कभी किसी के लड़के लड़की का हो इस घर ब्याह।
किन्तु क्या कभी वह प्रसन्न रह पाए इस घर आन?
इतना अन्तर अर्थ क्षेत्र में है अपने दरम्यान।
मैंने तो अर्जन करने की कोशिश दी है छोड़।
मेरी सन्तानों के मन में अब भी है यह होड़।
मगर किसी के घर केसे मैं भेजूँगा प्रस्ताव?
क्षमता अर्थ क्षेत्र की ले जाएगी बाधा भाव।
तीन तीन सी ए हैं घर में काम न इतना पास।
मिमण्डली के घर की यदि मिलें फ़ाइलें ख़ास?
है रमेश का औ अशोक का बिटिया के सर हाथ।
अन्य किसी भी मिल का नहीं पाया इन ने साथ?
बड़े पुत्र का काम नया है इसमें अर्थ लगेगा।
क्या ऐसा करना मेरे मित्रों को व्यर्थ लगेगा?
शेयर कम्पनी के लें लें यदि मेरे सारे मित्र ?
मेरे बच्चों के भी घर में हो उत्साही चित्र!
बाधा हो यह दूर बनें सम्बंधी मेरे मित्र।
क्या यह है प्रस्ताव स्वार्थ से पूरित ही हे मिन?
मैं न रहूँगा तुम न रहोगे पर सम्बन्ध रहेंगे।
यह मत सोचो कैसे दुनिया वाले इशे सहेंगे?
हरि हर विधि देंगे इस आशा को अपनाआशीश।
अर्थ भेद का नाग अगर न उठाए अपना शीश।
मेरा है विश्वास काम बच्चे मन लगा करेंगे।
बुद्धि नहीं कम इनमें इस की हामी सभी भरेंगे।
कृष्ण स्वयम् कर सकते हैं अपनी बहना की शादी।
सुत कुन्ती का जो थी बुआ न उन्हें लगी बर्बादी।
हैं आदर्श हमारे गिरधर यह तो है विश्वास?
इस से अधिक न कोई मेरे है उदाहरण पास।
रवि मौन
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