Saturday 26 August 2023

HAFIIZ JALANDHARII... GHAZAL... DOSTI KA CHALAN RAHAA HI NAHIIN

दोस्ती का चलन रहा ही नहीं 
अब ज़माने की वो हवा ही नहीं 

Friendship is not in trend. 
World wind isn't this blend

सच तो ये है सनम-कदे वालो 
दिल ख़ुदा ने तुम्हें दिया ही नहीं 

Truth is O temple men ! 
Heart isn't in your blend

पलट आने से हो गया साबित 
नामा-बर तू वहाँ गया ही नहीं 

You are back, it proves. 

हाल ये है कि हम ग़रीबों का 
हाल तुम ने कभी सुना ही नहीं 

क्या चले ज़ोर दश्त-ए-वहशत का 
हम ने दामन कभी सिया ही नहीं 

ग़ैर भी एक दिन मरेंगे ज़रूर 
उन के हिस्से में क्या क़ज़ा ही नहीं 

उस की सूरत को देखता हूँ मैं 
मेरी सीरत वो देखता ही नहीं 

इश्क़ मेरा है शहर में मशहूर 
और तुम ने अभी सुना ही नहीं 

क़िस्सा-ए-क़ैस सुन के फ़रमाया 
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं 

वास्ता किस का दें 'हफ़ीज़' उन को 
उन बुतों का कोई ख़ुदा ही नहीं 


    

Monday 21 August 2023

RAJENDRA KRISHNA... GHAZAL... KISI KI YAAD MEN DUNIYA KO HAIN BHULAYE HUE...

किसी की याद में दुनिया को हैं भुलाए हुए 
ज़माना गुज़रा है अपना ख़याल आए हुए 

I have forgotten the world in memory of someone. 
Lot of time has passed remembering myself as one

बड़ी अजीब ख़ुशी है ग़म-ए-मोहब्बत भी 
हँसी लबों पे मगर दिल पे चोट खाए हुए 

A strange pleasure is there in griefs of love. 
There's smile on lips, but heart is bruised and done. 

हज़ार पर्दे हों पहरे हों या हों दीवारें 
रहेंगे मेरी नज़र में तो वो समाए हुए 

A thousand curtains, guards or walls maybe there. 
She will always remain in my eyes as the one. 

किसी के हुस्न की बस इक किरन ही काफ़ी है 
ये लोग क्यूँ मिरे आगे हैं शम्अ' लाए हुए

Why have people brought a lamp before me ? 
One ray is enough if it's from beauty of the one. 

Saturday 19 August 2023

श्री गणेशजी की आराधना... श्रीगणेशपुराण. ... शेषनाग द्वारा स्तुति

शेष उवाच
अनादिनिधनं देवं वन्देऽहं गणनायकं।। 
सर्व व्यापिनमीशानं जगत्कारणकारणम्।
सर्वस्वरूपं विश्वेशं विश्ववन्द्यं नमाम्यहम्।। 
गजाननं गणाध्यक्ष गरुडेशस्तुतं विभुम्। 
गुणाधीशं गुणातीतं गणाधीशं नमाम्यहम्।।
विद्यानामधिपं देवं देवदेवं सुरप्रियम्।
सिद्धिबुद्धिप्रियं सर्वसिद्धिदं भुक्तिमुक्तिदम्।। 
सर्वविघ्नहरं देवं नमामि गणनायकम्।

शेषजी बोले....

आदि अन्त से रहित जो गणनायक भगवान्।
करूँ वन्दना आप की सर्वव्याप्त ईशान।। 

जग के कारण के कारण हैं, जग के स्वामी आप।
वन्दित हैं सम्पूर्ण विश्व से, नमन करूँ, कर जाप।। 

गणाध्यक्ष हैं, हरिवन्दित हैं, सभी गुणों के स्वामी।
गुणातीत हैं, हे गणपति, सब विद्याओं के स्वामी।।

देवों के भी देव, देवताओं के अतिप्रिय नाथ। 
सभी सिद्धियाँ देने वाले, सिद्धि बुद्धि के नाथ।। 

विघ्नविनाशी, भुक्ति, मुक्ति को करते आप प्रदान। 
नमन करूँ मैं हे गणनायक, हे गणेश भगवान्।। 

हिन्दी पद्यानुवाद.... रवि मौन 

Friday 18 August 2023

PURNAM ILAHABADI.. GHAZAL. ARZOO, HASRAT, TAMANNA, MUDDAA KOI NAHIN..

आरज़ू, हसरत, तमन्ना, मुद्दआ' कोई नहीं 
जब से तुम हो मेरे दिल में, दूसरा कोई नहीं 

No wish, desire, longing for to abide. 
With you in my heart, other can't reside.

बे-वफ़ाई का मुझे तुझ से गिला कोई नहीं 
प्यार तो मैं ने किया तेरी ख़ता कोई नहीं 

For your disloyalty, I do not complain. 
It was I who loved, no fault from you side

चाहने वाला हूँ तेरा जब कभी मैं ने कहा 
कह दिया उस बेवफ़ा ने तू मिरा कोई नहीं 

Whenever I have told her, that I love you.
That faithless said, you are not my ride. 

मैं ने जब से दिल लगाया वो न मेरा हो सका 
इस से बढ़ कर दिल लगाने की सज़ा कोई नहीं 

When I set heart on her, she wasn't mine. 
No punishment can be bigger in stride. 

ख़ूब है वो ज़िंदगी जो साथ गुज़रे यार के 
यार बिन उल्फ़त में जीने का मज़ा कोई नहीं 

The life passed with lover is worth it. 
Without her there's no pleasure love side. 

रूह की तस्कीन का चारा नहीं है मौत भी 
दर्द ऐसा है मिरा जिस की दवा कोई नहीं 

Even death does not console the soul. 
My pain is such, no drug can subside. 

अजनबी हूँ मैं शनासाओं में भी रहते हुए 
जानता कोई नहीं पहचानता कोई नहीं 

Even living with relatives, I am a stranger. 
None recognizes or knows me to decide. 

काम कुछ तेरे भी होते तेरी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ 
हाँ मगर मेरे ख़ुदा तेरा ख़ुदा कोई नहीं 

Some of your works 'd be against your wish. 
But O God, there's no God as your guide! 

बढ़ के तूफ़ाँ में सहारा मौज-ए-तूफ़ाँ क्यों न दे 
मेरी कश्ती का ख़ुदा है नाख़ुदा कोई नहीं

Why shouldn't waves support me in storm ? 
A God's for my ship, but no boatsman to guide

जुस्तुजू कामिल है तो मंज़िल का मिलना शर्त है 
जुस्तुजू से बढ़ के 'पुरनम' रहनुमा कोई नहीं

With expert search, you shall attain goal.
O 'Purnam'! Surely, search is the best guide. 

Wednesday 16 August 2023

Wednesday 9 August 2023

AGHA HASHR KASHMIRI.. . GHAZAL. HAAN SAQI-E-MASTANA BHAR DE MIRA PAIMANA.....

हाँ साक़ी-ए-मस्ताना भर दे मिरा पैमाना 
घनघोर घटा है या उड़ता हुआ मय-ख़ाना 

Well O intoxicated wine girl! Fill my cup of wine. 
Is it dense dark clouds or tavern on cloud
 nine? 

होती हैं शब-ए-ग़म में यूँ दिल से मिरी बातें 
जिस तरह से समझाए दीवाने को दीवाना 

In the grief struck night, I talk with the heart. 
As if a fanatic explains, what's frenzy line? 

क्या तुम ने कहा दिल से क्या दिल ने कहा हम से 
बैठो तो सुनाएँ हम इक रोज़ ये अफ़्साना 

What you told the heart, what it told to me? 
You can sit 'n listen, one day this tale of mine. 

ग़ुस्से में जो दी गाली मुँह चूम लिया मैं ने 
ज़ालिम ने कहा ये क्या मैं ने कहा जुर्माना 

When she abused in anger, I just kissed her mouth. 
When  asked me about that , I said it is fine. 

मुतरिब से ये कहता था 'हश्र' अपनी ग़ज़ल सुन कर 
है मेरी जवानी का भूला हुआ अफ़्साना

Listening to his ghazal, 'Hashr' told the singer
It's one of forgotten tales of youth of mine. 

Tuesday 8 August 2023

TALIB BAGHPATI.. GHAZAL.. YUUN BHI TERA AHSAAN HAI JAANE KE LIYE AA.....

यूँ भी तिरा एहसान है आने के लिए आ 
ऐ दोस्त किसी रोज़ न जाने के लिए आ 

It's your blessing, for coming you come. 
Someday, not to go back, you come O chum

हर-चंद नहीं शौक़ को यारा-ए-तमाशा 
ख़ुद को न सही मुझ को दिखाने के लिए आ 

It's no daily affair, show courage to witness. 
Not to show it to self, to show the you come 

ये उम्र, ये बरसात, ये भीगी हुइ रातें 
इन रातों को अफ़्साना बनाने के लिए आ 

This age, these rains and very wet nights. 
To make a tale of these nights, you come. 

जैसे तुझे आते हैं न आने के बहाने 
ऐसे ही बहाने से न जाने के लिए आ 

As you make excuses not to come 'n meet. 
Make an excuse not to be back and come. 

माना कि मोहब्बत का छुपाना है मोहब्बत 
चुपके से किसी रोज़ जताने के लिए आ 

I agree that concealing love is also love. 
Silently one day,  to tell it, you come 

तक़दीर भी मजबूर है, तदबीर भी मजबूर 
इस कोहना अक़ीदे को मिटाने के लिए आ 

 Both fate and effort are compelled. 
To remove this old belief you come. 

आरिज़ पे शफ़क़, दामन-ए-मिज़्गाँ में सितारे 
यूँ इश्क़ की तौक़ीर बढ़ाने के लिए आ 

Twilight on cheeks, stars on eyelashes. 
To increase the regard of love , you come. 

'तालिब' को ये क्या इल्म, करम है कि सितम है 
जाने के लिए रूठ, मनाने के लिए आ

How'd 'Talib' knów about torture or care?
Get angry to 'part, then to coax you come. 

Monday 7 August 2023

VERY GOOD COUPLETS..

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो 
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए 
बशीर बद्र
*
Let the glow of your memories be ever with me. 
Who knows, which lane, marks the eve' of life. 

नारियल के दरख़्तों की पागल हवा खुल गए बादबाँ लौट जा लौट जा 
साँवली सरजमीं पर मैं अगले बरस फूल खिलने से पहले ही आ जाऊँगा 
बशीर बद्र 

It's a mad mad breeze through the coconut trees 
Full bloated is the sail, get back on your trail 
Ere spring unrolls next floral sheet, 
on skin coloured land I 'll lay my feet. 

कहानियों का मुक़द्दर वही अधूरापन 
कहीं फ़िराक़ नहीं है कहीं विसाल नहीं 
बशीर बद्र 

The stories are destined to be incomplete. 
Departure is missing or missing is meet. 

धूप की आग में हँसने की अदा क्या जाने 
जंगली फूल नहीं आप के गुलज़ारों में 
बशीर बद्र 

The style to smile in fire of sun is unknown. 
Wild flowers are missing in gardens you 've grown. 

अनकहे शे' र हैं वादी-ए-ज़हन में मुख़्तलिफ़ रंग के झिलमिलाते दिए
दस्त-ए-अल्फ़ाज़ महफ़ूज़ कर लें इन्हें चल रही है हवा
 बुझ न जाएँ कहीं
बशीर बद्र 

In the valley of mind are untold couplets, flickering flames of colour everywhere. 
Let words extend their arms to shield, 
lest blowing wind should have it's share. 

शब को जी भर के पी, सुब्ह को तौबा कर ली
रिंद के रिंद रहे हाथ से जन्नत न गई 

Swearing not to touch in morn', drinking all through the night. 
I could remain a drunkard, without losing heavenly right. 

इक बार उसने मुझको देखा था मुस्करा कर
इतनी तो है हक़ीक़त बाक़ी कहानियाँ हैं 
मेला राम वफ़ा

Once, with a smile she had looked at my face. 
Only that's a fact, rest are tales to fill space

सियासत किस हुनरमंदी से सच्चाई छुपाती है
कि जैसे सिसकियों के ज़ख़्म शहनाई छुपाती है
मुनव्वर राना

In a crafty way, truth politics conceals. 
As sob sounds, the clarinet conceals

चमन में खेलती है किस अदा से ग़ुंचा-ओ-गुल से
मगर बाद-ए-सबा की पाक-दामानी नहीं जाती

In garden it plays with buds 'n flowers in style
But pure heartedness of breeze isn't lost for a while. 

हार का ख़ौफ़ है तो घर से निकलते क्यों हो 
जीत का अज़्म है तो राह बदलते क्यों हो
हौसला ले के चलो मुश्किलें डर जाएँगी
पाँव जलते हैं तो फिर आग पे चलते क्यों हो
सिमिन उस्मानी

Why leave home turf, if afraid of defeat? 
Why change the route, if convinced of feat? 
Have faith and it 'll make troubles afraid
If scared of heat, why tread ember sheet? 

माना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके 
कुछ ख़ार कम तो कर गए गुज़रे जिधर से हम
साहिर लुधियानवी 
**
 Agreed, earth wasn't turned to garden but instead. 
Some thorns got removed from the route I tread. 

पहले इस में इक अदा थी नाज़ था अंदाज़ था 
रूठना अब तो तेरी आदत में शामिल हो गया 
**
Earlier there was a grace, 
a style in it's place. 
Now as a habit you sulk 
and that too, in bulk. 

