Tuesday 28 September 2021

GHAZAL.. ABDUL HAMIID ADAM.. JAB TIRE NAIN MUSKURATE HAIN....

जब तिरे नैन मुस्कुराते हैं।
ज़ीस्त के रंज भूल जाते हैं। 

When  ever your eyes smile.
Life pain is gone for a while.

क्यूँ शिकन डालते हो माथे पर। 
भूल कर आ गए हैं, जाते हैं।

Why wrinkle your forehead ?
I 'm leaving, mis-stepped awhile.

कश्तियाँ यूँ भी डूब जाती हैं। 
ना-ख़ुदा किस लिए डराते हैं ? 

Why instil fear boatman ? 
Ships just sink in a while. 

इक हसीं आँख के इशारे पर। 
क़ाफ़िले राह भूल जाते हैं। 

Caravans lose their tracks. 
With venomous wink in style. 

Monday 27 September 2021

REKHTA : TODAY'S 5 COUPLETS

तिरा वस्ल है मुझे बे-ख़ुदी, तिरा हिज्र है मुझे आगही।
तिरा वस्ल मुझ को फ़िराक़ है, तिरा हिज्र
मुझ को विसाल है।... जलालुद्दीन अकबर

Ecstatic while meeting you, I 'm aware when you are away.
Your union is losing the self and separation a meeting day.

उस के दुश्मन हैं बहुत, आदमी अच्छा होगा।
वो भी मेरी ही तरह दश्त में तन्हा होगा। 
........ निदा फ़ाज़ली.......

As he has many enemies, he should be a good man. 
Alone like ne in this jungle, so should be that man.

 मुस्कुराते हुए मिलता हूँ किसी से जो 'ज़फ़र'।
साफ़ पहचान लिया जाता हूँ, रोया हूँ मैं।
....... ज़फ़र इक़बाल........

O 'Zafar' when I meet someone  with a smile.
It's clear to him, I have wept for a while. 

ऐसा तिरे फ़िराक़ में बीमार हो गया। 
मैं चारागर की जान को आज़ार हो गया।
...... तस्वीर देहलवी.......

I was sick in your absence, by weeping a lot. 
For the doctor I became one trouble spot. 

लफ़्ज़ की क़ैद से रिहा हो जा। 
आ मिरी आँख से अदा हो जा। 
..... तौक़ीर अली.....

Released from bond of time, be your own. 
Come through my eyes, pay off the loan. 

Friday 24 September 2021

TODAY 'S 5 COUPLETS

उस से पूछे कोई चाहत के मज़े।
जिस ने चाहा और जो चाहा गया। 
...... अख़्तर अंसारी.....

Ask that person the pleasures of desire. 
One who loved and was loved entire. 

उमीद का ये रंग है हुजूम-ए-रंज-ओ-यास में।
कि जिस तरह कोई हसीं हो मातमी लिबास में।... बेख़ुदी मोहानी....

Grief 'n dejection colour my hope game.
As mourning dress covers a lovely dame. 

हमें हर वक़्त ये अहसास दामन-गीर रहता है।
पड़े हैं ढेर सारे काम और मोहलत ज़रा-सी है।...... . ख़ुर्शीद तलब......

This feeling is attached to me every time. 
There's a lot of work to do in so little time. 

रूह अरबाब-ए-मोहब्बत की लरज़ जाती है।
तू पशेमान न हो, अपनी जफ़ा याद न कर।...... फ़ानी बदायूनी.......

Souls of those who are in love get spun. 
Don't be ashamed of the tyranny done.

वो थे जवाब के साहिल पे मुंतज़िर लेकिन। 
समय की नाव में मेरा सवाल डूब गया। 
......... बेकल उत्साही.....
 On shore of reply, she was waiting profound. 
On boat of time, my question got drowned. 

Thursday 23 September 2021

19COUPLETS

अजब नेमत है सोज़-ए-इश्क़ भी जिस को मयस्सर हो।
न जल सकता है जो दिल वो जला देने के क़ाबिल है।.... वहशत कलकतवी....

Strange thing is love heat, a few are blessed with the feat.
A heart without that fire, is worth being burnt in pyre.

मौत माँगूँ तो रहे आरज़ू-ए-ख़्वाब मुझे।
डूबने जाऊँ तो दरिया मिले पायाब मुझे। 
...... आतिश लखनवी......

If I ask for death, there's desire of deep sleep.
If I want to drown, find  river just foot deep. 

मेरे बख़्त हैं वो रू-कश, कि वो दे जो वादा-ए-शब। 
तो पहुँच के ता-ब-मग़रिब, फिरे आफ़ताब उल्टा।....... जुरअत........ 

So much against is my fate, if my lover gives night date. 
Then reaching west the sun, 'll start getting back, to shun. 

