Friday 2 December 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +10 COUPLETS

आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा
जाने वाले तू हमें याद बहुत आएगा 
..... ओबैदुल्लाह अलीम.....

You may go far from eyes but where 'll you go from heart.
You are going but from memories you won't be apart.

मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना 
कहीं से तुम बयाँ करते कहीं से हम बयाँ करते... वहशत रज़ा अली कलकतवी... 

It' d be a joy, if about things gone by. 
I state some , you tell some how 'n why. 

उलझती जाती हैं गिर्हें अधूरे लफ़्ज़ों की
हम अपनी बातों के सारे अगर मगर खोलें
...... अम्बरीन सलाहुद्दीन..... 

Entangled are knots of words incomplete. 
Let's erase ifs and buts of talks and complete. 

चराग़ घर का हो महफ़िल का हो कि मंदिर का 
हवा के पास कोई मस्लहत नहीं होती 
..... वसीम बरेलवी..... 

Whether it's a lamp of  assembly, temple, home. 
There's no cause for 
 wind to stay away from. 

इस आलम-ए-वीराँ में क्या अंजुमन-आराई 
दो रोज़ की महफ़िल है इक उम्र की तन्हाई..... सूफ़ी तबस्सुम..... 

Why set a meeting in this deserted place. 
It's two days assembly,.
 solitary life space. 

मोहब्बत करने वाले कम न होंगे 
तिरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे 
..... हफ़ीज़ होशियारपुरी..... 

Those who love would not decrease. 
In your group, my presence 
 will cease. 

अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की 
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई 
..... नुशूर वाहिदी..... 

This is the end of who ever
 had love life. 
Begged for the death, was punished for life. 

मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन ले 
अब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझ को 
..... जौन एलिया..... 

Now listen to punishment for swaying in my arms. 
You will be  released very late from these arms. 

ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने 
लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई 
..... मुज़फ़्फ़र स्ज़्मी..... 

Eyes of the times have seen this control. 
For a moment 's fault, centuries took toll. 

यूँ ज़िंदगी गुज़ार रहा हूँ तिरे बग़ैर 
जैसे कोई गुनाह किए जा रहा हूँ मैं 
..... जिगर मुरादाबादी..... 

This way is life lead without you. 
As it's a sin committed by me too. 

तेरी आँखों का कुछ क़ुसूर नहीं 
हाँ मुझी को ख़राब होना था 
..... जिगर मुरादाबादी..... 

Your eyes have committed no mistake. 
I wanted ruins to be my take. 

सज़ा के झेलने वाले ये सोचना है गुनाह 
कोई क़ुसूर भी तुझ से कभी हुआ कि नहीं..... राज़ यज़्दानी..... 

You are seving the time and  it's a crime to think. 
Whether you have committed
 even  a fault to blink. 

ये राहे इश्क़ है आख़िर कोई मज़ाक नहीं 
सऊबतों से जो घबरा गए हों घर जाएँ
..... दिल अय्यूबी..... 

It's the love route and not a 
silly joke. 
They may go home who can't bear yoke. 

अशहर' बहुत सी पत्तियाँ शाख़ों से छिन गईं 
तफ़्सीर क्या करें कि हवा तेज़ अब भी है
..... अशहर कुरैशी..... 

' Ashhar' many leaves on branches didn't last. 
What's there to explain, 
wind is still very fast. 

क़रीब भी तो नहीं हो कि आ के सो जाओ 
सितारों जाओ कहीं और जा के सो जाओ
..... रऊफ़ रज़ा..... 

You can't sleep with me, you are  so far. 
Go sleep  somewhere, you  yonder star. 





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