इक नाम क्या लिखा तिरा. साहिल की रेत पर 
फिर उम्र भर हवा से मिरी दुश्मनी रही
शकील अख़्तर 

I just wrote your name on the sea shore. 
Wind  bore enmity for life on this score 

आमद वही सुरूर वही दिलकशी वही
आमद ये आप की है कि झोंका बहार का
जयकृष्ण चौधरी हबीब 
*
The same way to come, glow 'n hearty cling. 
Whether it's your arrival or a puff of spring? 

कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें 
उदास होने का कोई सबब नहीं होता 
बशीर बद्र 
*
At times, eyes overflow on their own. 
There's no reason to be sad or moan. 

कोई भूला हुआ चेहरा नज़र आए शायद
आईना तूने कभी ग़ौर से देखा ही नहीं 
शकेब जलाली

You may happen to locate a forgotten face. 
You haven't been with mirror, face to face. 

तुम मेरे पास होते हो गोया   *****
जब कोई दूसरा नहीं होता 
मोमिन ख़ाँ मोमिन 

You appear to talk with me *****
When none  is there to be. 

अब तो इंसान की अज़्मत भी कोई चीज़ नहीं 
लोग पत्थर को ख़ुदा मान लिया करते थे
शहज़ाद अहमद 

Even largeness of man is nothing worth now. 
People used to take stone for God somehow. 

इश्क़ के इज़हार में हरचंद रुस्वाई तो है 
पर करूँ क्या ये तबीयत आप पर आई तो है
अकबर इलाहाबादी 
*
To exhibit love is a matter of disgrace due. 
But what to do? I am attached with you. 

'मीर'! उन नीम-बाज़ आँखों में 
सारी मस्ती शराब की सी है
*
O 'Mir'! Those half clad eyes of my love. 
Can cast effect of wine, over 'n above. 

ज़िक्र उन के लब का था फूल पर नज़र गई
पंखुड़ी गुलाब की रश्क से बिखर गई
*
Talking about her lips, I happened to look at rose. 
Petals got so jealous, they gave a withered pose. 

दिल दिया एतबार की हद थी
जान दी तेरे प्यार की हद थी
मर गई तेरी आरज़ू ले कर
ये मेरे इंतजार की हद थी

I gave heart as belief limit. 
Bestowed life as love limit. 
Well, I died with your desire. 
' N that was my waiting limit. 

 किस से महरूमी-ए-क़िस्मत की शिकायत कीजे
हम ने चाहा था कि मर जाएँ सो वो भी न हुआ 
मिर्ज़ा ग़ालिब 

To whom to report about debits of fate. 
I wanted to die but could not, till date. 

मय से ग़रज़ निशात है किस रू-सियाह को
एक गूना बे-ख़ुदी मुझे दिन - रात चाहिए 
मिर्ज़ा ग़ालिब 
*
Who is dark hearted to drink for pleasure? 
I want to forget myself on all time measure. 

अपनी ख़ुशी में मेरे भी ग़म को निबाह लो
इतना हँसो कि आँख से आँसू निकल पड़े
*
Mingle my pain with your cheer O dear!
Then laugh a lot for the tear to appear. 

सुने जाते न थे तुम से मेरे दिन रात के शिकवे 
कफ़न सरकाओ मेरी बे-ज़ुबानी देखते जाओ
*
You were bored by my grumbles day 'n night. 
Lift the shroud and watch I can be so quiet. 

दुनिया बहुत ख़राब है जा-ए-गुज़र नहीं 
बिस्तर उठाओ रहने के क़ाबिल ये घर नहीं 
लाला माधव राम जौहर
*
The world is pretty bad, be on your way. 
Pack your bags, house isn't worth  stay. 

बे-वक़्त अगर जाऊँगा सब चौंक पड़ेंगे 
इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा
बशीर बद्र 

All 'll be surprised, if I suddenly arrive there. 
Since long, I haven't seen home at day care. 

न सताइश की तमन्ना न सिले की परवा
न सही गर मिरे अश'आर में मा'नी न सही
मिर्ज़ा ग़ालिब 
*
I don't desire for reward or fame of any kind. 
If my couplets have no meaning, I don't mind. 

ख़ुश-नसीबी में है यही इक ऐब
बद-नसीबों के घर नहीं आती
रसा जालंधरी 

There 's just one flaw in good fortune.. 
It doesn't visit home of bad fortune. 

अज़ाब ये भी किसी और पर नहीं आया 
तमाम उम्र चले और घर नहीं आया 
इफ़्तिख़ार आरिफ़

No other man was so much trouble prone
To walk life long 'n not reach home zone. 

अब अपना इख़्तियार है चाहे जहाँ चलें 
रहबर से अपनी राह जुदा कर चुके हैं हम
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 
*
I am master of my own, can go any way. 
I 've parted with the guide, he has no say. 

लुत्फ़ आने लगा जफ़ाओं में
वो कहीं मेहरबां न हो जाए
अमीर मीनाई 
*
There's  pleasure in her insincerities O Lord!
May she not acquire some sincere accord ! 

हम से ये बार - ए - लुत्फ़ उठाया न जाएगा
एहसां ये कीजिए कि ये एहसां न कीजिए
हफ़ीज़ जालंधरी 
*
I can't tolerate this brunt of pleasure. 
Be kind! Spare me from this treasure. 

उस ने आँचल से निकाली मेरी गुम-गश्ता बयाज़
और चुपके से मोहब्बत का वरक़ मोड़ दिया 
जावेद सबा

From cover, she took out my lost verse book 
Then silently folded the love page  nook. 

बैठ जाता हूँ जहाँ छाँव घनी होती है
हाय! क्या चीज़ ग़रीब-उल-वतनी होती है
हफ़ीज़ जालंधरी 
*
I sit down where ever I find a dense shade. 
What a thing is to be an out of place made ! 

ऐ शम्अ! तुझ पे रात ये भारी है जिस तरह
हमने तमाम उम्र गुज़ारी है इस तरह
नातिक़ लखनवी
*
O candle! As it's a trouble for you to pass a night. 
My entire life has gone through similar plight. 

तमाम रात नहाया था शहर बारिश में 
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे
जमाल अहसानी

The city was bathed night long in rain.. 
The colours not to stay, faded again. 

सुब्ह होती है शाम होती है
उम्र यूँ ही तमाम होती है
मुंशी अमीरुल्लाह तस्लीम 

The morning comes and evening goes. 
This is the way whole life just goes. 

उल्टी हो गई सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया 
देखा इस बीमारी - ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया 
मीर तक़ी मीर 

All attempts turned turtle, medicines had no effect. 
Look ! How heart disease finally had deceasing effect. 

देखा है ज़िन्दगी को कुछ इतने क़रीब से 
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से
साहिर लुधियानवी 
*
I 've seen life from very close range. 
All faces appear to be so strange. 

कचरे से उठाई जो किसी तिफ़्ल ने रोटी
फिर हल्क़ से अपने कोई लुक़्मा नहीं उतरा
बद्र बशीर 
*
When a child picked bread from rubbish pot. 
I could not gulp food piece down the throat. 

गुज़रते पत्तों की चाप होगी तुम्हारी सेहत-ए-अना के अंदर 
फ़सुर्दा यादों की बारिशें भी हमारे जाने के बाद होंगी
मुसव्विर सब्ज़बारी

There'll be taps of old leaves within ego of your health. 
As I leave, rain of crippled memories* will crowd your wealth. 

कभी दफ़ अतन तवज्जो कभी यक ब यक तग़ाफ़ुल
मुझे आज़मा रहा है कोई रुख़ बदल बदल कर
शकील बदायूनी
. *
At times sudden attention and then neglect. 
Someone is testing me from every aspect. 


Dress colour of Indigo fairies is blue. 
The colour of sky and ocean is blue. 
Why colour of depth and height is same? 
To speak the truth, I have no clue. 
RAVI MAUN. 

दिल धड़कने का सबब माद आया
वो तेरी याद थी अब याद आया
नासिर काज़मी 

I understand the reason for palpitations of heart. 
It was your memory, I remember now from start. 

कभी-कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें 
उदास होने का कोई सबब नहीं होता 
बशीर बद्र 
*
At times the eyes spill on their own. 
There is no reason to be grief prone. 

उस के यूँ तर्क - ए-मोहब्बत का सबब होगा कोई 
जी नहीं ये मानता वो बे-वफ़ा पहले से था
परवीन शाकिर 
*
There must be reason for my love to depart.
 I can't believe that he was disloyal from start. 

अपने जलने में नहीं करते किसी को शामिल 
रात होती है तो हम शम्अ बुझा देते हैं। 
सबा अकबराबादी 

I include nothing to share burning of my own. 
With night, I put out the lamp on my own

गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काँटों से भी ज़ीनत होती है
जीने क लिए इस दुनिया में ग़म की भी ज़रूरत होती है 
सबा अफ़ग़ानी
*
Beauty of garden is from thorns too, not flowers alone 
In this world to survive, you also need be 
grief prone

 बुरा न मान अगर यार कुछ बुरा कह दे 
दिलों के खेल में ख़ुद्दारियाँ नहीं चलतीं 

Don't feel bad if your love says some wrong. 
In hearts game, selfish thoughts don't throng. 

छलक छलक पड़ीं आँखों की गागरें अक्सर 
सँभल सँभल के ये पनहारियाँ नहीं चलतीं 

The eye pots spill quite often as such for long. 
These water couriers with care, don't go along. 

जनाब-ए-'कैफ़' ये दिल्ली है 'मीर' ओ 'ग़ालिब' की 
यहाँ किसी की तरफ़-दारियाँ नहीं चलतीं

Mr 'Kaif'! This is Delhi of Ghalib and 'Mir'. 
No one's favours work here so strong. 

इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूँ 
मिरा इश्क़ बे-मज़ा था तिरी दुश्मनी से पहले
कैफ़ी भोपाली 
*
Come here O rival, just let me embrace you. 
My love was placid, till enmity to base you. 

इतना भी ना-उम्मीद दिल-ए-कम-नज़र न हो। 
मुमकिन नहीं कि शाम-ए-अलम की सहर न हो। 
नरेश कुमार शाद
*
Don't be so shortsighted O hopeless heart ! 
It isn't possible for grief evening not to part. 

शब-ए-इंतज़ार की कशमकश में न पूछ कैसे सहर हुई
कभी इक चराग़ जला दिया कभी इक चराग़ बुझा दिया 
मजरुह सुल्तानपुरी। 
*
In tussle of waiting night, don't ask how did morn' appear? 
One lamp was extinguished and another was kindled near. 

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी 
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 
*
When 'll pain stop O heart when' ll night come to end. 
It was heard morn' 'd appear, that she was around the bend. 

बड़े ताबाँ बड़े रौशन सितारे टूट जाते हैं 
सहर की राह तकना ता-सहर आसाँ नहीं होता 
अदा जाफ़री
*
Very big glittering stars also ultimately fall. 
It isn't easy to wait for the morning to stall. 

 अजीब होते हैं आदाब-ए-रुख़सत-ए-महफ़िल
कि वो भी उठ के गया जिस का घर न था कोई 
असर अंसारी 
*
Strange are manners of gathering to leave. 
He who had nowhere to go, had to leave. 

 उक़ाबी रूह जब बेदार होती है जवानों मे
नज़र आती है उनको अपनी मंज़िल आसमानों में 
इक़बाल 

When hawk soul appears within youth chest. 
They look for their goals in yonder skies best. 

ऐसे भी लोग ज़माने में बसर करते हैं। 
जो किसी की भी कहाँ कोई फ़िकर करते हैं। 
रवि मौन

ख़ामोशी से तबीयत और भी संगीन होती है
।तड़प ऐ दिल! तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है

With silence there' s worsening of state it's pace
O heart agitate! With it, there is some solace. 

अपनी तरफ़ तो मैं भी नहीं हूँ अभी तलक
और उस तरफ़ तमाम ज़माना उसी का है
अमीर इमाम
*
On my side, even I am not there still. 
On her side, world is footing the bill. 

शिव तो नहीं हम फिर भी हम ने दुनिया भर के ज़हर पिए
इतनी कड़वाहट है मुँह में कैसे मीठी बात करें? 
अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा

I have ingested all world poisons , though I am not Shiv. 
So bitter is my mouth, how to talk with sweet  motive? 

मैंने पूछा कि है क्या शग्ल तो हँस कर बोले 
आजकल हम तेरे मरने की दुआ करते हैं 
जलाल लखनवी 

I asked what you do each day, 
she simply smiled to say. 
These days I simply pray
That you  may die any way. 

हाथ टूटें मैंने गर छेड़ी हों ज़ुल्फ़ें आप की
आप के सर की क़सम बाद--ए-सबा थी मैं न था
मोमिन खाँ मोमिन 

Let my hands break if I played with your tress. 
I swear , it wasn't me but morn' wind in distress. 

मग़रिब ने ख़ुर्दबीं से कमर उन की देख ली
मशरिक की शायरी का मज़ा किरकिरा हुआ 

West, with a microscope has seen her waist. 
The joy of eastern poetry simply went waste. 

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त। 
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू - ए-वफ़ा आएगी। 
लाल चन्द फ़लक

Love for land 'd last even after death. 
Even my soil  d smell faithful to breath. 

बादा-कशों को देते हैं साग़र ये पूछ कर 
किस को ज़कात-ए-नर्गिस-ए-मस्ताना चाहिए
बेदम शाह वारसी
*
Hands over wine jug to drunkards to enquire. 
Who needs frenzied love look as offer entire? 

क्या ख़बर यारान-ए-रफ़्ता की मिले 
फिर न आया उस गली में जो गया
बेदम शाह वारसी 
*
How to know about an old friend main ? 
He never returned who entered that lane. 

जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया 
नासिर काज़मी 
**
Wounds of parting were healed by grief of life O mate ! 
You also fell asleep while I resigned to pranks of fate. 

क्यूँ न हो इश्क़-ए-मजाज़ी से हक़ीक़ी को फ़रोग
बन गया काबा वहाँ पहले जहाँ बुतख़ाना था
अकबर मेरठी
*
Why should'nt spiritual love  be enlightened by physical love. 
A temple existed. On it's ruins stands Kaaba over 'n above. 

ईमाँ मुझे रोके है तो खींचे है मुझे कुफ़्र
काबा मिरे पीछे है कलीसा मिरे आगे
ग़ालिब 
*
Religion holds me back while faithless pull attracts. 
 Kaaba lags behind, progressive church in front acts. 

बड़ी पेच दर पेच थी राह-ए-दहर
ख़ुदा हम को लाया, ख़ुदा ले गया 
अमीर मीनाई 
**
Tracks of world had twist after twist. 
God brought me here and carried adrift. 

परवानों का तो हश्र जो होना था हो चुका
गुज़री है रात शम्अ' पे क्या, देखते चलें
शाद अज़ीमाबादी 

What had befallen the moths, was all over . 
Let's see how candle passed night cover? 

मुसलसल हादसों से बस मुझे इतनी शिकायत है 
कि ये आँसू बहाने की भी तो मोहलत नहीं देते 
वसीम बरेलवी
*
I bear this complaint, 
against perpetual torment. 
These don't give time,
 to shed tears sublime. 

फिर खो न जाएँ हम कहीं दुनिया की भीड़ में 
मिलती है पास आने की मोहलत कभी कभी 
साहिर लुधियानवी
**
We may not get lost in crowd of world again. 
This leisure, being together, is one rare gain. 

यह जो मोहलत जिसे कहे हैं उम्र
देखें तो इंतज़ार सा है कुछ
मीर तक़ी मीर 
*
This respite, which is called age. 
It's as if, you await death rage ! 

मुझे ‘मीर’ ता-गोर काँधा दिया था
तमन्ना-ए-दिल ने तो याँ तक निबाही
*
O 'Mir'! These shouldered me on to grave. 
Heart desires accompanied, were so brave. 

किया था रेख़्ता पर्दा सुख़न का
सो ठहरा है वही अब फ़न हमारा
मीर तक़ी मीर 
*
My poetry was veiled as an art  
It's now my calibre of some sort. 

निकले हैं गुल के रंग गुलिस्ताँ में ख़ाक से
यह वे हैं, उसके इश्क़ के ख़ूनीं कफ़न तमाम
मीर तक़ी मीर 
**
The colours of flowers erupted from dust. 
For it, bloody shrouds of lovers were a must. 

  चश्म हो तो आईना-खाना है दहर
  मुँह नज़र आता है दीवारों के बीच।”    
मीर तक़ी मीर 

world is a  house of mirrors for the discerning eye. 
Walls shine enough to reflect face without 
a lie! 

सरसरी तुम जहान से गुज़रे
वर्ना हर जा जहान-ए-दीगर था
मीर तक़ी मीर 
*
You passed by the world in a casual way.  Each site had a world to show and say. 

ज़ुल्फ़ सा पेचदार है हर शे’र
है सुख़न मीर का अजब ढब का
मीर तक़ी मीर 
***
There's a twist in each couplet, like tress.
'Mir's work has a strange way to express. 


परवाना कह रहा है" छुपो, आ रहा है शेर" ! 
यूँ जान हथेली पे लिए, आएगा इंसाँ ? 
रवि मौन

जैसे वर्क़-ए-गुल पर अंगारा कोई रख दे
यूँ दस्त-ए-हिनाई पर आँसू अभी टपका है
... बशीर बद्र 
**
As an ember is placed on floral sphere ! 
On hennaed hand has dropped a tear.! 

जबीं झुकाई भी तो किस के सामने तूने
ख़ुदा के दर पे जो झुकता, सँवर गया होता 
चरण सिंह बशर
*
You 've bent your head before whom O man ? 
Had you bent on His door, 'd shape your clan ! 

जहाँ तलक भी ये सहरा दिखाई देता है 
मिरी तरह ही अकेला दिखाई देता है 
शकेब जलाली
**
As far as this desert is seen
It's lonely, as I have been. 

न इतनी तेज़ चले सरफिरी हवा से कहो
शजर पे एक ही पत्ता दिखाई देता है 
**
Don't blow so fast mad wind ! 
 One leaf that's seen, is keen .!     1

(Don't blow off the top ; O wind! 
Last leaf is seen 'n is keen !)         2

ज़िंदगी और मौत का मतलब
तुम को पाना है तुम को खोना है

What's the meaning of life and death? 
It's getting you, losing you next breath ! 

तुम ने बदले हम से गिन गिन कर लिए ! 
क्या तुम्हें चाहा था इस दिन के लिए ? 

Your revenge counts dismay ! 
Did I love you for this day? 

वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर !
दिन गिने जाते थे जिस दिन के लिए ! 

It's meeting day 'n so short ! 
Days were longed for the day ! 

बाग़बाँ ! कलियाँ हों हल्के रंग कीं 
भेजनी हैं एक कमसिन के लिए ! 

Gardener! Bring buds of light hue. 
These are for girl with age on stay ! 

ख़ुदा याद आ गया मुझ को बुतों की बेनियाज़ी से
मिला बाम-ए-हक़ीक़त ज़ीन-ए-इश्क़-ए-मजाज़ी में 
... आतिश

As stony cutes ignored me,
I remembered God's decree! 
On the staircase of  worldly love, 
was the door of spiritual love !

दुनिया से हाथ धो के चलें कूए यार में 
जायज़ नहीं तवाफ़-ए-हरम बे-वज़ू किए ! 
... अज्ञात 
*
Washing hands off worldly stain, 
let's proceed towards lover's lane. 
Before going around mosque site,
Washing hands is a must , not a right ! 

शजर शजर निगराँ है कली कली बेदार
न जाने किस की निगाहों को ढूँढती है बहार ? 
**
Every tree supervises, awake each bud sleak. 
I know not whose eyes does the spring seek? 

वहम को भी तिरा सिरा न मिला 
ना-रसाई सी ना-रसाई है ! 
**
Even doubt couldn't trace it's core. 
What a failure is this failure ! 

हरम-ओ-दैर के झगड़े तिरे छुपने से पड़े
तू अगर पर्दा उठा दे तो तू ही तू हो जाए
*
Your oblivion has brought mosque - temple conflict.
 If you  raise the veil, it will be just your 
verdict ! 

आप का सौदाई है, काफ़िर हो या दीं-दार हो। 
बात इतनी है अब इस का जिस क़दर तूमार हो। 
*
Whether thiest or athiest, is your lunatic after all ! 
This is the matter, you can elaborate overall ! 

रिदाय-लालओ-गुल, पर्दाए-महो-अंजुम
जहाँ जहाँ वो छुपे हैं, अजीब आलम है ! 

Curtain of flowers of shade, 
  veil that's moon, stars made ! 
Where ever you prevail , 
hope, a strange state does entail ! 

मूँज इश्क़ - गरी आग का एक चिन्गी है सूरज ! 
इस आग के शोले का धुआँ सात गगन है.। 
**
 Out of my love fire, sun is but a little spark ! 
Smoke of it's flame turns seven skies dark. 

चमन में खेलती है किस अदा से ग़ुंचा-ओ-गुल से
मगर, बाद-ए-सबा की पाक-दामानी नहीं जाती
**
Though it plays with flowers and buds in style. 
Fair heartedness of breeze isn't lost for a while.

दिल भी तेरे ही ढंग सीखा है। 
आन में कुछ है, आन में कुछ है ! 
... मीर तक़ी मीर 
*
Heart has also learnt your ways. 
Within moments, it's mood sways ! 

मुख़्तसर क़िस्स-ए-ग़म ये है कि दिल रखता हूँ। 
राज़-ए-कौनैन ख़ुलासा है इस अफ़साने का ! 
... फ़ानी
**
In short, grief tale is that I possess the heart. 
Secrets of two worlds are it's gist of a sort !

यारब ! ये दिल है या कोई मेहमाँ-सराय है ? 
ग़म रह गया कभी, कभी आराम रह गया ! 
... मीर दर्द
***
O God! Is it heart or some highway inn ? 
At times grief stays, then comfort within ! 

शाम ही से बुझा सा रहता है ! 
दिल है गोया चिराग़ मुफ़लिस का ! 
... मीर तक़ी मीर 
***
 Since eve', bears burnt out stamp ! 
As if, heart is a poor man's lamp ! 

इक क़तरा ख़ून हो के पलक से टपक पड़ा ! 
किस्सा ये कुछ हुआ दिल-ए- गुफ़राँ-पनाह का ! 
**
Blood dropped from eyelash as an art ! 
This is the tale of a released heart ! 

दामन पे कोई छींट, न ख़ंजर पे कोई दाग़ ! 
तुम क़त्ल करो हो, कि करामात करो हो ? 
कलीम अज़ीज़
**
There's not a drop on hem 'n the dagger is also clear ! 
Do you commit murder, or perform miracles
 O dear? 

नाम-ए-बदबख़्तिए-उश्शाक़ ख़िज़ाँ है, बुलबुल 
तू अगर निकले चमन से तो बहार आ जाए
... मोमिन... 
***
Lover's ill fate is named autumn, nightingale! 
If you quit the garden,then spring will prevail. 

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता 
कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता
निदा फ़ाज़ली
**
No one ever gets  complete world anywhere . 
At places, earth is missing, or sky isn't
 there. 

तुम्हारा हुस्न आराइश तुम्हारी सादगी ज़ेवर 
तुम्हें कोई ज़रूरत ही नहीं बनने सँवरने की 
असर लखनवी 
**
Your beauty can decorate,
 your simplicity ornate. 
You just have no need, 
to beautify 'n pay heed. 

उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले
गुलज़ार 
**
I was carrying the favour of body over soul. Leaving world, took off garb 'n paid  its toll. 

ख़ुद को पहचान के देखे तो ज़रा ये दरिया
भूल जाएगा समुंदर की तरफ़ जाना भी
वसीम बरेलवी
***
Let the river identity itself and see. 
It will forget going towards the sea. 

मैं चुप रहा तो और ग़लतफ़हमियाँ बढ़ीं
वो भी सुना है उस ने जो मैंने कहा नहीं 
बशीर बद्र 
*
When I kept mum, the misunderstandings grew. 
What I hadn't even said, he understood anew. 

दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ? 
रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ ? 
मिर्ज़ा ग़ालिब 
**
It's heart, not clay 'n stone, 
why not with pain get blown. 
A thousand times I shall weep, 
why should one agitations keep ? 

ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं 
साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं 
दाग़ देहलवी 
**
What a veil ! She sits by the split bamboo curtain. 
Neither she is invisible, nor in view for 
certain.  

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर के पहले 
ख़ुदा बन्दे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
अल्लामा इक़बाल 
***
Raise self esteem to an extent, that before writing each fate. 
God asks man himself, what's it you want written on slate . 

तिरे इश्क़ की इन्तिहा चाहता हूँ 
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ 
अल्लामा इक़बाल  
**
 I want passion of your love to full extent. 
Look at my simplicity 'n desire's content ! 

जानता हूँ एक ऐसे शख़्स को मैं भी 'मुनीर' 
ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं 
मुनीर नियाज़ी
**
O 'Muneer'! I also know a person in his fief. 
Who never wept but turned to stone in grief ! 
वो जो आग बने फिरते थे
ख़ाक उन्हें बनते देखा है
*
Those who claimed to be fire. 
I have seen turn to ash, entire. 
that
मैं बदलते हुए हालात में ढल जाता हूँ 
देखने वाले कलाकार समझते हैं मुझे
**
I mould in situations  change. 
People think I am actor wide range. 

बात मतलब की तो हर शख़्स समझ लेता है
बात का मतलब नहीं कोई समझना चाहता 
*
Everyone understands what's his need. 
None knows crux of the matter indeed. 

जैसे वर्क़-ए-गुल पर अंगारा कोई रख दे
यूँ दस्त-ए-हिनाई पर आँसू अभी टपका है
बशीर बद्र 
***
As an ember is put on flower petal sphere. 
On the hennaed hands has dropped a tear ! 

तूने ये क्या ग़ज़ब किया? मुझ को ही फ़ाश कर दिया 
मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-कायनात में.! 
इक़बाल 
**
What have you done? I was also exposed. 
I was a secret in chest of universe reposed. 

आवारगी से ख़ुश हूँ मै इतना कि बादे- मर्ग
हर ज़र्रा मेरी ख़ाक का होगा हवा-परस्त 
सौदा
**
I am so happy a vagabond, after death, I trust. 
With wind will loiter every particle of my
 dust. 

आज फिर मुझ से कहा दरिया ने
क्या इरादा है? बहा ले जाऊँ ! 
मोहम्मद अल्वी 

The sea roared again and so said the tide. 
Do you want to be swept 'n taken for a ride? 

वो जाम हूँ जो ख़ून-ए-तमन्ना से भर गया 
ये मेरा ज़र्फ़ है कि छलकता नहीं हूँ मैं 

***
With blood of desires, cup has had it's fill. 
It's only my capacity that it doesn't spill. 

न लुटता दिन को तो कब रात को यूँ बे ख़बर सोता
रहा खटका न चोरी का, दुआ देता हूँ रहज़न को
ग़ालिब 
***
Had not been robbed in day , 
couldn't sleep freely night away. 
No danger of theft to assess, 
let the robber get my bless.

