द्र उनका आभूषण।।

ॐ  बन्धूकपुष्प काञ्चननिभं रुचिराक्षमालांपाशाङ्कुशौ  च   वरदां निजबाहुदण्डैः। 
बिभ्राणमिन्दुशकलाभरणं त्रिनेत्रमर्धाम्बिकेशमनिशं वपुराश्रयामि।। 

Tuesday 27 June 2023

SAHIR LUDHIYANVI.. GHAZAL.. PARBATON KE PEYDON PAR SHAAM KA BASERAA HAI.....

पर्बतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है 
सुरमई उजाला है चम्पई अंधेरा है 

Evening is resting on hilly trees that grow. 
There is yellowish darkness and bluish glow. 

दोनों वक़्त मिलते हैं दो दिलों की सूरत से 
आसमाँ ने ख़ुश हो कर रंग सा बिखेरा है 

Day 'n night meet, as two facing hearts treat. 
Sky in pleasure has scattered colourful glow. 

ठहरे ठहरे पानी में गीत सरसराते हैं 
भीगे भीगे झोंकों में ख़ुशबुओं का डेरा है 

In these static waters,it's song that whispers. 
Gushes which are moist, have a fragrant flow. 

क्यूँ न जज़्ब हो जाएँ इस हसीं नज़ारे में 
रौशनी का झुरमुट है मस्तियों का घेरा है

Why don't we absorb in this beautiful orb? 
There is frenzied circle and assembled glow. 




Monday 26 June 2023

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है 
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की 
..... परवीन शाकिर.....

 In rainy nights, body shatters even now. 
Strange stretch desires appear anyhow. 

अंगड़ाई भी वो लेने न पाए उठा के हाथ 
देखा जो मुझ को छोड़ दिए मुस्कुरा के हाथ 
..... निज़ाम रामपुरी ..... 

She had not stretched after lifting her arms. 
Seeing me she stopped, dropping her arms. 

अब तो उस के बारे में तुम जो चाहो वो कह डालो 
वो अंगड़ाई मेरे कमरे तक तो बड़ी रूहानी थी 
..... जौन एलिया.....

You may now say what you like, about it. 
Arm stretch within my room was soulful bit. 

अपने मरकज़ की तरफ़ माइल-ए-परवाज़ था हुस्न
भूलता ही नहीं आलम तिरी अंगड़ाई का
..... अज़ीज़ लखनवी..... 

I can't forget your stretching arms arch. 
Beauty was on it's way to central. spark

 न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से 
मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है 
..... आदिल फ़ारूक़ी.....

Don't ask me how to adore beauty, it's creed? 
Only one whom you love is beautiful indeed. 

हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ 
दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं 
..... परवीन शाकिर..... 

To understand beauty takes life long my dear. 
Liking for a short while, girls don't come clear

अपनी अना की आज भी तस्कीन हम ने की 
जी भर के उस के हुस्न की तौहीन हम ने की 
.. ... इक़बाल साजिद..... 

I satisfied my ego even today. 
Ridiculed her beauty every way. 


 

Saturday 24 June 2023

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS IN HINDI

ज़िंदगी भर की कमाई यही मिसरे दो-चार 

इस कमाई पे तो इज़्ज़त नहीं मिलने वाली 

इफ़्तिख़ार आरिफ़
औरत हो तुम तो तुम पे मुनासिब है चुप रहो 

ये बोल ख़ानदान की इज़्ज़त पे हर्फ़ है 

सय्यदा अरशिया हक़. 

हमेशा ग़ैर की इज़्ज़त तिरी महफ़िल में होती है 

तिरे कूचे में जा कर हम ज़लील-ओ-ख़्वार होते हैं 

शौकत थानवी

ZAFAR IQBAL.. GHAZAL..

इतने मायूस तो हालात नहीं 
लोग किस वास्ते घबराए हैं
..... जाँ निसार अख़्तर..... 

Not so despondent is the entire state. 
Why are people so disturbed O mate? 

इंक़लाब आएगा रफ़्तार से मायूस न हो 
बहुत आहिस्ता नहीं है जो बहुत तेज़ नहीं 
..... अली सरदार जाफ़री..... 

Revolution will come, don't lose hope with speed.
 If it is not very fast, it  is not very slow indeed. 

हो न मायूस ख़ुदा से 'बिस्मिल' 
ये बुरे दिन भी गुज़र जाएँगे 
..... बिस्मिल अज़ीमाबादी..... 

O 'Bismil'! Don't lose hope with God,his class. 
These bad days too, will 

ZAFAR IQBAL... GHAZAL...

किस को ख़बर थी वो भी मिरा यार होएगा 
और तुर्त साथ सोने को तय्यार होएगा 

Who knew, she would dance to my love tune?
 Could even agree to sleep with me so soon. 

कुछ होने और कुछ भी न होने के दरमियाँ 
इक़रार होएगा कभी इंकार होएगा 

In between being and not being there at all. 
It would be refusal, at times agreeable boon. 

खोला जो उस ने राज़ हमारा तो बेश-ओ-कम 
पोशीदा इस में भी कोई असरार होएगा 

Having exposed more or less of my secrets. 
There must be a secret concealed as boon. 

गुमनाम जो भी रहता है इज़्ज़त उसी की है 
मशहूर होएगा तो बहुत ख़्वार होएगा 

One living in oblivion survives with honour 
A famous person will have a bad fortune. 

जो कुछ समझ में आएगा रुक जाएगा वहीं 
जो फ़हम से वरा है वो इज़हार होएगा 

बाहर से जितनी होएगी ता'मीर सर-बुलंद 

अंदर उसी हिसाब से मिस्मार होएगा 

रहने का हक़ उसी को अता होगा शहर में 

अब शहर-यार का जो तरफ़-दार होएगा 

जो छुप-छुपा के होता रहा सब से आज तक 

अब होएगा तो बरसर-ए-बाज़ार होएगा 

अच्छा नहीं है बोसा-ए-चश्म उस का ऐ 'ज़फ़र' 

तू रफ़्ता-रफ़्ता आप ही बीमार होएगा

ZAFAR IQBAL.. GHAZAL.. KHUSHI MILII TO YE AALAM HAI BAD-HAWAASI KA.....

ख़ुशी मिली तो ये आलम था बद-हवासी का 
कि ध्यान ही न रहा ग़म की बे-लिबासी का 

In ecstatic mood, such was the state of my pleasure. 
The nudity of grief was ignored beyond measure. 

चमक उठे हैं जो दिल के कलस यहाँ से अभी 
गुज़र हुआ है ख़यालों की देव-दासी का 

Domes of heart are glittering, from here so soon. 
Has passed a dame of my thoughts, girl of pleasure. 

गुज़र न जा यूँही रुख़ फेर कर सलाम तो ले 
हमें तो देर से दावा है रू-शनासी का 

Don't pass by, at least turn face, accept my wishes. 
I claim for recognising  your face in times of leisure 

ख़ुदा को मान कि तुझ लब के चूमने के सिवा 
कोई इलाज नहीं आज की उदासी का 

Believe in God that but for kissing your lovely lips. 
Sadness of today can not be treated by any measure. 

गिरे पड़े हुए पत्तों में शहर ढूँडता है 
अजीब तौर है इस जंगलों के बासी का

He is searching for the city amidst fallen leaves.
So strange is the way of resident of jungle treasure. 

Thursday 22 June 2023

REKHTA TODAY'S COUPLETS

इक सफ़ीना है तेरी याद अगर
इक समंदर है मेरी तन्हाई 
..... अब्दुल हमीद अदम.....

