Friday 27 September 2024

GHAZAL.. KAIF BHOPALI.. DAAGH DUNIYA NE DIYE ZAKHM ZAMANE SE.MILE.....

दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले

People gave wounds, scars world had set. 
This was a gift when as a friend you met. 

हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले

While I kept longing and longing for long. 
With this one, that and that one, you met. 

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले

Meeting on your own, doubt of desire could be. 
Is it a meeting, if through others you met? 

माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले

Yesterday in mother's, today in death' s embrace,
These were times of joy for me, world  set. 

कभी लिखवाने गए ख़त कभी पढ़वाने गए
हम हसीनों से इसी हीले बहाने से मिले

For writing or reading letters, I approached them. 
Through these excuses, with cuties I met. 

इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले

New wound was sustained, a new life retained,
When in a city, some old friends I had met. 

एक हम ही नहीं फिरते हैं लिए क़िस्सा-ए-ग़म
उन के ख़ामोश लबों पर भी फ़साने से मिले

I alone, don't carry the burden of grief tale. 
On her silent lips too, some tales were set. 

कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले

How to believe, you have forgotten her 'Kaif'? 
Her letters were on your headend, we bet. 

Transcreated by Ravi Maun 
 

1 comment:

  1. Bahut khoob. Maine isko Urdu script mein bhi likha tha , usko bhi add Kar deejiye Sir zyada asar daar ho jayegi

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