चलता हूँ थोड़ी दूर हर इक तेज़-रौ के साथ 
पहचानता नहीं हूँ अभी राहबर को मैं 
ग़ालिब 

 I get along a little, with anyone walking fast. 
I haven't yet recognized my guide till the last. 

मैं और बज़्मेमय से यूँ तिश्नाकाम आऊँ !
गर मैंने की थी तौबा, साक़ी को क्या हुआ था ? 
ग़ालिब 
**
Me and leaving the tavern, in half sated state ! Why was bargirl mum, as vow pushed me to gate? 

कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीरे नीम-कश को
ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता
ग़ालिब 
***
Ask about your half pierced arrow from my heart. 
How could it have grated, had it crossed the part? 

माँगा करेंगे अब से दुआ हिज्रेयार की
आख़िर तो दुश्मनी है असर को दुआ के साथ 
मोमिन 
**
I'll pray for separation with my lover from now on. 
Enmity between prayer 'n it's effect is well known . 

हरचंद बगोला मुज़तिर है, इक जोश तो उस के अंदर है
इक वज्द तो है, इक रक़्स तो है, बेचैन सही, बर्बाद सही
अकबर इलाहाबादी 

Though the storm is helpless, but it has got passion. 
There's ecstasy, dance in it even if a restless session. 

कह गए हैं ख़ूब भाई घूरन
 दुनिया रोटी है मज़हब चूरन
अकबर इलाहाबादी 

O Ghooran brother! You have very well  said. 
Religion is digestive powder,world is bread. 

आँख जो कुछ देखती है, लब पे आ सकता नहीं 
महवे हैरत हूँ ये दुनिया क्या से क्या हो जाएगी ! 
इक़बाल
**
What is seen by eyes,the lips can't landscape. 
It's a surprise how world 'll change it's shape? 

बनाएँ क्या समझ कर शाख़ेगुल पर आशियाँ अपना
चमन में आह ! क्या रहना, जो हो बेआबरू रहना ? 
इक़बाल 

Making nest on branch, with what in mind ? 
Why live in a garden with honour of no kind? 

वो हवा दे रहे हैं दामन की 
हाय किस वक़्त नींद आई है ! 
शकील बदायूनी
**
Through hem, she is letting in the air. 
What a time to sleep, how unfair ! 

अपनी हस्ती का सफ़ीना सूए तूफ़ाँ कर लें
हम मोहब्बत में शरीक-ए-ग़म-ए-इंसाँ कर लें 
मजाज़ लखनवी 
***
Let's face boat of our entity towards storm. 
Include grief of mankind, in love, as a norm. 

मैं शब के मुसाफिरों की ख़ातिर 
मश'अल न मिले तो घर जलाऊँ
अहमद नदीम क़ासमी
*
 To illuminate path of travellers at night. 
If torch isn't there, set aflame home site. 

मुझ को कहने दो कि मैं आज भी जी सकता हूँ 
इश्क़ नाकाम सही ज़िंदगी नाकाम नहीं 
साहिर लुधियानवी 
***
Let me boldly say, 
I can live even today. 
My love has failed, 
my life isn't derailed. 

दरिया की ज़िन्दगी पर, सदक़े हज़ार जानें
मुझको नहीं गवारा साहिल की मौत मरना
जिगर मुरादाबादी
***
On the turbulent river flow,
 a thousand lives may go. 
On still silent shore space, 
death isn't worthy of grace. 

दास्ताँ उन की अदाओं की है रंगीं लेकिन 
उस में कुछ ख़ूने-तमन्ना भी है शामिल अपना
असग़र गौंडवी
*
The tale of her styles is colourful indeed. 
But blood of my desires is there to feed. 

ये बज़्मेमय है, याँ कोताह दस्ती में है महरूमी
जो बढ़ कर ख़ुद उठा ले हाथ में, मीना उसी का है
शाद अज़ीमाबादी 

  It's tavern,deprivation is in withholding the hand. 
Who comes forward and holds , goblet is in hand. 

ऊँचे ऊँचे मुजरिमों की पूछ होगी हश्र में 
कौन पूछेगा मुझे मैं किन गुनहगारों में हूँ? 
**
The culprits above par,
 'll be doomsday star. 
Who' ll bother or care, 
I am no culprit worth a stare. 

अपना नहीं ये शेवा कि आराम से बैठें 
उस दर पे नहीं बाट तो काबे ही को हो आए
मिर्ज़ा ग़ालिब 
**
It's not my skill, 
to be at ease and still. 
If not awaited at her gate, 
went to Kaaba in a spate. 

माना कि हर बहार में पर टूटते रहे
फिर भी तवाफ़-ए-सहन-ए-गुलिस्ताँ किए गये 
ख़ुर्शीद 

I agree that the quills got shed each spring. 
But I still moved in confines of garden ring. 

ये इत्तफ़ाक़ तो देखो बहार जब आई
हमारे जोश-ए-जुनूँ का वही ज़माना था
असर लखनवी 
*
What a coincidence that the arrival of spring! 
Was, when my frenzy had peaked the string. 

दिल ये कहता था कि सीने से लगा लूँ उन को
शौक़ कहता था कि आँखों में छुपा लूँ उन को
**
While the heart wanted that I should embrace. 
Desire wished to hide her in eyes without trace. 

उफ़ ! री शबनम ! इस क़दर नादानियाँ
मोतियों को घास पर फैला दिया 
आग़ा शायर देहलवी 
***
O drops of dew !
 What a childish view ! 
Spilled the class, 
of pearls on grass.! 

सदसाला दौर-ए-चर्ख़ था साग़र का एक दौर
निकले जो मयकदे से तो दुनिया बदल गई 
**
Centurion was each round of wine.
 Off tavern, changed was world of mine. 

निकला हूँ साथ ले के शिकस्ता किताब-ए-दिल
हर हर वरक़ में शरह-ए-तमन्ना लिए हुए 
**
I  have come out with the shattered book of heart. 
Each page contains detail of a desire from start. 

काम आई कोह कन की मशक्कत न इश्क़ में 
पत्थर से जूए-शीर के लाने ने क्या किया ? 
मिर्ज़ा रफ़ी सौदा
**
Troubled stone cutting in love, failed to relieve. 
What did the milky passage through stones achieve? 

दुश्मनों की जफ़ा का ख़ौफ़ नहीं 
दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं 
हफ़ीज़ बनारसी
*
I am not afraid of faithless foes. 
Loyalty of friends brings me woes. 

अदा आई जफ़ा आई ग़ुरूर आया हिजाब आया 
हज़ारों आफ़तें ले कर हसीनों पर शबाब आया 
नूह नारवी
**
Style, faithlessness, haughtiness and veil. 
Youth on cutes brought lots of trouble in trail. 

उल्फ़त में बराबर है वफ़ा हो कि जफ़ा हो 
हर बात में लज़्ज़त है अगर दिल में मज़ा हो 
अमीर मीनाई

Whether loyal or disloyal, are equal in love. 
From heart, joy oozes all over and  above. 

किसी माशूक़ा से आशिक़ का ख़फ़ा हो जाना।
 जिस्म से रूह का गोया हो जुदा हो जाना 
अहसान मारहवी
*
When beloved gets angry with lover. 
It's as if the soul 's left body cover. 

त'अल्लुक़ तोड़ने में पहले, मुश्किल मरहला था
चलो हम ने तुम्हारा  बोझ हल्का कर दिया है 
हसन अब्बास रज़ा
**
It was difficult to be first for relation to goad. 
Well, I have lessened a little of your load. 

यक़ीं न आए तो इक बात पूछ कर देखो 
जो हँस रहा है वो ज़ख़्मों से चूर निकलेगा
अमीर क़ज़लबाश

If you are not sure, just once enquire.
 A heap of wounds does laugh require. 

तुम मेरे लिए अब कोई इल्ज़ाम न ढूँडो 
चाहा था तुम्हें इक यही इल्ज़ाम बहुत है 
साहिर लुधियानवी
**
Don't you search for a blame for me. 
I loved you. It's enough blame for me. 

साक़ी मुझे शराब की तोहमत नहीं पसंद 
मुझ को तिरी निगाह का इल्ज़ाम चाहिए 
अब्दुल हमीद अदम

O wine girl! I don't like a blame for wine. 
I want your eyes to have blame for mine. 

मैं बोलता हूँ तो इल्ज़ाम है बग़ावत का 
मैं चुप रहूँ तो बड़ी बेबसी सी होती है 
बशीर बद्र
**
If I speak, it is labelled revolt. 
To keep mum feels caged 'n bolt. 

एक हमें आवारा कहना कोई बड़ा इल्ज़ाम नहीं 
दुनिया वाले दिल वालों को और बहुत कुछ कहते हैं 
हबीब जालिब
*
A vagabond! It's not much of a blame..
People call  hearty men many a name. 

दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं 
लोग अब मुझ को तिरे नाम से पहचानते हैं 
क़तील शिफ़ाई
*
I'm known, as my heart has a blame. 
People recognize me with your name. 

कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं 
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे 
जौन एलिया
**
How lovely are you, how desired am I
What a pity that both of us will die. 

हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं 
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में 
बशीर बद्र
***
People label each throbbing stone a heart. 
It takes lives shaping a heart into heart. 

ख़ुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते हैं 
फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं 
इफ़्तिख़ार आरिफ़

People watch shattering self, can't do.a thing
Still consider themselves 'n talk in Godly fling.

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं 
जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं 
सुदर्शन फ़ाकिर
**
One who confronts is labelled bad. 
Whom you never see is God, how sad ! 

हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के 'दाग़' 
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं 
दाग़ देहलवी

Thousand things in love are pleasant. 
Those who do nothing, perform decent. 

जान जाने को है और रक़्स में परवाना है
कितना रंगीन मोहब्बत तिरा अफ़साना है
साग़र ख़ैयाम
**
Life is about to end and moth is circling around. 
How colourful is the story of love, on it's ground. 

उसे मालूम था ये शाम-ए-जुदाई है तो बस
आख़िरी बार बड़ी देर इकट्ठा बैठे
सज्जाद बलूच

He knew it very well, 
it was parting night' 's spell. 
So last time very long, 
we sat together tied strong. 

ये तो इंसानों के टूटे हुए दिल हैं साक़ी
हम  से टूटे हुए साग़र नहीं देखे जाते
**
O winegirl! These are the broken hearts of men. 
I can't see broken wine cups, no matter when. 
  
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा 
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
**
Some griefs other than love, too exist. 
Comforts other than love, too persist. 
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ 
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ 
अहमद फ़राज़
***
Be it enmity, come to hurt heart, give pain. 
Come back to leave me alone once again. 
  
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब 
आज तुम याद बे-हिसाब आए 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
***
I was tabulating griefs of world, it's kind. 
Today your thoughts stormed my mind. 
  
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन 
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है 
मिर्ज़ा ग़ालिब
**
I knlow very well, 
truth of heaven it's spell. 
But to keep pleased heart,
 it's an idea of good sort. 
  
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो 
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है 
राहत इंदौरी
***
Her memories are near, 
breathe slowly O dear! 
It disturbs the prayer , 
palpitations jolt it there. 

इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया 
वर्ना हम भी आदमी थे काम के 
मिर्ज़ा ग़ालिब

O 'Ghalib'! I was turned worthless by love
I was a worthy man before love trove. 

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम 
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता 
अकबर इलाहाबादी
**
If get a bad name, 
even by sigh what a shame! 
She murders in daylight,
 none whispers outright. 

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का 
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले 
मिर्ज़ा ग़ालिब
***
 There is no difference in love between life and death. 
I die for that faithless, for whom I take breath. 

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले 
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है 
अल्लामा इक़बाल
***
Raise self respect to a state,
 before  writing your fate. 
God would Himself enquire, 
what's it you require? 
  
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा 
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं 
मिर्ज़ा ग़ालिब
*
O God! Who won't die, 
on her simplicity 'n why? 
She is fighting in a war, 
without a sword to stand for. 
  
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है 
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है 
निदा फ़ाज़ली
**
Those who maintain sense,
 don't know what's loss of sense. 
You love, then understand,
 what's life first hand. 
 
न जी भर के देखा न कुछ बात की 
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की 
बशीर बद्र

Neither I had a talk with heart, nor watched her well as art. 
It was what I desired , a meeting was what I required. 
  
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें 
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें 
अहमद फ़राज़

It will be only in dreams, if we part, we'll meet it seems. 
As dried flowers in covers, are found within books of lovers. 
  
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें 
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं 
फ़िराक़ गोरखपुरी

It has been so long, your memories didn't dong.
Though It hasn't happened yet, You I didn't forget 

अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ 
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ 
अनवर शऊर

Sitting all of a sudden, I just get lost. 
I don't remain me, become you as fast. 

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं 
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं 
अल्लामा इक़बाल

Worlds beyond the stars, do exist. 
Many tests of love still persist. 
  
मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर 
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया 
मजरूह सुल्तानपुरी

It was all alone, towards goal I had gone. 
People came and joined, a caravan was defined. 
  
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले 
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले 
मिर्ज़ा ग़ालिब

Each wish worth dying for, wishes thousands galore. 
Many hopes were fulfilled, some were left to be grilled. 
  
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं 
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं 
फ़िराक़ गोरखपुरी

If recognize her footfall,from a distance after all. 
O life! I recognize thee  from a far and yet don't see. 

माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं 
तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख 
अल्लामा इक़बाल

I know that I am not worth, your look 'n it's mirth. 
But you simply look, my desire and time I took. 
  
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे 
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे 
वसीम बरेलवी

How can I conceal, what my face does reveal. 
How to look as you want, from each angle' n slant. 