If your memory is a boat. 
My silence is sea to float. 

दिल सुलगता है तिरे सर्द रवैये से मिरा
देख अब बर्फ़ ने क्या आग लगा रक्खी है
..... अन्वर मसूद..... 

My heart gets burnt by your cold treat. 
Now see what a fire is set by icy meet ! 

आईना ख़ुद भी सँवरता था हमारी ख़ातिर 
हम तिरे वास्ते तय्यार हुआ करते थे 
..... सलीम कौसर..... 

Mirror itself got set for my make. 
I used to get ready for your sake. 

मिरी नुमू है तेरे तग़ाफ़ुल से वाबस्ता 
कम बारिश भी मुझ को काफ़ी हो सकती है
..... अज़हर फ़राग़..... 

My growth is subject to your neglect. 
A little rain for me is enough to expect. 

मैं क्या करूँगा रह के इस जहान में 
जहाँ पे एक ख़्वाब की नुमू न हो 
.... आमिर सुहैल..... 

What for should I live in this world? 
Where growth of a dream is weird. 

ये ना-गुज़ीर है उम्मीद की नुमू के लिए 
गुज़रता वक़्त कहीं थम गया तो क्या होगा? 
..... जावेद शैख़..... 

It's inevitable for the growth of hope. 
If passing time stops, how 'll it cope? 

मैं मय-कदे की राह से हो कर गुज़र गया
वर्ना सफ़र हयात का काफ़ी तवील था
..... अब्दुल हमीद अदम..... 

I had been through the tavern way. 
Or else life journey was long sway. 









Wednesday 21 June 2023

Baby Aggrawal's party...... June 21.2023 7.30 P.M .

When in love, must marry the girl.
To tunes of love, you always twirl.
Love is the essence of life my son. 
Life without love, is pun, not fun.

इक नन्हा सा बच्चा इतनी ख़ुशियाँ ले कर आए। 
मात पिता परिवार जनों के मन में नहीं समाए। 
इसीलिये मन करता है सब संगी साथी आएँ। 
मेरी ख़ुशियाँ बाँटें जिससे ये दुगुनी हो जाएँ ।।..... हिन्दी 

प्रेम नाल मत्थे लगीं दाता दे दरबार। 
जद होवे रब्ब दी मेहर लौ लग्गे ओंकार।।... पंजाबी

दुष्टो अच्छी जानी आमिर, तुमि ई तारोण कोरों। 
आभार मुण्डों केऊ माँ गो मालाय धारोण कोरों। 
माँएर बुकेर स्पोर्शो पाबो आर की आमि चाई। 
जीबोन जा पाई नई आमि मोरेई जैनूँ पाई।।..... बाँग्ला 

 बरसों के उस के प्यार को मन में सँवार कर। 
उसको गले लगा ले तनिक सा सिंगार कर। 
मुस्कराहट हो, अदा हो, नाज़ हो, अंदाज़ हो। 
फूल हो या धुन हो, बचपन की कोई आवाज़ हो। 
तेरे तरकस में बहुत से तीर हैं, कर ले शिकार। 
जिस से साजन रीझ जाए, 'मौन' वो तेरा सिंगार।।..... उर्दू 

चुनड़ी चढ़ावाँ मैय्या, थारा गुण गावाँ मैय्या, म्हे दादी का लाड़ला। 
झुँझणूँ मैं मेलो लागै, भक्ताँ की किस्मत जागै, सै दादी का लाड़ला।।..... मारवाड़ी 

  Trans creations..... 

नारियल के दरख़्तों की पागल हवा, खुल गए बादबाँ लौट जा लौट जा। 
साँवली सरजमीं पर मैं अगले बरस फूल खिलने से पहले ही लौट आऊँगा।।..... बशीर बद्र... उर्दू 

It's a mad mad breeze through the coconut trees, 
full bloated is the sail, get back on your trail. 
Before spring unrolls next floral sheet, on skin coloured land I'll lay my feet. 

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वति 
कर मूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्..... संस्कृत

अग्र हस्त में बसें लक्ष्मी मध्य सरस्वति मात ।
मूलभाग में गोविंदा के दर्शन करें प्रभात ।।





Tuesday 20 June 2023

वीणा के स्वर में गुंजित हों जब मन के उद्गार।
प्रेम भरे पथ पर चलता हो सारा जग व्यवहार।
कैसे तुझ को मैं समझाऊँ क्या मैं देना चाहूँ ?
जन्मदिवस पर बिटिया यह है एक तुच्छ उपहार।।

..... रवि मौन..... 

RAVI MAUN.. NINETEENTH JUNE BEFORE MIDNIGHT...

My first son! Before you were born.
A prayer was on my lips since morn'.
I have a daughter now let it be son. 
God was kind, his bliss was won. 

Sent to Manish before midnight. 

Monday 19 June 2023

QATEEL SHAFAAI.. GHAZAL.. APNE HAATHON KI LAKEERON MEN SAJAA LE MUJH KO....

अपने हाथों की लकीरों में सजा ले मुझ को
मैं हूँ तेरा तू नसीब अपना बना ले मुझ को

Decorate me in the lines of your hand. 
I am your's, make me your fate grand. 

मैं जो काँटा हूँ तो चल मुझ से बचा कर दामन
मैं हूँ गर फूल तो जूड़े में सजा ले मुझ को

If I am a thorn, walk saving your hem. 
If I am flower, decorate in tress band. 

तर्क-ए-उल्फ़त की क़सम भी कोई होती है क़सम
तू कभी याद तो कर भूलने वाले मुझ को

Is a promise of broken love any promise? 
You just remember me O forgotten friend. 

मुझ से तू पूछने आया है वफ़ा के मा'नी
ये तिरी सादा-दिली मार न डाले मुझ को

You came to ask me, "what loyalty mean?" 
It may kill me, your simple hearted stand. 

मैं समुंदर भी हूँ मोती भी हूँ ग़ोता-ज़न भी
कोई भी नाम मिरा ले के बुला ले मुझ को

I am the ocean ,a pearl and diver as well. 
Call me by any of these names O friend. 

तू ने देखा नहीं आईने से आगे कुछ भी
ख़ुद-परस्ती में कहीं तू न गँवा ले मुझ को

You just saw nothing beyond the mirror. 
You may even lose me in selfish stand. 

बाँध कर संग-ए-वफ़ा कर दिया तू ने ग़र्क़ाब
कौन ऐसा है जो अब ढूँढ़ निकाले मुझ को

You drowned me, tied with loyalty stone. 
Now who can search 'n bring me to land. 

ख़ुद को मैं बाँट न डालूँ कहीं दामन दामन
कर दिया तू ने अगर मेरे हवाले मुझ को

I may split myself into many parts. 
If you hand me over to myself O friend. 

मैं खुले दर के किसी घर का हूँ सामाँ प्यारे
तू दबे-पाँव कभी आ के चुरा ले मुझ को

O dear! I am luggage of a doorless home. 
Come gentle- footed to steal me O friend 

कल की बात और है मैं अब सा रहूँ या न रहूँ
जितना जी चाहे तिरा आज सता ले मुझ को

Tomorrow I may not be what I am today. 
You can torture me to your liking trend. 

बादा फिर बादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ 'क़तील'
शर्त ये है कोई बाँहों में सँभाले मुझ को

Wine is wine O Qateel ! I 'll drink poison.
The only condition is being held off hand. 

Sunday 18 June 2023

MAHESH CHANDRA NAQSH.. GHAZAL.. PUR-KAIF BAHAARON NE BHI DIL TOD DIYA HAI

पुर-कैफ़ बहारों ने भी दिल तोड़ दिया है 
हाँ उन के नज़ारों ने भी दिल तोड़ दिया है 

Intoxicating springs have broken my heart. 
Even her glimpses have broken my heart. 