जमा करते हो क्यूँ रक़ीबों को ? 
इक तमाशा हुआ, गिला न हुआ। 
....... असद-उल्ला ख़ाँ ग़ालिब...... 

Why do you call every foe ? 
It's no reproach, some show ! 

जल गया दिल अपनी आहों के शरर में ऐ जुनूँ। 
यक-ब-यक शोला सा भड़का और भड़क कर रह गया।
...रज़िया ख़ातून जमीलाअज़ीमाबादी..

My heart got burnt in sigh, ember heat was so high. 
Suddenly got ignited a flame, 'n nothing was left to name. 

मिस्ल-ए-नय हर उस्तुख़ाँ में दर्द की आवाज़ है। 
कुछ नहीं मालूम यारब, सोज़ है या साज़ है।..... मीर सोज़...... 

There's an echo of grief sound in each and every flute. 
Whether it's a burn or musical turn, in unknown pursuit. 

फ़राग़-ए-रोज़-ए-मसर्रत के ढूँढने वाले। 
शबों को मरहम-ए-सोज़-ओ-गुदाज़ करता जा।.... जोश मलीहाबादी...... 

You want to know the fate, of grief burns one can't state
With ointments and burn, acquaint each night in turn. 

कहते न थे 'मीर' मत कुढ़ा कर ! 
दिल हो गया न गुदाज़ तेरा !
.... ..मीर तक़ी मीर..... 

O 'Mir' I had told you not to grudge ! 
Heart candle burns or melts, you judge ! 

शम'अ की तरह कौन रो जाने। 
जिस के दिल को लगी हो सो जाने।      . ........... आशिक़........ 

None can weep like a candle inflamed. 
He only knows, whose heart is drained. 

ख़ुदा की देन है, जिस को नसीब हो जाए ।
हर एक दिल को ग़म-ए-जावेदाँ नहीं मिलता।..... असर सहबाई..... 

It's a gift of God, in rare one's fate ! 
Eternal pain isn't for each heart, mate ! 

दिल का क्या ज़िक्र तीरा-बख़्ती में। 
एक रात आई, एक रात गई।.. जिगर... 

In dark fate, why talk about 
day ? 
One night comes, other goes away. 

मिरी ज़िन्दगी पे न मुस्कुरा, मुझे ज़िन्दगी का अलम नहीं। 
जिसे तेरे ग़म से हो वास्ता, वो ख़िज़ाँ बहार से कम नहीं।.. शकील बदायूनी... 

Do not smile up on my life, I blame no grief on this life. 
One, well versed with your pain, autumn also is spring reign. 

शादमाँ था जो तेरे रंज-ओ-तरबकार से दिल। 
ग़म-ए-दुनिया से गिराँ-बार न होने पाया। 
...... हसरत मोहानी....... 

Heart that was happy with your pleasing pain. 
Didn't mind pain load of world, it's strain . 

सियह-बख़्ती में कब कोई किसी का साथ देता है ? 
कि तारिकी में साया भी जुदा होता है इंसाँ
से।...... नासिख़..... 

Does anyone join you in dark fate ? 
In dark your shadow , leaves you, mate. 

क़ैद-ए-हयात-ओ-बंद-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं। 
मौत से पहले आदमी ग़म से निजात पाए क्यूँ ?........ ग़ालिब........ 

Bonds of life 'n those of pain, are the notes of same strain. 
Why should bonds of pain collapse, before the time of life is lapse. 

ग़म भी गुज़श्तनी है, ख़ुशी भी गुज़श्तनी। 
कर ग़म को इख़्तियार कि गुज़रे तो ग़म न हो।...... फ़ानी बदायूनी........ 

Pleasure is to leave and so will go the pain. 
Be on side of pain, it's leaving is no strain. 

सर आँखों पर ग़म-ए-दुनिया ओ उक़बा। 
मगर अब दिल में गुंजाइश नहीं है। 
...... नातिक़ लखनवी...... 

With grief of world I'll hold head high,O Mentor of yonder sky ! 
But there's no space in my heart, so I can not play this part. 

न ख़िज़ाँ में है कोई तीरगी न बहार में कोई ताज़गी। 
ये नज़र नज़र के चिराग़ हैं कभी जल गए कभी बुझ गए। 

Autumn isn't all that dry, there is nothing fresh in spring. 
These are only lamps of vision, put on or put off something. 

वाइज़-ओ-साक़ी में ज़िद है, बादाकश चक्कर में है। 
तौबा लब पर लब डूबा हुआ साग़र में है। 

A tussle is in barmaid 'n priest, the drunkard is still in a fix. 
There is penitence on his lips, and lips dipped in drink mix





Tuesday 14 September 2021

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

रस्ते में मिल गया तो शरीक-ए-सफ़र न जान।
जो छाँव मेहरबाँ हो उसे अपना घर न मान।..... परवीन शाकिर.....