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है 
हसरत मोहानी

Silently weeping day and night, I remember shedding tears alright. 
That golden time of love I clearly remember over and above. 
  
वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन 
उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा 
साहिर लुधियानवी

A affair that can not reach, an end well worth any breach. 
It's good to say good bye, after a lovely twist, just try. 
 
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी 
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता 
बशीर बद्र

Some compulsions were in the ways. 
For no reason, love none betrays. 
 
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं 
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है 
बशीर बद्र

O life! You allotted me land, lesser than the grave land 
If I join stretch my feet, head bangs against wall in retreat. 

हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं 
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं 
जिगर मुरादाबादी

The world lacks power to erase me. 
I am not from the world, it is from me. 
  
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के 
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

Losing both worlds in your love brief. Someone goes spending night in grief. 
  
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम 
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ 
अहमद फ़राज़

To how many will I tell cause of falling apart. 
You may be angry with me, visit on their part. 
  
राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्या 
आगे आगे देखिए होता है क्या 
मीर तक़ी मीर

Love route is long, why do you cry? 
Watch what happens next, not why? 

ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम 
मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं 
इमाम बख़्श नासिख़

Life is a name for brave heart. 
They don't live, are dust dead heart. 
  
जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा 
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता 
वसीम बरेलवी 

Where ever it's there, will spread light
No lamp has got it's home outright. 

इस शे’र में कई अर्थ ऐसे हैं जिनसे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वसीम बरेलवी शे’र में अर्थ के साथ कैफ़ियत पैदा करने की कला से परिचित हैं। ‘जहाँ’ के सन्दर्भ से ‘वहीं’ और इन दोनों के सन्दर्भ से ‘मकाँ’, ‘चराग़’ के सन्दर्भ से ‘रौशनी’ और इससे बढ़कर ‘किसी’ ये सब ऐसे लक्षण हैं जिनसे शे’र में अर्थोत्पत्ति का तत्व पैदा हुआ है।

शे’र के शाब्दिक अर्थ तो ये हो सकते हैं कि चराग़ अपनी रौशनी से किसी एक मकाँ को रौशन नहीं करता है, बल्कि जहाँ जलता है वहाँ की फ़िज़ा को प्रज्वलित करता है। इस शे’र में एक शब्द 'मकाँ' केंद्र में है। मकाँ से यहाँ तात्पर्य मात्र कोई ख़ास घर नहीं बल्कि स्थान है।

अब आइए शे’र के भावार्थ पर प्रकाश डालते हैं। दरअसल शे’र में ‘चराग़’, ‘रौशनी’ और ‘मकाँ’ की एक लाक्षणिक स्थिति है। चराग़ रूपक है नेक और भले आदमी का, उसके सन्दर्भ से रोशनी रूपक है नेकी और भलाई का। इस तरह शे’र का अर्थ ये बनता है कि नेक आदमी किसी ख़ास जगह नेकी और भलाई फैलाने के लिए पैदा नहीं होते बल्कि उनका कोई विशेष मकान नहीं होता और ये स्थान की अवधारणा से बहुत आगे के लोग होते हैं। बस शर्त ये है कि आदमी भला हो। अगर ऐसा है तो भलाई हर जगह फैल जाती है।

शफ़क़ सुपुरी

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है 
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है 
मीर तक़ी मीर

Each leaf, each branch knows my state.. Flower isn't aware, garden knows O mate. 
 
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया 
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया 
शकील बदायूनी

O love! I have to weep on your fate. 
Why weep on your name this date? 

दिल-ए-वहशी अपना छुटे किस तरह 
कि ज़ंजीर-ए-गेसू का पाबंद है
मुनीर शिकोहाबादी

How can frenzied heart be free?
Tucked with tress to this degree! 
  
मिलाते हो उसी को ख़ाक में जो दिल से मिलता है 
मिरी जाँ चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है 
दाग़ देहलवी

You raze him to dust, who meets the heart. 
My love, a lover is hard to find in mart. 
  
दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं 
कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं 
जिगर मुरादाबादी

In someone ''s heart I am paving a way. 
What a holy crime, it's hard to say! 
  
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ 
मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है 
मुस्तफ़ा ज़ैदी

Come wobbling on these pebbles, if you can. 
On way to my home, is no galaxy O man! 
  
तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी हो 
तुम को देखें कि तुम से बात करें 
फ़िराक़ गोरखपुरी

You are talking and so near. 
 May I talk to or see you dear? 
 
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना 
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता 
बशीर बद्र

While meeting bigwigs, keep some space. 
Meeting the ocean, river loses it's trace. 

ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे 
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है 
जिगर मुरादाबादी

Love isn't easy, learn this way on cross. 
It's a river of fire, you drown and cross. 

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता 
अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता 
मिर्ज़ा ग़ालिब

A meeting with the sweetheart, well it was not so fated. 
Had I lived any longer, 'morrow was to be dated. 
  
सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ 
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ 
ख़्वाजा मीर दर्द

O lost one! You travel, life would not just last. 
Even if it remains,the youth' ll disappear fast. 
 
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती 
मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं 
हसरत मोहानी

If not, for months memory doesn't knock the door. 
But if she appears, it's frequent, more and more. 
  
वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे 
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था 
दाग़ देहलवी

I will be loyal, agree, live with you. 
Who said it, just think, was it you? 
  
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता 
कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता 
निदा फ़ाज़ली

No one gets the world as a whole here. 
The earth or sky is missing here or there. 

हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी 
जिस को भी देखना हो कई बार देखना 
निदा फ़ाज़ली

There are many persons in each man. 
Watch many times, on seeing a man. 
  
ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने 
लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई 
मुज़फ़्फ़र रज़्मी

Eyes of calendar have seen this torture. 
For a fault of moments, centuries suffer. 
  
तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा 
मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है 
अमीर मीनाई

You are angry on my love. 
When you are angry, I love. 
 
उम्र-ए-दराज़ माँग के लाई थी चार दिन 
दो आरज़ू में कट गए दो इंतिज़ार में 
सीमाब अकबराबादी

Borrowed was long life of four days.
Two were lost in wish, in wait two days. 
  
यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं 
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे 
बशीर बद्र

It's get up that matters here, not man. 
Cut short wine, serve in a bigger can. 

अंदाज़ अपना देखते हैं आइने में वो 
और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो 
निज़ाम रामपुरी

Within the mirror, she looks at her style. 
That no one watches, looks all the while. 
 
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे 
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ 
क़तील शिफ़ाई

I will sleep somehow, sleep will overpower. 
Restlessness persists, stars get sleep cover. 
  
दोस्ती जब किसी से की जाए 
दुश्मनों की भी राय ली जाए 
राहत इंदौरी

When friendship is on cards 
Consult enemies for yards. 
  
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही 
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ 
साहिर लुधियानवी

Meeting you, may be pleasure. 
Later it's sadness to treasure. 
 
तुम ज़माने की राह से आए 
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का 
बाक़ी सिद्दीक़ी

You came through world route. 
Way to heart was straight O cute. 
 
मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी 
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी 
बशीर बद्र

You are a traveller and and so is me. 
We will meet on some turn, see. 
  
वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है 
कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं 
मिर्ज़ा ग़ालिब

As a gift of God, she has come to my home. 
At times I look at her and again at my home. 
  
वो बात सारे फ़साने में जिस का ज़िक्र न था 
वो बात उन को बहुत ना-गवार गुज़री है 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

What wasn't even mentioned in the tale. 
Has hurt him hard,somewhere on l trail. 

हम से क्या हो सका मोहब्बत में 
ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की 
फ़िराक़ गोरखपुरी

In love what could I do.? 
At least faithless were you. 
 
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले 
चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

Colouring flowers, blows new spring wind. 
Come and join as garden business find. 

ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम ने 
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता 
चराग़ हसन हसरत

You told others and listened to those . 
Had you told me and listened close. 

कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से 
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो 
बशीर बद्र

None'll shake even hand, if suddenly you embrace. 
This city has new style, while meeting, keep space. 
  
इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है 
सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है 
जिगर मुरादाबादी

It's a small story of the word called love. 
Precisely lover's heart, widely world above. 
  
कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा 
कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तिरा 
इब्न-ए-इंशा

It was night of fourteenth,you were talked whole night. 
Some said, it was moon, others said your
 face bright. 
  
तुम से बिछड़ कर ज़िंदा हैं 
जान बहुत शर्मिंदा हैं 
इफ़्तिख़ार आरिफ़

Departed from you, yet alive. 
Ashamed so much to be alive. 

पूछा जो उन से चाँद निकलता है किस तरह 
ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे डाल के झटका दिया कि यूँ 
आरज़ू लखनवी

When I asked her, how does moon appear? 
Set tress on the face, shook, to get it clear. 
 
बे-ख़ुदी बे-सबब नहीं 'ग़ालिब' 
कुछ तो है जिस की पर्दा-दारी है 
मिर्ज़ा ग़ालिब

'Ghalib' ecstasy isn't for nothing. 
It's there to cover something. 
  
झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं 
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं 
कैफ़ी आज़मी

Whether downcast eyes are restless or not. 
Even if it's suppressed, love is in heart or not. 
  
ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त 
वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में 
फ़िराक़ गोरखपुरी

SomehowI I have spent these days of life. 
Whether to remember you or forget in strife. 
  
उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया 
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया 
मीर तक़ी मीर

All methods turned turtle, medicines were of no use. 
You witnessed that heart ache, did finally life diffuse. 
  
नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए 
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है 
मीर तक़ी मीर

What to talk about delicacy of her lips?
It's a petal of rose from bottom to tips. 
  
कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता 
एक पत्थर तो तबीअ'त से उछालो यारो 
दुष्यंत कुमार

Why won't there be a hole in sky? 
Wholeheartedly, throw a stone high. 
  
हम हुए तुम हुए कि 'मीर' हुए 
उस की ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए 
मीर तक़ी मीर

Whether he is' Mir, me or you. 
All are captives of her tress too. 

कह रहा है शोर-ए-दरिया से समुंदर का सुकूत 
जिस का जितना ज़र्फ़ है उतना ही वो ख़ामोश है 
नातिक़ लखनवी

To turbulent river says peace of sea. 
Capacity to contain is silence for thee. 

मकतब-ए-इश्क़ का दस्तूर निराला देखा 
उस को छुट्टी न मिले जिस को सबक़ याद रहे 
मीर ताहिर अली रिज़वी

School of love has unique style. 
Learn text and stay longer while. 
 
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है 
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा 
अल्लामा इक़बाल

Narcissus weeps for thousand years that it isn't cute. 
With difficulty comes to garden, an observer absolute. 
 
जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ 
जाने क्यूँ लोग मिरे नाम से जल जाते हैं 
क़तील शिफ़ाई

When ever your name is clubbed with mine. 
I know not why,with it, people burn and pine. 
  
तिरे माथे पे ये आँचल बहुत ही ख़ूब है लेकिन 
तू इस आँचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था 
असरार-उल-हक़ मजाज़

The mantle on your head looks lovely indeed. 
Banner made out of it would be a good deed. 
 
सुब्ह होती है शाम होती है 
उम्र यूँही तमाम होती है 
मुंशी अमीरुल्लाह तस्लीम

Morning comes and evening follows. 
This is how the whole life swallows. 

मोहब्बत करने वाले कम न होंगे 
तिरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे 
हफ़ीज़ होशियारपुरी

Those who love, won't be less. 
But I won't be in that mess. 
  
कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी 
कुछ मुझे भी ख़राब होना था 
असरार-उल-हक़ मजाज़

A little faithless was your view 
Being bad, for me was overdue.

आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे 
ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे 
मिर्ज़ा ग़ालिब

Why not give you a mirror and call it a show. 
Where from search one to be like you or so. 
  
ज़िंदगी क्या किसी मुफ़लिस की क़बा है जिस में 
हर घड़ी दर्द के पैवंद लगे जाते हैं 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

Is life the cloak of very poor men? 
To be patched with pain, now 'n then. 
 
दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं 
दोस्तों की मेहरबानी चाहिए 
अब्दुल हमीद अदम

The heart has not fully broken still. 
Courtesy of friends is needed to grill. 
 
अब तो जाते हैं बुत-कदे से 'मीर' 
फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया 
मीर तक़ी मीर

' Mir' is leaving temple as  of now. 
Will come if God sent some how. 
  
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है 
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है 
बिस्मिल अज़ीमाबादी

There is desire in heart, for the head to part. 
I have yet to stand, power of murderer's hand. 
  
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें 
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए 
निदा फ़ाज़ली

Far are mosque and home, let's try this way. 
Let a crying child be made to smile today. 

दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया 
जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया 
जोश मलीहाबादी

Hurts of heart didn't let me be at ease. 
I remembered you with each cold breeze. 
  
ढूँड उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती 
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें 
अहमद फ़राज़

Search for pearls of loyalty in displaced men. 
May be you can get these treasures then. 
  
दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है 
चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है 
नुशूर वाहिदी

The lamp is silent but some heart glows. 
Follow the route as far as light shows. 
  
तेरी आँखों का कुछ क़ुसूर नहीं 
हाँ मुझी को ख़राब होना था 
जिगर मुरादाबादी

It' 's not a fault of your eyes. 
I was to be one of bad guys. 

