Saturday 20 May 2023

HAFIIZ HOSHIARPUR.. GHAZAL.. MOHABBAT KARNE WALE KAM N. HONGE.

मोहब्बत करने वाले कम न होंगे 
तिरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे 

Those who live, won't be less. 
But I won't be in that mess. 

मैं अक्सर सोचता हूँ फूल कब तक 
शरीक-ए-गिर्या-ए-शबनम न होंगे 

Often I think flowers till when. 
Won't join tearful dew stress. 

ज़रा देर-आश्ना चश्म-ए-करम है 
सितम ही इश्क़ में पैहम न होंगे 

Her bliss glance lasts short while. 
Tortures 'll constantly address. 

दिलों की उलझनें बढ़ती रहेंगी 
अगर कुछ मशवरे बाहम न होंगे 

Heart troubles will  be increasing.
If some matters won't address. 

ज़माने भर के ग़म या इक तिरा ग़म 
ये ग़म होगा तो कितने ग़म न होंगे 

Griefs of the lworld or only yours. 
With your grief, others won't press

कहूँ बेदर्द क्यूँ अहल-ए-जहाँ को 
वो मेरे हाल से महरम न होंगे 

If she is angry with me 
Why call the world pity less? 

हमारे दिल में सैल-ए-गिर्या होगा 
अगर बा-दीदा-ए-पुर-नम न होंगे 

It will be storm of wails in heart. 
But no teary eyes to impress. 

अगर तू इत्तिफ़ाक़न मिल भी जाए 
तिरी फ़ुर्क़त के सदमे कम न होंगे 

If by chance you be mine. 
Your parting grief won't be less. 

'हफ़ीज़' उन से मैं जितना बद-गुमाँ हूँ 
वो मुझ से उस क़दर बरहम न होंगे

'Hafiiz' I am so jealous of her. 
Probably her anger won't be less. 

MJAAZ LAKHNAVII.. GHAZAL... 


जुनून-ए-शौक़ अब भी कम नहीं है 

मगर वो आज भी बरहम नहीं है 

बहुत मुश्किल है दुनिया का सँवरना 

तिरी ज़ुल्फ़ों का पेच-ओ-ख़म नहीं है 

बहुत कुछ और भी है इस जहाँ में 

ये दुनिया महज़ ग़म ही ग़म नहीं है 

तक़ाज़े क्यूँ करूँ पैहम न साक़ी 

किसे याँ फ़िक्र-ए-बेश-ओ-कम नहीं है 

उधर मश्कूक है मेरी सदाक़त 

इधर भी बद-गुमानी कम नहीं है 

मिरी बर्बादियों का हम-नशीनो 

तुम्हें क्या ख़ुद मुझे भी ग़म नहीं है 

अभी बज़्म-ए-तरब से क्या उठूँ मैं 

अभी तो आँख भी पुर-नम नहीं है 

ब-ईं सैल-ए-ग़म ओ सैल-ए-हवादिस 

मिरा सर है कि अब भी ख़म नहीं है 

'मजाज़' इक बादा-कश तो है यक़ीनन 

जो हम सुनते थे वो आलम नहीं है
 

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