Monday 31 October 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +11 COUPLETS

नामा-बर तू ही बता तूने तो देखे होंगे
कैसे होते हैं वो ख़त जिनके जवाब आते हैं।..... क़मर बदायूनी.....

O messanger ! Tell me, you must have seen. 
Letters getting answers , how  have they been?

बेहतर दिनों की आस लगाते हुए 'हबीब' 
हम बेहतरीन दिन भी गँवाते चले गए 
..... हबीब अमरोहवी..... 

O 'Habeeb' in the hope of better days. 
We have been wasting our best days. 

इस दौर-ए-ना-मुराद से ये तजरबा हुआ 
दीवार गुफ़्तुगू के लिए बेहतरीन है 
..... राना आमिर लियाक़त.....

I have the experience from this unfortunate age. 
For exchange of talks wall is the best stage. 

मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है 
उम्र का बेहतरीन हिस्सा है 
..... जोश मलीहाबादी.....

My cries shown in some sort. 
That is my life's best part. 

अपना सच उन को सुनाने के लिए
हम को किस्सों का हवाला चाहिए 
..... उबैद हारिस..... 

In order to tell her my facts. 
I need to use tales as tacts.

सवाल कर के मैं ख़ुद ही बहुत पशेमाँ हूँ 
जवाब दे के मुझे और शर्मसार न कर 
..... अब्दुल हमीद अदम....

By questioning you I myself, am repenting a lot. 
By answering, don't ashame
 me further in slot,

क्यूँ पशेमाँ हो अगर वअ'दा वफ़ा हो न सका 
कहीं वादे भी निभाने के लिए होते हैं 
..... इबरत मछलीशहरी.....

Why are you ashamed if promise isn't fulfilled. 
Are the promises ever
 meant to be fulfilled? 

जी में जो आती है कर गुज़रो कहीं ऐसा न हो 
कल पशेमाँ हों कि क्यूँ दिल का कहा माना नहीं..... अहमद फ़राज़..... 

Do what you want, or may later resent. 
Why didn't I follow my heart 's intent? 

फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था
..... अदीम हाशमी..... 

I had never thought, there ' be distance in this slot. 
She was confronting me, but didn't belong to me

उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा 
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा 
..... इफ़्तिख़ार नसीम..... 

Compared with her facial glow, moon appeared to be so so. 
Moon was full in the sky, yet looked half, don't know why ? 

तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा 
तिरे सामने आसमाँ और भी हैं 
..... इक़बाल..... 

You are a falcon meant to fly. Confronts you more than one sky. 

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं 
जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं..... सुदर्शन फ़ाकिर..... 

People label him bad, the confronting lad. 
Who hasn't been seen, has Almighty been. 

अबरू ने मिज़ा ने निगह-ए-यार ने यारो
बे-रुत्बा किया तेग़ को ख़ंजर को सिनां को
..... अज्ञात..... 

Eyebrows, eyelashes and lover's eye flip. 
Demeaned sword, dagger
 and arrow tip. 

लड़ा कर आँख उस से हम ने दुश्मन कर लिया अपना 
निगह को नाज़ को अंदाज़ को अबरू को मिज़्गाँ को.... . बहादुर शाह ज़फ़र..... 

Locking eyes with her,
 I have made a foe. 
Eyebrows , grace, style, eyelashes in a row. 

ज़ुल्फ़ों में किया क़ैद न अबरू से किया क़त्ल 
तू ने तो कोई बात न मानी मिरे दिल की 
..... नासिख़..... 

Neither you captured in tress, nor slaughtered by eyebrows. 
You did not get agree with anything, my heart knows. 

अबरू न सँवारा करो कट जाएगी उँगली 
नादान हो तलवार से खेला नहीं करते 
..... आग़ा शायर क़ज़लबाश..... 

Don't shape eyebrows with fingertip, it may snip. 
You are so simple, don't play with the sword tip. 







Sunday 30 October 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +16 COUPLETS

जाने किस की आस लगी है जाने किस को आना है 
कोई रेल की सीटी सुन कर सोते से उठ जाता है..... साबिर वसीम..... 

Whom to long for, who is the one to come? 
Listening railway whistle, out of sleep I come . 

सुब्ह-ए-काज़िब की हवा में दर्द था कितना 'मुनीर' 
रेल की सीटी बजी तो दिल लहू से भर गया..... मुनीर नियाज़ी..... 

'Muneer'! What a pain was in wind of false dawn. 
With a railway whistle, blood filled the heart lawn. 

रहता है इबादत में हमें मौत का खटका 
हम याद-ए-ख़ुदा करते हैं कर ले न ख़ुदा याद..... अकबर इलाहाबादी..... 

There's a huge risk of death when I pray. 
I remember God, what if he  may. 

मौत का एक दिन मुअय्यन है 
नींद क्यूँ रात भर नहीं आती... ग़ालिब... 

Day of death is fixed tight. 
Why can't I sleep whole night? 

मौत का भी इलाज हो शायद 
ज़िंदगी का कोई इलाज नहीं 
..... फ़िराक़ गोरखपुरी..... 

May be for death, there's cure. 
For life there's none for sure. 

उस ने अपना बना के छोड़ दिया 
क्या असीरी है क्या रिहाई है 
..... जिगर मुरादाबादी.....

She owned and then let  release. 
O what a capture, what a release! 

वफ़ा की ख़ैर मनाता हूँ बेवफ़ाई में भी 
मैं उस की क़ैद में हूँ क़ैद से रिहाई में भी 
..... इफ़्तिख़ार आरिफ़....

I wish for her faith even when faith isn't found.  
I remain her captive, even when I am not bound. 

मौत भी दूर बहुत दूर कहीं फिरती है 
कौन अब आ के असीरों को रिहाई देगा 
..... मोहम्मद अल्वी.....

Even death strolls at
 distance very very far. 
Who'll come to release
 captives from far? 

तुम्हारी ज़ात हवाला है सुर्ख़-रूई का
तुम्हारे ज़िक्र को सब शर्त-ए-फ़न बनाते हैं 
..... अमीर हम्ज़ा साक़िब..... 

Your creed is surely an example of the success. 
Your mention by all, is condition of art  address. 

उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद 
वक़्त कितना क़ीमती है आज कल 
..... शकील बदायूनी..... 

Her memories, desires, mention of her state. 
How precious is my time
 these days, of late? 

चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का 
सो आ गया है तुम्हारा ख़याल वैसे ही 
..... अहमद फ़राज़.... 

Under discussion was age's faithless state. 
Your thought has crept in 
just in a spate. 

बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में 
कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में 
..... कैफ़ी आज़मी..... 

I hesitate while reciting the condition of heart. 
Your mention will be there
in the tale as a part. 

मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर 
मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया 
..... साग़र सिद्दीक़ी..... 

Sir! I am not an angel but just a man 
Disturbed by self, I took to the 
 can. 

कुछ ग़म-ए-जानाँ कुछ ग़म-ए-दौराँ दोनों मेरी ज़ात के नाम 
एक ग़ज़ल मंसूब है उस से एक ग़ज़ल हालात के नाम.... मंज़ूर अहमद.... 

Partly her pain, partly that of age, both are in my name. 
One ghazal is for my lover, other in conditions' name. 

 वो तड़प जाए इशारा कोई ऐसा देना 
उस को ख़त लिखना तो मेरा भी हवाला देना..... अज़हर इनायती..... 

So that she gets agitated, make such a sign. 
Penning her a letter, mention  me too as design. 

न जाने शे'र में किस दर्द का हवाला था 
कि जो भी लफ़्ज़ था वो दिल दुखाने वाला था..... सलीम अहमद..... 

I know not, in the couplet, was a mention of which pain. 
Each word filled the heart with pain over and again. 

वो सामने हैं मगर तिश्नगी नहीं जाती 
ये क्या सितम है कि दरिया सराब जैसा है 
..... अज्ञात..... 

She is face to face but the thirst persists. 
That river is a mirage, what
 a pity, exists. 

अब तो सराब ही से बुझाने लगे हैं प्यास 
लेने लगे हैं काम यक़ीं का गुमाँ से हम 
..... राजेश रैड्डी..... 

Now from mirage, I am quenching my thirst. 
Now I am using fancy for  convincing me first. 

इतनी कुदूरत अश्क में हैराँ हूँ क्या कहूँ 
दरिया में है सराब कि दरिया सराब में 
..... मोमिन ख़ान मोमिन..... 

Such a resentment with tears, it's a surprise what to say? 
Whether it's a river in mirage or  otherwise what to say? 

हम को भी ख़ुश-नुमा नज़र आई है  ज़िन्दगी 
जैसे सराब दूर से दरिया दिखाई दे 
..... महशर बदायूनी..... 

Life looks pleasant to me too, from far. 
As a mirage looks like a river from far. 

कभी तो यूँ कि मकाँ का मकीं नहीं होता 
कभी कभी तो मकीं का मकां नहीं होता
..... नदीम भाभा अहमद..... 

At times there's no resident for house, so to say. 
At times there's no house for resident, so to say. 

Friday 28 October 2022

HAIRAT ALAAHAABAADI.. GHAZAL.. AAGAAH APNI MAUT SE KOI BASHAR NAHIIN

आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं 

सामान सौ बरस का है पल की ख़बर नहीं 

आ जाएँ रोब-ए-ग़ैर में हम वो बशर नहीं 

कुछ आप की तरह हमें लोगों का डर नहीं 

इक तो शब-ए-फ़िराक़ के सदमे हैं जाँ-गुदाज़ 

अंधेर इस पे ये है कि होती सहर नहीं 

क्या कहिए इस तरह के तलव्वुन-मिज़ाज को 

वादे का है ये हाल इधर हाँ उधर नहीं 

रखते क़दम जो वादी-ए-उल्फ़त में बे-धड़क 

'हैरत' सिवा तुम्हारे किसी का जिगर नहीं

AKBAR ALAAHAABAADI....20 COUPLETS

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम 

वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता 



टैग्ज़ : फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
 
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद 

अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता 



टैग्ज़ : इश्क़ और 2 अन्य 
 
 
दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ 

बाज़ार से गुज़रा हूँ ख़रीदार नहीं हूँ 



टैग : दुनिया 
 
 
हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना 

हसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना 



टैग्ज़ : अदा और 1 अन्य 
 
 
जो कहा मैं ने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर 

हँस के कहने लगा और आप को आता क्या है 



टैग्ज़ : वैलेंटाइन डे और 1 अन्य 
 
 
मज़हबी बहस मैं ने की ही नहीं 

फ़ालतू अक़्ल मुझ में थी ही नहीं 



टैग्ज़ : इल्म और 1 अन्य 
  
 
पैदा हुआ वकील तो शैतान ने कहा 

लो आज हम भी साहिब-ए-औलाद हो गए 



टैग : तंज़-ओ-मिज़ाह 
 
 
रहता है इबादत में हमें मौत का खटका 

हम याद-ए-ख़ुदा करते हैं कर ले न ख़ुदा याद 



 
 
 
अकबर दबे नहीं किसी सुल्ताँ की फ़ौज से 

लेकिन शहीद हो गए बीवी की नौज से 



टैग : मिज़ाह 
 
 
हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है 

डाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की है 



 
  
 
मैं भी ग्रेजुएट हूँ तुम भी ग्रेजुएट 

इल्मी मुबाहिसे हों ज़रा पास आ के लेट 



टैग : तंज़-ओ-मिज़ाह 
 
 
बी.ए भी पास हों मिले बी-बी भी दिल-पसंद 

मेहनत की है वो बात ये क़िस्मत की बात है 



टैग : तंज़-ओ-मिज़ाह 
 
 
लिपट भी जा न रुक 'अकबर' ग़ज़ब की ब्यूटी है 

नहीं नहीं पे न जा ये हया की ड्यूटी है 



टैग : मिज़ाह 
 
 
हम ऐसी कुल किताबें क़ाबिल-ए-ज़ब्ती समझते हैं 

कि जिन को पढ़ के लड़के बाप को ख़ब्ती समझते हैं 



टैग : तंज़ 
 
 
ग़ज़ब है वो ज़िद्दी बड़े हो गए 

मैं लेटा तो उठ के खड़े हो गए 



टैग : मिज़ाह 
 
 
इस क़दर था खटमलों का चारपाई में हुजूम 

वस्ल का दिल से मिरे अरमान रुख़्सत हो गया 



टैग : मिज़ाह 
 
 
हक़ीक़ी और मजाज़ी शायरी में फ़र्क़ ये पाया 

कि वो जामे से बाहर है ये पाजामे से बाहर है 



टैग : मिज़ाह 
 
 
जो वक़्त-ए-ख़त्ना मैं चीख़ा तो नाई ने कहा हँस कर 

मुसलमानी में ताक़त ख़ून ही बहने से आती है 



 
 
 
धमका के बोसे लूँगा रुख़-ए-रश्क-ए-माह का 

चंदा वसूल होता है साहब दबाव से 



टैग्ज़ : किस और 1 अन्य 
 
 
कोट और पतलून जब पहना तो मिस्टर बन गया 

जब कोई तक़रीर की जलसे में लीडर बन गया 




 
 

REKHTA.. TODAY'S 5 COUPLETS

इक सिलसिला हवस का है इंसाँ की ज़िंदगी 
इस एक मुश्त-ए-ख़ाक को ग़म दो जहाँ के हैं..... चकबस्त..... 

