Sunday 13 December 2020

NASIR KAZMI.. GHAZAL.. DIL DHADAKNE KA SABAB YAAD...

दिल धड़कने का सबब याद आया।
वो तेरी याद थी अब याद आया। 

The reason of heart throb, I now recall. 
It was your memory, I now recall.

आज मुश्किल था संभलना ऐ दोस्त। 
तू मुसीबत में अजब याद आया। 

Today, it was difficult to keep balance. 
It's strange, in trouble to you I recall. 

दिन गुज़ारा था बड़ी मुश्किल से। 
फिर तिरा वादा - ए - शब याद आया।

With a lot of trouble, day was passed. 
Your promise to meet at night I recall. 

तेरा भूला हुआ पैग़ाम- ए- वफ़ा।
मर रहेंगे मगर अब याद आया। 

That long forgotten letter of faith. 
Will die for sure, if now I recall.

फिर कई लोग नज़र से गुज़रे।
फिर कोई शहर- ए- तरब याद आया।

Many persons have passed in view. 
Your city of music, I now recall.

हाल- ए- दिल हम तो सुनाते लेकिन।
जब वो रुख़सत हुआ तब याद आया। 

I could talk about state of heart. 
When he left,then could I recall. 

बैठ कर साया- ए- गुल में 'नासिर'।
हम बहुत रोए वो जब याद आया। 

In the shade of flowers O 'Nasir'.
I wept a lot for her, I recall. 

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