Wednesday 6 January 2021

SAHIR.. GHAZAL.. TUM APNAA RANJ-O-GHAM APNII...

तुम अपना रंज-ओ-ग़म, अपनी परेशानी मुझे दे दो।
तुम्हें ग़म की क़सम, इस दिल की वीरानी
मुझे दे दो।

Your grief, sorrow and distress, you give to me. 
By oath of grief, loneliness, you give to me.

ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूँ इन निगाहों में। 
बुरा क्या है अगर ये दुःख, ये हैरानी मुझे दे दो।

I agree that I am unworthy of your looks. 
What's wrong if your wonder 'n pain, you give to me.

मैं देखूँ तो सही, दुनिया तुम्हें कैसे सताती है?
कोई दिन के लिए, अपनी निगहबानी मुझे दे दो।

Let me see how does the world trouble you? 
For a few days, your caring, you give to me.

वो दिल जो मैंने माँगा था, मगर ग़ैरों ने पाया है।
बड़ी शय है, अगर उस की पशेमानी, मुझे दे दो।

That heart which I asked for, but others got. 
It 'll be great, if it's regret, you give to me. 

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