The human life is just a sequence of lust. 
Has pain of two worlds,
 this fistful of dust ! 

कभी कभी तो किसी अजनबी के मिलने पर 
बहुत पुराना कोई सिलसिला निकलता है 
..... मंज़ूर हाशमी..... 

At times on meeting an unknown man. 
Some very old sequence 
 come to scan. 

ज़िंदगी इक हादसा है और कैसा हादसा 
मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं..... जिगर..... 

Life is a mishap and what a mishap! 
Even death can't it's sequence cap. 

उस से हर-दम मोआ'मला है मगर 
दरमियाँ कोई सिलसिला ही नहीं 
..... जौन एलिया..... 

Always some contact is with her, still. 
In between, there's no sequence to fill. 

दिल की बिसात क्या थी निगाह-ए-जमाल में 
इक आईना था टूट गया देख-भाल में 
..... सीमाब अकबराबादी..... 

What was capacity of heart in view of beauty? 
It was a glass, got shattered in upkeep of duty. 

ये और बात कि आँधी हमारे बस में नहीं 
मगर चराग़ जलाना तो इख़्तियार में है 
..... अज़हर इनायती..... 

It's one thing that storm isn't in our control. 
But lighting a lamp is well within our control. 

सख़्त काफ़िर था जिन ने पहले 'मीर' 
मज़हब-ए-इश्क़ इख़्तियार किया 
..... मीर तक़ी मीर..... 

O 'Mir'! That man was devoid of  faith. 
Who had first adopted the love faith. 

अब अपना इख़्तियार है चाहे जहाँ चलें 
रहबर से अपनी राह जुदा कर चुके हैं हम 
.... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़....

It's within my control to go any way. .
With the guide, I have parted my way.

ये किस मुकाम पे पहुँचा दिया ज़माने ने। 
कि अब हयात पे तेरा भी इख़्तियार नहीं 
..... साहिर लुधियानवी.... 

At what a stage, has thrown  the age? 
Life of your own, you don't
 even own. 

तफ़रीक़ हुस्न-ओ-इश्क़ के अंदाज़ में न हो
लफ़्ज़ों में फ़र्क हो मगर आवाज़ में न हो
..... मंज़र लखनवी..... 

Let there be no difference between style of beauty 'n love 
There may be difference in  words not in voice from above. 

दोस्तों और दुश्मनों में किस तरह तफ़रीक़ हो 
दोस्तों और दुश्मनों की बे-रुख़ी है एक सी 
..... जान कश्मीरी..... 

The friends and enemies, how to set apart? 
They are so similar when faces they part. 

हुस्न और इश्क़ दोनों में तफ़रीक़ है पर इन्हीं दोनों पे मेरा ईमान है 
गर ख़ुदा रूठ जाए तो सज्दे करूँ और सनम रूठ जाए तो मैं क्या करूँ 
..... ताबिश कानपुरी .....

Love and beauty are different, but on both these, faith I lay. What to do when lover is angry , for the Almighty I can pray. 

कोई आँखों के शोले पोंछने वाला नहीं होगा 
'ज़फ़र' साहब ये गीली आस्तीं ही काम आएगी..... ज़फ़र गोरखपुरी..... 

To wipe embers of eyes, none will be around. 
Zafar saheb! Only a wet sleeve will be found. 

क़रीब है यारो रोज़-ए-महशर छुपेगा कुश्तों का ख़ून क्यूँकर 
जो चुप रहेगी ज़बान-ए-ख़ंजर लहू पुकारेगा आस्तीं का 
.....फ़ैज़ अहमद फ़ैज़... ..

Drawing near is the doomsday, blood of ages to conceal which way. 
If from tongue you get reprieve,
will cry aloud the blood on sleeve. 

बहाना ढूँडते रहते हैं कोई रोने का 
हमें ये शौक़ है क्या आस्तीं भिगोने का 
..... जावेद अख्तर..... 

Always am in search of an excuse to weep. 
Why have I the hobby to let 
the sleeve seep? 

हमेशा ख़ून-ए-दिल रोया हूँ मैं लेकिन सलीक़े से
न क़तरा आस्तीं पर है न धब्बा ज़ैब-ओ-दामन पर..... साइल देहलवी..... 

 I shed bloody tears, but always with stylish grace. 
Not a drop on sleeve, no spot on veil to trace. 

मैं बताऊँ फ़र्क़ नासेह जो है मुझ में और तुझ में 
मिरी ज़िंदगी तलातुम तिरी ज़िंदगी किनारा..... शकील बदायूनी..... 

I can tell O preacher, difference between your life and mine. 
While your life is a shore, pining for the storms is mine. 

मोहब्बत को समझना है तो नासेह ख़ुद मोहब्बत कर 
किनारे से कभी अंदाज़ा-ए-तूफ़ाँ नहीं होता..... ख़ुमार बारहबंकवी..... 

O preacher! You love, for love to be understood. 
From shore,  what's storm, can't be understood. 

नासेह को बुलाओ मिरा ईमान सँभाले 
फिर देख लिया उस ने उसी एक नज़र से 
..... हफ़ीज़ जालंधरी..... 

Please call the priest to support faith anew. 
She has seen me again 
with the same view. 

ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारा आज़ होता कोई ग़म-गुसार होता..... ग़ालिब..... 

What's this friendship, that my friends are preachers. 
Some could console in pain, others could be healers. 

आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं 
सामान सौ बरस का है पल की ख़बर नहीं..... हैरत इलाहाबादी..... 

No one is aware about the time of death. 
A centurion setup , may not last next breath. 




Thursday 27 October 2022

FAMOUS URDU COUPLETS

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो 
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए..... बशीर बद्र....

Let the glow of your memories be ever with me. 
Who knows, which lane marks the eve of life? 
  
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा 
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़.....

Besides love, there are other griefs in the age. 
In comforts besides union,
 one can engage.

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ 
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ ..... अहमद फ़राज़..... 

Be it enmity, come to aggrieve my heart. 
Come to me that you can again depart. 
  
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन 
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है ..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....

About truth of heaven, I am very well aware. 
But it's a joyous thought for 'Ghalib' to care ! 

कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब 
आज तुम याद बे-हिसाब आए 
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़..... 

Of world griefs, I was keeping the track. 
Your memories today, came back to back. 
  
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
..... राहत इन्दौरी.....

Go slow breaths, her memories have come to stay. 
Even the heart throbs disturb, when you pray.

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम 
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता 
..... अकबर इलाहाबादी..... 

Even when I sigh, there's a bad name. 
She murders yet it's no rumour game. 

इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया 
वर्ना हम भी आदमी थे काम के 
..... मिर्ज़ा ग़ालिब..... 

Love left 'Ghalib' a man without business. 
Otherwise, me too was one with busyness. 
  
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा 
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....

For her simplicity, who won't die O Lord?
She fights in the arena, holding no sword !

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का 
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले 
..... मिर्ज़ा ग़ालिब..... 

There's no difference in love between life and death. 
You live for the faithless , who
 steals your breath ! 

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले 
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है..... अल्लामा इक़बाल..... 

Raise your self esteem to the level that before fate. 
Lord would ask the man, what to write on your plate? 

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है 
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है ..... निदा फ़ाज़ली..... 

What's frenzy, those with senses, don't know. 
Love first, then what's life, 
you would know. 

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें 
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें 
..... अहमद फ़राज़..... 

We may meet in dreams, if we depart now. 
Like dried flowers found in a book, somehow. 
  
न जी भर के देखा न कुछ बात की 
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की 
..... बशीर बद्र..... 

Neither I could talk nor heartily see.
What a wish was there for meeting to be!

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे 
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे 
..... वसीम बरेलवी..... 

How to hide what's evident from the face? 
As per your wish, how to mould the face? 

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं 
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं 
..... अल्लामा इक़बाल..... 

Some more worlds beyond stars exist 
In love, some  tests, still persist. 

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर 
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया..... मजरूह सुल्तानपुरी.....

I was alone while moving towards goal. 
People joined for caravan
 as a whole.

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले 
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले ..... मिर्ज़ा ग़ालिब..... 

There are a thousand desires, each worth dying for. 
My many desires were fulfilled but still not that far. 

अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ 
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ ..... अनवर श'ऊर..... 

While sitting, suddenly I get silent too. 
Often I am not me, but become you. 

माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं 
तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख 
..... अल्लामा इक़बाल..... 

Agreed that it's true, I am'nt worth being seen by you. 
My hobby is there to see and how I wait for thee. 

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है 
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है ..... हसरत मोहानी..... 

I remember shedding tears, silently day 'n night
 I do still recollect that period 
of my love plight. 

वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन 
उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा..... साहिर लुधियानवी..... 

 When you can't extend, a story to it's end. 
Then it's better to leave, after a lovely bend. 

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी 
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता 
..... बशीर बद्र..... 

Some compulsions must have been. 
None is faithless just for scene. 

एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें 
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं 
..... फ़िराक़ गोरखपुरी..... 

Since long, I didn't remember you.
 And it's not true, that I forgot you. 
 
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं 
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है 
..... बशीर बद्र..... 

  
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं 

तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं 

फ़िराक़ गोरखपुरी
टैग्ज़ : आहट और 1 अन्य 
  
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं 

हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं 

जिगर मुरादाबादी
टैग्ज़ : प्रेरणादायक और 2 अन्य

Wednesday 26 October 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +9 COUPLETS

सब इक चिराग़ के परवाने होना चाहते हैं
अजीब लोग हैं दीवाने होना चाहते हैं 
..... असअ'द बदायूनी.....

Everyone wants to be moth of the same flame. 
People are strange, want to join the crazy game. 

एक ही शय थी ब-अंदाज़-ए-दिगर माँगी थी
मैंने बीनाई नहीं तुझ से नज़र माँगी थी 
..... इज़हार असर.....

I had only asked for a thing
 in different style.
Not sight but I needed your view all the while.

कोई है मस्त कोई तिश्ना-काम है साक़ी
ये मय-कदे का तिरे क्या निज़ाम है साक़ी
..... पारसा कौसरी..... 

