Friday 12 November 2021

JAVED AKHTAR.. GHAZAL. JIDHAR JAATE HAIN SAB JAANA UDHAR ACHCHHA....

जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता।
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता। 

Where every one goes, I don't want to go. 
On oft beaten track, I don't want to go.

ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना हामी भर लेना।
बहुत हैं फ़ायदे इसमें मगर अच्छा नहीं लगता। 

Silently listening to wrong talks and then agree. 

There are gains in it, but I don't want it so. 

 मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है।
किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता। 

I expectselfrespecteven from the foes. 
Be it any one 's head, on the feet, on no.

बुलंदी पर इन्हें मिट्टी की ख़ुशबू तक नहीं आती। 
ये वो शाख़ें हैं जिनको अब शजर अच्छा नहीं लगता। 

From high up, they can not smell the soil. 
To these branches, love for tree isn't so.

ये क्यों बाक़ी रहे, आतिश-ज़नो ये भी जला डालो।
कि सब बेघर हों और मेरा हो घर, अच्छा नहीं लगता। 

Burn it too scorchers, why leave it alone. 
Why should I have a home, there's none in the row. 

No comments:

Post a Comment