Friday 4 August 2023

SAHIR LUDHIYANVI.. GHAZAL.. DUUR RAH KAR N KARO BAAT QARIIB AA JAO

दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ 

याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ 

एक मुद्दत से तमन्ना थी तुम्हें छूने की 

आज बस में नहीं जज़्बात क़रीब आ जाओ 

सर्द झोंकों से भड़कते हैं बदन में शो'ले 

जान ले लेगी ये बरसात क़रीब आ जाओ 

इस क़दर हम से झिजकने की ज़रूरत क्या है 

ज़िंदगी भर का है अब साथ क़रीब आ जाओ

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