Some are drunk, others thirsty wine girl. 
What a way to manage tavern wine girl? 

मौज मौज तूफ़ाँ है मौज मौज साहिल है
कितने डूब जाते हैं कितने बच निकलते हैं..... सहबा लखनवी..... 

Ecstatic are the waves in tempest, on shore.
 Some get drowned, others
reach the shore. 

करोगे याद तो हर बात याद आएगी 
गुज़रते वक़्त की हर मौज ठहर जाएगी 
..... बशर नवाज़..... 

If you remember, every thing you will recall. 
Each wave of the moving time will stall. 

जब सफ़ीना मौज से टकरा गया 
नाख़ुदा को भी ख़ुदा याद आ गया 
..... फ़ना निज़ाम कानपुरी..... 

When with the shore, banged 
a boat.
 Even boatsman recalled God remote. 

बचा लिया मुझे तूफ़ाँ की मौज ने वर्ना 
किनारे वाले सफ़ीना मिरा डुबो देते 
..... मजरूह सुल्तानपुरी..... 

I was saved by the tempest waves, remote. 
Otherwise those on shore, 'd  drown my boat. 

ऐ मुसहफ़ी सद-शुक्र हुआ वस्ल मयस्सर 
इफ्तार किया रोज़े में उस लब के रोतब से।..... मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी..... 

'Mashafi'! Many thanks, I had her meeting dates . 
I broke eve' breakfast with
 Eve's shapely dates . 

हम काफ़िरों ने शौक़ में रोज़ा तो रख लिया 
अब हौसला बढ़ाने को इफ़्तार भी तो हो 
..... भारत भूषण पंत..... 

We infidels, for hobby, have kept the fast. 
To keep courage now, is needed a breakfast. 

होगा किसी दीवार के साए में पड़ा 'मीर' 
क्या रब्त मोहब्बत से उस आराम-तलब को..... मीर तक़ी मीर..... 

'Mir' must be sleeping in the shadow of some wall. 
Being involved in love isn't 
that lazy man's call. 

मकीं जब नींद के साए में सुस्ताने लगें 'ताबिश' 
सफ़र करते हैं बस्ती के मकां आहिस्ता आहिस्ता..... अब्बास ताबिश..... 

'Taabish' when residents rest in shade of sleep. 
Houses of village slowly travel for it's upkeep. 

ये कह के दिल ने मिरे हौसले बढ़ाए हैं 
ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं 
..... माहिर-उल-क़ादरी.....

Heart has kept my courage  saying so. 
Next to grief sun are shades 
of joy, lo ! 

अपने साए से चौंक जाते हैं 
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा 
...... गुलज़ार.....

I am so startled by shadow of my own. 
Solitude has pervaded life of my own. 

उन की निगाह-ए-नाज़ की गर्दिश के साथ साथ 
महसूस ये हुआ कि ज़माना बदल गया 
..... शौकत परदेसी..... 

With a revolutionary change
 in her graceful view. 
It appeared as if that was a change in world view. 


Tuesday 25 October 2022

BAHZAAD LAKHNAVI.. GHAZAL.. AI JAZBA-E-DIL GAR MAIN CHAAHUUN HAR CHIIZ MUQAABIL AA JAAE...

ऐ जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए 
मंज़िल के लिए दो गाम चलूँ और सामने मंज़िल आ जाए 

O heart fires! with my desires, all things will be face to face. 
A couple of steps, just as preps and there's goal to face. 

ऐ दिल की लगी चल यूँही सही चलता तो हूँ उन की महफ़िल में 
उस वक़्त मुझे चौंका देना जब रंग पे महफ़िल आ जाए 

O wish of heart, be it this sort, I go to her to meet. 
Just that time, sound the chime, as meeting is full face. 

ऐ रहबर-ए-कामिल चलने को तय्यार तो हूँ पर याद रहे 
उस वक़्त मुझे भटका देना जब सामने मंज़िल आ जाए 

O true to lead, I am ready indeed, but be it in your mind. 
Let get astray, when set in a way 'n goal is there in place. 

हाँ याद मुझे तुम कर लेना आवाज़ मुझे तुम दे लेना 
इस राह-ए-मोहब्बत में कोई दरपेश जो मुश्किल आ जाए 

O just recall, you give me a call, on this route of love. 
When placed before, there's more, of a problem in the race. 

अब क्यूँ ढूँडूँ वो चश्म-ए-करम होने दे सितम बाला-ए-सितम 
मैं चाहता हूँ ऐ जज़्बा-ए-ग़म मुश्किल पस-ए-मुश्किल आ जाए 

Why take a stance, of favoured glance, O tyrant, aspirant? 
I wish pain, emotional strain, trouble after trouble in place. 

इस जज़्बा-ए-दिल के बारे में इक मशवरा तुम से लेता हूँ 
उस वक़्त मुझे क्या लाज़िम है जब तुझ पे मिरा दिल आ जाए 

About feelings of heart, I seek this sort of opinion from you. 
What then to do, O lovely you, my heart wants you in place. 

ऐ बर्क़-ए-तजल्ली कौंध ज़रा क्या मुझ को भी मूसा समझा है 
मैं तूर नहीं जो जल जाऊँ जो चाहे मुक़ाबिल आ जाए 

O lightning spark, dispel the dark, you take me for Moses? 
Not Toor in a splash, will turn to ash, I am here face to face. 

कश्ती को ख़ुदा पर छोड़ भी दे कश्ती का ख़ुदा ख़ुद हाफ़िज़ है 
मुश्किल तो नहीं इन मौजों में बहता हुआ साहिल आ जाए

Leave the boat, for Him who smote, He is there to care.
It isn't hard, with waves unbarred, shore floats to this place. 

SHAHAR YAR.. GHAZAL.. IS SHAHAR MEN HAR SHAKHS PARESHAAN SAA KYUUN HAI...

सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है 
इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यूँ है 

Why is the heart burn, from eyes such a flow? 
Why each one in this city is disturbed or so? 

दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँडे 
पत्थर की तरह बे-हिस ओ बे-जान सा क्यूँ है 

As heart, it should look for a reason to throb. 
Why is senseless , lifeless like a stone or so? 

तन्हाई की ये कौन सी मंज़िल है रफ़ीक़ो 
ता-हद्द-ए-नज़र एक बयाबान सा क्यूँ है 

Which is this goal of loneliness O chums? 
Why is there stretched to horizon, a desert or so? 

हम ने तो कोई बात निकाली नहीं ग़म की 
वो ज़ूद-पशेमान पशेमान सा क्यूँ है 

I haven't said anything to express the grief. 
Why she who repents soon is repentant or so? 

क्या कोई नई बात नज़र आती है हम में 
आईना हमें देख के हैरान सा क्यूँ है 

Is there something new in my face to view? 
Why looking at me, is mirror worried or so? 


Monday 24 October 2022

SALIIM KAUSAR.. GHAZAL.. MEIN KHAYAALON HUUN KISII AUR KAA MUJHE CHAAHTAA KOI AUR HAI...

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है 

सर-ए-आईना मिरा अक्स है पस-ए-आईना कोई और है 

मैं किसी के दस्त-ए-तलब में हूँ तो किसी के हर्फ़-ए-दुआ में हूँ 

मैं नसीब हूँ किसी और का मुझे माँगता कोई और है 

अजब ए'तिबार ओ बे-ए'तिबारी के दरमियान है ज़िंदगी 

मैं क़रीब हूँ किसी और के मुझे जानता कोई और है 

मिरी रौशनी तिरे ख़द्द-ओ-ख़ाल से मुख़्तलिफ़ तो नहीं मगर 

तू क़रीब आ तुझे देख लूँ तू वही है या कोई और है 

तुझे दुश्मनों की ख़बर न थी मुझे दोस्तों का पता नहीं 

तिरी दास्ताँ कोई और थी मिरा वाक़िआ कोई और है 

वही मुंसिफ़ों की रिवायतें वही फ़ैसलों की इबारतें 

मिरा जुर्म तो कोई और था प मिरी सज़ा कोई और है 

कभी लौट आएँ तो पूछना नहीं देखना उन्हें ग़ौर से 

जिन्हें रास्ते में ख़बर हुई कि ये रास्ता कोई और है

जो मिरी रियाज़त-ए-नीम-शब को 'सलीम' सुब्ह न मिल सकी 

तो फिर इस के मअ'नी तो ये हुए कि यहाँ ख़ुदा कोई और है

REKHTA.. TODAY'S 5 +6 COUPLETS

है दसहरे में भी यूँ गर फ़रहत-ओ - ज़ीनत नज़ीर 
पर दिवाली भी अजब पाकीज़ा-तर त्योहार है..... नज़ीर अकबराबादी..... 

O Nazeer in Dasehraa too, there's pleasure and grace
But Diwali is a strange purer festival in it's place. 

हस्ती का नज़ारा क्या कहिए मरता है कोई जीता है कोई 
जैसे कि दिवाली हो कि दिया जलता जाए बुझता जाए..... नुशूर वाहिदी..... 

What to talk about lively scene, one lives, other meets death. 
As if it's Diwali or a lamp, it's aglow or out of breath

आज की रात दिवाली है दिए रौशन हैं 
आज की रात ये लगता है मैं सो सकता हूँ 
..... अज़्म शाकरी..... 

Tonight it's Diwali, lamps are aflame.
Tonight it looks, I can sleep O dame. 

वो दिन भी हाए क्या दिन थे जब अपना भी तअल्लुक़ था 
दशहरे से दिवाली से बसंतों से बहारों से 
..... कैफ़ भोपाली..... 

O what were those days, when I had relations too. 
With Dasehraa, Diwali and springs to woo. 

जो सुनते हैं कि तिरे शहर में दसहरा है
हम अपने घर में दिवाली सजाने लगते हैं 
..... जमुना प्रसाद राही..... 

"It's Dussehra in your city," when  I hear. 
I start decoration for Diwali O dear! 

मेले में गर नज़र न आता रूप किसी मतवाली का 
फीका फीका रह जाता त्यौहार भी इस दीवाली का..... मुमताज़ गुर्मानी.....

If I didn't get have a glimpse in fair, her lovely intoxicating stare. 
This festival though so grand, Diwali would  have been bland. 

दिल में चाहत है जो उस साँवली मतवाली की 
गो मुसलमान हूँ बोल उठता हूँ जय काली की..... अज्ञात..... 

With desire in my heart, black intoxicating from start. 
Although a Muslim, I hail, "victory of Kali" to her avail. 

बीस बरस से इक तारे पर मन की जोत जगाता हूँ 
दीवाली की रात को तू भी कोई दिया जलाया कर..... माजिद - उल-बाक़री.....

Since twenty years on that star, I keep aflame my heart so far
On the night of Diwali O dear, you too kindle a lamp sans fear

है तमाशा-गाह-ए-सोज़-ए-ताज़ा हर यक उज़्व-ए-तन
जूँ चराग़ान-ए-दिवाली सफ़-ब-सफ़ जलता हूँ मैं..... ग़ालिब..... 

Each one of her body part, is theatre of new passion to start
Like Diwali lamps I am alit, 
 line by line and bit by bit. 

आँखें भी हैं रस्ता भी चराग़ों की ज़िया भी 
सब कुछ है मगर कुछ भी सुझाई नहीं देता..... अनवर मसूद..... 

There are eyes, the path, also lamps ablaze. 
Every thing is there,but no visibility in haze. 

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है 
सर-ए-आईना मिरा अक्स है पस-ए-आईना कोई और है
..... सलीम कौसर..... 

I am someone's else's thought, other is giving me a thought. 
My shadow confronts mirror, someone else is behind mirror. 





Sunday 23 October 2022

NIDAA FAAZLI.. GHAZAL.. KABHII KISII KO MUKAMMAL JAHAAN NAHIIN MILTAA...

