Thursday 20 August 2020

SAHIR.. GHAZAL..AQAYAD VAHAM HAIN, MAZHAB.....

अक़ायद वहम हैं मज़हब ख़याले ख़ाम है साक़ी।
अज़ल से ज़ेहने इंसाँ बस्तए औहाम है साक़ी।
Old beliefs are doubts, religion an immature thought wine girl. 
Since start, in human mind are doubtful thoughts wine girl.
हक़ीक़त आश्नाई, अस्ल में गुमकर्दा राही है।
उरूसे आगही परवर्दए अबहाम है साक़ी।
Search of truth is but a way to get lost on the route.
Bride of knowledge is captive of doubts  O wine girl.
मुबारक हो ज़ईफ़ी को ख़िरद की फ़लसफ़ादानी।
जवानी बेनियाज़े इब्रते अंजाम है साक़ी।
Blessed be the elderly with philosophy of past.
Youth is impervious to fear of result or thoughts, wine girl. 
हवस होगी असीरे हल्क़ाए नेको बदे आलम।
मुहब्बत मावरा ए फ़िक्र नंगो नाम है साक़ी। 
Lust is chained to go round in good or bad circles . 
Love is free of bonds of good or bad thoughts wine girl.
अभी तक रास्ते के पेचो ख़म से दिल धड़कता है। 
मेरा ज़ौक़े तलब शायद अभी तक ख़ाम है साक़ी।
My heart palpitates with odd turns of the route.
My search is a raw conception, immature thought, wine girl. 
वहाँ भेजा गया है चाक करने पर्दा ए शब को। 
जहाँ हर सुबह के दामन पे अक्से शाम है साक़ी। 
I am sent to tear away the veil of that night.
Where morning dress bears shade of night ideas wine girl.
मेरे साग़र में मै है और तिरे हाथों में बरबत है। 
वतन की सरजमीं पे भूख से कोहराम है साक़ी।
My tumbler has wine and in your hand is the harp. 
On land there are constant hunger pangs O wine girl.
ज़माना बर सरे पैकार है पुरहौल शोलों से।
तिरे लब पर अभी तक नग़्मा ए ख़य्याम है साक़ी। 
 World is fighting with horrible flames all around.
On your lips are songs of Khaiyaam O wine girl. 

No comments:

Post a Comment