Wednesday 6 January 2021

SAHIR.... GHAZAL.. DUUR RAH KAR NA KARO BAAT, QARIIB...

दूर रह कर न करो बात, क़रीब आ जाओ। याद रह जाएगी ये रात, क़रीब आ जाओ।

Do not talk from a distance, come near.
Memorable will be the instance, come near. 

एक मुद्दत से तमन्ना थी, तुम्हें छूने की। 
आज बस में नहीं जज़्बात, क़रीब आ जाओ।

Since long, I had longed to touch you. 
Today, feelings propagate, come near. 

सर्द झोंकों से भड़कते हैं, बदन में शोले। 
मार डालेगी ये बरसात, क़रीब आ जाओ।

Cold gusts of wind, fan fire in body. 
This rain 'll decimate, come near.

इस क़दर हम से झिझकने की ज़रूरत क्या है?
ज़िन्दगी भर का है अब साथ, क़रीब आ जाओ। 

What' s the need to hesitate with me? 
It's company of life O mate, come near. 


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