Sunday 16 May 2021

GHAZAL.. SHAHAR YAR.. IN ANKHON KI MASTII KE....

इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं। इन आँखों से वाबस्ता अफ़साने हज़ारों हैं।

Intoxicated by these are thousands. 
Stories about these eyes are thousands. 

इक तुम ही नहीं तन्हा उल्फ़त में मेरी रुस्वा। 
इस शहर में तुम जैसे दीवाने हज़ारों हैं। 

Not only you are disgraced in my love. 
Crazy like you in city are thousands.

इक सिर्फ हमीं मय को आँखों से पिलाते हैं। 
कहने को तो दुनिया में मैख़ाने हज़ारों हैं।

To lovers only I serve drink with eyes. 
The world over, there are taverns in thousands.

इस शम'अ ए फ़रोज़ाँ को आँधी से डराते हो। 
इस शम'अ ए फ़रोज़ाँ के परवाने हज़ारों हैं। 

Why frighten a lighted lamp with storm. 
For this lighted lamp are fire moths in thousands. 

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