Monday 9 November 2020

BASHIR BADR.. GHAZAL.. HAR BAAT MEN MAHKE HUYE...

हर बात में महके हुए जज़्बात की ख़ुशबू।
याद आई बहुत पहली मुलाक़ात की ख़ुशबू। 

A fragrance of feeling in every talk. 
I remember a lot our very first talk.

छुप छुप के नई सुबह का मुँह चूम रही है। इन रेशमी ज़ुल्फ़ों में बसी रात की ख़ुशबू। 

Stealthily it kisses a new morning. 
Fragrance of night in silk tress stock. 

मौसम भी हसीनों की अदा सीख गए हैं। 
बादल हैं छुपाए हुए बरसात की ख़ुशबू। 

Weather has learnt the style of cute dames. 
Clouds conceal fragrance of rain in lock. 

घर कितने ही छोटे हों घने पेड़ मिलेंगे। 
शहरों से अलग होती है क़स्बात की ख़ुशबू। 

Houses are small but with very shady trees. 
Towns and cities have different fragrance stock. 

होंटों पे अभी फूल की पत्ती की महक है। 
साँसों में रची है तिरी सौग़ात की ख़ुशबू। 

There is still a smell of flowers on the lips. 
Your fragrant gift exists in breath knock. 


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