तूफ़ान का शेवा तो है कश्ती को डुबोना 
ख़ामोश किनारों ने भी दिल तोड़ दिया है 

It's a habit of  storm to drown the ship. 
Even silent shores have broken my heart. 

इस डूबते सूरज से तो उम्मीद ही क्या थी 
हँस हँस के सितारों ने भी दिल तोड़ दिया है 

What could I hope from this setting sun? 
Even smiling stars have broken my heart. 

किस तरह करें तुझ से गिला तेरे सितम 
मदहोश इशारों ने भी दिल तोड़ दिया है 

How to complain for your tyranny to you dame
Even drunk gestures have broken my heart. 

माना कि थी ग़मगीन कली ख़ौफ़-ए-ख़िज़ाँ से 
चुप रह के बहारों ने भी दिल तोड़ दिया है

It's true that bud was afraid ot the autumn
Being mum even spring has broken my heart 

अग़्यार का शिकवा नहीं इस अहद-ए-हवस में 
Rival.. Lament.. Age of lust
इक उम्र के यारों ने भी दिल तोड़ दिया है 

I don't lament rival in this age of lust. 
Even friends of this age have broken my heart. 

ये दौर-ए-मोहब्बत भी अजब दौर है इस में 
ऐ 'नक़्श' सहारों ने भी दिल तोड़ दिया है

This time of love is strange time indeed. 
'Naqsh'! Supporters too have broken my heart 

SHAHARYAAR.. GHAZAL.. DIL MEN RAKHTAA HAI N PALKON PE BITHAATAA HAI MUJHE.

दिल में रखता है न पलकों पे बिठाता है मुझे 
फिर भी इक शख़्स में क्या क्या नज़र आता है मुझे 

Neither alights me on eyelashes, nor lets occpy the heart. 
Even then what do I see in one person, in 
each part? 

रात का वक़्त है सूरज है मिरा राह-नुमा 
देर से दूर से ये कौन बुलाता है मुझे 

If is night time and my guide is sun in yonder sky. 
Since long someone is calling me from a distance apart. 

मेरी इन आँखों को ख़्वाबों से पशेमानी है 
नींद के नाम से जो हौल सा आता है मुझे 

My eyes simply regret visualising the dreams. In the name of sleep, it's fear playing the part. 

तेरा मुंकिर नहीं ऐ वक़्त मगर देखना है 
बिछड़े लोगों से कहाँ कैसे मिलाता है मुझे 

O time! I don't disown you but want to see. 
How 'n where' d let meet persons that part? 

क़िस्सा-ए-दर्द में ये बात कहाँ से आई 
मैं बहुत हँसता हूँ जब कोई सुनाता है मुझे 

I laugh a lot when someone recites it to me. 
How come in a tragedy tale, sneak this part? 
किसी भूके से मत पूछो मोहब्बत किस को कहते हैं 
कि तुम आँचल बिछाओगे वो दस्तर-ख़्वान समझेगा
..... ज़ुबैर अली ताबिश..... 

माँ मुझे देख के नाराज़ न हो जाए कहीं 
सर पे आँचल नहीं होता है तो डर होता है
..... अंजुम रहबर..... 

तिरे माथे पे ये आँचल बहुत ही ख़ूब है लेकिन 
तू इस आँचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था
..... असरार-उल-हक़ मजाज़..... 

आज की रात भी गुज़री है मिरी कल की तरह 
हाथ आए न सितारे तिरे आँचल की तरह 
..... क़ज़लबाश.....

ये सुब्ह की सफ़ेदियाँ ये दोपहर की ज़र्दियाँ 
अब आईने में देखता हूँ मैं कहाँ चला गया
..... नासिर काज़मी..... 

दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिए 
वो तिरा कोठे पे नंगे पाँव आना याद है
..... हसरत मोहानी..... 

है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है 
कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है 

..... बशीर बद्र..... 

ऐ दोपहर की धूप बता क्या जवाब दूँ
दीवार पूछती है कि साया किधर गया
..... उम्मीद फ़ाज़ली.....

खिलना कहीं छुपा भी है चाहत के फूल का
ली घर में साँस और गली तक महक गई
..... आरज़ू लखनवी.  .

Can flower of desire  conceal it's bloom. 
She breathed at home ,lane fragranceane zoom

भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती है 
दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है 
..... मरग़ूब अली..... 

Fragrance of wet earth increases the thirst. 
Grief resides in dops of rains falling first. 

जब तुझे याद कर लिया सुब्ह महक महक उठी 
जब तिरा ग़म जगा लिया रात मचल मचल गई 
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़..... 

Remembered you and fragrant was the morn'
The night lost its control with your grief adorn

महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से 
ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कुराया है 
..... बशीर बद्र..... 

Moonlight flowers shower earthly fragrance 
God 's smiling on someone's lovely penance

तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं 
एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं
.....क़तील शफ़ाई....

Conditions aren't such, I keep mum when you ask. 
Only the heart has broken, it's not such a big task. 

हक़ीक़त छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से 
कि ख़ुशबू आ नहीं सकती कभी काग़ज़ के फूलों से 
..... मिर्ज़ा मोहम्मद तक़ी तरक़्क़ी..... 

Fake principles don't hide truth vibrant. 
Paper flowers look nice, aren't fragrant. 

बनावट वज़्अ'-दारी में हो या बे-साख़्ता-पन में 
हमें अंदाज़ वो भाता है जिस में कुछ अदा निकले 
..... इमदाद अली बहर..... 

Whether it's old value or instability as such. 
I like that style which has coquettish touch. 

बनावट हो तो ऐसी हो कि जिस से सादगी टपके 
ज़ियादा हो तो असली हुस्न छुप जाता है ज़ेवर से 
..... सफ़ी लखनवी..... 

Simplicity is what decoration should show. 
Excess ornaments conceal real beauty glow. 

ख़ुदा अलीम है हर शख़्स की बनावट का
कहो नमाज़ियो सज्दे किए कि सर पटका
..... इमदाद अली बहर....

Tell whether you banged your head or prayed. 
God definitely knows what in heart is laid. 


Saturday 17 June 2023

G. R. KANWAL.. GHAZAL.. TUJH SE BICHHDE BHI TO HAALAAT NE RONE N DIYAA.....

तुझ से बिछड़े भी तो हालात ने रोने न दिया
दिल-शिकन वक़्त के लम्हात ने रोने न दिया

Departing the world cheap, didn't allow me to weep. 
Heart breaking moments deep didn't allow me to weep

दिन को फ़ुर्सत न मिली अश्क बहाने की कभी
रात आई तो मुझे रात ने रोने न दिया

No leasure any way, to shed a tear during day. 
At night, it's plight, didn't allow me to weep. 

उस की आँखें भी रहीं ख़ुश्क हमेशा की तरह
मुझ को भी आज किसी बात ने रोने न दिया

As always she didn't cry, her eyes were stone dry. 
Talks on surface or deep, didn't allow me to weep

अश्क मायूस सवाली की तरह लौट गए
वो मिला भी तो मुलाक़ात ने रोने न दिया

Tears went away as hopeless beggars on the way.
On meeting tears so cheap, didn't allow me to weep. 

उन के हिस्से का 'कँवल' शहर में तुम ही रो लो
जिन को मजबूरी-ए-हालात ने रोने न दिया

O 'Kanwal' ! On their behalf, in city you weep half. 
Who say plight is to keep, didn't allow me to weep. 

