Thursday 13 October 2022

REKHTA.. TODAY'S.. 5 +4 COUPLETS

दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
...... क़ैसर-उल जाफ़री.....

To cry and meet with walls
 look good for a change. 
It appears that me too 'll be within the lunatic range

हम उस की ज़ुल्फ़ की ज़ंजीर के हुए हैं असीर। 
सजन के सर की बला आ पड़ी हमारे गले।..... वली उज़लत..... 

I have become a captive of her tress. 
I have shouldered her distress. 

हम हुए  तुम हुए कि' मीर' हुए 
एक ही ज़ुल्फ़ के असीर  हुए 
..... मीर तक़ी मीर..... 

'Mir, you or I whom to address. 
All are prisoners of that tress. 

जब निगाहों के इशारात बदल जाते हैं।
ख़द-ब-ख़ुद प्यार के जज़्बात बदल जाते हैं..... शेवन बिजनौरी.....
 
When signals from eyes take a new range. 
Automatically, the love feelings also change. 

आज तक जो भी हो हुआ उस को भुला देना है। 
आज ये तय है कि दुश्मन को दुआ देना हे।...... वाली आसी..... 

Let's forget what's happened till today. 
It's decided that for enemy, we'll pray. 

दिल को हर लम्हा बचाते रहे जज़्बात से  हम
इतने मजबूर रहे हैं कभी हालात से हम
..... जाँ निसार अख़्तर..... 

I have saved each moment from feelings, this heart. 
At times, I have faced such compulsions on my part. 

जज़्बात भी हिंदू होते हैं चाहत भी मुसलमाँ होती है 
दुनिया का इशारा था लेकिन समझा न इशारा दिल ही तो है.. साहिर 

Feelings are Hindu, likings may be Muslim too. 
World hinted but the heart didn't take, what to do? 

गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काँटों से भी ज़ीनत होती है। 
जीने के लिये इस दुनिया में ग़म की भी ज़रूरत होती है।.
..... सबा अफ़गानी ..... 

Garden dignity is also with thorns, not flowers alone. 
For survival in this world, 
you also need grief's tone

इस क़दर भी तो न जज़्बात पे क़ाबू रक्खो
थक गई हो तो मिरे कंधे पे बाज़ू रक्खो
..... इफ़्तिख़ार नसीम..... 

Don't restrict your feelings to such an extent. 
If tired, put your hand on me,
 it is meant. 
 





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