He isn't your mate, whom on the way you find.
Do not call it your home, if  shade feels kind. 

उस को नए सफ़र में नए हम-सफ़र के साथ।
जी ख़ुश हुआ है क्यों ये 'ज़िया देखते    हुए ?......' ज़िया' ज़मीर.....

Seeing him on a new journey, with a new mate. 
O'Zia' ! Why is your heart happy? Simply state. 

दश्त - ए-तन्हाई में जीने का सलीक़ा सीखिए।
ये शिकस्ता दाम-ओ-दर भी हम - सफर हो जाएँगे।... फ़ुज़ैल जाफ़री.... 

In desert of loneliness, learn skill to survive. 
Your weak better-half would love to strive. 

मिरी उम्मीद का सूरज कि तेरी आस का चाँद। 
दिए तमाम ही रुख़ पर हवा के रक्खे थे। 
...... ज़फ़र मुरादाबादी..... 

Sun of my hope, moon of your desire ! 
All lamps faced wind on our attire. 



Monday 13 September 2021

GHAZAL.. FAANI BADAYUNI.. NA IBTIDA KI KHABAR HAI NA INTIHA MAALOOM....

न इब्तिदा की ख़बर है न इंतिहा मा'लूम
रहा ये वहम कि हम हैं सो वो भी क्या   मा' लूम ? 

Neither are you aware of start, nor is end known. 
There's a doubt you exist, but is it really known ? 

तिरे ख़याल के असरार बे-ख़ुदी में खुले। 
हमीं छुपा न सके वर्ना दिल को क्या मा'लूम ? 

  The secret of your thoughts were out in frenzy. 
I could not hide or to heart, was it known ? 

फ़रेब- ए-अम्न  में कुछ मसलिहत तो है वर्ना। 
सुकून-ए-कश्ती औ' तौफ़ीक़-ए-ना-ख़ुदा 
मा'लूम।

There's some benefit even in deception of peace. 
To placid boat is the guidance of boatman known. 

ये ज़िन्दगी की है रूदाद-ए-मुख़्तसर 'फ़ानी' ।
वजूद-ए-दर्द मुसल्लम इलाज ना-मा'लूम। 

O' Faani' ! In short, it is the tale of life. 
Pain exists in toto, treatment is unknown. 




Friday 10 September 2021

गणेश.वंदना..रवि.मौन

गजानन गौरी पुत्र.गणेश।
रखें प्रभु.हम.पर.कृपा.हमेश।

मात.ने.तन का.मैल उतार।
एक.बालक.कीन्हा.तैयार।
मात.ने.डाली.उस.में.जान।
कहा,करना.है.मुझे. स्नान।.

कोई.भीतर न.आने.पाय।
दिया बालक को.यह.सिखलाय।
पार्वती.करने लगीं स्नान।
समय का रहा न कोई ध्यान।

गणों संग आए वहाँ महेश ।
जहाँ प्रहरी बन.खड़े.गणेश।
कहा,माता का है आदेश।
न कोई भीतर करे प्रवेश। 

गणों संग छिड़ा वहाँ पर युद्थ।
हुआ बालक भी.उन पर क्रुद्ध।
उठाकर फेंके उसने दूर। 
गणों का मद कर डाला चूर।

गणों को देख चाटते धूल।
हुए क्रोधित शिव लिया त्रिशूल।
काट डाला बालक का माथ ।
मात ने देखे क्रोधित नाथ। 

रक्त रंजित देखा तिरशूल।
शक्ति भी आपा अपना भूल।
किया निज रूपों का विस्तार।
गणों पर करने लगीं प्रहार।

कहा जीवित कीजे मम लाल।
आपने काटा जिस का भाल ।
कटे जो इस त्रिशूल सै शीश ।
न जुड़े कभी धड़ से, कहँ ईश। 

देव सब जुटे लगाया ध्यान।
शीश बालक का लाएँ आन।
मात का तो बालक संसार।
शीश हथिनी शिशु लिया उतार।

लगाया तब उस धड़ पर माथ।
हँसे ,तब बोले भोलेनाथ।
क्रोध को त्यागो ,जीवित लाल।
रखो बालक को अब संभाल।

गणों के अधिपति बने गणेश।
विघ्न सब दूर रखें विघ्नेश।
प्रथम पूजित देवों में कौन। 
सभी इच्छुक थे ,पर थे मौन।

परिक्रमा कर ब्रह्माण्ड.भरपूर।
लौट आए जो पहले शूर।
उसी का होगा यह अधिकार।
देव वाहन पर हुए सवार।

मातु पितु के चक्कर कर सात।
गणेश जी ने दी सब को मात।
बिना वाहन पर हुए सवार।
प्रथम पूजित का है अधिकार।

गणेश चतुर्थी आई आज।
मुदित हों हे गणेश महाराज।

श्लोक ः
वक्रतुंड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा।।

हिंदी रूपांतरण

टेढ़ी सूँड महाकाया है कोटि सूर्य सम करें प्रकाश।
कारज मम सम्पन्न करें सब औ' विघ्नों का करें विनाश।।
-----रवि 'मौन'----




Thursday 9 September 2021

BASHIR BADR. ...GHAZAL..