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता 

कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता 

तमाम शहर में ऐसा नहीं ख़ुलूस न हो 

जहाँ उमीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता 

कहाँ चराग़ जलाएँ कहाँ गुलाब रखें 

छतें तो मिलती हैं लेकिन मकाँ नहीं मिलता 

ये क्या अज़ाब है सब अपने आप में गुम हैं 

ज़बाँ मिली है मगर हम-ज़बाँ नहीं मिलता 

चराग़ जलते ही बीनाई बुझने लगती है 

ख़ुद अपने घर में ही घर का निशाँ नहीं मिलता

REKHTA.. TODAY'S 5 +15 COUPLETS

बे-ख़ुदी बे-सबब नहीं 'ग़ालिब' 
कुछ तो है जिस की पर्दा-दारी है 

Ecstasy is not without a cause. 
Something is veiled for a cause. 

बे-ख़ुदी ले गई कहाँ हम को 
देर से इंतिज़ार है अपना 
..... मीर तक़ी मीर..... 

Where has ecstasy brought me along? 
I am  searching my own, since long. 

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है 
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है..... निदा फ़ाज़ली..... 

To those in senses, ecstasy isn't known. 
Love to understand, how life is known. 

आबरू शर्त है इंसाँ के लिए दुनिया में 
न रही आब जो बाक़ी तो है गौहर पत्थर 
..... अमीर मीनाई..... 

Dignity is essential for a man to mean
A pearl is a stone without it's sheen. 

चमन में रखते हैं काँटे भी इक मक़ाम ऐ दोस्त 
फ़क़त गुलों से ही गुलशन की आबरू तो नहीं..... उम्मीद फ़ाज़ली.....

For thorns, there's a place, in the garden space. 
Only flowers just can not dignify this place. 

एक आँसू ने डुबोया मुझ को उन की बज़्म में 
बूँद भर पानी से सारी आबरू पानी हुई 
..... ज़ौक़..... 

I was drowned by a tear drop in her esteemed contact. 
One water drop watered down my entire respect. 

किसी को कैसे बताएँ ज़रूरतें अपनी 
मदद मिले न मिले आबरू तो जाती है 
..... अज्ञात..... 

How can I tell some one, my need? 
 Help or not, dignity 's lost indeed. 

निकल गए हैं जो बादल बरसने वाले थे 
ये शहर आब को तरसेगा चश्म-ए-तर के बग़ैर..... सलीम अहमद..... 

Clouds that could rain, have passed by. 
City' ll long for water without wet eye ! 

हया से हुस्न की क़ीमत दो-चंद होती है 
न हों जो आब तो मोती की आबरू क्या है अज्ञात 

Shyness doubles the value of beauty being seen. 
What's dignity of pearl without it's sheen?

गुनाह कर के भी हम रिंद पाक-साफ़ रहे 
शराब पी तो नदामत ने आब आब किया 
..... जलील मानिकपुरी..... 

Even after committing a sin, drunkards remained chaste. 
After drinking , were ashamed, regret led sin to waste. 

तमन्ना दर्द-ए-दिल की हो तो कर ख़िदमत फ़क़ीरों की 
नहीं मिलता ये गौहर बादशाहों के ख़ज़ानों में..... इक़बाल..... 

For grief of heart, serve saints off the mart. 
This pearl isn't found, with kings isn't bound. 

ख़ुश-नसीब आज भला कौन है गौहर के सिवा 
सब कुछ अल्लाह ने दे रक्खा है शौहर के सिवा..... अकबर इलाहाबादी..... 

But for Gauhar, today, who has a good fate. 
But for a husband, Lord wrote it all in plate. 

यूँ तो गौहर को मयस्सर हैं हज़ारों शौहर
उसको भाता ही नहीं कोई भी अकबर के सिवा..... गौहर...... 

'Gauhar' has a thousand husbands to serve.
But Akbar is the only one 
to deserve. 

मुझ को रोने तो दो दिखा दूँगा
बुलबुला है ये आसमान नहीं 
..... इमदाद अली बहर..... 

I will show it, let me cry. 
It's a bubble, not the sky. 

कभी हम को यक़ीं था ज़ोम था दुनिया हमारी जो मुख़ालिफ़ हो तो हो जाए मगर तुम मेहरबाँ हो 
हमें ये बात वैसे याद तो अब क्या है लेकिन हाँ इसे यकसर भुलाने में अभी कुछ दिन लगेंगे..... जावेद अख़्तर..... 

Earlier I had faith, zoom, that even if world's against me. 
As long as you are kind, let them all be. 
Now I don't all that recollect, but yes it will take many days to forget, totally disconnect. 

न जाना कि दुनिया से जाता है कोई 
बहुत देर की मेहरबाँ आते आते 
..... दाग़ देहलवी..... 

Didn't realise. Leaving the world is someone., 
You took lots of time to come, O kind one! 

मेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त 
मैं गया वक़्त नहीं हूँ कि फिर आ भी न सकूँ..... ग़ालिब..... 

Be kind and call me just  any time. 
That can't be back, I am not past time. 

शर्म आती है कि उस शहर में हम हैं कि जहाँ 
न मिले भीक तो लाखों का गुज़ारा ही न हो..... जाँ निसार अख़्तर..... 

It puts me to shame, living in city with that name. 
Lacs of people won't live, if alms they won't give. 

भीक दे कर न जाने क्या लेंगे 
इक भिकारन डरी डरी सोचे 
..... प्रेम भंडारी.....

After alms, what 'd they ask for?
A she beggar is afraid to think far ! 

आओ तो मेरे सहन में हो जाए रौशनी 
मुद्दत गुज़र गई है चराग़ाँ किए हुए 
..... अशहद बिलाल इब्न-ए-चमन..... 

Come and at my home there can be lights. 
It's long since there was a display of lights. 






Saturday 22 October 2022

ADAM GONDAVII.. 5 COUPLETS

आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे 
अपने शाह-ए-वक़्त का यूँ मर्तबा आला रहे 

With the mind locked and blind folded eye. 
Status of the knight of time be held high. 
 
तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है 
मगर ये आँकड़ें झूठे हैं ये दावा किताबी है

In your files, weather of village is rosy to name
But these stats are wrong and false is the claim. 
 
ख़ुद को ज़ख़्मी कर रहे हैं ग़ैर के धोखे में लोग 
इस शहर को रोशनी के बाँकपन तक ले चलो 

Mistaking others, people are wounding their own. 
Lead this city to the beauty of light as shown 
 
गर्म रोटी की महक पागल बना देती मुझे 
पारलौकिक प्रेम का मधुमास लेकर क्या करें 

Smell of warm bread makes me crazy so soon. 
What to do with heavenly love honey moon? 
 
ग़ैरत मरी तो वाक़ई इंसान मर गया 
जीने की सिर्फ़ रस्म निभाए हुए हैं लोग 
 
Losing self respect, really a man is dead. 
Only a custom of living is all that's led. 

MAJAAZ.. CHOSEN WORKS

ख़ूब पहचान लो असरार हूँ मैं
जिंस-ए-उल्फ़त का तलब-गार हूँ मैं

इ’श्क़ ही इ’श्क़ है दुनिया मेरी
फ़ित्ना-ए-अ’क़्ल से बे-ज़ार हूँ मैं

कमाल-ए-इ’श्क़ है दीवाना हो गया हूँ मैं
ये किस के हाथ से दामन छुड़ा रहा हूँ मैं

तुम्हीं तो हो जिसे कहती है ना-ख़ुदा दुनिया
बचा सको तो बचा लो कि डूबता हूँ मैं

नहीं ये फ़िक्र कोई रहबर-ए-कामिल नहीं मिलता
कोई दुनिया में मानूस-ए-मिज़ाज-ए-दिल नहीं मिलता

कभी साहिल पे रह कर शौक़ तूफ़ानों से टकराएँ
कभी तूफ़ाँ में रह कर फ़िक्र है साहिल नहीं मिलता

शिकस्ता-पा को मुज़्दा ख़स्तगान-ए-राह को मुज़्दा
कि रहबर को सुराग़-ए-जादा-ए-मंज़िल नहीं मिलता

वहाँ कितनों को तख़्त-ओ-ताज का अरमाँ है क्या कहिए
जहाँ साइल को अक्सर कासा-ए-साइल नहीं मिलता

ये क़त्ल-ए-आ’म और बे-इज़्न क़त्ल-ए-आ’म क्या कहिए
ये बिस्मिल कैसे बिस्मिल हैं जिन्हें क़ातिल नहीं मिलता

आवारा-ओ-मजनूँ ही पे मौक़ूफ़ नहीं कुछ
मिलने हैं अभी मुझ को ख़िताब और ज़ियादा

टपकेगा लहू और मिरे दीदा-ए-तर से
धड़केगा दिल-ए-ख़ाना-ख़राब और ज़ियादा

ये बिजली चमकती है क्यूँ दम-ब-दम
चमन में कोई आशियाना भी है

ख़िरद की इताअ’त ज़रूरी सही
यही तो जुनूँ का ज़माना भी है

मुझे आज साहिल पे रोने भी दो
कि तूफ़ान में मुस्कुराना भी है

ज़माने से आगे तो बढ़िए ‘मजाज़’
ज़माने को आगे बढ़ाना भी है

हिजाब-ए-फ़ित्ना-परवर अब उठा लेती तो अच्छा था
ख़ुद अपने हुस्न को पर्दा बना लेती तो अच्छा था

तिरी नीची नज़र ख़ुद तेरी इ’स्मत की मुहाफ़िज़ है
तू इस नश्तर की तेज़ी आज़मा लेती तो अच्छा था

तिरे माथे पे ये आँचल बहुत ही ख़ूब है लेकिन
तू इस आँचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था

मेहनत से ये माना चूर हैं हम
आराम से कोसों दूर हैं हम
पर लड़ने पर मजबूर हैं हम
मज़दूर हैं हम मज़दूर हैं हम

जिस सम्त बढ़ा देते हैं क़दम
झुक जाते हैं शाहों के परचम
सावंत हैं हम बलवंत हैं हम
मज़दूर हैं हम मज़दूर हैं हम

जिस रोज़ बग़ावत कर देंगे
दुनिया में क़यामत कर देंगे
ख़्वाबों को हक़ीक़त कर देंगे
मज़दूर हैं हम मज़दूर हैं हम

शहर की रात और मैं नाशाद-ओ-नाकारा फिरूँ
जगमगाती जागती सड़कों पे आवारा फिरूँ
ग़ैर की बस्ती है कब तक दर-ब-दर मारा फिरूँ
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ? ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ?


REKHTA.. TODAY'S 5 +17 COUPLETS

मैं तो चलता हूँ तेरी याद के साथ 
रास्ता मेरे साथ चलता है 
..... लतीफ़ साहिल..... 

With your memories I make a move. 
Route comes along to make a move. 

कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन 
फिर इस के ब'अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर..... निदा फ़ाज़ली..... 

Make attempts, hope and choose a way . 
After all these, look for fate your way. 

तुम ज़माने की राह से आए 
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का 
..... बाक़ी सिद्दीक़ी..... 

You had taken the worldly route. 
Way to heart was straight O cute! 

रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है 
सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है 
..... जलील आली..... 

Only by thinking, you can't pave a way. 
With frenzy, even through wall, is a way

ंआईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे 
ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे 
..... ग़ालिब..... 

Why not give a mirror to make a farce? 
How to get one who can be your class? 

दिल की बिसात क्या थी निगाह-ए-जमाल में 
इक आईना था टूट गया देख-भाल में 
..... सीमाब अकबराबादी..... 

What was power of heart, in the eyes of beauty? 
It was a mirror that broke in upkeep duty. 

आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए 
साहब को दिल न देने पे कितना ग़ुरूर था 
..... ग़ालिब..... 

Looking into mirror, he got embarrassed. 
While losing heart, he was
 so stressed. 

मुश्किल बहुत पड़ेगी बराबर की चोट है
आईना देखिएगा ज़रा देख भाल के
..... अमीर मीनाई..... 

It's a tussle of equals, a difficult stance. 
Be prepared, when in the 
 mirror, you glance. 

दोस्तों से इस क़दर सदमे उठाए जान पर 
दिल से दुश्मन की अदावत का गिला जाता रहा..... आतिश..... 

I am so much aggrieved for life by friends. 
Lament of enmity from heart, now ends. 

अगर तू इत्तिफ़ाक़न मिल भी जाए 
तिरी फ़ुर्क़त के सदमे कम न होंगे 
..... हफ़ीज़ होशियारपुरी..... 

By chance, even if you happen to meet. 
Grief of your parting won't lessen in heat. 

हज़ार तरह के सदमे उठाने वाले लोग 
न जाने क्या हुआ इक आन में बिखर से गए..... ओबैदुल्लाह अलीम..... 

Those people who could a thousand mishaps tolerate. 
Don't know why, got scattered in a stroke, of late. 

न तेरा क़ुर्ब न बादा है क्या किया जाए 
फिर आज दुख भी ज़ियादा है क्या किया जाए..... अहमद फ़राज़..... 

Neither you have promised nor are near, what to do? 
Today pain is also very much here, what to do? 

न हो कि क़ुर्ब ही फिर मर्ग-ए-रब्त बन जाए 
वो अब मिले तो ज़रा उस से फ़ासला रखना..... इफ़्तिख़ार नसीम..... 

Let not nearness become death of joy. 
On meeting her, just some space deploy. 

अभी हैं क़ुर्ब  के कुछ और मरहले बाक़ी
कि तुझ को पा के अभी फिर तिरी तमन्ना है..... ताबिश देहलवी..... 

In our nearness still some distance exists. 
I have you, yet a wish to
 get you persists. 

अपना रिश्ता ज़मीं से ही रक्खो 
कुछ नहीं आसमान में रक्खा 
..... जौन एलिया..... 

Keep your relations with the earth. 
Nothing in the sky is of worth. 

ऐ आसमान तेरे ख़ुदा का नहीं है ख़ौफ़ 
डरते हैं ऐ ज़मीन तिरे आदमी से हम 
अज्ञात 

I am not afraid of your God O sky! 
The man on earth makes me cry. 

यूँ जो तकता है आसमान को तू 
कोई रहता है आसमान में क्या।। 
..... जौन एलिया..... 

The way you stare at the sky. 
Does someone reside so high? 

इस तरह मुस्तलिक हुआ उर्दू ज़ुबान से
मिलता हूँ अब सभी को बड़ी आजिज़ी से मैं 

I  got so attached to Urdu language, it's style. 
Now I meet everyone, with regard, all the while. 

अब दिल की तमन्ना है तो ऐ काश यही हो 
आँसू की जगह आँख से हसरत निकल आए..... अहमद फ़राज़..... 

As heart so desires, then let it be so. 
From eyes, let longings, not tears flow

चल साथ कि हसरत दिल-ए-मरहूम से निकले 
आशिक़ का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले..... फ़िदवी लाहौरी..... 

Come along that the longing, leaves deceased heart flow. 
This is the funeral of a lover, 
let there be pomp 'n show. 

आरज़ू हसरत और उम्मीद शिकायत आँसू 
इक तिरा ज़िक्र था और बीच में क्या क्या निकला..... सरवर आलम राज़..... 

Desire , longing, tears, complaints and hope.
 You were quoted 'n there
 was a lot of scope. 

जिन की हसरत में  दिल-ए-रुस्वा ने ग़म खाए बहुत 
संग हम पर इन दरीचों ने हैं बरसाए बहुत 
..... महताब ज़फ़र..... 

Disgraced heart has suffered desiring for thee. 
These windows have rained many stones on me. 





Friday 21 October 2022

BASHAR NAWAAZ.. SONG

करोगे याद तो हर बात याद आएगी 

गुज़रते वक़्त की हर मौज ठहर जाएगी 

ये चाँद बीते ज़मानों का आइना होगा 

भटकते अब्र में चेहरा कोई बना होगा 

उदास रह है कोई दास्ताँ सुनाएगी 

करोगे याद तो हर बात याद आएगी 

बरसता भीगता मौसम धुआँ धुआँ होगा 

पिघलती शम्अ' पे चेहरा कोई गुमाँ होगा 

हथेलियों की हिना याद कुछ दिलाएगी 

करोगे याद तो हर बात याद आएगी 

गली के मोड़ पे सूना सा कोई दरवाज़ा 

तरसती आँख में रस्ता किसी का देखेगा 

निगाह दूर तलक जा के लौट आएगी 

करोगे याद तो हर बात याद आएगी

REKHTA.. TODAY'S 5 +11 COUPLETS

अक़्ल को तन्क़ीद से फ़ुर्सत नहीं 
इश्क़ पर आमाल की बुनियाद रख 
..... इक़बाल..... 

There's no rest from criticism, for mind. 
Base your deeds on love of 
the kind. 

जी ढूँडता है फिर वही फ़ुर्सत कि रात दिन 
बैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किए हुए 
..... मिर्ज़ा ग़ालिब..... 

Heart searches for rest, day and night. 
Engrossed in lover's thoughts so tight. 

अगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना 
हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़्साना लिखता है..... बशीर बद्र..... 

If possible, read what on water is written. 
 A thousand years tale, each river has written. 
 

ग़ैरों से तो फ़ुर्सत तुम्हें दिन रात नहीं है 
हाँ मेरे लिए वक़्त-ए-मुलाक़ात नहीं है है
..... लाला माधव राम जौहर..... 

You are busy with the rivals all the time. 
To meet with me, you are short of time. 

फ़क़त उमीद है बख़्शिश की तेरी रहमत से 
वगर्ना अफ़्व के क़ाबिल मिरे गुनाह नहीं 
..... आबाद लखनवी..... 

I hope only from perks of your grace. 
My sins are unpardonable in any case. 

बख़्शिश के भरोसे पे ख़ताएँ की हैं 
तेरी रहमत के सहारे ने गुनहगार किया 
..... मुबारक अज़ीमाबादी..... 

Confident of your tips, I have committed mistakes. 
Support of your grace, is what sinner of me, makes. 

कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी 
कुछ मुझे भी ख़राब होना था 
..... मजाज़ लखनवी..... 

Being infidel , partly did your 
eyes woo. 
Partly, getting spoilt was my wish too. 

ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूँ 
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया 
..... ज़ौक़..... 

Why did I become infidel sipping wine? 
Did  fistful of water drain 
faith of mine? 

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का 
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले..... ग़ालिब..... 

In love, there's no difference between life 'n death. 
Seeing same idol gives life, steals breath. 

ख़ातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया 
झूटी क़सम से आप का ईमान तो गया 
..... दाग़ देहलवी..... 

Whether for your sake or regard, I  agreed. 
With false promise, you
 lost faith indeed. 

जो दिल रखते हैं सीने में वो काफ़िर हो नहीं सकते 
मोहब्बत दीन होती है वफ़ा ईमान होती है 
..... आरज़ू लखनवी..... 

One can't be faithless having  heart in chest. 
While love is religion, faith is faith at best. 

क्यूँकर उस बुत से रखूँ जान अज़ीज़ 
क्या नहीं है मुझे ईमान अज़ीज़ 
..... ग़ालिब..... 

For that dame, how won't I 
care for life? 
While for the faith, do I  care 
for life? 

तमन्नाओं में उलझाया गया हूँ। 
खिलौने दे के फुसलाया गया हूँ 
..... शाद अज़ीमाबादी..... 

In desires, I have been secured
With toys, I have been allured . 

सदा एक ही  रुख़ नहीं नाव चलती
चलो तुम उधर ही हवा हो जिधर की
..... अल्ताफ़ हुसैन हाली..... 

Always a boat doesn't move one way. 
The way wind blows, you go that way. 

तवाज़ो का तरीक़ा साहिबो पूछो सुराही से 
कि जारी फ़ैज़ भी है और झुकी जाती है गर्दन भी 
..... शेख़ इब्राहीम ज़ौक़..... 

Ask the goblet, how to be polite on ground. 
The neck is still bent, while it's making a round. 

रोज़ कहाँ से कोई नया-पन अपने आप में लाएँगे 
तुम भी तंग आ जाओगे इक दिन हम भी उक्ता जाएँगे..... बशर नवाज़..... 

Where from shall I become daily some new sort? 
You will be fed of me one day, me too' ll retort. 






Thursday 20 October 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 COUPLETS

ज़ाहिद ने मिरा हासिल-ए-ईमाँ नहीं देखा
रुख़ पर तिरे ज़ुल्फ़ों को परेशाँ नहीं देखा
..... असग़र गोंडवी..... 

My gain of beliefs is not seen by the priest. 
Distressed tress on your face, not at least. 

ऐ जुनूँ फिर मिरे सर पर वही शामत आई 
फिर फँसा ज़ुल्फ़ों में दिल फिर वही आफ़त आई..... आसी ग़ाज़ीपुरी..... 

O frenzy! I am struck by the same trouble again. 
My heart's tucked in tress, same trouble again. 


छेड़ती हैं कभी लब को कभी रुख़्सारों को 
तुम ने ज़ुल्फ़ों को बहुत सर पे चढ़ा रक्खा है..... ग़ौस ख़ां मसीह हैदराबादी..... 

At times it tickles your cheeks and lips. 
You have given the tress, many heady tips. 

हम हुए तुम हुए कि 'मीर' हुए 
उस की ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए 
..... मीर तक़ी मीर..... 

 'Mir', him or you to address. 
All are captives of her tress 

दुश्मनों से पशेमान होना पड़ा है 
दोस्तों का ख़ुलूस आज़माने के बाद 
..... ख़ुमार बारहबंकवी..... 

I have been  repentent about the foes. 
Seeing that integrity of friends goes. 

सहता रहा जफ़ा-ए-दोस्त कहता रहा अदा-ए-दोस्त 
मेरे ख़ुलूस ने मिरा जीना मुहाल कर दिया 
...... फ़ना निज़ाम कानपुरी ..... 

It's her style, so I tolerated faithless trouble. 
My integrity has put my life in trouble. 

नहीं इलाज-ए-ग़म-ए-हिज्र-ए-यार क्या कीजे 
तड़प रहा है दिल-ए-बे-क़रार क्या कीजे 
...... जिगर बरेलवी..... 

Pain of separation can't be cured, what to do? 
Agitated is the restless heart, what to do? 

अपने सब यार काम कर रहे हैं 
और हम हैं कि नाम कर रहे हैं 
..... जौन एलिया..... 

All my friends are doing some work. 
Making a name is how I work. 

हम से कोई तअल्लुक़-ए-ख़ातिर तो है उसे 
वो यार बा-वफ़ा न सही बेवफ़ा तो है 
..... जमील मलिक..... 

Some lovely relation with  her surely exists. 
If not faithful, as faithless,she surely exists. 

हम को यारों ने याद भी न रखा 
'जौन' यारों के यार थे हम तो 
..... जौन एलिया..... 

I wasn't even remembered by  friends. 
'Jaun'! I had been a friend of friends. 

दैर में है काबे में सनम मयख़ाने में और मस्जिद में 
जल्वा-गर सब में है मिरा यार है अल्लाह अल्लाह..... वलीउल्ला मुहिब..... 

Seated in temple, kaaba, mosque and tavern. 
O God! My lover is present
 all over, I learn. 

