ऐ दिल-ए-बे-क़रार चुप हो जा
जा चुकी है बहार चुप हो जा
..... साग़र सिद्दीकी......
O restless heart ! Keep quiet.
The spring has left, keep quiet.
मैं ने देखा है बहारों में चमन को जलते
है कोई ख़्वाब की ताबीर बताने वाला
..... अहमद फ़राज़.....
I have seen in spring, the garden on fire.
Who can tell meaning of
the dream entire?
बहार आए तो मेरा सलाम कह देना
मुझे तो आज तलब कर लिया है सहरा ने
..... कैफ़ी आज़मी.....
Convey my salute to the spring stall.
Today the desert has given me a call.
मिरी ज़िंदगी पे न मुस्कुरा मुझे ज़िंदगी का अलम नहीं
जिसे तेरे ग़म से हो वास्ता वो ख़िज़ाँ बहार से कम नहीं
..... शकील बदायूनी.....
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Don't smile on my life, I just don't grieve for it.
To one linked with your grief, autumn is spring each bit.
मेरी आँखों में हैं आँसू तेरे दामन में बहार
गुल बना सकता है तू शबनम बना सकता हूँ मैं ..... नुशूर वाहिदी.....
Tears from my eyes spring, your stretch extends to spring.
You can shape the flowers,
dew drops I can bring.
बहारों की नज़र में फूल और काँटे बराबर हैं
मोहब्बत क्या करेंगे दोस्त दुश्मन देखने वाले ..... कलीम आजिज़.....
Flowers and thorns are alike in the spring eyes.
How can they love, who see enmity in friendly ties?
शग़ुफ़्तगी-ए-दिल-ए-कारवाँ को क्या समझे
वो इक निगाह जो उलझी हुई बहार में है
..... शकील बदायूनी.....
How well can he chart, delicacy of caravan heart?
The eye that's still tagged,
can't look at spring apart.
लुत्फ़-ए-बहार कुछ नहीं गो है वही बहार
दिल ही उजड़ गया कि ज़माना उजड़ गया ..... अज़ीज़ लखनवी.....
There's no charm in spring, though same is the spring.
When heart is in ruins,
whole world is in ruins.
उस को ख़िज़ाँ के आने का क्या रंज क्या क़लक़
रोते कटा हो जिस को ज़माना बहार का
..... जगत मोहन लाल रवाँ......
Why should one grieve for the arrival of autumn?
One who has wept in spring from heart's bottom.
अफ़्सुर्दगी भी हुस्न है ताबिंदगी भी हुस्न
हम को ख़िज़ाँ ने तुम को सँवारा बहार ने
...... इज्तिबा रिज़वी.....
Dejection is beauty and beauty is it's glow.
I was shaped by autumn,
spring made you worth show.
टुक देख लें चमन को चलो लाला-ज़ार तक
क्या जाने फिर जिएँ न जिएँ हम बहार तक ..... मीर हसन.....
Let's go towards daffodils, look how well the garden fills.
Who knows till spring can arrive, whether or not you can thrive?
न सैर-ए-बाग़ न मिलना न मीठी बातें हैं
ये दिन बहार के ऐ जान मुफ़्त जाते हैं
..... नाजी शाकिर.....
Neither a garden walk, nor meeting or sweet talk.
My love the spring is lost,
at such a low level cost.
जब से छूटा है गुलिस्ताँ हम से
रोज़ सुनते हैं बहार आई है
..... जलील मानिकपुरी.....
Since the garden and me are apart.
It's heard, spring springs that part.
मुझ को एहसास-ए-रंग-ओ-बू न हुआ
यूँ भी अक्सर बहार आई है
..... हबीब अहमद सिद्दीक़ी.....
Neither I could see it's colour
nor smell
This way too, has been the spring spell.
ख़ुशी के फूल खिले थे तुम्हारे साथ कभी
फिर इस के ब'अद न आया बहार का मौसम ..... सलाम संदेलवी.....
Bloomed the flowers of joy, when together we could enjoy.
After that time has gone, the spring has lost it's tone.