AHMAD FARAZ.. GHAZAL.. JO GHAIR THE VOH ISII BAAT PAR HAMAARE HUE...

जो ग़ैर थे वो इसी बात पर हमारे हुए
कि हम से दोस्त बहुत बे-ख़बर हमारे हुए

Rivals have become  my own this way. 
That friends like me are known this way. 

किसे ख़बर वो मोहब्बत थी या रक़ाबत थी
बहुत से लोग तुझे देख कर हमारे हुए

Who knows whether it was enmity or love? 
For you, many became my own this way. 

अब इक हुजूम-ए-शिकस्ता-दिलाँ है साथ अपने
जिन्हें कोई न मिला हम-सफ़र हमारे हुए

A group of broken hearts is now with me. 
Who got none, joined their own this way. 

किसी ने ग़म तो किसी ने मिज़ाज-ए-ग़म बख़्शा
सब अपनी अपनी जगह चारागर हमारे हुए

Some gave me pain, others painful mood. 
People were healers on their own this way. 

बुझा के ताक़ की शमएँ न देख तारों को
इसी जुनूँ में तो बर्बाद घर हमारे हुए

Don't look at stars, puffing lamps high up. 
Frenzy ruined home of my own this way 

वो ए'तिमाद कहाँ से 'फ़राज़' लाएँगे
किसी को छोड़ के वो अब अगर हमारे हुए

Where from will the trust come O' Faraz'? 
Leaving rival, if she is now my own this way. 


Transcreated by Ravi Maun 

REKHTA... TODAY'S COUPLETS

कोई तुम सा भी काश तुम को मिले
मुद्दआ हम को इंतिक़ाम से है 
मीर तक़ी मीर

Someone you too meet, who treats as you treat. 
To retaliate is all I need, which way I pay no heed. 

हम ने तो ख़ुद से इंतिक़ाम लिया 
तुम ने क्या सोच कर मोहब्बत की 
सलीम कौसर

A revenge was need of the day, that's how I got in the frey? 
What was in your mind  that you  jumped in love so blind. 

हुस्न को शर्मसार करना ही 
इश्क़ का इंतिक़ाम होता है
      असरार-उल-हक़ मजाज़.   

Beauty is humiliated. 
Love has retaliated  


ख़ुद अपने आप से लेना था इंतिक़ाम मुझे 
मैं अपने हाथ के पत्थर से संगसार हुआ 
..... इब्राहिम अश्क..... 

A revenge was the need, wirh myself in the lead. 
With a stone in my hand hold, I hurt myself, behold ! 

जब आ जाती है दुनिया घूम फिर कर अपने मरकज़ पर 
तो वापस लौट कर गुज़रे ज़माने क्यूँ नहीं आते
..... इबरत मछलीशहरी..... 

When world comes around, back on the same ground. 
Then just tell me why, don't return times gone by? 


पत्थर के जिस्म मोम के चेहरे धुआँ धुआँ
किस शहर में उड़ा के हवा ले गई मुझे 
..... इफ़्फ़त ज़र्रीं..... 

  Bodies made of stone, wax faces smoke prone 
To a city of which kind, did O wind for me
  find.? 

कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो
..... बशीर बद्र..... 

You won't even get a handshake, If in sudden embrace you overtake 
 This city has a different mood, keep space in meeting, don't brood. 

दोनों का मिलना मुश्किल है दोनों हैं मजबूर बहुत। 
उन के पाँव में मेंहदी लगी है मेरे पाँव में छाले हैं 
..... अमीक़ हनफ़ी..... 

It's difficult for both to meet, they are  a  hopeless treat. 
While hennaed are her feet, so blistered are my feet. 

चुरा के मुट्ठी में दिल को छुपाए बैठे हैं 
बहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे हैं 
मीर मेहदी मजरूह

In her fist is my stolen heart, she sits in a state of art. 
Then there's this excuse, hennaed are hands, 
 I refuse. 

हुदूद-ए-वक़्त से बाहर अजब हिसार में हूँ 
मैं एक लम्हा हूँ सदियों के इंतिज़ार में हूँ 
आदिल मंसूरी

I am in a strange fort beyond limits of time. 
I am a moment awaiting centuries of time. 

मिरे वजूद को परछाइयों ने तोड़ दिया 
मैं इक हिसार था तन्हाइयों ने तोड़ दिया 
फ़ाज़िल जमीली

Shadows broke down my stature as such. 
I was a fort broken by solitude very much. 

आ देख कि मेरे आँसुओं में 
ये किस का जमाल आ गया है
..... अदा जाफ़री..... 

In my tears, come and see. 
Whose beauty can it be.? 

उस हुस्न का शेवा है जब इश्क़ नज़र आए 
पर्दे में चले जाना शरमाए हुए रहना
..... मुनीर नियाज़ी..... 

It's a habit of beauty, when confronted with love. 
To conceal in veil, keep shy over and above. 

मदहोश ही रहा मैं जहान-ए-ख़राब में 
गूँधी गई थी क्या मिरी मिट्टी शराब से 
..... मुज़्तर ख़ैराबादी..... 

 In bad world,from drink I never escaped
Was my soil mixed with wine and shaped? 


Transcreated by Ravi Maun. 

GULZAR.. GHAZAL.. TUJH KO DEKHA HAI JO DARIYA NE IDHAR AATE HUE.....

तुझ को देखा है जो दरिया ने इधर आते हुए
कुछ भँवर डूब गए पानी में चकराते हुए

You were seen coming this way by stream. 
Several whorls got drowned downstream. 

हम ने तो रात को दाँतों से पकड़ कर रक्खा
छीना-झपटी में उफ़ुक़ खुलता गया जाते हुए

I was holding the night with my teeth. 
Horizon got unfolded in tussle esteem. 

मैं न हूँगा तो ख़िज़ाँ कैसे कटेगी तेरी
शोख़ पत्ते ने कहा शाख़ से मुरझाते हुए

How'll your autumn pass In my absence? 
Leaves said it to branch, losing the gleam. 

हसरतें अपनी बिलखती न यतीमों की तरह
हम को आवाज़ ही दे लेते ज़रा जाते हुए

My desires won't have wailed like orphans. 
If you had just called me, leaving O dream ! 

सी लिए होंट वो पाकीज़ा निगाहें सुन कर
मैली हो जाती है आवाज़ भी दोहराते हुए

Even voice gets dirty repeating the same. 
I clamped lips with the pure eyes gleam. 


Wednesday 14 June 2023

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS......

भरी दुनिया में जी नहीं लगता
जाने किस चीज़ की कमी है अभी 
..... नासिर काज़मी....

In this world heart can't find chill. 
I don't know what's amiss still ?

साया है कम खजूर के ऊँचे दरख़्त का
उम्मीद बाँधिए न बड़े आदमी के साथ 
..... कैफ़ी आज़मी.....

Tall palm tree only little shade can. 
Don't pin hopes on a very big man. 

उस ने आवारा-गिज़ाजी को नया मोड़ दिया 
पा-ब-ज़ंजीर किया और मुझे छोड़ दिया 
..... जावेद सबा..... 

She has given to frenzy a turn so new. 
Chained my feet 'n released as I grew. 

तुम ने हँसते हुए देखा है तुम्हें क्या मालूम 
करनी पड़ती है अदा कितनी हँसी की क़ीमत
..... रईस रामपुरी..... 

You have seen me laughing, you don't know. 
The cost that I submit to put on this show. 

तुम्हें ग़ैरों से कब फ़ुरसत हम अपने ग़म से कब ख़ाली
चलो बस हो गया मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली 
..... जाफ़र अली हसरत..... 