REKHTA:TODAY'S 5 COUPLETS

जिसे अंजाम तुम समझती हो।
इब्तिदा है किसी कहानी की। 
...... सर्वत हुसैन......

What you think is end of tale. 
It's just start of some tale.

हमें याद रखना हमें याद करना। 
अगर कोई ताज़ा सितम याद आए। 
......... हफ़ीज़ जालंधरी......

Remember me, keep me in mind. 
If there's tyranny of new kind. 

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम। 
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता। 
........ अकबर इलाहाबादी.......

Even for a sigh I get ill-fame.
For murder, no one  takes his name.

एक दिल है और तूफ़ान-ए-हवादिस ऐ 'जिगर' ।
एक शीशा है कि हर पत्थर से टकराता हूँ मैं। ...... जिगर मुरादाबादी.......

O 'Jigar'! Storm of misfortunes 'n my heart.
One glass facing stone from every part.

काँटों से दिल लगाओ जो ता-उम्र साथ दें। फूलों का क्या कि साँस की गर्मी न सह सकें।...... अख़्तर शीरानी.....

Love thorns that stay with you till death. 
Flowers can't bear even heat of breath. 

Translated by Ravi Maun 

Tuesday 7 September 2021

RAVI MAUN.. 2 .. COUPLETS

रुलाया कर न मुझ को ज़िन्दगी तू ।
मुझे जो चुप कराते, अब नहीं हैं ।

जलती चिता को देख कर आया मुझे ख़याल। 
ता-उम्र में जलता रहा होने को महज़ ख़ाक। 

Sunday 5 September 2021

GHAZAL.. KRISHNA BIHARI NOOR.. NAZAR MILA NA SAKE US SE IS NIGAAH KE BAAD....

नज़र  मिला न सके उस से इस निगाह के बाद। 
वही है हाल हमारा जो हो गुनाह के बाद।

I couldn't see her after that look within. 
My state is like it's after the sin. 

मैं कैसे और किसी सम्त मोड़ता ख़ुद को।
किसी की चाह न थी दिल में तेरी चाह के बाद। 

How could I turn any other way ? 
After liking you, none else could be akin. 

 हवस ने तोड़ दी बरसों की साधना मेरी। 
गुनाह क्या है ये जाना मगर गुनाह के बाद। 

Lust has burst my devotion of years. 
I know what's sin but after the sin. 

ज़मीर काँप ही जाता है आप कुछ भी कहें। 
वो हो गुनाह के पहले कि हो गुनाह के बाद। 

Conscience trembles whatever you say. 
Whether it's before or after the sin. 

कटी हुई थीं तनातें तमाम रिश्तों की। 
छुपाता सर मैं कहाँ तुझ से रस्म - ओ-राह के बाद। 

Where could I hide after contact with you? 
All cords were cut that joined with kin. 

गवाह चाह रहे थे वो बेगुनाही का। 
ज़ुबाँ से कह न सका कुछ ख़ुदा-गवाह के बाद। 

A proof of my innocence was her demand. 
I said God witness and then lowered the chin. 


Thursday 2 September 2021

ZAFAR IQBAL.. GHAZAL.. YE NARM NARM GHAAS YE PHOOLON BHARI ZAMEEN...

ये नर्म नर्म घास ये फूलों भरी ज़मीं।
इक दिन बहा था ख़ून का दरिया यहीं कहीं। 

The silk soft grass, this flower rich land. 
A stream of blood once swept this sand. 

किस को पता है टूट के पत्तों की टोलियाँ। उड़ती हवा के साथ किसे ढूँढने चलीं। 

In whose pursuit, do they whirl with wind. 
Who knows about falling leaves in a band ? 

किस जुस्तजू में जिस्म जलाते हैं रात भर।
सच पूछिए तो इस की हमें भी ख़बर नहीं। 
In search of what do they burn all night. 
To speak the truth, there's no knowledge in hand. 

चुपचाप तीरगी के नसीबों में खो गए। 
जिन की नज़र में जागती शम'एँ भी हेच थीं। 

In the reign of darkness, they silently slept. 
Whose eyes never rated burning candles grand.