सुर्ख़-रू होता है इंसाँ ठोकरें खाने के बा'द 
रंग लाती है हिना पत्थर पे पिस जाने के बा'द 
सय्यद ग़ुलाम मोहम्मद मस्त कलकत्तवी


 
आख़री हिचकी तिरे ज़ानूँ पे आए 

मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ 

क़तील शिफ़ाई
टैग्ज़: इश्क़ और 6 अन्य

आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं 

सामान सौ बरस का है पल की ख़बर नहीं 

हैरत इलाहाबादी
टैग: फ़ेमस शायरी 
  
वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर 

दिन गिने जाते थे इस दिन के लिए 

अमीर मीनाई
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 2 अन्य 
  
ख़बर सुन कर मिरे मरने की वो बोले रक़ीबों से 

ख़ुदा बख़्शे बहुत सी ख़ूबियाँ थीं मरने वाले में 

दाग़ देहलवी
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 2 अन्य 
 
दिल के फफूले जल उठे सीने के दाग़ से 

इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से 

महताब राय ताबां
टैग्ज़: चराग़ और 4 अन्य 
 
सूरज हूँ ज़िंदगी की रमक़ छोड़ जाऊँगा 

मैं डूब भी गया तो शफ़क़ छोड़ जाऊँगा 

इक़बाल साजिद
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद 

वक़्त कितना क़ीमती है आज कल 

शकील बदायूनी
टैग्ज़: इश्क़ और 4 अन्य 
 
वो अक्स बन के मिरी चश्म-ए-तर में रहता है 

अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है 

बिस्मिल साबरी

उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें 

मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे 

जिगर मुरादाबादी
टैग्ज़: अम्न और 3 अन्य 
  
क़ैस जंगल में अकेला है मुझे जाने दो 

ख़ूब गुज़रेगी जो मिल बैठेंगे दीवाने दो 

मियाँ दाद ख़ां सय्याह
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 2 अन्य 
  
हम लबों से कह न पाए उन से हाल-ए-दिल कभी 

और वो समझे नहीं ये ख़ामुशी क्या चीज़ है 

निदा फ़ाज़ली
टैग्ज़: ख़ामोशी और 2 अन्य 
 
तुम मिरे पास होते हो गोया 

जब कोई दूसरा नहीं होता 

मोमिन ख़ाँ मोमिन
टैग: फ़ेमस शायरी 
  
सदा ऐश दौराँ दिखाता नहीं 

गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं 

मीर हसन
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 2 अन्य 
 
पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है 

ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है 

बशीर बद्र
टैग्ज़: ग़म और 2 अन्य

हम ने माना कि तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन 

ख़ाक हो जाएँगे हम तुम को ख़बर होते तक 

मिर्ज़ा ग़ालिब
टैग्ज़: तग़ाफ़ुल और 1 अन्य 
  
मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे 

मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे 

शकील बदायूनी
टैग्ज़: इश्क़ और 6 अन्य 
  
ज़िंदगी क्या है अनासिर में ज़ुहूर-ए-तरतीब 

मौत क्या है इन्हीं अज्ज़ा का परेशाँ होना 

चकबस्त ब्रिज नारायण
टैग्ज़: अनासिर और 3 अन्य 
  
इस तरह ज़िंदगी ने दिया है हमारा साथ 

जैसे कोई निबाह रहा हो रक़ीब से 

साहिर लुधियानवी
टैग्ज़: ज़िंदगी और 2 अन्य 
  
कुछ उसूलों का नशा था कुछ मुक़द्दस ख़्वाब थे 

हर ज़माने में शहादत के यही अस्बाब थे 

हसन नईम
टैग्ज़: असबाब और 2 अन्य 
  
मक़ाम 'फ़ैज़' कोई राह में जचा ही नहीं 

जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले 

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
टैग: फ़ेमस शायरी

ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर 

या वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो 

अज्ञात
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 2 अन्य 
 
मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया 

हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया 

साहिर लुधियानवी
टैग्ज़: ज़िंदगी और 2 अन्य 
  
कोई क्यूँ किसी का लुभाए दिल कोई क्या किसी से लगाए दिल 

वो जो बेचते थे दवा-ए-दिल वो दुकान अपनी बढ़ा गए 

बहादुर शाह ज़फ़र
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 2 अन्य 
 
चले तो पाँव के नीचे कुचल गई कोई शय 

नशे की झोंक में देखा नहीं कि दुनिया है 

शहाब जाफ़री
टैग्ज़: दुनिया और 3 अन्य 
 
कभी यक-ब-यक तवज्जोह कभी दफ़अतन तग़ाफ़ुल 

मुझे आज़मा रहा है कोई रुख़ बदल बदल कर 

शकील बदायूनी
टैग्ज़: इश्क़ और 3 अन्य 
  
याद-ए-माज़ी अज़ाब है या-रब 

छीन ले मुझ से हाफ़िज़ा मेरा 

अख़्तर अंसारी
टैग्ज़: अज़ाब और 4 अन्य 
 
भाँप ही लेंगे इशारा सर-ए-महफ़िल जो किया 

ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं 

लाला माधव राम जौहर
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 2 अन्य 
  
ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था 

हमीं सो गए दास्ताँ कहते कहते 

साक़िब लखनवी
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
मिरे ख़ुदा मुझे इतना तो मो'तबर कर दे 

मैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर दे 

इफ़्तिख़ार आरिफ़
टैग्ज़: घर और 1 अन्य 
  
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ 

हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है 

बिस्मिल अज़ीमाबादी
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
चल साथ कि हसरत दिल-ए-मरहूम से निकले 

आशिक़ का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले 

फ़िदवी लाहौरी
टैग्ज़: आशिक़ और 2 अन्य 
 
चोरी चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह 

मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है 

हसरत मोहानी

ख़ंजर चले किसी पे तड़पते हैं हम 'अमीर' 

सारे जहाँ का दर्द हमारे जिगर में है 

अमीर मीनाई
टैग्ज़: एकता और 2 अन्य 
 
इश्क़ इक 'मीर' भारी पत्थर है 

कब ये तुझ ना-तवाँ से उठता है 

मीर तक़ी मीर
टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य 
  
किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी 

झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी 

आरज़ू लखनवी
टैग्ज़: ज़ुल्फ़ और 2 अन्य 
  
ऐ ताइर-ए-लाहूती उस रिज़्क़ से मौत अच्छी 

जिस रिज़्क़ से आती हो परवाज़ में कोताही 

अल्लामा इक़बाल
टैग: फ़ेमस शायरी 
  
बात उल्टी वो समझते हैं जो कुछ कहता हूँ 

अब की पूछा तो ये कह दूँगा कि हाल अच्छा है 

जलील मानिकपूरी
टैग: फ़ेमस शायरी 
 
कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा 

मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा 

कैफ़ भोपाली
टैग्ज़: आहट और 2 अन्य 
  
उम्र तो सारी कटी इश्क़-ए-बुताँ में 'मोमिन' 

आख़िरी वक़्त में क्या ख़ाक मुसलमाँ होंगे

यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है 

आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया 

शकील बदायूनी
टैग्ज़: इश्क़ और 5 अन्य 
  
बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मा'लूम 

जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई 

फ़िराक़ गोरखपुरी
टैग्ज़: इश्क़ और 4 अन्य 
 
वो नहीं भूलता जहाँ जाऊँ 

हाए मैं क्या करूँ कहाँ जाऊँ 

इमाम बख़्श नासिख़
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
 
'मुसहफ़ी' हम तो ये समझे थे कि होगा कोई ज़ख़्म 

तेरे दिल में तो बहुत काम रफ़ू का निकला 

मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
टैग्ज़: ख़ुद-अज़िय्यती और 2 अन्य 
  
जी ढूँडता है फिर वही फ़ुर्सत कि रात दिन 

बैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किए हुए 

मिर्ज़ा ग़ालिब
टैग्ज़: तसव्वुर और 2 अन्य 
  
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो 

वही यानी वादा निबाह का तुम्हें याद हो कि न याद हो 

मोमिन ख़ाँ मोमिन
टैग्ज़: इश्क़ और 6 अन्य 
  
अंगड़ाई भी वो लेने न पाए उठा के हाथ 

देखा जो मुझ को छोड़ दिए मुस्कुरा के हाथ 

निज़ाम रामपुरी
टैग्ज़: अंगड़ाई और 3 अन्य

हर नफ़स उम्र-ए-गुज़िश्ता की है मय्यत 'फ़ानी' 

ज़िंदगी नाम है मर मर के जिए जाने का 

फ़ानी बदायुनी
टैग्ज़: ज़िंदगी और 1 अन्य 
  
अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का 

बस इक निगाह पे ठहरा है फ़ैसला दिल का 

असद अली ख़ान क़लक़
टैग्ज़: अदा और 3 अन्य 
  
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा 

हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा 

अल्लामा इक़बाल
टैग्ज़: गणतंत्र दिवस शायरी और 3 अन्य 
 
चलो अच्छा हुआ काम आ गई दीवानगी अपनी 

वगरना हम ज़माने भर को समझाने कहाँ जाते 

क़तील शिफ़ाई
टैग्ज़: इश्क़ और 4 अन्य 
  
दी शब-ए-वस्ल मोअज़्ज़िन ने अज़ाँ पिछली रात 

हाए कम-बख़्त को किस वक़्त ख़ुदा याद आया 

दाग़ देहलवी
टैग: फ़ेमस शायरी 
  
न जाना कि दुनिया से जाता है कोई 

बहुत देर की मेहरबाँ आते आते 

दाग़ देहलवी
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 1 अन्य 
  
मैं मय-कदे की राह से हो कर निकल गया 

वर्ना सफ़र हयात का काफ़ी तवील था 

अब्दुल हमीद अदम
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
 
कितना है बद-नसीब 'ज़फ़र' दफ़्न के लिए 

दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में 

बहादुर शाह ज़फ़र

उठ कर तो आ गए हैं तिरी बज़्म से मगर 

कुछ दिल ही जानता है कि किस दिल से आए हैं 

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
टैग: फ़ेमस शायरी   
  
हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत 

देंगे वही जो पाएँगे इस ज़िंदगी से हम 

साहिर लुधियानवी
टैग्ज़: उदासी और 4 अन्य 
 
दुनिया के जो मज़े हैं हरगिज़ वो कम न होंगे 

चर्चे यूँही रहेंगे अफ़्सोस हम न होंगे 

आग़ा मोहम्मद तक़ी ख़ान तरक़्क़ी
टैग: फ़ेमस शायरी udayaa
 
जब मैं चलूँ तो साया भी अपना न साथ दे 

जब तुम चलो ज़मीन चले आसमाँ चले 

जलील मानिकपूरी
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
 
'मीर' अमदन भी कोई मरता है 

जान है तो जहान है प्यारे 

मीर तक़ी मीर
टैग्ज़: ज़िंदगी और 2 अन्य 
 
तुम्हें ग़ैरों से कब फ़ुर्सत हम अपने ग़म से कम ख़ाली 

चलो बस हो चुका मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली 

जाफ़र अली हसरत
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
 
नहीं है ना-उमीद 'इक़बाल' अपनी किश्त-ए-वीराँ से 

ज़रा नम हो तो ये मिट्टी बहुत ज़रख़ेज़ है साक़ी 

अल्लामा इक़बाल

सुन तो सही जहाँ में है तेरा फ़साना क्या 

कहती है तुझ को ख़ल्क़-ए-ख़ुदा ग़ाएबाना क्या 

हैदर अली आतिश
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 1 अन्य 
  
ज़िंदगी है या कोई तूफ़ान है! 

हम तो इस जीने के हाथों मर चले 

ख़्वाजा मीर दर्द
टैग्ज़: ज़िंदगी और 1 अन्य 
  
मत सहल हमें जानो फिरता है फ़लक बरसों 

तब ख़ाक के पर्दे से इंसान निकलते हैं 

मीर तक़ी मीर
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 2 अन्य 
  
फिर खो न जाएँ हम कहीं दुनिया की भीड़ में 

मिलती है पास आने की मोहलत कभी कभी 

साहिर लुधियानवी
टैग्ज़: इश्क़ और 3 अन्य 
  
हुए नामवर बे-निशाँ कैसे कैसे 

ज़मीं खा गई आसमाँ कैसे कैसे 

अमीर मीनाई
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 3 अन्य 
 
सियह-बख़्ती में कब कोई किसी का साथ देता है 

कि तारीकी में साया भी जुदा रहता है इंसाँ से 

इमाम बख़्श नासिख़

फ़रिश्ते से बढ़ कर है इंसान बनना 

मगर इस में लगती है मेहनत ज़ियादा 

अल्ताफ़ हुसैन हाली
टैग्ज़: इंसान और 1 अन्य 
 
अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब 

अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं 

साहिर लुधियानवी
टैग्ज़: इश्क़ और 4 अन्य 
  
की मिरे क़त्ल के बाद उस ने जफ़ा से तौबा 

हाए उस ज़ूद-पशीमाँ का पशीमाँ होना 

मिर्ज़ा ग़ालिब
टैग्ज़: क़ातिल और 3 अन्य 
  
ज़रा विसाल के बाद आइना तो देख ऐ दोस्त 

तिरे जमाल की दोशीज़गी निखर आई 

फ़िराक़ गोरखपुरी
टैग्ज़: आईना और 3 अन्य 
  
ज़िंदगी क्या है आज इसे ऐ दोस्त 

सोच लें और उदास हो जाएँ 

फ़िराक़ गोरखपुरी
टैग्ज़: ज़िंदगी और 1 अन्य 
 
शब को मय ख़ूब सी पी सुब्ह को तौबा कर ली 

रिंद के रिंद रहे हाथ से जन्नत न गई 

जलाल लखनवी
टैग्ज़: तौबा और 4 अन्य 
  
हमारे घर की दीवारों पे 'नासिर' 