You aren't free from rivals, I am not free from pain. 
So this meeting is over, neither of us is free again. 



SHAHARYAAR.. GHAZAL.. JO CHAAHTI DUNIYA HAI VOH MUJH SE NAHIN HOGA

जो चाहती दुनिया है वो मुझ से नहीं होगा
समझौता कोई ख़्वाब के बदले नहीं होगा

I can't do what world wants from me. 
Nothing in exchange of dream will be. 

अब रात की दीवार को ढाना है ज़रूरी
ये काम मगर मुझ से अकेले नहीं होगा

Now it's essential to raze night wall. 
But it can't be done alone by me. 

ख़ुश-फ़हमी अभी तक थी यही कार-ए-जुनूँ में
जो मैं नहीं कर पाया, किसी से नहीं होगा

I had vain hopes in frenzy of work. 
None else can, if it's not done by me 

तदबीर नई सोच कोई, ऐ दिल-ए-सादा
माइल-ब-करम तुझ पे वो ऐसे नहीं होगा

Think a new scheme, O simple heart !
Kind to you this way, she will not be. 

बे-नाम से इक ख़ौफ़ से दिल क्यूँ है परेशाँ
जब तय है कि कुछ वक़्त से पहले नहीं होगा

Why is heart upset by fear unknown.
 As it's fixed, before time, nothing 'll be. 




Tuesday 13 June 2023

SAHIR LUDHIYANVI.. GHAZAL. BARBAAD-E-MOHABBAT KI DUA SAATH LIYE JA.. ..

बरबाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा 

टूटा हुआ इक़रार-ए-वफ़ा साथ लिए जा 

इक दिल था जो पहले ही तुझे सौंप दिया था 

ये जान भी ऐ जान-ए-अदा साथ लिए जा 

तपती हुई राहों से तुझे आँच न पहुँचे 

दीवानों के अश्कों की घटा साथ लिए जा 

शामिल है मिरा ख़ून-ए-जिगर तेरी हिना में 

ये कम हो तो अब ख़ून-ए-वफ़ा साथ लिए जा 

हम जुर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा पाएँगे तन्हा 

जो तुझ से हुई हो वो ख़ता साथ लिए जा

IBN-E-ALI INSHAA.. GHAZAL.. INSHAAJI UTHO AB KOOCH KARO IS SHAHAR MEN JII KO LAGAANAA KYA.....


'इंशा'-जी उठो अब कूच करो इस शहर में जी को लगाना क्या 
वहशी को सुकूँ से क्या मतलब जोगी का नगर में ठिकाना क्या 

इस दिल के दरीदा दामन को देखो तो सही सोचो तो सही 
जिस झोली में सौ छेद हुए उस झोली का फैलाना क्या 

शब बीती चाँद भी डूब चला ज़ंजीर पड़ी दरवाज़े में 
क्यूँ देर गए घर आए हो सजनी से करोगे बहाना क्या 

फिर हिज्र की लम्बी रात मियाँ संजोग की तो यही एक घड़ी 
जो दिल में है लब पर आने दो शर्माना क्या घबराना क्या 

उस रोज़ जो उन को देखा है अब ख़्वाब का आलम लगता है 
उस रोज़ जो उन से बात हुई वो बात भी थी अफ़साना क्या 

उस हुस्न के सच्चे मोती को हम देख सकें पर छू न सकें 
जिसे देख सकें पर छू न सकें वो दौलत क्या वो ख़ज़ाना क्या 

उस को भी जला दुखते हुए मन इक शो'ला लाल भबूका बन 
यूँ आँसू बन बह जाना क्या यूँ माटी में मिल जाना क्या 

जब शहर के लोग न रस्ता दें क्यूँ बन में न जा बिसराम करे 
दीवानों की सी न बात करे तो और करे दीवाना क्या 




SAIFUDDIN SAIF... GHAZAL... MIRI DAASTAAN-E-HASRAT VOH MUJHE SUNAA KE ROYE.....

मिरी दास्तान-ए-हसरत वो सुना सुना के रोए 
मिरे आज़माने वाले मुझे आज़मा के रोए 

Reciting my tale of desires to me, she too wept. 
Those examining me, examined and wept. 

कोई ऐसा अहल-ए-दिल हो कि फ़साना-ए-मोहब्बत 
मैं उसे सुना के रोऊँ वो मुझे सुना के रोए 

If there is a saint, who listens to tale of love. 
I could weep listening, when I said , he wept. 

मिरी आरज़ू की दुनिया दिल-ए-ना-तवाँ की हसरत 
जिसे खो के शादमाँ थे उसे आज पा के रोए 

World of my desires is of a weak unfulfilled heart. 
I was happy losing, getting her back, I wept. 

तिरी बेवफ़ाइयों पर तिरी कज-अदाइयों पर 
कभी सर झुका के रोए कभी मुँह छुपा के रोए 

On your disloyalty, on your crooked style. 
I had wept head bent, hiding face I wept. 

जो सुनाई अंजुमन में शब-ए-ग़म की आप-बीती 
कई रो के मुस्कुराए कई मुस्कुरा के रोए

Telling my own tale of grieving night in group.
Some wept 'n smiled , some smiled and wept. 

Sunday 11 June 2023

ADAA.. COUPLETS ON STYLE

इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा 
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
..... मिर्ज़ा ग़ालिब..... 

Who won't die on this simplicity O Lord? 
She is fighting without a hand on sword ! 
  
अंदाज़ अपना देखते हैं आइने में वो 
और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो
..... निज़ाम रामपुरी ..... 

Sbe is looking in mirror on her own style.
Besides watching none looks all the while. 

हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना 
हसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना
..... अकबर इलाहाबादी..... 

To bend the head feeling shy, to smile in style. 
How easy for cuties to electrocute all the while? 
 
पूछा जो उन से चाँद निकलता है किस तरह 
ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे डाल के झटका दिया कि यूँ
..... आरज़ू लखनवी..... 

 I ask show me how, appears moon on the sky now? 
With tress she covered face, then with a jerk displace. 
 
ये जो सर नीचे किए बैठे हैं 
जान कितनों की लिए बैठे हैं
..... जलील मानिकपूरी..... 

She who is sitting with head held low. 
She has taken many lives in the show. 
 
पहले इस में इक अदा थी नाज़ था अंदाज़ था 
रूठना अब तो तिरी आदत में शामिल हो गया
..... आग़ा शाएर क़ज़लबाश..... 

Earlier there was mannerism, coquetry and style
To be angry has become your habit since awhile. 

आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन 
मरता हूँ मैं जिस पर वो अदा और ही कुछ है
..... अमीर मीनाई..... 
 
She is coquettish, stylish and is a trouble. 
But what I die for is the style beyond rubble. 
 
आप ने तस्वीर भेजी मैं ने देखी ग़ौर से 
हर अदा अच्छी ख़मोशी की अदा अच्छी नहीं
..... जलील मानिकपूरी..... 

On a portrait you sent, with care time I spent. 
All styles are good, but the silence isn't good. 
 
निगाहें इस क़दर क़ातिल कि उफ़ उफ़ 
अदाएँ इस क़दर प्यारी कि तौबा
..... आरज़ू लखनवी..... 

So murderous are your eyes, a trouble from the skies ! 
So lovely is each style, I can abstain from drink awhile !
 
अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का 
बस इक निगाह पे ठहरा है फ़ैसला दिल का
..... असद अली ख़ान क़लक़..... 

You look towards me in style, all laments 'll vanish in a while. 
It's only on your glance, whether or not can this heart dance.? 