ऐ याद-ए-यार देख कि ब-वस्फ़-ए-दर्द
-ए-हिज्र
मसरुर हैं तिरी ख़लिश-ए-ना-तवां से हम..... हसरत मोहानी..... 

Look O memory! At the quality of departure pain. 
I am happy with her mild princklings again. 

ईद पर मसरूर हैं दोनों मियाँ बीवी बहुत 
इक ख़रीदारी से पहले इक ख़रीदारी के ब'अद..... सरफराज़ शाहिद..... 

On Eid, very happy is couple with the laughter. 
One before purchase, the other there after. 

न वो सूरत दिखाते हैं न मिलते हैं गले आ कर 
न आँखें शाद होतीं हैं न दिल मसरूर होता है..... लाला माधव राम जौहर..... 

Neither she shows her face, nor does she embrace. 
Neither eyes are happy, nor 
the heart in this case. 

मसरूर हो रहे हैं ग़म-ए-आशिक़ी से हम
क्यूँ तंग होंगे कश्मकश-ए-ज़िन्दगी से हम
..... अबु मोहम्मद वासिल बहराइची ..... 

I am very happy with the griefs of love. 
Why be sad with life tussle over 'n above? 

तू समझता है मुझे हर्फ़-ए-मुकर्रर लेकिन 
मैं सहीफ़ा हूँ तिरे दिल पे उतरने वाला 
..... सिदहत-उल-अख़्तर..... 

You think that I am a word repeated by mistake. 
But I am the Holy Book that your heart will take. 

एक दिन अपना सहीफ़ा मुझ पे नाज़िल हो गया
उस को पढ़ते ही मिरी सारी ख़ताएँ मर गईं..... रफ़ी रज़ा.....
 
My little book alighted on me and said
All of my sins fled after I had read. 

एक इक लफ़्ज़ से मअनी की किरन फूटती है 
रौशनी में पढ़ा जाता है सहीफ़ा मेरा 
..... गुलाम मुर्तज़ा राही..... 

From each word, radiates a ray of meaning,work of art. 
My holy book is read when light is gleaming from heart. 

ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है 
उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है..... हैदर अली आतिश..... 

O sweetheart! One who gave you the moon face. 
That very God gave me love
 in it's place. 

ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है 
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है 
..... मिर्ज़ा रज़ा बर्क़..... 

O lover! By provisions of meeting what 'll happen? 
What's agreeable to God, 
only that will happen. 

हुस्न और इश्क़ दोनों में तफ़रीक़ है पर इन्हीं दोनों पे मेरा ईमान है 
गर ख़ुदा रूठ जाए तो सज्दे करूँ और सनम रूठ जाए तो मैं क्या करूँ 
..... ताबिश कानपुरी.. ... 

Love 'n beauty are in contrast, but my faith on both is fast. 
I pray if God is angry, if lover's sly, what can I try? 

ग़ैर-मुमकिन है कि मिट जाए सनम की सूरत
दिल का ये नक़्श नहीं  नक़्श-ए-क़दम की सूरत..... वाहिद प्रेमी.....

It's impossible to erase lover's faceprint
This heart print isn't alike a footprint. 

Wednesday 19 October 2022

MAJAAZ LAKHNAVI.... COUPLETS

तेरे जल्वों में घिर गया आख़िर
ज़र्रे को आफ़्ताब होना था 


उस महफ़िल-ए-कैफ़-ओ-मस्ती में उस अंजुमन-ए-इरफ़ानी में
सब जाम-ब-कफ़ बैठे ही रहे हम पी भी गए छलका भी गए 



बहुत कुछ और भी है इस जहाँ में
ये दुनिया महज़ ग़म ही ग़म नहीं है 


बताने वाले वहीं पर बताते हैं मंज़िल
हज़ार बार जहाँ से गुज़र चुका हूँ मैं 

सब का तो मुदावा कर डाला अपना ही मुदावा कर न सके
सब के तो गरेबाँ सी डाले अपना ही गरेबाँ भूल गए


मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद
उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई   

आँख से आँख जब नहीं मिलती
दिल से दिल हम-कलाम होता है 


क्या क्या हुआ है हम से जुनूँ में न पूछिए
उलझे कभी ज़मीं से कभी आसमाँ से हम 

कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी
कुछ मुझे भी ख़राब होना था 


ख़ूब पहचान लो असरार हूँ मैं
जिंस-ए-उल्फ़त का तलबगार हूँ मैं 

TAHZEEB HAFII.. COUPLETS

मैं कि काग़ज़ की एक कश्ती हूँ 
पहली बारिश ही आख़िरी है मुझे 

I am just a paper boat 
First rain is last to quote 

तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया 
इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया 

Your silence was settled in my mind, of course. 
Called you so much that throat got coarse. 

ये एक बात समझने में रात हो गई है 
मैं उस से जीत गया हूँ कि मात हो गई है 

To understand it, has set sun. 
Whether I have lost or won. 

अपनी मस्ती में बहता दरिया हूँ 
मैं किनारा भी हूँ भँवर भी हूँ 

Crazy in flow a river all the more. 
I am a whorl and also the
 shore. 

दास्ताँ हूँ मैं इक तवील मगर 
तू जो सुन ले तो मुख़्तसर भी हूँ 

I am a very long tale, but still. 
If you hear, it's short to chill. 

बता ऐ अब्र मुसावात क्यूँ नहीं करता 
हमारे गाँव में बरसात क्यूँ नहीं करता 

Why there 's no parity O cloud just tell? 
In my village, why is there no rain spell? 

तमाम नाख़ुदा साहिल से दूर हो जाएँ 
समुंदरों से अकेले में बात करनी है 

All boatmen! Keep distance from the shore. 
Alone, I have to talk with seas to the core. 

इक तिरा हिज्र दाइमी है मुझे 
वर्ना हर चीज़ आरज़ी है मुझे 

Only your departure will last. 
All the others will perish fast

मैं जंगलों की तरफ़ चल पड़ा हूँ छोड़ के घर 
ये क्या कि घर की उदासी भी साथ हो गई है 

I am heading towards forests, leaving home. 
Why is it that companion is sadness of home? 

मैं जिस के साथ कई दिन गुज़ार आया हूँ 
वो मेरे साथ बसर रात क्यूँ नहीं करता 

One with whom I have passed so many days. 
Why can't she spend a night in my ways
 
पेड़ मुझे हसरत से देखा करते थे 
मैं जंगल में पानी लाया करता था 

Trees had longed to see me again. 
I used to bring water in forest terrain. 

मैं सुख़न में हूँ उस जगह कि जहाँ 
साँस लेना भी शाइरी है मुझे 

In poetry, I have reached such 
a place. 
Even taking breaths is a poem in space
 
इस लिए रौशनी में ठंडक है 
कुछ चराग़ों को नम किया गया है 

That's why in the light, there's chill. 
Some lamps have been left to chill. 
 
सहरा से हो के बाग़ में आया हूँ सैर को 
हाथों में फूल हैं मिरे पाँव में रेत है 

From desert, I am visiting the garden terrains. 
There are flowers in hand, on feet sand grains. 
 
आसमाँ और ज़मीं की वुसअत देख 
मैं इधर भी हूँ और उधर भी हूँ 

Look at the stretch of earth and sky. 
I am  here, as well as there so high. 
 
तुझ को पाने में मसअला ये है 
तुझ को खोने के वसवसे रहेंगे 

There's a problem to meet, on my part.
Many whims will be there when we part. 
 
नींद ऐसी कि रात कम पड़ जाए 
ख़्वाब ऐसा कि मुँह खुला रह जाए 

Night is short for sleep, it seems.
 Mouth keeps open, such are dreams. 

मेरी नक़लें उतारने लगा है 
आईने का बताओ क्या किया जाए 

It has started simulating me. 
What to do with the mirror, tell me

क्या मुझ से भी अज़ीज़ है तुम को दिए की लौ 
फिर तो मेरा मज़ार बने और दिया जले 

Do you hold dearer than me, the lamp flame? 
Then let there be my tomb, you set lamps aflame
 
मिरे हाथों से लग कर फूल मिट्टी हो रहे हैं 
मिरी आँखों से दरिया देखना सहरा लगेगा 

Touching my hand, flowers are turning to dust.
Look by my eyes, river 'll be a desert, trust. 
 
मुझ पे कितने सानहे गुज़रे पर इन आँखों को क्या 
मेरा दुख ये है कि मेरा हम-सफ़र रोता न था 

Many calamities struck me but what about the eyes? 
My only grief is that my traveling mate never cries. 




 
 
 

Tuesday 18 October 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +12 COUPLETS

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में 
कि हज़ारों सज्दे तड़प रहे हैं मिरी जबीन-ए-नियाज़ में..... इक़बाल..... 


तड़प कर मैं ने तौबा तोड़ डाली 
तिरी रहमत पे इल्ज़ाम आ रहा था 
..... अब्दुल हमीद अदम..... 

तड़प तड़प के तमन्ना में करवटें बदलीं 
न पाया दिल ने हमारे क़रार सारी रात 
..... इमदाद इमाम असर..... 

ख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती है 
तड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है..... शाद अज़ीमाबादी..... 

की है उस्ताद-ए-ग़ज़ल ने ये रुबाई मौज़ूँ
चार उंसुर से खुले मानी-ए-पिन्हा हम को
..... शाह नसीर..... elements

जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ 
दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो 
..... लाला माधव राम जौहर..... 

मोहब्बत सुल्ह भी पैकार भी है 
ये शाख़-ए-गुल भी है तलवार भी है 
..... जिगर मुरादाबादी..... 

ज़माना हो गया ख़ुद से मुझे लड़ते-झगड़ते 
मैं अपने आप से अब सुल्ह करना चाहता हूँ..... इफ़्तिख़ार आरिफ़..... 
बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था 
बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया 
..... साहिर लुधियानवी..... 

मुझे पता है कि बर्बाद हो चुका हूँ मैं 
तू मेरा सोग मना मुझ को सोगवार न कर 
..... अंजुम सलीमी..... 

मैं अपने शहर से मायूस हो के लौट आया 
पुराने सोग बसे थे नए मकानों में 
..... साक़ी फ़ारूक़ी..... 
अगर मौजें डुबो देतीं तो कुछ तस्कीन हो जाती 
किनारों ने डुबोया है मुझे इस बात का ग़म है..... दिवाकर राही..... 

मुसाफ़िर अपनी मंज़िल पर पहुँच कर चैन पाते हैं 
वो मौजें सर पटकती हैं जिन्हें साहिल नहीं मिलता..... मख़्मूर देहलवी..... 

मुज़्तरिब हैं मौजें क्यूँ उठ रहे हैं तूफ़ाँ क्यूँ 
क्या किसी सफ़ीने को आरज़ू-ए-साहिल है..... अमीर क़ज़लबाश..... 

नाख़ुदा मौजों की इस नर्म-ख़िरामी पे न जा
यही मौजें तो बदल जाती हैं तूफ़ानों में 
श..... सैयद नवाब अफ़सर लखनवी..... 



पलटने वाले परिंदों पे बद-हवासी है
मैं इस ज़मीं का कहीं आख़िरी शजर तो नहीं..... अब्बास क़मर..... 

Agitated are the birds on their return. 
Am I the last tree on earth in turn? 

वो मन गए तो वस्ल का होगा मज़ा नसीब 
दिल की गिरह के साथ खुलेगा मिरा नसीब..... हसन बरेलवी..... 

If she agrees, the pleasure of meeting 'll be in fate. 
As the heart knots open, will also open my fate. 

CHOSEN COUPLETS

मिलाते हो उसी को ख़ाक में जो दिल से मिलता है
मिरी जाँ चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है
- दाग़ देहलवी 

One who heartily meets, you grind him to dust. 
My love! It's difficult to get a lover first. 

