Monday 25 January 2021

JAVED AKHTAR.. GHAZAL.. DARD APNAATAA HAI PARAAYE KAUN...

दर्द अपनाता है पराए कौन।
कौन सुनता है और सुनाए कौन। 

Who takes other's pain, for respite.
Who will listen 'n who' ll recite.

कौन सुनता है फिर वही बातें।
ग़म अभी सोया है जगाए कौन। 

Who'll listen to same old tales.
Grief is asleep, who'll excite.

अब सुकूँ है तो भूलने में है। 
लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन।

Solace is when you forget. 
But who can get his respite. 

वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं। 
कौन दुख झेले आज़माए कौन।

 Are ours, really our very own.
Who'll suffer'n test, what's right.

आज फिर दिल है कुछ उदास उदास। 
देखिए आज याद आए कौन। 

Today the heart is touched by grief. 
Who walks down memory lane, tonight. 


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