Saturday 29 January 2022

ABDUL HAMEED ADAM...49........COUPLETS

फिर आज 'अदम' शाम से ग़मगीं है तबीअ'त।
फिर आज  सर-ए-शाम मैं कुछ सोच रहा हूँ।

' Adam' I am in grief since evening again.
Since eve', what it is that I am thinking again. 

महशर में इक सवाल किया था क्रीम ने। 
मुझसे यहाँ भी आपकी तारीफ़ हो गई। 

Almighty had asked me on day of doom. 
Once again I praised you here, full bloom. 

  ज़िन्दगी ज़ोर है जवानी का। 
क्या थमेगा बहाव पानी का। 

Life is power of youth, 'll grow. 
Who can stop water from flow. 

लज़्ज़त - ए-ग़म तो बख़्श दी उसने। 
हौसले भी 'अदम' दिए होते। 

He has bestowed on us  pleasure of pain. 
Should also have given courage to sustain. 

 गुलों को खिल के मुरझाना पड़ा है। 
तबस्सुम की सज़ा कितनी बड़ी है। 

Flowers wilt after blooming for a while. 
How big is punishment for a smile. 

जी चाहता है आज 'अदम' उन को छेड़िए
डर डर के प्यार करने में कोई मज़ा नहीं। 

O'Adam' I wish to tease her as a matter of right. 
There's just no pleasure of love in fright. 

 हर दिल-फ़रेब चीज़ नज़र का ग़ुबार है। 
आँखें हसीन हों तो ख़िज़ाँ भी बहार है। 

Each lovely thing is dust cloud, vision dispute. 
Even autumn is spring, if  looking eyes are cute. 

आप इक ज़हमत-ए-नज़र तो करें। 
कौन बेहोश हो नहीं सकता ? 

Just a spell of your eyes on fence. 
Then who can retain his sense ? 

ज़िन्दगी के हसीन तरकश में। 
कितने बे-रहम तीर होते हैं। 

In the arrow - case of life, of repute.
 There are unkind arrows, no dispute. 

कुछ कुछ मेरी आँखों का तसर्रुफ़ भी है शामिल। 
इतना तो हसीं तू मिरे गुलफ़ाम नहीं है। 

My occupancy of your eyes has added the part. 
You weren't so beautiful my love, from start. 

हाथ से खो न बैठना उसको।
 इतनी ख़ुद्दारियाँ नहीं अच्छी। 

 Just don't lose her for good. 
So much vanity is not good. 

हम को शाहों की अदालत से तवक़्क़ो तो नहीं। 
आप कहते हैं तो ज़ंजीर हिला देते हैं। 

  I don't expect anything from king's court. 
If you wish, I 'll move the chain to report. 

मुद्दआ दूर तक गया लेकिन। 
आरज़ू लौट कर नहीं आई। 

  The matter went long, too far. 
Desire wasn't back, kept far. 

जुनूँ अब मंज़िलें तय कर रहा है। 
ख़िरद रस्ता दिखा कर रह गई है। 

For reaching goal, frenzy has the say. 
Intellect has just showed the way. 

हम और लोग हैं हमसे बहुत ग़ुरूर न कर। कलीम था जो तिरा नाज़ सह गया होगा। 

Don't be proud with us, we are different men. 
Prophet had tolerated you there and then. 

किस को समझाने लगे आप जनाब-ए-नासेह। 
मैं तो नादाँ हूँ मगर आप तो नादान नहीं। 

O priest ! Whom have you come to preach ? 
I am innocent but that's beyond your reach. 

मौजू-ए-गुफ़्तगू तो मिरी जाँ कुछ और था। दौरान-ए-गुफ़्तगू में तेरी बात आ गई। 

My love, we were talking about something aside. 
In between talks, your matter crept inside. 

वो हसीं बैठा था जब मेरे क़रीब। 
लज़्ज़त - ए-हम-सायगी थी मैं न था। 

When that cute dame was sitting with me. 
Pleasure of her company was there, not me. 

साक़ी तुझे इक थोड़ी सी तकलीफ़ तो होगी। 
साग़र को ज़रा थाम मैं कुछ सोच रहा हूँ। 

O barmaid, wait, it's a trouble of fate. 
You hold my drink, I am on way to think. 

 ख़ुदा ने गढ़ तो दिया आलम-ए-वजूद मगर। 
सजावटों की बिना औरतोंकी ज़ात हुई। 

God had crafted this universe,but still.
Cause of decoration were only women still. 

साक़ी मिरे ख़ुलूस की शिद्दत तो देखना। 
फिर आ गया हूँ गर्दिश - ए-दौराँ को टाल कर। 

O barmaid look at my truth and it's force. 
I am back bye- passing universal revolution force. 

किसी हसीं से लिपटना अशद ज़रूरी है। 
हिलाल-ए-ईद तो कोई सुबूत-ए-ईद नहीं। 

Embracing a beauty is essential, soon. 
Enough proof of Eid isn't Eid moon. 

 नौजवानी में पारसा होना। 
कैसा कार-ए-ज़बून है प्यारे। 

Abstinence in youth, being seer
It's an unfortunate act O dear. 

जिस से छुपना चाहता हूँ मैं 'अदम'।
वो सितमगर जा-ब-जा मौजूद है। 

From whom I want to hide, be absent. 
Everywhere that tyrant is present. 

तौबा का तकल्लुफ़ कौन करे हालात की निय्यत ठीक नहीं। 
रहमत का इरादा बिगड़ा है बरसात की निय्यत ठीक नहीं। 

Who needs be formal to abstain, ill motive of conditions pertain. 
Almighty's goodwill is gone, ill intention of rains is on. 