भुलाई नहीं जा सकेंगी ये बातें
तुम्हें याद आएँगे हम याद रखना
- हफ़ीज़ जालंधरी 

Will not be able to forget these talks. 
You will remember me in all walks. 

तेरे ख़त आज मैं दरिया में बहा आया हूँ 
आग बहते हुए पानी में लगा आया हूँ 

I threw your letters in river to admire. 
Today I set flowing water on fire. 

आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैर
जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे
- अहमद फ़राज़ 

Today one more year was over in her absense. 
The worlds used to be mine in whose presence. 

उस ने वा'दा किया है आने का
रंग देखो ग़रीब ख़ाने का
- जोश मलीहाबादी

She has promised to arrive. 
My home has coloured attire. 

सूरमा जिस के किनारों से पलट आते हैं
मैं ने कश्ती को उतारा है उसी पानी में 
- सरवत हुसैन 

From whose shores, knights choose to return. 
I have sailed my boat in such waters in turn. 


दिल वो है कि फ़रियाद से लबरेज़ है हर वक़्त
हम वो हैं कि कुछ मुँह से निकलने नहीं देते 
- अकबर इलाहाबादी 

Heart is full of demands every time.
 I don't let a word to escape in prime. 

मुश्किल बहुत पड़ेगी बराबर की चोट है
आईना देखिएगा ज़रा देख-भाल के  
- अमीर मीनाई 

It's going to be hard, you are at par. 
Look into mirror with care from far. 

ये माना ज़िंदगी है चार दिन की
बहुत होते हैं यारो चार दिन भी 
- फ़िराक़ गोरखपुरी

It's agreed, life lasts just four days.
 Enough are chums, these four days. 

'मुनीर' इस ख़ूबसूरत ज़िंदगी को
हमेशा एक सा होना नहीं है 
- मुनीर नियाज़ी 

'Muneer'! For the lovely life to be. 
Always similar, it can not be. 

माना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके
कुछ ख़ार कम तो कर गए गुज़रे जिधर से हम 
- साहिर लुधियानवी

Agreed, that this garden, I couldn't with flowers adorn. 
The passages I  passed through,} were short of thorn. 

ग़ैरत मरी तो वाक़ई के इंसान मर गया 
जीने की सिर्फ रस्म निभाए हुए हैं लोग 
..... अदम गोंडवी..... 

Losing self respect, really a man is dead.
Only a custom of living is all that's led. 

Monday 17 October 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 + 15 COUPLETS

आप ने तस्वीर भेजी मैं ने देखी ग़ौर से 
हर अदा अच्छी ख़मोशी की अदा अच्छी नहीं..... जलील मानिकपुरी..... 

You sent your portrait, I saw it with care. 
All styles are good, but silence isn't fair. 

उस की आँखों को ग़ौर से देखो 
मंदिरों में चराग़ जलते हैं 
..... बशीर बद्र..... 

Look at her eyes, with care. 
Temple lamps are alit there. 

कोई भूला हुआ चेहरा नज़र आए शायद 
आईना ग़ौर से तू ने कभी देखा ही नहीं 
..... शकेब जलाली..... 

May be a forgotten face, somewhere you can trace. 
You never saw with care, 
mirrors are not to stare. 

क्या ग़ौर से ऐ जान-ए-जहाँ देख रहे हो
तुम सा कोई आईने के अंदर तो नहीं है 
..... क़वी अमरोहवी..... 

O love ! What's it that you are looking with care? 
Is someone like you, inside 
the mirror there? 

देखा है किस निगाह से तूने भी सितम-ज़रीफ़
महसूस हो रहा है मैं ग़र्क-ए-शराब हूँ 
..... अब्दुल हमीद अदम..... 

O tyrant! What a look is cast 
by you? 
It looks that I am drowned in wine too. 

रुलाएगी मिरी याद उन को मुद्दतों साहब 
करेंगे बज़्म में महसूस जब कमी मेरी 
..... ज़ौक़..... 

My memory will make her cry, for long on the sly. 
In gathering, she will feel, my absence above appeal. 

सामने माँ के जो होता हूँ तो अल्लाह अल्लाह 
मुझ को महसूस ये होता है कि बच्चा हूँ अभी 
..... महफ़ूज़ उर रहमान आदिल.....

O God !  When with the mother, I confront. 
I am but a kid, the feeling comes upfront 

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ 
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया..... साहिर लुधियानवी..... 

Where there is no difference between pleasure 'n pain. 
I have brought my heart there over and again. 

अपने अतवार में कितना बड़ा शातिर होगा
ज़िन्दगी तुझ से कभी जिसने शिकायत नहीं की..... ज़फ़र गोरखपुरी..... 

How smart he must be, in his style? 
O life, no regret about you in a while. 

मैं बिस्तर-ए-ख़याल पे लेटा हूँ उस के पास 
सुब्ह-ए-अज़ल से कोई तक़ाज़ा किए बग़ैर..... जौन एलिया..... 

I am asleep with her on a bed of thought form. 
From eternal morn',nothing to expect is norm. 

मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद 
उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई 
..... मजाज़ लखनवी..... 

My desire is, she should raise her veil. 
While she waits for a request 
to sail. 

किस की है ये तस्वीर जो बनती नहीं मुझ से 
मैं किस का तक़ाज़ा हूँ कि पूरा नहीं होता 
..... फ़रहत अहसास..... 

Whose is this sketch that I can't exactly etch. 
What one expects from me,
 not up to stretch. 

अतवार उस के देख के आता नहीं यक़ीं 
इंसाँ सुना गया है कि आफ़ाक़ में रहा 
..... एजाज़ गुल..... 

Looking at his means, it's hard to believe. 
From very hard times, he had to retrieve.

इश्क़ को हुस्न के अतवार से क्या निस्बत है 
वो हमें भूल गए हम तो उन्हें याद करें 
..... अबु मोहम्मद सहर..... 

What's love to do with the status of beauty? 
She forgot me but remembering her is a duty. 

काम आई कोहकन की मशक़्क़त न इश्क़ में 
पत्थर से जू-ए-शीर के लाने ने क्या किया
..... सौदा..... 

Stone cutter's hard work, in love did not work. 
Through stones a stream, did
 it fulfill his dream? 

अपने होने का कुछ एहसास न होने से हुआ 
ख़ुद से मिलना मिरा इक शख़्स के खोने से हुआ..... मुसव्विर सब्ज़वारी..... 

Feeling myself was on being undone
I met myself after losing some one,

वो अक्स बन के मिरी चश्म-ए-तर में रहता है
अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है 
..... बिस्मिल साबरी.....

He lives as a shadow, in 
my own wet eyes.
He lives in waterhouse,
 strange not lies.

ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने 
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला..... बशीर बद्र..... 

From this vast universe of great Lord ! 
I asked for a person, He did
not reward. 






SEEMAA GHAZAL... COUPLETS

ख़ुद अपने-आप से मिलने की ख़ातिर 
अभी कोसों मुझे चलना पड़ेगा 

 
एक आवाज़ मैं ने सुनी थी अभी
 कौन बोला था ये तो ख़बर ही नहीं 

ये तअल्लुक़ ज़रूरी है किस ने कहा
 वो भी ख़ामोश था मैं भी ख़ामोश थी 

 
मैं ने कहा था मुझ को अँधेरे का ख़ौफ़ है 
उस ने ये सुन के आज मिरा घर जला दिया 

 
मुझ को उस के नहीं ख़ुद मेरे हवाले करते 
कम से कम ये तो मिरे चाहने वाले करते 

 
ऐसे कुछ हादसे भी गुज़रे हैं 
जिन पे मैं आज तक नहीं रोई 

 
जज़्बों पर जब बर्फ़ जमे तो जीना मुश्किल होता है 
दिल के आतिश-दान में थोड़ी आग जलानी पड़ती है 

 
बे-क़रारी से मिरे पास वो आया लेकिन 
उस ने पूछा भी तो बस ये कि फुलाँ कैसा है


मैं एक रोज़ उसे ढूँड कर तो ले आऊँ 
वो अपनी ज़ात से बाहर कहीं मिले तो सही 

 
सर्द होते हुए वजूद में बस 
कुछ नहीं था अलाव आँखें थीं

इस को आदत न तुम बना लेना 
वो तुम्हें छोड़ भी तो सकता है 

एक नश्शा है ये मोहब्बत भी 
जो बदन तोड़ भी तो सकता है

हमारे सानिहे हम को सुना रहे क्यूँ हो 
तुम इतना बोझ भी दिल पर उठा रहे क्यूँ हो 

तुम्हारी छाँव में बैठे उठा दिया तुम ने 
फिर अब पुकार के वापस बुला रहे क्यूँ हो 

जो बात सब से छुपाई थी उम्र भर हम ने 
वो बात सारे जहाँ को बता रहे क्यूँ हो 

जब एक पल भी गुज़रना मुहाल होता है 
फिर इतनी देर भी हम से जुदा रहे क्यूँ हो 

तुम्हारी आँख में आँसू दिखाई देते हैं 
तुम इतनी ज़ोर से हँस के छुपा रहे क्यूँ हो 

जो कर लिया है जुदाई का फ़ैसला तुम ने 
तो ये फ़ुज़ूल बहाने बना रहे क्यूँ हो

न जाने किस लिए आँखों में आ गए आँसू 
ज़रा सी बात को इतना बढ़ा रहे क्यूँ हो

Sunday 16 October 2022

बशीर बद्र केअश'आर... क्यों हवेली के उजड़ने का मुझे अफ़सोस हो...59

क्यों हवेली के उजड़ने का मुझे अफ़सोस हो? 
सैकड़ों बेघर परिन्दों के ठिकाने हो गए ।
..
Why should I feel bad about mansion, deserted, bare?
 Hundreds of those homeless birds are  nesting there..

ख़ुद उसके बाप ने पहचान कर न पहचाना
वो लड़की पिछले फ़सादात में जो खोई थी

Her father recognized but refused to admit. 
That girl was lost in last riots 'n that was it. 




ख़ुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैंने। 
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला। 

From this vast universe of great Lord ! 
I asked for a person, He did 
not reward ! 

सियासत की अपनी अलग इक ज़बाँ है। 
लिखा हो जो इक़रार इंकार पढ़ना। 

Language of politics is separate, you know. 
If written in affirmative , read it no. 

उस की आँखों को ग़ौर से देखो ।
मंदिरों में चराग़ जलते हैं। 

Look at her eyes, with care.
Temple lamps are alit there. 

उसकी रहमत ने मिरे बच्चे के माथे पर लिखा। 
इस परिन्दे के परों पर आसमाँ सजदा करे। 

On my babe's forehead, was written by Grace. 
On wings of this bird, let sky lower face.  

अजीब आग है हमदर्दियों के मौसम की। 
ग़रीब बस्तियाँ बरसात ही में जलती हैं। 

Weather of wellwishes has a season so strange! 
In rains, hutments of poor come in fire range. 

न उदास हो न मलाल कर, किसी बात का न ख़याल कर।
कई साल बाद मिले हैं हम, तिरे नाम आज की शाम है। 

  Don't be sad or be aggrieved, don't you care what's in game. 
We have met after several years, this evening is in your name. 

दुनिया भर के शहरों का कल्चर यकसाँ। 
आबादी, तन्हाई बनती जाती है। 

World city culture has one trace. 
Populace is solitude in it's face. 

मैं शीशे के घर में पत्थर की मछली। 
दरिया की ख़ुशबू मुझमें क्यों आती है ? 

I am a stone fish in glass case
Why does fragrance of river grace ? 

पत्थर बदला पानी बदला बदला क्या। 
इंसाँ तो जज़्बाती था जज़्बाती है। 

Stone 'n water changed, but so what ?. 
Emotional human, retains his place. 