अदा आई जफ़ा आई ग़ुरूर आया हिजाब आया 
हज़ारों आफ़तें ले कर हसीनों पर शबाब आया
..... नूह नारवी..... 

As a sequel of style, disloyalty, pride, veil all 
in a while. 
With thousands of trouble, youth came on cutes in a bubble. 

गुल हो महताब हो आईना हो ख़ुर्शीद हो 'मीर' 
अपना महबूब वही है जो अदा रखता हो
..... मीर तक़ी मीर..... 

Whether it's flower or moon, mirror or sun O 'Mir' in noon. 
My beloved only one can be, who has a style of her degree. 
 
अदाएँ देखने बैठे हो क्या आईने में अपनी 
दिया है जिस ने तुम जैसे को दिल उस का जिगर देखो.
.... बेख़ुद देहलवी...... 

Why are looking on your styles within a
 mirror ? 
Simply look at his heart, who could with
 it part. 

हम तो तमाम उम्र तिरी ही अदा रहे 
ये क्या हुआ कि फिर भी हमीं बेवफ़ा रहे
..... जमील मलिक..... 

I have been your style for whole life. 
How is it that I am disloyal in strife? 
 
  फूल कह देने से अफ़्सुर्दा कोई होता है 
सब अदाएँ तिरी अच्छी हैं नज़ाकत के सिवा
..... जलील मानिकपूरी..... 

How can one being called a flower get bad mood? 
But for that delicacy on each style one can brood. 

ज़माना हुस्न नज़ाकत बला जफ़ा शोख़ी 
सिमट के आ गए सब आप की अदाओं में
..... कालीदास गुप्ता रज़ा..... 

Beauty, delicacy, disloyalty, coquetry of  world. 
In your style alone,  all these have been
 curled. 

इस अदा से मुझे सलाम किया 
एक ही आन में ग़ुलाम किया
..... आसिफ़ुद्दौला..... 

She wished me with such a style. 
I was captivated within a while. 
 
साथ शोख़ी के कुछ हिजाब भी है 
इस अदा का कहीं जवाब भी है
..... दाग़ देहलवी..... 

There is mischief behind the veil. 
Any equal to this style will fail. 
 
करे है अदावत भी वो इस अदा से 
लगे है कि जैसे मोहब्बत करे है
..... कलीम आजिज़..... 

With such style does she lament ? 
It looks like a lovely comment. 
 
ख़ूब-रू हैं सैकड़ों लेकिन नहीं तेरा जवाब 
दिलरुबाई में अदा में नाज़ में अंदाज़ में
..... लाला माधव राम जौहर..... 

Cuties are in hundreds but none is your equal 
As a sweetheart, coquetry, style, it's sequel. 
 
उम्र भर मिलने नहीं देती हैं अब तो रंजिशें 
वक़्त हम से रूठ जाने की अदा तक ले गया
..... फ़सीह अकमल..... 

 The grief has taken away life time of meets. 
Time swept aside style of getting angry with sweets. 
  
पर्दा-ए-लुत्फ़ में ये ज़ुल्म-ओ-सितम क्या कहिए 
हाए ज़ालिम तिरा अंदाज़-ए-करम क्या कहिए
..... फ़िराक़ गोरखपुरी..... 

Under veil of pleasure what to say about torture? 
O assassin! Your bliss ! It's a death- like
 kiss ! 

बर्क़ को अब्र के दामन में छुपा देखा है 
हम ने उस शोख़ को मजबूर-ए-हया देखा है
..... हसरत मोहानी..... 

I have witnessed electric spark, within garb of clouds dark. 
I have seen that playful dame, under compulsion of shame. 
 
वो कुछ मुस्कुराना वो कुछ झेंप जाना 
जवानी अदाएँ सिखाती हैं क्या क्या
..... बेख़ुद देहलवी..... 

A little bit of smile, to regret for a while. 
Youth can teach, styles beyond reach. 
 
तन्हा वो आएँ जाएँ ये है शान के ख़िलाफ़ 
आना हया के साथ है जाना अदा के साथ
..... जलील मानिकपूरी..... 

It's against her dignity to come and go alone. 
She comes feeling shy, with style she is gone. 
 
लगावट की अदा से उन का कहना पान हाज़िर है 
क़यामत है सितम है दिल फ़िदा है जान हाज़िर है
..... अकबर इलाहाबादी..... 

In an attaching style when she presents beetal leaf. 
It's doom, torture, heart giving, presents
 life fief. 
 
मार डाला मुस्कुरा कर नाज़ से 
हाँ मिरी जाँ फिर उसी अंदाज़ से
..... जलील मानिकपूरी..... 

She is  killing me in a coquettish style. 
O my love ! Repeat it with same guile.  
  
ज़ालिम ने क्या निकाली रफ़्तार रफ़्ता रफ़्ता 
इस चाल पर चलेगी तलवार रफ़्ता रफ़्ता
..... दाग़ देहलवी..... 

The assassin has developed gradually a gait. 
Many swords will swing slowly on it, O mate ! 

बे-ख़ुद भी हैं होशियार भी हैं देखने वाले 
इन मस्त निगाहों की अदा और ही कुछ है
..... अबुल कलाम आज़ाद..... 

Those who watch are intoxicated, clever. 
Style of these glances can't be copied ever. 
  
जाम ले कर मुझ से वो कहता है अपने मुँह को फेर 
रू-ब-रू यूँ तेरे मय पीने से शरमाते हैं हम
..... ग़मगीन देहलवी..... 

Taking wine cup from me, she says"turn your face". 
I feel shy, can 't drink wine, while we are face to face
  
अदा अदा तिरी मौज-ए-शराब हो के रही 
निगाह-ए-मस्त से दुनिया ख़राब हो के रही
..... जलील मानिकपूरी..... 

Each one of your style turned in a wine wave. 
Intoxicated eyes made the world a bad slave
  
बोले वो मुस्कुरा के बहुत इल्तिजा के ब'अद 
जी तो ये चाहता है तिरी मान जाइए.
. .... बेख़ुद देहलवी..... 

After many requests, she said with a smile. 
Accept what you say, heart wants for a while"
  
ये अदाएँ ये इशारे ये हसीं क़ौल-ओ-क़रार 
कितने आदाब के पर्दे में है इंकार की बात
..... :ख़ालिद यूसुफ़..... 

These styles, gestures, lovely promises to meet. 
The refusal is hidden behind many manners 
sheet. 
 
पामाल कर के पूछते हैं किस अदा से वो 
इस दिल में आग थी मिरे तलवे झुलस गए
..... आग़ा शाएर क़ज़लबाश..... 

Stylishly crushing my heart under soles of feet
 My soles got burnt,your heart had intense heat. 
 
बनावट वज़्अ'-दारी में हो या बे-साख़्ता-पन में 
हमें अंदाज़ वो भाता है जिस में कुछ अदा निकले
..... इमदाद अली बहर..... 

Whether it's pretence, manners, or a  spontaneous way. 
I like that style which has  unique 
method to say. 
 
कुछ इस अदा से मोहब्बत-शनास होना है 
ख़ुशी के बाब में मुझ को उदास होना है
..... राहुल झा.....

I need be acquainted with love in such style. 
On the door of joy, I will be sad all the while. 

Transcreated by Ravi Maun. 

Friday 9 June 2023

COUPLETS ON ABR(CLOUD)

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए 
इस के ब'अद आए जो अज़ाब आए 
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़..... 

Let some clouds roar, let me drink a little more. 
Then it may be there, any pain I just don't 
care
  
ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे 
तमाम दश्त ही प्यासा दिखाई देता है
..... शकेब जलाली..... 