ये सोचते ही रहे और बहार ख़त्म हुई
कहाँ चमन में नशेमन बने कहाँ न बने
..... असर लखनवी....
The tussle was on and spring had gone.
Where in garden the nest, will look it's best.
तिनकों से खेलते ही रहे आशियाँ में हम
आया भी और गया भी ज़माना बहार का
..... फ़ानी बदायुनी.....
While I was playing with straws in the garden.
The spring was on and gone from the garden.
ख़िज़ाँ का भेस बना कर बहार ने मारा
मुझे दो-रंगी-ए-लैल-ओ-नहार ने मारा
.... आरज़ू लखनवी.....
In the garb of autumn, it was spring that hurt with might.
I was eliminated by this display of day and night.
कहियो सबा सलाम हमारा बहार से
हम तो चमन को छोड़ के सू-ए-क़फ़स चले ..... मोहम्मद रफ़ी सौदा.....
O sweet smelling breeze! Convey my salute to spring with ease.
It's a the garden that we leave, confines of jail 'll now receive.
तेरे क़ुर्बान 'क़मर' मुँह सर-ए-गुलज़ार न खोल
सदक़े उस चाँद सी सूरत पे न हो जाए बहार ..... क़मर जलालवी.....
O' Qamar'I seek your pardon, don't open your mouth in garden.
May be on that moon face cling, the weather of this spring.
इस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों के
आज तक सुलगते हैं ज़ख़्म रहगुज़ारों के
..... साहिर लुधियानवी.....
Caravans of spring had crossed this track.
Till now are afire the wounds
of this track.
ऐ ख़िज़ाँ भाग जा चमन से शिताब
वर्ना फ़ौज-ए-बहार आवे है
..... शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम.....
O autumn ! Leave the garden fast.
Or strings of spring appear at last.
मिरी बहार में आलम ख़िज़ाँ का रहता है
हुआ जो वस्ल तो खटका रहा जुदाई का
..... जलील मानिकपुरी.....
There's a touch of his autumn in my spring.
With meeting, is attached parting with a string.
बहार आई कि दिन होली के आए
गुलों में रंग खेला जा रहा है
.... जलील मानिकपुरी.....
Days of Holi and spring have come
Flowers are splashed with colours by some.
आज है वो बहार का मौसम
फूल तोड़ूँ तो हाथ जाम आए
.... जलील मानिकपुरी.....
There's weather of spring today.
Plucking flowers, hands may sway.
And hold wine cup, while on way.
शाख़ों से बर्ग-ए-गुल नहीं झड़ते हैं बाग़ में
ज़ेवर उतर रहा है उरूस-ए-बहार का
..... अमीर मीनाई.....
Flowers don't just fall from branches in a tide.
Ornaments in garden are taken off spring bride.
अजब बहार दिखाई लहू के छींटों ने
ख़िज़ाँ का रंग भी रंग-ए-बहार जैसा था
...... जुनैद हज़ीं लारी....
Drops of blood have imparted strange hue of spring.
Autumn has also acquired the colours of spring.
जो थी बहार तो गाते रहे बहार का राग
ख़िज़ाँ जो आई तो हम हो गए ख़िज़ाँ की तरफ़ ..... जलील मानिकपुरी.....
While in spring, I sang it's tunes.
When autumn arrived, I sided dunes.
गई बहार मगर अपनी बे-ख़ुदी है वही
समझ रहा हूँ कि अब तक बहार बाक़ी है
..... मुबारक अज़ीमाबादी.....
The spring has gone but my frenzy is the same.
That spring is still there, it stakes the claim.
मैं उस गुलशन का बुलबुल हूँ बहार आने नहीं पाती
कि सय्याद आन कर मेरा गुलिस्ताँ मोल लेते हैं ..... हैदर अली आतिश.....
I am nightingale of a garden, where spring has no role.
The hunter comes and purchases garden as a whole
गुलों का दौर है बुलबुल मज़े बहार में लूट
ख़िज़ाँ मचाएगी आते ही इस दयार में लूट
..... हबीब मूसवी.....
O nightingale! Flowers are in bloom, while in spring, share the room.
While autumn will arrive O cute! In this region there will be loot.