तड़प कर मैंने तौबा तोड़ डाली। 
तिरी रहमत पे इल्ज़ाम आ रहा था। 

I broke promise to abstain, content. 
Under scanner was Your intent. 

अपनों से भी इतना तकल्लुफ़। 
कितने दुनियादार बने हो ! 

So formal with those who are your own. 
How much involved with world, it's tone. 

तख़्लीक-ए-कायनात के दिलचस्प जुर्म पर। 
हँसता तो होगा आज भी यज़दाँ कभी-कभी। 

Creation of universe, a pleasant crime ! 
God must be laughing from time to time. 

मैं यूँ तलाश - ए-यार में दीवाना हो गया। 
काबे में पाँव रक्खा तो बुत-ख़ाना हो गया। 
So crazy was I in search, a love game. 
I stepped in Kaaba 'n temple it became. 

वोअहद-ए-जवानी वो ख़राबात का आलम। 
नग़्मात में डूबी हुई बरसात काआलम। 

The time of youth, the period of spoils. 
Song-soaked rains, it's pleasant toils. 

 जेब ख़ाली है' अदम' मय क़र्ज़ पर मिलतु नहीं। 
एक दो बोतल में दीवाँ बेचने वाला हूँ मैं। 

There's nothing in pocket, on debt none gives wine. 
For a couple of bottles, I 'll sell poetic work of mine. 

किसी जानिब से कोई महजबीं आने ही वाला है। 
मुझे याद आ रही है आज मथुरा और काशी की। 

Some moonface is about to appear from some side. 
Today memories of Mathura and Kashi are on ride. 

 किसी ने हाल जो पूछा तो हो गए ख़ामोश। 
तुम्हारी बात हम अपनी ज़ुबाँ से क्या कहते ? 

When someone asked my state I just kept mum.
With my tongue, how could I talk about you chum ? 

'अदम' बहुत ही अगर रूठने लगी उम्मीद। किसी के वादे पे फिर एतबार कर लूँगा। 

O 'Adam'! If angry gets my hope. 
'll believe in a promise, I have the scope. 

झाड़ कर गर्द-ए-ग़म-ए-हस्ती को उड़ जाऊँगा मै। 
बे-ख़बर ऐसी भी इक परवाज़ आती है मुझे

Shaking  dust off from grief of life, ' ll fly somewhere. 
O unaware ! Known to me such a flight is there. 

ये अलग बात है साक़ी कि मुझे होश नहीं। होश इतना है कि मैं तुझसे फ़रामोश नहीं। 
It is a separate issue that I have lost sense. 
I didn't forget you O bar girl I have that sense. 

तबाह हो के हक़ायक़ के खुरदरेपन से। 
तसव्वुरात की तामीर कर रहा हूँ मैं। 

Destroyed by rough nature of facts. 
I am creating imaginary tacts. 

हमने तुम्हारे बाद न रक्खी किसी से आस। 
इक तजुर्बा बहुत था, बड़े काम आ गया। 

After you, from anyone I had no hope. 
Experience was enough, no more scope. 

पीर-ए-मुग़ाँ से हम को कोई बैर तो नहीं। 
थोड़ा सा इख़्तिलाफ़ है मर्द-ए-ख़ुदा के साथ। 

Enmity with old manager of tavern ! None can.
 There is a little difference with that gentleman. 

तुझ को क्या दूसरे के ऐबों से ? 
क्यूँ फ़क़त रू-सियाह होता है ? 

Why bother about faults of others, as a whole ? 
For nothing, why darken your face and soul ? 

मैं और उस ग़ुंचा-दहन की आरज़ू। 
आरज़ू की सादगी थी मैं न था। 

My longing for fiery lips on fire! 
It wasn't I, but simplicity of desire. 

दरोग़ के इम्तिहाँ - क़दे में सदा यही कारोबार होगा। 
जो बढ़ के ताईद-ए-हक़ करेगा वही सज़ावार-ए-दार होगा। 

While testing in house of lies, this 'll always be the case. 
One who' ll claim for truth, will 
for hanging present face. 

ये रोज़मर्रा के कुछ वाक़ियात-ए- शादी-ओ-ग़म। 
मेरे ख़ूदा यही इंसाँ की जिंदगानी है ! 

These daily incidents of joy and pain clout. 
O God ! Is it what human life is about ? 

जो अक्सर बार-वर होने से पहले टूट जाते थे। 
वही ख़स्ता शिकस्ता अहद-ओ-पैमाँ याद आते हैं। 

Those which before fruiting, would collapse, lose face. 
In memory old, shattered promises find the place. 

वही शै मक़सद-ए-क़ल्ब-ओ-नज़र महसूस होती है। 
कमी जिस की बराबर उम्र भर महसूस होती है। 

Whose intention of heart and glance is strong ? 
Whose absence is feit all time, life long. 

काश मैं तेरी मुलाक़ात को ख़ुद ही आता।
तूर पर भेज के मूसा को पशेमाँ हूँ मैं। 

I wish meeting you, I myself went. 
Sending Moses on Toor, I really repent. 

 हौले-हौले वस्ल हुआ। 
धीरे-धीरे जान गई। 

Slowly ignited love-flame. 
Slowly waned life flame. 

मेरी जवानी के गर्म लम्हों पे डाल दे गेसुओं का साया। 
ये दोपहर कुछ तो मोतबर हो तमाम माहौल जल रहा है। 

On hot moments of my youth, spread a little tress shade. 
Let this noon cool down a bit, atmosphere is one hot blade. 

मतलब मुआमलात का कुछ पा गया हूँ मैं। 
हँस कर  फ़रेब-ए-चश्म-ए-करम खा गया हूँ मैं। 

I have got the meaning of some affairs. 
Smilingly deceived by eye that cares. 







 


No comments:

Post a Comment