उदासी बाल खोले सो रही है 

नासिर काज़मी
टैग्ज़: उदासी और 2 अन्य

दामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वज़ू करें 

ख़्वाजा मीर दर्द
टैग्ज़: तसव्वुफ़ और 1 अन्य 
  
जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का 'शकील' 

मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया 

शकील बदायूनी
टैग्ज़: इश्क़ और 5 अन्य 
  
मोहब्बत ही में मिलते हैं शिकायत के मज़े पैहम 

मोहब्बत जितनी बढ़ती है शिकायत होती जाती है 

शकील बदायूनी
टैग्ज़: इश्क़ और 3 अन्य 
  
निगाह बर्क़ नहीं चेहरा आफ़्ताब नहीं 

वो आदमी है मगर देखने की ताब नहीं 

जलील मानिकपूरी
टैग्ज़: निगाह और 3 अन्य 
  
ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है 

वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है 

मिर्ज़ा रज़ा बर्क़
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 2 अन्य 
  
कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिए 

कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिए 

दुष्यंत कुमार
टैग: फ़ेमस शायरी 
 
लोग कहते हैं मोहब्बत में असर होता है 

कौन से शहर में होता है किधर होता है 

मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य 
  
ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर 

वो इंतिज़ार था जिस का ये वो सहर तो नहीं 

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

वक़्त दो मुझ पर कठिन गुज़रे हैं सारी उम्र में 

इक तिरे आने से पहले इक तिरे जाने के बाद 

मुज़्तर ख़ैराबादी
टैग: फ़ेमस शायरी 
 
अजीब लुत्फ़ कुछ आपस की छेड़-छाड़ में है 

कहाँ मिलाप में वो बात जो बिगाड़ में है 

इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
टैग: फ़ेमस शायरी 
 
बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था 

बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया 

साहिर लुधियानवी
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
जब तुम से मोहब्बत की हम ने तब जा के कहीं ये राज़ खुला 

मरने का सलीक़ा आते ही जीने का शुऊर आ जाता है 

साहिर लुधियानवी
टैग्ज़: इश्क़ और 5 अन्य 
  
इलाही क्या इलाक़ा है वो जब लेता है अंगड़ाई 

मिरे सीने में सब ज़ख़्मों के टाँके टूट जाते हैं 

जुरअत क़लंदर बख़्श
टैग्ज़: अंगड़ाई और 1 अन्य 
 
दुनिया ने तजरबात ओ हवादिस की शक्ल में 

जो कुछ मुझे दिया है वो लौटा रहा हूँ मैं 

साहिर लुधियानवी
टैग्ज़: दुनिया और 2 अन्य 
 
दामन पे कोई छींट न ख़ंजर पे कोई दाग़ 

तुम क़त्ल करो हो कि करामात करो हो 

कलीम आजिज़
टैग्ज़: ज़र्बुल-मसल और 1 अन्य 
  
प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है 

नए परिंदों को उड़ने में वक़्त तो लगता है 

हस्तीमल हस्ती
टैग्ज़: इश्क़ और 3 अन्य

कहते हैं उम्र-ए-रफ़्ता कभी लौटती नहीं 

जा मय-कदे से मेरी जवानी उठा के ला 

अब्दुल हमीद अदम
टैग्ज़: जवानी और 3 अन्य 
  
देखा जो खा के तीर कमीं-गाह की तरफ़ 

अपने ही दोस्तों से मुलाक़ात हो गई 

हफ़ीज़ जालंधरी
टैग्ज़: दोस्त और 1 अन्य 
  
एक हो जाएँ तो बन सकते हैं ख़ुर्शीद-ए-मुबीं 

वर्ना इन बिखरे हुए तारों से क्या काम बने 

अबुल मुजाहिद ज़ाहिद
टैग्ज़: एकता और 2 अन्य 
 
महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से 

ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कुराया है 

बशीर बद्र
टैग्ज़: इश्क़ और 3 अन्य 
  
थक गया मैं करते करते याद तुझ को 

अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ 

क़तील शिफ़ाई
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
तर्क-ए-मय ही समझ इसे नासेह 

इतनी पी है कि पी नहीं जाती 

शकील बदायूनी
टैग्ज़: तौबा और 4 अन्य 
 
शुक्रिया ऐ क़ब्र तक पहुँचाने वालो शुक्रिया 

अब अकेले ही चले जाएँगे इस मंज़िल से हम 

क़मर जलालवी
टैग्ज़: क़ब्र और 3 अन्य 
 
निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन 

बहुत बे-आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले 

मिर्ज़ा ग़ालिब
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
रखना है कहीं पाँव तो रक्खो हो कहीं पाँव 

चलना ज़रा आया है तो इतराए चलो हो 

कलीम आजिज़
टैग्ज़: तंज़ और 1 अन्य 
  
अपने मरकज़ की तरफ़ माइल-ए-परवाज़ था हुस्न 

भूलता ही नहीं आलम तिरी अंगड़ाई का 

अज़ीज़ लखनवी
टैग्ज़: अंगड़ाई और 2 अन्य 
  
कुछ इस अदा से आप ने पूछा मिरा मिज़ाज 

कहना पड़ा कि शुक्र है परवरदिगार का 

जलील मानिकपूरी
टैग: फ़ेमस शायरी 
 
बात साक़ी की न टाली जाएगी 

कर के तौबा तोड़ डाली जाएगी 

जलील मानिकपूरी
टैग्ज़: तौबा और 2 अन्य 
  
ऐ 'ज़ौक़' देख दुख़्तर-ए-रज़ को न मुँह लगा 

छुटती नहीं है मुँह से ये काफ़र लगी हुई 

शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 3 अन्य 
 
कमर बाँधे हुए चलने को याँ सब यार बैठे हैं 

बहुत आगे गए बाक़ी जो हैं तय्यार बैठे हैं 

इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
टैग: फ़ेमस शायरी 
  
थमते थमते थमेंगे आँसू 

रोना है कुछ हँसी नहीं है 

बुध सिंह कलंदर
टैग्ज़: आँसू और 1 अन्य 
 
जज़्बा-ए-इश्क़ सलामत है तो इंशा-अल्लाह 

कच्चे धागे से चले आएँगे सरकार बंधे 

इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य 
 
देख रफ़्तार-ए-इंक़लाब 'फ़िराक़' 

कितनी आहिस्ता और कितनी तेज़ 

फ़िराक़ गोरखपुरी
टैग्ज़: इंक़िलाब और 1 अन्य

बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का 

जो चीरा तो इक क़तरा-ए-ख़ूँ न निकला 

हैदर अली आतिश
टैग्ज़: दिल और 1 अन्य 
  
बाग़बाँ ने आग दी जब आशियाने को मिरे 

जिन पे तकिया था वही पत्ते हवा देने लगे 

साक़िब लखनवी
टैग्ज़: ज़र्बुल-मसल और 2 अन्य 
  
कौन अंगड़ाई ले रहा है 'अदम' 

दो जहाँ लड़खड़ाए जाते हैं 

अब्दुल हमीद अदम
टैग्ज़: अंगड़ाई और 1 अन्य 
 
ख़ुदा के वास्ते इस को न टोको 

यही इक शहर में क़ातिल रहा है 

मज़हर मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
टैग्ज़: क़ातिल और 1 अन्य 
  
आप की याद आती रही रात भर 

चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर 

मख़दूम मुहिउद्दीन
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 2 अन्य 
  
गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए 

लेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गए 

ख़ातिर ग़ज़नवी
टैग: फ़ेमस शायरी 
  
लाई हयात आए क़ज़ा ले चली चले 

अपनी ख़ुशी न आए न अपनी ख़ुशी चले 

शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
टैग्ज़: ज़र्बुल-मसल और 1 अन्य 
  
काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा 

रास्ते बंद हैं सब कूचा-ए-क़ातिल के सिवा 

अली सरदार जाफ़री
टैग्ज़: दिल और 1 अन्य 
  
मेरी निगाह-ए-शौक़ भी कुछ कम नहीं मगर 

फिर भी तिरा शबाब तिरा ही शबाब है 

जिगर मुरादाबादी
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 2 अन्य 
  
तबीअत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में 

हम ऐसे में तिरी यादों की चादर तान लेते हैं 

फ़िराक़ गोरखपुरी
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
इश्क़ के शोले को भड़काओ कि कुछ रात कटे 

दिल के अंगारे को दहकाओ कि कुछ रात कटे 

मख़दूम मुहिउद्दीन
टैग्ज़: इश्क़ और 4 अन्य 
  
ले मेरे तजरबों से सबक़ ऐ मिरे रक़ीब 

दो-चार साल उम्र में तुझ से बड़ा हूँ मैं 

क़तील शिफ़ाई
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
नाला-ए-बुलबुल-ए-शैदा तो सुना हँस हँस कर 

अब जिगर थाम के बैठो मिरी बारी आई 

लाला माधव राम जौहर
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 1 अन्य 
  
बजा कहे जिसे आलम उसे बजा समझो 

ज़बान-ए-ख़ल्क़ को नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा समझो 

शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 1 अन्य

न झटको ज़ुल्फ़ से पानी ये मोती टूट जाएँगे 

तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा मगर दिल टूट जाएँगे 

राजेन्द्र कृष्ण
टैग्ज़: ज़ुल्फ़ और 3 अन्य 
  
कोई नाम-ओ-निशाँ पूछे तो ऐ क़ासिद बता देना 

तख़ल्लुस 'दाग़' है वो आशिक़ों के दिल में रहते हैं 

दाग़ देहलवी
टैग्ज़: क़ासिद और 1 अन्य 
  
न मैं समझा न आप आए कहीं से 

पसीना पोछिए अपनी जबीं से 

अनवर देहलवी
टैग्ज़: ज़र्बुल-मसल और 2 अन्य 
  
इक बार तुझे अक़्ल ने चाहा था भुलाना 

सौ बार जुनूँ ने तिरी तस्वीर दिखा दी 

माहिर-उल क़ादरी
टैग्ज़: तस्वीर और 1 अन्य 
 
बैठ जाता हूँ जहाँ छाँव घनी होती है 

हाए क्या चीज़ ग़रीब-उल-वतनी होती है 

हफ़ीज़ जौनपुरी
टैग: फ़ेमस शायरी 
  
अब याद-ए-रफ़्तगाँ की भी हिम्मत नहीं रही 

यारों ने कितनी दूर बसाई हैं बस्तियाँ 

फ़िराक़ गोरखपुरी
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
 
चंद तस्वीर-ए-बुताँ चंद हसीनों के ख़ुतूत 

बा'द मरने के मिरे घर से ये सामाँ निकला 

बज़्म अकबराबादी
टैग्ज़: ख़त और 1 अन्य 
 
ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ 

कि ताब-ए-हिज्राँ नदारम ऐ जाँ न लेहू काहे लगाए छतियाँ 

अमीर ख़ुसरो
टैग्ज़: तसव्वुफ़ और 2 अन्य 
  
देर लगी आने में तुम को शुक्र है फिर भी आए तो 

आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो 

अंदलीब शादानी
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 2 अन्य

कश्मीर की वादी में बे-पर्दा जो निकले हो 

क्या आग लगाओगे बर्फ़ीली चटानों में 

साग़र आज़मी
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
हज़रत-ए-दाग़ जहाँ बैठ गए बैठ गए 

और होंगे तिरी महफ़िल से उभरने वाले 

दाग़ देहलवी
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 1 अन्य 
 
ज़िक्र जब छिड़ गया क़यामत का 

बात पहुँची तिरी जवानी तक 

फ़ानी बदायुनी
टैग्ज़: जवानी और 1 अन्य 
 
दरवाज़ा खुला है कि कोई लौट न जाए 

और उस के लिए जो कभी आया न गया हो 

अतहर नफ़ीस
टैग्ज़: इंतिज़ार और 1 अन्य 
  
कोई ऐ 'शकील' पूछे ये जुनूँ नहीं तो क्या है 

कि उसी के हो गए हम जो न हो सका हमारा 

शकील बदायूनी
टैग्ज़: इश्क़ और 4 अन्य 
  
बहुत जी ख़ुश हुआ 'हाली' से मिल कर 

अभी कुछ लोग बाक़ी हैं जहाँ में 

अल्ताफ़ हुसैन हाली
टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरे और 1 अन्य 
  
लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में 

किस की बनी है आलम-ए-ना-पाएदार में 

बहादुर शाह ज़फ़र

आँखें न जीने देंगी तिरी बे-वफ़ा मुझे 

क्यूँ खिड़कियों से झाँक रही है क़ज़ा मुझे 

इमदाद अली बहर
टैग्ज़: आँख और 2 अन्य 
 
ग़ज़ालाँ तुम तो वाक़िफ़ हो कहो मजनूँ के मरने की 

दिवाना मर गया आख़िर को वीराने पे क्या गुज़री 

राम नरायण मौज़ूँ
टैग: फ़ेमस शायरी 
 
जब लगें ज़ख़्म तो क़ातिल को दुआ दी जाए 

है यही रस्म तो ये रस्म उठा दी जाए 

जाँ निसार अख़्तर
टैग्ज़: क़ातिल और 2 अन्य 
  
ग़ज़ल उस ने छेड़ी मुझे साज़ देना 

ज़रा उम्र-ए-रफ़्ता को आवाज़ देना 

सफ़ी लखनवी
टैग्ज़: ज़िंदगी और 3 अन्य 
 
ये सैर है कि दुपट्टा उड़ा रही है हवा 

छुपाते हैं जो वो सीना कमर नहीं छुपती 

दाग़ देहलवी
टैग: फ़ेमस शायरी 
 
किस दर्जा दिल-शिकन थे मोहब्बत के हादसे 

हम ज़िंदगी में फिर कोई अरमाँ न कर सके 

साहिर लुधियानवी
टैग्ज़: इश्क़ और 4 अन्य 
  
गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं 

हम चराग़ों की तरह शाम से जल जाते हैं 

क़तील शिफ़ाई
टैग्ज़: इश्क़ और 4 अन्य

खुलता किसी पे क्यूँ मिरे दिल का मोआमला 

शेरों के इंतिख़ाब ने रुस्वा किया मुझे 

मिर्ज़ा ग़ालिब
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य 
  
न गोर-ए-सिकंदर न है क़ब्र-ए-दारा 

मिटे नामियों के निशाँ कैसे कैसे 

हैदर अली आतिश
टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 2 अन्य 
  
ख़ुदा के वास्ते ज़ाहिद उठा पर्दा न काबे का 

कहीं ऐसा न हो याँ भी वही काफ़िर-सनम निकले 

बहादुर शाह ज़फ़र
टैग: फ़ेमस शायरी 
  
हम को किस के ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही 

किस ने तोड़ा दिल हमारा ये कहानी फिर सही 

मसरूर अनवर
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है जुस्तुजू कि ख़ूब से है ख़ूब-तर कहाँ 

