Monday 27 September 2021

REKHTA : TODAY'S 5 COUPLETS

तिरा वस्ल है मुझे बे-ख़ुदी, तिरा हिज्र है मुझे आगही।
तिरा वस्ल मुझ को फ़िराक़ है, तिरा हिज्र
मुझ को विसाल है।... जलालुद्दीन अकबर

Ecstatic while meeting you, I 'm aware when you are away.
Your union is losing the self and separation a meeting day.

उस के दुश्मन हैं बहुत, आदमी अच्छा होगा।
वो भी मेरी ही तरह दश्त में तन्हा होगा। 
........ निदा फ़ाज़ली.......

As he has many enemies, he should be a good man. 
Alone like ne in this jungle, so should be that man.

 मुस्कुराते हुए मिलता हूँ किसी से जो 'ज़फ़र'।
साफ़ पहचान लिया जाता हूँ, रोया हूँ मैं।
....... ज़फ़र इक़बाल........

O 'Zafar' when I meet someone  with a smile.
It's clear to him, I have wept for a while. 

ऐसा तिरे फ़िराक़ में बीमार हो गया। 
मैं चारागर की जान को आज़ार हो गया।
...... तस्वीर देहलवी.......

I was sick in your absence, by weeping a lot. 
For the doctor I became one trouble spot. 

लफ़्ज़ की क़ैद से रिहा हो जा। 
आ मिरी आँख से अदा हो जा। 
..... तौक़ीर अली.....

Released from bond of time, be your own. 
Come through my eyes, pay off the loan. 

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