Tuesday 19 March 2024

. युग उरोज तेरे भली.......

युग उरोज तेरे भली नित - नित अधिक बढ़ाय।
अब इन भुज लतिकान में ऐरी ये न समाय।

Your breast pair is nice, 
soar each day as price.
Now my entwining arms, 
can't confine these charms.

Transcreated by Ravi Maun 

मंकुतिम्मा द्वितीय प्रार्थना पद---- हिन्दी पद्यानुवाद

जड़ व जीव जो भी प्रपंच है, उन सब को ही रहे निखार।
एक समय ही करें आवरण औ' भीतर भी है विस्तार।
दूर भाव, इन्द्रिय समूह की रहे पकड़ से वे अविराम। 
अप्रमेय हैं, इन विशेषताओं पर झुक हे भोलेराम।। 





Sunday 17 March 2024

मंकुतिम्मा. प्रार्थना का प्रथम पद हिन्दी पद्यानुवाद

विष्णु विश्व के भीतर बाहर, अखिल सृष्टि में रहे समाय।
कारणब्रह्म व ब्रह्मातीत, देव प्रकृति को रहे खिलाय। 
 अनदेखे अनजाने से भी श्रद्धा प्रीति करे समुदाय। 
यह विचित्र है, इस विचित्रता के आगे दो शीश झुकाय।। 
      - - - - - - मंकुतिम्मा - - - - - -