Wednesday 2 December 2020

BASHIR BADR.. GHAZAL.. AANSUON SE DHULI KHUSHI...

आँसुओं से धुली ख़ुशी की तरह।
रिश्ते होते हैं शायरी की तरह। 

Washed with tears of pleasure. 
Relations are poetic composure. 

हम ख़ुदा बन के आएँगे वरना। 
हम से मिल जाओ आदमी की तरह। 

I'll come in the form of God.
Or meet me as man at leisure. 

बर्फ़ सीने की जैसे जैसे गली। 
आँख खुलती गई कली की तरह।

As the ice in chest melted. 
Eyes opened as buds exposure.

जब कभी बादलों में घिरता है। 
चाँद लगता है आदमी की तरह। 

Whenever clouds surround it. 
Moon's a man made to measure. 

किसी रोज़न किसी दरीचे से। 
सामने आओ रोशनी की तरह। 

Through some door or window
Come as light from embrasure. 

सब नज़र का फ़रेब है वरना। 
कोई होता नहीं किसी की तरह।

It's simply a fault of vision. 
None's like other in measure. 

 ख़ूबसूरत उदास ख़ौफ़ज़दा ।
वो भी है बीसवीं सदी की तरह। 

Beautiful, sad, frightened. 
She's twentieth century, it's measure. 

जानता हूँ कि एक दिन मुझको। 
वो बदल देगा डायरी की तरह। 

I know some day as a diary. 
He will change me at leisure. 


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