It's one small cloud piece, where 'll it shower, bring peace? 
The thirst is seen all around, hot sands in desert abound. 
 
  
गुनगुनाती हुई आती हैं फ़लक से बूँदें   
कोई बदली तिरी पाज़ेब से टकराई है
..... क़तील शिफ़ाई..... 

There's humming music in drops from sky. 
Cloud has struck against your anklet so high. 
 
अब्र बरसे तो इनायत उस की 
शाख़ तो सिर्फ़ दुआ करती है
..... परवीन शाकिर..... 

If fhe clouds shower it's their grace. 
It's prayer alone a branch can place. 

गो बरसती नहीं सदा आँखें 
अब्र तो बारा मास होता है
..... गुलज़ार..... 

Though tears don't always abound. 
The clouds in eyes are year around. 
 
फ़लक पर उड़ते जाते बादलों को देखता हूँ मैं 
हवा कहती है मुझ से ये तमाशा कैसा लगता है
..... अब्दुल हमीद..... 

I watch clouds that fly, in the sky so high. 
Wind says it to me, how is the show you see? 
  
सब्ज़ा ओ गुल कहाँ से आए हैं 
अब्र क्या चीज़ है हवा क्या है
..... मिर्ज़ा ग़ालिब..... 

Where from are the flowers and grass? 
 What's cloud, what's wind, their class? 
  
बरसात का मज़ा तिरे गेसू दिखा गए 
अक्स आसमान पर जो पड़ा अब्र छा गए
..... लाला माधव राम जौहर..... 

The pleasure of rains is shown by your tress. 
It's shadow on skies make dark clouds press. 
  
हम ने बरसात के मौसम में जो चाही तौबा 
अब्र इस ज़ोर से गरजा कि इलाही तौबा..... अज्ञात..... 

It was in season of rain, I wanted to abstain. 
Clouds broke in a roar, O God! I'll drink more. 
 
या अब्र-ए-करम बन के बरस ख़ुश्क ज़मीं पर 
या प्यास के सहरा में मुझे जीना सिखा दे
..... वज़ीर आग़ा..... 

Either shower your grace, let rains be on dry place. 
Or teach how to survive, with thirst in desert alive? 

उट्ठा जो अब्र दिल की उमंगें चमक उठीं 
लहराईं बिजलियाँ तो मैं लहरा के पी गया
..... एहसान दानिश..... 

As dark clouds rose, my desires struck a pose. 
As waved electric spark, I waved to drink in dark. 
  
अब्र की तीरगी में हम को तो 
सूझता कुछ नहीं सिवाए शराब
..... मीर मेहदी मजरूह..... 

In the darkness of clouded sky. 
 I can feel only drinks near by. 
 
दुआएँ माँगी हैं साक़ी ने खोल कर ज़ुल्फ़ें 
बसान-ए-दस्त-ए-करम अब्र-ए-दजला-बार बरस
..... अज़ीज़ लखनवी..... 

 Bar-girl has just prayed, spread tress around face laid. 
Let your grace abound, rain as over Tigris river found. 

DAAGH DEHLAVI.. CHOSEN COUPLETS

हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के 'दाग़' 
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं 

In love there are thousands of lovely jobs. 
Those doing nothing perform great jobs. 
 
मिलाते हो उसी को ख़ाक में जो दिल से मिलता है 
मिरी जाँ चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है 

You turn him to ashes, who meets you by heart. 
My dear, it's hard to find one who likes by heart. 

वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे 
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था 

  I will be loyal, abide by and agree.. 
Do you remember who said it to me? 
 
सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं 
हम देखने वालों की नज़र देख रहे हैं 

All are looking at the way she sees. 
I look at the eyes of each who sees. 
 
हमें है शौक़ कि बे-पर्दा तुम को देखेंगे 
तुम्हें है शर्म तो आँखों पे हाथ धर लेना 

I wish to see your face with veil raised high
Cover your eyes with hands if you feel shy. 

आशिक़ी से मिलेगा ऐ ज़ाहिद  
बंदगी से ख़ुदा नहीं मिलता 

O priest God can be achieved by love alone. 
No amount of prayer can ever set that tone. 

ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया 
तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया 

I believed in your promise, ihat was so strange. 
Night long I waited for doomsday within 
 range. 

शब-ए-विसाल है गुल कर दो इन चराग़ों को 
ख़ुशी की बज़्म में क्या काम जलने वालों का

Put out all lamps, it's meeting night. 
Why have burning things in joy night. 

लिपट जाते हैं वो बिजली के डर से 
इलाही ये घटा दो दिन तो बरसे 

Fearing electric spark she came in embrace. 
Oh God! Such clouds may continue to grace

ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं 
साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं 

She sits behind a split bamboo curtain. 
Neither invisible nor full view for certain. 

दी शब-ए-वस्ल मोअज़्ज़िन ने अज़ाँ पिछली रात 
हाए कम-बख़्त को किस वक़्त ख़ुदा याद आया 

 On meeting night, priest called for prayer late night. 
The ill fated remembered God then, what
 a plight! 
 
उर्दू है जिस का नाम हमीं जानते हैं 'दाग़' 
हिन्दोस्ताँ में धूम हमारी ज़बाँ की है 

O 'Daagh'! I know well Urdu, alone. 
All over India, resounds it's tone. 

जिस में लाखों बरस की हूरें हों 
ऐसी जन्नत को क्या करे कोई 

A heaven having houries lakhs of years old! 
What to do with such paradise, say, be
 bold? 
  
दिल ले के मुफ़्त कहते हैं कुछ काम का नहीं 
उल्टी शिकायतें हुईं एहसान तो गया 

Took my heart for free, labelled" of no use". 
No compassion for gift, only regrets, abuse. 

चुप-चाप सुनती रहती है पहरों शब-ए-फ़िराक़ 
तस्वीर-ए-यार को है मिरी गुफ़्तुगू पसंद 

Silently for long, she listens to me, on parting night. 
Her portrait loves to listen to my talk,
 my plight. 

रहा न दिल में वो बेदर्द और दर्द रहा 
मुक़ीम कौन हुआ है मक़ाम किस का था 
 
The pain stayed but not the painless, in heart. 
For whom was the site and who grabbed the part. 
 
यूँ भी हज़ारों लाखों में तुम इंतिख़ाब हो 
पूरा करो सवाल तो फिर ला-जवाब हो 

You are a select amidst thousands of dames. 
Fulfill my desire, be matchless beyond names. 
 
रुख़-ए-रौशन के आगे शम्अ रख कर वो ये कहते हैं 
उधर जाता है देखें या इधर परवाना आता है 

Placing a candle before glowing face, she says. 
Let's see this way or that the fire-moth stays.
 
फ़लक देता है जिन को ऐश उन को ग़म भी होते हैं 
जहाँ बजते हैं नक़्क़ारे वहाँ मातम भी होता है 

With pleasure destiny gives it's share of grief. 
With drums, there's pain too, however brief. 

 
  

Thursday 8 June 2023

AZLAAN SHAH.. GHAZAL.. BE-YAQUINI KA TAALLUQ BHI YAQUIN SE NIKLA .....

बे-यक़ीनी का तअल्लुक़ भी यक़ीं से निकला 
मेरा रिश्ता वही आख़िर को ज़मीं से निकला 

Relationship of uncertainty was traced to being certain. 
Ultimately I was traced to be related with earth curtain. 

