Thursday 26 March 2015

UJAALE APNI YAADON KE.... BASHEER BADR.... 10 couplets.

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये ।

- बशीर बद्र

Let the glow of your memories be forever with me,
who knows which lane marks the eve' of life. 

न तुम होश में हो न हम होश में हैं। 
चलो मैकदे में वहीं बात होगी । 

Neither you nor I are in senses here . 
Let's go to the tavern and talk over there. 

अख़लाक़, वफ़ा, चाहत सब क़ीमती कपड़े हैं। 
हर रोज़ न पहना कर इन रेशमी शालों को। 
Costly clothes are morality, fidelity, desire.
Silk shawls are not for daily attire.

वो सब के सामने बाहों में आ के खो जाना फ़रिश्तों की सी ये मासूमियत हवस की नहीं ।
Gettng lost in my arms in presence of all. 
This angelic innocence is no lust call. 

ख़ुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैंने। 
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला ।

In this vast universe of yours o Lord!
I asked for one, but you stood guard. 

उस की आँखों को ग़ौर से देखो। 
मंदिरों में चिराग़ जलते हैं। 

Look at her eyes with care.
 In temples lamps burn 'n stare.

मैं घर से जब चला तो किवाड़ों कीओट में। 
नर्गिस के फूल चाँद की बाहों में छुप गए। 

When I was leaving home, just behind the door. 
Moon arms covered daffodil flowers once more. 

मैं इस ख़याल से उसकै क़रीब आया था। 
कि दूसरों की तरह वो भी बेवफ़ां होगा ।

I came near her with this thought in mind. 
Like others, she would be disloyal of a kind. 

आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है। 
बेवफ़ाई कभी कभी कर ली। 

In love, it's so much a need in prime. 
To be disloyal from time to time.

 कल न हो ये कि मकीनों को तरस जाए ये घर ।
दिल के आसेब का हर एक से चर्चा न करो ।

It may long to have an occupier at all. 
Don't tell about misery of heart to all. 

No comments:

Post a Comment