काग़ज़ की कश्ती जुगनू झिलमिल झिलमिल। 
शोहरत क्या है इक दरिया बरसाती है। 

Glow-worms, glitter in paper boat. 
Fame is a stream at rainy pace. 

मैं दुनिया की हद से बाहर रहता हूँ।
 घर मेरा छोटा है लेकिन ज़ाती है। 

I live outside bonds of world 
Home is small, but it's my place. 

पत्थर मुझे कहता है मिरा चाहने वाला। 
मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा। 

He calls me a stone, he who loved me. 
I am wax, he has not just touched me. 

मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ रहती है। 
कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता। 

Love is a fragrance that always stays. 
No man is alone even in lonely ways. 

आँसुओं में धुली ख़ुशी की तरह।
रिश्ते होते हैं शायरी की तरह। 

Washed with tears, a pleasure spike
Relations and poetry are just alike. 

आओ जानाँ ! बादलों के साथ साथ। 
धूप जाती है कहाँ पीछा करें। 

Come O love ! With clouds we go. 
Let us follow where does sunlight go ? 

वही पढ़ने लिखने का शौक़ था वही पढ़ने लिखने का शौक़ है। 
तेरा नाम लिखना किताब पर तिरा नाम पढ़ना किताब में । 

Hobby was reading and writing, my hobby is still the same. 
I write your name on book, from book I read your name. 

एक मुट्ठी ख़ाक थे हम एक मुट्ठी ख़ाक हैं। 
उसकी मर्ज़ी है हमें सहरा करे दरिया करे।

We were a fistful of dust, we are a fistful of dust. 
As per his wish, in desert or river, He can adjust. 

 
तू जानता नहीं मिरी चाहत अजीब है। 
मुझ को मना रहा है कभी ख़ुद ख़फ़ा भी हो। 

You do not know that my liking is strange.
 You are coaxing me, get in angry range. 

उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं।
 ये मोतियों की तरह सीपियों में पलते हैं। 

From sad eyes, the tears do not flow. 
In oysters, just like pearls these grow...

. उसकी आँखें मुझे मीरा का भजन लगती हैं। 
पलकें झपकाए तो लोबान की ख़ुशबू आए।।..

. To me her eyes are like Meera's hymns. 
Frankincense spreads when she blinks at times...

मैं चाहता हूं कि तुम ही मुझे इजाज़त दो। 
तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे। 

I so wish that now you should allow.
One like you may embrace me now.

मैंने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी। कोई आहट न हो जब दर पे मेरे तू आए।

Day and night before God, I had prayed.
No footstep be on door, while you stayed.

ये एक पेड़ है आ इस से लग के रोलें हम।
यहाँ से तेरे मेरे रास्ते बदलते हैं। 

Let's cling to this tree and cry for a start. 
From here our paths are going to part. 

दिल की बस्ती भी शहर- ए- दिल्ली है। 
जो भी गुज़रा है उसने लूटा है। 

The city of my heart and Delhi are akin. 
Whoever has passed through looted within. 

सुलगती रेत के सीने को जिस ने चूमा था। वो क़तरा अपने कलेजे में आग रखता था

The drop that had kissed hot sand.
 Had love fire in heart to disband. 

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा 
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा ।
Don't bend before it, this stone 'll become an idol. 
Don't like her so much, she' ll become disloyal. 

हमारा दिल सवेरे का सुनहरा जाम हो जाए। 
चिराग़ोंं की तरह आँखें जलें जब शाम हो जाए।

Let my heart as morning golden cup show. 
With evening, like lamps let the eyes glow. 

शराब ए ग़म सभी पी कर नहीं संजीदा रह सकते। 
कहीं ऐसा न हो यह शग़्ल भी बदनाम हो जाए।

With sorrow, all can not hold their drink. 
For the habit, let not a bad name grow.

बड़े लोगों से मिलते वक़्त थोड़ा फ़ासला रखना। 
जहाँ दरिया समंदर से मिले दरिया नहीं रहता। 

It's wise to keep distance when big people one meets.
River doesn't remain river, when with ocean it meets.

सन्नाटे आए दर्जों में झाँका चले गए।
गर्मी की छुट्टियां थी वहाँ कोई भी न था। 

Silence came, peeped in rooms and went on. 
There was summer vacation and all had gone. 

कोई काग़ज़ न था लिफ़ाफ़े में। 
सिर्फ़ तितली का एक पर निकला। 

 In envelope, there was no paper to kling. 
It just contained a butterfly wing. 

पूछा बहुत जो हम ने किस ओर कब मिलेंगे। 
चुटकी में रेत लेकर उसने उड़ा दिया है। 

 Being asked about next meet, when and where?
She picked a pinch of dust and let go in air. 

मुझ को शाम बता देती है। 
तुम कैसे कपड़े पहने हो। 

To me just evenings spell.  Which dress bears your smell. 

नज़्म ग़ज़ल अफ़साना गीत, एक तेरा ही ग़म था जिस को हम ने। 
कैसा कैसा नाम दिया है, कैसे-कैसे बाँट दिया है।

Poem, ghazal, story, song were facets of your grief O pal !
The way I have comparted these, the way I have named all

  वो जैसे ही दाख़िल हो सीने से मिरे लग कर।
तुम कोट की कालर में एक फूल लगा देना

When she enters the room, to me fondly embrace. 
On the collar of my coat, a flower you place.

फूल सी उँगलियाँ कंघियाँ बन गईं।
उलझे बालों से माथा ढका देख कर। 

Flowery fingers became combs instead.
On finding tangled hair on the head. 

अब हुई दास्ताँ रक़म बाबा। 
उँगलियाँ हो गईं क़लम बाबा।

This tale I could pen grandpa. 
My fingers are my pen grandpa.

शावर के नीचे घुलती जाती है शाम। 
मेरी आँखों पर इक टावल लिपटी है। 

Dissolving under the shower is evening.
Up on my eyes is a towel covering.

रात की तन्हाइयों को सोच कर। 
चाय की दो प्यालियाँ हँसने लगीं। 

Thinking about solitude of night. 
Two tea cups laughed with delight.

कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से ।
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो ।

None 'll even shake hands, if fondly you embrace.
Keep distance when you meet, this city has it's grace.

ये सोच लो अब आख़िरी साया है मोहब्बत। 
इस दर से उठोगे तो कोई दर न मिलेगा। 

Last shade is love you know, think it once more. 
No other door will be there, if you leave this door. 

आँसू को कभी ओस का क़तरा न समझना। 
ऐसा तुम्हें चाहत का समंदर न मिलेगा। 

 Do not ever think that your tear is a drop of dew. 
You 'll never find, such ocean of passion on roar. 

गुलों पे लिखती हुई ला-इलाहा-इल-अल्लाह ।
पहाड़ियों से उतरती अज़ान की ख़ुशबू ।

Writing on the flowers only God is prayer's worth. 
Sliding down hills is Azaan's fragrance, it's mirth. 

इमारतों की बुलंदी का कोई मौसम क्या 
कहाँ से आ गई कच्चे मकान की ख़ुशबू 

Is there any weather for buildings on high rise ? 
Where from did fragrance of mud house take birth? 

घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे। 
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला। 
There were names and designation on each home. 
I could not find a man, a lot did I roam. 

  तेरे और मेरे प्यार में अक्सर, लाखों जज़्बात मुश्तरिक हैं मगर। 
धूप कितनी भी मेहरबाँ हो जाए ये कभी चाँदनी नहीं होती। 

In your love 'n my love, mixed feelings are over and above. 
Sunlight may be pleasant to feel, moonlight is a different deal. 

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो ।
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाए। 

Let the glow of your memories be ever with me. 
Who knows, which lane will eve' of life see. 

आँसुओं से मिरी हथेली पर। 
कौन पढ़ता कि उस ने लिक्खा क्या ? 

By tears on my palm, a quote. 
Who could read, what she wrote ? 

पंखड़ी पंखड़ी सलाम-ओ-पयाम।
फूल भी है कोई लिफ़ाफ़ा क्या ? 

 Petal by petal message, salute. 
Is flower envelope of some cute ? 

आत्मा बे-ज़बान मैना है। 
और माटी का तन क़फ़स की तरह। 

Soul is a tongue-less blackbird. 
That soil body in prison keeps covered. 

वो मोहब्बत की तरह पिघलेगी। 
मैं भी मर जाऊँगा हवस की तरह। 

As love, she 'll melt, a must. 
I ' ll also die, like lust. 

घड़ी दो घड़ी मुझ को पलकों पे रख। 
यहाँ आते आते ज़माने लगे। 

Keep me on eyelashes for sometime. 
Reaching here took so long a time. 

अब किसे चाहें किसे ढूँढा करें। 
वो भी आख़िर मिल गया अब क्या करें ? 

Whom to like, whom to search now ? 
She is mine, where to perch now ? 

ये पत्थरों की तरह क्यों उदास रहता है। 
मुझे यक़ीन है दिल इसका आईना होगा। 

Why does he remain sad as a stone. 
I am sure, his heart is in mirror zone. 

उन से ज़रूर मिलना सलीक़े के लोग हैं। 
सर भी क़लम करेंगे बड़े अहतराम से। 

You must meet them they are well mannered men. 
Even chopping head, they maintain how 'n when. 

 मेरे होटों के फूल सूख गए। 
तुम ने क्या मुझसे बेवफ़ाई की ?  

 Dried out are the flowers of my lips. 
Has your faith for me shattered to chips ? 

दिल कभी रेत का साहिल नहीं होने देते
हम ने महफ़ूज़ वो क़दमों के निशाँ रखे हैं। 
I don't allow heart to be a sandy shore. 
Her foot prints, I have kept in store. 

ये हँसी भी कोई नक़ाब है जहाँ चाहा हमने गिरा लिया। 
कभी उसका दर्द छुपा गए कभी अपना दर्द छुपा गए। 

Is smile also a veil which can be dropped now and then. 
At times concealing his pain, at times mine from all men. 

मिरे दिल में दर्द के पेड़ हैं यहाँ कोई ख़ौफ़-ए-ख़िज़ाँ नहीं। 
ये दरख़्त कितने अजीब थे सभी मौसमों में हरे रहे। 

In my heart are trees of grief, no fear of autumn even if brief. 
How strange are these trees, green in all weather breeze. 

 मैं चाहता हूँ ये दुनिया वो चाहता है मुझे। 
ये मसअला बड़ा नाज़ुक है कोई हल लिख दे। 

I want the whole world, he wants only me. 
It's a delicate matter, no solution I can see. 

मैं एक लम्हे में दुनिया समेट सकता हूँ। 
तू कब मिलेगा अकेले में एक पल लिख दे

I can confine the entire world within one moment. 
Just tell me when 'll you meet alone for a moment. 

कोई पत्थर नहीं हूँ कि जिस शक्ल में मुझको चाहो बनाया बिगाड़ा करो। 
भूल जाने की कोशिश तो कई थी मगर याद तुम आ गए भूलते भूलते। 

 I am not a stone that you can, carve in the shape of any man.
To forget you I made an honest try, came back in memory, don't know why. 

मिरे लबों पे कोई बूँद टपकी आँसू की। 
ये क़तरा काफ़ी था जलते हुए मकाँ के लिए। 
 
Tear dropped on my lips from cheeky trough. 
For a burning house, one drop was enough.

एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिला। 
जाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं। 

Being faithful to one woman, this gift is what I got. 
With me  are curses of those, who could make it not. 

वो जिन के ज़िक्र से रगों में दौड़ती थी बिजलियाँ। 
उन्हीं का हाथ हमने छूके देखा कितना सर्द था। 

With her mention, in my veins would run sparks bold. 
Touching her hand with my own, found it was so cold.