मुझ को पहचान तू ऐ वक़्त मैं वो हूँ जो फ़क़त 
एक ग़लती के लिए अर्श-ए-बरीं से निकला 

Recognize me O continuous time that I am the  one, 
Who for a single fault was ousted from the high heaven. 

एक मिरे आँख झपकने की ज़रा देर थी बस 
वो क़रीब आता हुआ दूर कहीं से निकला 

If was the blinking of my eyes that had delayed. 
He was coming near by but bypassed me for certain. 

एड़ियाँ मार के ज़ख़्मी भी हुए लोग मगर 
कोई चश्मा नहीं ज़रख़ेज़ ज़मीं से निकला

People hurt their heels by hitting against the ground. 
No spring effused  from the fertile land for certain. 

Tuesday 6 June 2023

JAVVAD SHEIKH.. GHAZAL.. YE VAHAM JAANE MERE DIL SE KYUUN NIKAL NAHIN RAHAA.

ये वहम जाने मेरे दिल से क्यूँ निकल नहीं रहा
कि उस का भी मिरी तरह से जी सँभल नहीं रहा

I know not why this doubt isn't leaving me alone. 
That her heart is also disturbed and full of moan. 

कोई वरक़ दिखा जो अश्क-ए-ख़ूँ से तर-ब-तर न हो
कोई ग़ज़ल दिखा जहाँ वो दाग़ जल नहीं रहा

Show me a page not drenched in bloody tears. 
Show me a ghazal where scar isn't afire, alone. 

मैं एक हिज्र-ए-बे-मुराद झेलता हूँ रात दिन
जो ऐसे सब्र की तरह है जिस का फल नहीं रहा

I am suffering a parting even deprived of a desire 
It is a patience which will not even a result hone. 

तो अब मिरे तमाम रंज मुस्तक़िल रहेंगे क्या?
तो क्या तुम्हारी ख़ामुशी का कोई हल नहीं रहा?

Now will all of my griefs stay as such with me? 
Is there no solution for your silence that you atone. 

कड़ी मसाफ़तों ने किस के पाँव शल नहीं किए?
कोई दिखाओ जो बिछड़ के हाथ मल नहीं रहा

Whose feet have not  submitted to the hardships?
Show me one who isn't regretting after being alone. 

Monday 5 June 2023

KAIF AHMED SIDDIQUI... GHAZAL.. HAM AAJ Kuchh HASIIN SARAABON MEN KHO GAYE

हम आज कुछ हसीन सराबों में खो गए 

आँखें खुलीं तो जागते ख़्वाबों में खो गए 

हम सफ़्हा-ए-हयात से जब बे-निशाँ हुए 

लफ़्ज़ों की रूह बन के किताबों में खो गए 

आईना-ए-बहार के कुछ अक्स-ए-मुज़्महिल 

ख़ुशबू का रंग पा के गुलाबों में खो गए 

दर-अस्ल बर्शगाल के तुम आफ़्ताब थे 

बरसात जब हुई तो सहाबों में खो गए 

निकले थे जो भी आज तलाश-ए-सवाब में 

वो ज़िंदगी के सख़्त अज़ाबों में खो गए 

दिल को थी एक शहर-ए-तमन्ना की जुस्तुजू 

लेकिन हम आरज़ू के ख़राबों में खो गए 

जब मसअला हयात का कुछ हल न हो सका 

हम 'कैफ़' फ़लसफ़े की किताबों में खो गए

Friday 2 June 2023

AHMAD FARAZ.. GHAZAL.. AASHIQUI MEN MIR JAISE KHWAB MAT DEKHA KARO...

आशिक़ी में 'मीर' जैसे ख़्वाब मत देखा करो 
बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो 

In love, don't you see Mir like dreams. 
 No moon gaze or be lunatic, it seems. 

जस्ता जस्ता पढ़ लिया करना मज़ामीन-ए-वफ़ा 
पर किताब-ए-इश्क़ का हर बाब मत देखा करो 

Keep jumping and read the loyalty text. 
Don't look at  love book beyond means. 

इस तमाशे में उलट जाती हैं अक्सर कश्तियाँ 
डूबने वालों को ज़ेर-ए-आब मत देखा करो 

Often in this show, the ships overturn. 
Don't gaze at sunk as a matter of ease. 

मय-कदे में क्या तकल्लुफ़ मय-कशी में क्या हिजाब 
बज़्म-ए-साक़ी में अदब आदाब मत देखा करो 

NO formality in tavern, no veil for drunks. 
In wine girl's gathering, manners cease

हम से दरवेशों के घर आओ तो यारों की तरह 
हर जगह ख़स-ख़ाना ओ बर्फ़ाब मत देखा करो 

While visiting saints, come as friends.
 No scent curtains, chilled water please. 

माँगे-ताँगे की क़बाएँ देर तक रहती नहीं 
यार लोगों के लक़ब-अलक़ाब मत देखा करो 

The borrowed dresses don't last long. 
Don't look for dresses of honour please. 

तिश्नगी में लब भिगो लेना भी काफ़ी है 'फ़राज़' 
जाम में सहबा है या ज़हराब मत देखा करो

In thirst, it's enough  to soak lips 'Faraz'! 
Cup has wine or poison, don't see please ? 

AHMAD FARAZ.. GHAZAL.. AB AUR KYA KISII SE MARASIM BADHAYEN HAM.....

अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हम 
ये भी बहुत है तुझ को अगर भूल जाएँ हम 

What more relations should I increase? 
It 'll be better for your memory to cease. 

सहरा-ए-ज़िंदगी में कोई दूसरा न था 
सुनते रहे हैं आप ही अपनी सदाएँ हम 

There was none else in the desert of life. 
I am listening to my own cries on lease. 

इस ज़िंदगी में इतनी फ़राग़त किसे नसीब 
इतना न याद आ कि तुझे भूल जाएँ हम 

Who has such lease from labour in life? 
Don't crowd memories or I forget these. 

तू इतनी दिल-ज़दा तो न थी ऐ शब-ए-फ़िराक़ 
आ तेरे रास्ते में सितारे लुटाएँ हम 

You weren't so grief struck parting night. 
 Let me shower stars on your path please. 

वो लोग अब कहाँ हैं जो कहते थे कल 'फ़राज़' 
हे हे ख़ुदा-न-कर्दा तुझे भी रुलाएँ हम

O 'Faraz'! Where are the men who 'd say?
God forbid, let's make you too weep please. 

Thursday 1 June 2023

PARVEEN SHAAKIR ... GHAZAL.. MUSHKIL HAI KI AB SHAHAR MEN NIKLE KOI GHAR SE......

मुश्किल है कि अब शहर में निकले कोई घर से 

दस्तार पे बात आ गई होती हुई सर से 

बरसा भी तो किस दश्त के बे-फ़ैज़ बदन पर 

इक उम्र मिरे खेत थे जिस अब्र को तरसे 

कल रात जो ईंधन के लिए कट के गिरा है 

चिड़ियों को बड़ा प्यार था उस बूढ़े शजर से 

मेहनत मिरी आँधी से तो मंसूब नहीं थी 

रहना था कोई रब्त शजर का भी समर से 

ख़ुद अपने से मिलने का तो यारा न था मुझ में 

मैं भीड़ में गुम हो गई तन्हाई के डर से 

बे-नाम मसाफ़त ही मुक़द्दर है तो क्या ग़म 

मंज़िल का तअ'य्युन कभी होता है सफ़र से 

पथराया है दिल यूँ कि कोई इस्म पढ़ा जाए 

ये शहर निकलता नहीं जादू के असर से 

निकले हैं तो रस्ते में कहीं शाम भी होगी 

सूरज भी मगर आएगा इस रहगुज़र से