अब ठहरती है देखिए जा कर नज़र कहाँ 

अल्ताफ़ हुसैन हाली
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शहर में अपने ये लैला ने मुनादी कर दी 

कोई पत्थर से न मारे मिरे दीवाने को 

तुराब काकोरवी
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जब से तू ने मुझे दीवाना बना रक्खा है 

संग हर शख़्स ने हाथों में उठा रक्खा है 

हकीम नासिर
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ये बज़्म-ए-मय है याँ कोताह-दस्ती में है महरूमी 

जो बढ़ कर ख़ुद उठा ले हाथ में मीना उसी का है 

शाद अज़ीमाबादी
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कोई समझेगा क्या राज़-ए-गुलशन 

जब तक उलझे न काँटों से दामन 

फ़ना निज़ामी कानपुरी
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हम जुर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा पाएँगे तन्हा 

जो तुझ से हुई हो वो ख़ता साथ लिए जा 

साहिर लुधियानवी
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आख़िर गिल अपनी सर्फ़-ए-दर-ए-मय-कदा हुई 

पहुँचे वहाँ ही ख़ाक जहाँ का ख़मीर हो 

मिर्ज़ा जवाँ बख़्त जहाँदार
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न छेड़ ऐ निकहत-ए-बाद-ए-बहारी राह लग अपनी 

तुझे अटखेलियाँ सूझी हैं हम बे-ज़ार बैठे हैं 

इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
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मुझ से तू पूछने आया है वफ़ा के मअ'नी 

ये तिरी सादा-दिली मार न डाले मुझ को 

क़तील शिफ़ाई
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लगे मुँह भी चिढ़ाने देते देते गालियाँ साहब 

ज़बाँ बिगड़ी तो बिगड़ी थी ख़बर लीजे दहन बिगड़ा 

हैदर अली आतिश
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ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही 

न तो तू रहा न तो मैं रहा जो रही सो बे-ख़बरी रही 

सिराज औरंगाबादी
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पहले बड़ी रग़बत थी तिरे नाम से मुझ को 

अब सुन के तिरा नाम मैं कुछ सोच रहा हूँ 

अब्दुल हमीद अदम
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अल्लाह रे बे-ख़ुदी कि तिरे पास बैठ कर 

तेरा ही इंतिज़ार किया है कभी कभी 

नरेश कुमार शाद
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'अनीस' दम का भरोसा नहीं ठहर जाओ 

चराग़ ले के कहाँ सामने हवा के चले 

मीर अनीस
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न पूछ हाल मिरा चोब-ए-ख़ुश्क-ए-सहरा हूँ 

लगा के आग मुझे कारवाँ रवाना हुआ 

हैदर अली आतिश
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शीशा टूटे ग़ुल मच जाए 

दिल टूटे आवाज़ न आए 

हफ़ीज़ मेरठी
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अगर बख़्शे ज़हे क़िस्मत न बख़्शे तो शिकायत क्या 

सर-ए-तस्लीम ख़म है जो मिज़ाज-ए-यार में आए 

नवाब अली असग़र
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हक़ीक़त छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से 

कि ख़ुशबू आ नहीं सकती कभी काग़ज़ के फूलों से 

मिर्ज़ा मोहम्मद तक़ी तरक़्क़ी
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मुझे आ गया यक़ीं सा कि यही है मेरी मंज़िल 

सर-ए-राह जब किसी ने मुझे दफ़अतन पुकारा 

शकील बदायूनी
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तमाम उम्र तिरा इंतिज़ार कर लेंगे 

मगर ये रंज रहेगा कि ज़िंदगी कम है 

शाहिद सिद्दीक़ी
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बहला न दिल न तीरगी-ए-शाम-ए-ग़म गई 

ये जानता तो आग लगाता न घर को मैं 

फ़ानी बदायुनी
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तुम्हारे लोग कहते हैं कमर है 

कहाँ है किस तरह की है किधर है 

आबरू शाह मुबारक
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चूँ शम-ए-सोज़ाँ चूँ ज़र्रा हैराँ ज़े मेहर-ए-आँ-मह बगश्तम आख़िर 

न नींद नैनाँ न अंग चैनाँ न आप आवे न भेजे पतियाँ 

अमीर ख़ुसरो
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एक रौशन दिमाग़ था न रहा 

शहर में इक चराग़ था न रहा 

अल्ताफ़ हुसैन हाली
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चमन में इख़्तिलात-ए-रंग-ओ-बू से बात बनती है 

हम ही हम हैं तो क्या हम हैं तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो 

सरशार सैलानी
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शबान-ए-हिज्राँ दराज़ चूँ ज़ुल्फ़ रोज़-ए-वसलत चू उम्र कोताह 

सखी पिया को जो मैं न देखूँ तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ 

अमीर ख़ुसरो
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फिर आज 'अदम' शाम से ग़मगीं है तबीअत 

फिर आज सर-ए-शाम मैं कुछ सोच रहा हूँ 

अब्दुल हमीद अदम
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इक टीस जिगर में उठती है इक दर्द सा दिल में होता है 

हम रात को रोया करते हैं जब सारा आलम सोता है 

ज़िया अज़ीमाबादी
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मुफ़लिसी सब बहार खोती है 

मर्द का ए'तिबार खोती है 

वली मोहम्मद वली
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बंदिश-ए-अल्फ़ाज़ जड़ने से नगों के कम नहीं 

शाइ'री भी काम है 'आतिश' मुरस्सा-साज़ का 

हैदर अली आतिश
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है मश्क़-ए-सुख़न जारी चक्की की मशक़्क़त भी 

इक तुर्फ़ा तमाशा है 'हसरत' की तबीअत भी 

हसरत मोहानी
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पत्थरो आज मिरे सर पे बरसते क्यूँ हो 

मैं ने तुम को भी कभी अपना ख़ुदा रक्खा है 

हकीम नासिर
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लगा रहा हूँ मज़ामीन-ऐ-नौ के फिर अम्बार 

ख़बर करो मेरे ख़िरमन के ख़ोशा-चीनों को 

मीर अनीस
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शायद इसी का नाम मोहब्बत है 'शेफ़्ता' 

इक आग सी है सीने के अंदर लगी हुई 

मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता
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ब-क़द्र-ए-पैमाना-ए-तख़य्युल सुरूर हर दिल में है ख़ुदी का 

अगर न हो ये फ़रेब-ए-पैहम तो दम निकल जाए आदमी का 

जमील मज़हरी
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उस के दिल पर भी कड़ी इश्क़ में गुज़री होगी 

नाम जिस ने भी मोहब्बत का सज़ा रक्खा है 

हकीम नासिर
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लोबान में चिंगारी जैसे कोई रख जाए 

यूँ याद तिरी शब भर सीने में सुलगती है 

बशीर बद्र
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चमन पे ग़ारत-ए-गुल-चीं से जाने क्या गुज़री 

क़फ़स से आज सबा बे-क़रार गुज़री है 

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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शबाब नाम है उस जाँ-नवाज़ लम्हे का 

जब आदमी को ये महसूस हो जवाँ हूँ मैं 

अख़्तर अंसारी
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तंग-दस्ती अगर न हो 'सालिक' 

तंदुरुस्ती हज़ार नेमत है 

क़ुर्बान अली सालिक बेग
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ख़ुदी का नश्शा चढ़ा आप में रहा न गया 

ख़ुदा बने थे 'यगाना' मगर बना न गया 

यगाना चंगेज़ी
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ये ज़ाफ़रानी पुलओवर उसी का हिस्सा है 

कोई जो दूसरा पहने तो दूसरा ही लगे 

बशीर बद्र
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ख़ुदा के वास्ते उस से न बोलो 

नशे की लहर में कुछ बक रहा है 

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
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गुल तो गुल ख़ार तक चुन लिए हैं 

फिर भी ख़ाली है गुलचीं का दामन 

फ़ना निज़ामी कानपुरी
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खनक जाते हैं जब साग़र तो पहरों कान बजते हैं 

अरे तौबा बड़ी तौबा-शिकन आवाज़ होती है 

अज्ञात
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इलाही कैसी कैसी सूरतें तू ने बनाई हैं 
कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है 
अकबर इलाहाबादी

तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत 
हम जहाँ में तिरी तस्वीर लिए फिरते हैं 
इमाम बख़्श नासिख़

ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है 

उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है 

हैदर अली आतिश
तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत 

हम जहाँ में तिरी तस्वीर लिए फिरते हैं 

इमाम बख़्श नासिख़
इलाही कैसी कैसी सूरतें तू ने बनाई हैं 

कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है 

अकबर इलाहाबादी
इतनी मिलती है मिरी ग़ज़लों से सूरत तेरी 

लोग तुझ को मिरा महबूब समझते होंगे 

बशीर बद्र
अच्छी सूरत भी क्या बुरी शय है 

जिस ने डाली बुरी नज़र डाली 

आलमगीर ख़ान कैफ़
सैंकड़ों दिलकश बहारें थीं हमारी मुंतज़िर 

हम तिरी ख़्वाहिश में लेकिन ठोकरें खाते रहे 

ज़हीर अहमद ज़हीर

चमन तुम से इबारत है बहारें तुम से ज़िंदा हैं 

तुम्हारे सामने फूलों से मुरझाया नहीं जाता 

मख़मूर देहलवी

दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है 

चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है 

नुशूर वाहिदी

अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला 

जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा 

महशर बदायुनी

जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा 

किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता 

वसीम बरेलवी

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले 
चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 

मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है 

मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है 

जलील मानिकपूरी
तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो 

तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है 

मुनव्वर राना

बजाए मय दिया पानी का इक गिलास मुझे 

समझ लिया मिरे साक़ी ने बद-हवास मुझे 

सुरूर जहानाबादी

ये वाक़िआ' मिरी आँखों के सामने का है 

शराब नाच रही थी गिलास बैठे रहे 

सईद क़ैस


आँखों में ख़्वाब चुभन सोने नहीं देती है 

एक मुद्दत से हमें तू ने जगा रक्खा है 

इब्न-ए-उम्मीद
चुभन ये पीठ में कैसी है मुड़ के देख तो ले 

कहीं कोई तुझे पीछे से देखता होगा 

शीन काफ़ निज़ाम
वक़्त हर ज़ख़्म को भर देता है कुछ भी कीजे 

याद रह जाती है हल्की सी चुभन की हद तक 

इमरान-उल-हक़ चौहान
नासेह तुझे आते नहीं आदाब-ए-नसीहत 

हर लफ़्ज़ तिरा दिल में चुभन छोड़ रहा है 

अज्ञात
इक चुभन है कि जो बेचैन किए रहती है 
ऐसा लगता है कि कुछ टूट गया है मुझ में 
इरफ़ान सत्तार



उसे बेचैन कर जाऊँगा मैं भी 
ख़मोशी से गुज़र जाऊँगा मैं भी 
अमीर क़ज़लबाश

I will make her restless as well. 
Silently, I will pass by her spell. 

फ़िराक़-ए-यार ने बेचैन मुझ को रात भर रक्खा 
कभी तकिया इधर रक्खा कभी तकिया उधर रक्खा 
अमीर मीनाई

Her departure kept me restless  night long. 
Pillow was placed this way or that night long. 

बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर 
पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर 
अज्ञात

I was so restless, couldn't sleep the whole night. 
To write your name by eyelashes on moon bright. 

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम 
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे 
राहत इंदौरी

I am not the leaf which from branch may fall. 
Let storm know it's limit, let someone so call. 

शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है 
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है 
बशीर बद्र

Height of fame, is a moment ''s game. 
Branch on which you sit, can just split. 

कौन इस घर की देख-भाल करे 
रोज़ इक चीज़ टूट जाती है 
जौन एलिया

This home? Who can take it's care. 
Daily something breaks somewhere. 
 
इक चुभन सी है जो बेचैन किए रहती है
ऐसा लगता है कि कुछ टूट गया है मुझ में 
इरफ़ान सत्तार

Something hurts and disturbs my peace. 
As if something is broken in me as a piece. 


रौशन चेहरा भीगी ज़ुल्फ़ें दूँ किस को किस पर तरजीह 
एक क़सीदा धूप का लिक्खूँ एक ग़ज़ल बरसात के नाम
मलिक ज़ादा मंज़ूर अहमद

Glowing face, and wet tress, what should I preferentially address?
Let me write a ballad on sun and a love song on  the rainy season.