Wednesday 16 September 2020

GHAZAL.. JIGAR.. SUNTA HUN KI HAR HAAL MEN VOH....

सुनता हूँ कि हर हाल में, वो दिल के क़रीं है।
जिस हाल में हूँ अब, मुझे अफ़सोस नहीं है।

It's heard, near heart, in all states, He is found.
Now I am not worried about my own ground.

वो आए हैं ए दिल! तेरे कहने का यक़ीं है।
लेकिन मैं करूँ क्या? मुझे फुर्सत ही नहीं है।

O heart! I agree with you that she has come.
But what can be done? I am busy all around.

क्या शौक़ है, क्या ज़ौक़ है, क्या रब्त है, क्या ज़ब्त? 
सजदा है जबीं में, कभी सजदे में जबीं है।
What taste, how chaste, how content, what intent ?
Ground prostrating on chin, chin prostrating on  ground ! 

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