आमद आमद है ख़िज़ाँ की जाने वाली है बहार
रोते हैं गुलज़ार के दर बाग़बाँ खोले हुए
..... तअशशुक़ लखनवी.....
The spring is about to leave, autumn is guest to receive.
Gardeners are crying from far, keeping the garden gates ajar.
बहार आते ही टकराने लगे क्यूँ साग़र - ओ - मीना
बता ऐ पीर-ए-मय-ख़ाना ये मय-ख़ानों पे क्या गुज़री ..... जगन्नाथ आज़ाद.....
When the spring arrives, clash between cups and jar thrives.
Say O head of the tavern! How wine house takes the turn?
तड़प के रह गई बुलबुल क़फ़स में ऐ सय्याद
ये क्या कहा कि अभी तक बहार बाक़ी है
..... बेताब अज़ीमाबादी.....
O capturer! Nightingale got agitated behind the bar.
Why did you say, spring this year stretched so far.
बहार आई गुलों को हँसी नहीं आई
कहीं से बू तिरी गुफ़्तार की नहीं आई
..... कालीदास गुप्ता रज़ा.....
Spring came but flowers did not smile.
There's no fragrance of your talk awhile.
उधर भी ख़ाक उड़ी है इधर भी ख़ाक उड़ी
जहाँ जहाँ से बहारों के कारवाँ निकले
..... साहिर लुधियानवी.....
There's dust this side and dust over there.
Where spring caravans have had an affair.
ग़ुरूर से जो ज़मीं पर क़दम नहीं रखती
ये किस गली से नसीम-ए-बहार आती है
..... जलील मानिकपुरी.....
It doesn't even step on the ground with pride.
From which lane spring breeze takes a ride?
'अर्श' बहारों में भी आया एक नज़ारा पतझड़ का
सब्ज़ शजर के सब्ज़ तने पर इक सूखी सी डाली थी
O'Arsh'! In spring was a spectre of autumn to see.
A dry twig was there on green trunk of the tree.
क्या ख़बर मुझ को ख़िज़ाँ क्या चीज़ है कैसी बहार
आँखें खोलीं आ के मैं ने ख़ाना-ए-सय्याद में.. ... मुंशी अमीरुल्लाह तस्लीम.....
I don't know what's spring, with autumn bear no grouse.
I have opened my eyes inside the capturer's house.
मिरे ख़याल की वुसअत में हैं हज़ार चमन
कहाँ कहाँ से निकालेगी ये बहार मुझे
.... शौक़ असर रामपुरी....
In the stretch of my thoughts a thousand gardens stare.
O spring! From which place will you kick me out of there?
चार दिन की बहार है सारी
ये तकब्बुर है यार-ए-जानी हेच
..... हक़ीर.....
The spring will last only four days.
O love! This pride'll flee many ways.
नई बहार का मुज़्दा बजा सही लेकिन
अभी तो अगली बहारों का ज़ख़्म ताज़ा है..... शफ़क़त काज़मी.....
Good news of new spring is of course, right.
Wounds of old springs are raw, within sight.
अपने दामन में एक तार नहीं
और सारी बहार बाक़ी है
..... हबीब अहमद सिद्दीक़ी.....
In my hem, there's not a string.
And still exists an entire spring.
क्या इसी को बहार कहते हैं
लाला-ओ-गुल से ख़ूँ टपकता है
..... सलाम संदेलवी.....
Is it what people call by name of spring?
From daffodils 'n flowers blood does spring.
आएँगे वक़्त-ए-ख़िज़ाँ छोड़ दे आई है बहार
ले ले सय्याद क़सम रख दे गुलिस्ताँ सर पर ..... ख़्वाज़ा मोहम्मद वज़ीर.....
I' ll be back in autumn, let me go, it's spring.
I swear by the garden, O my capturer king!
ख़िज़ाँ रुख़्सत हुई फिर आमद-ए-फ़स्ल-ए-बहारी है
गरेबाँ ख़ुद-बख़ुद होने लगा है धज्जियाँ मेरा .... मिर्ज़ा आसमान जाह अंजुम....
The autumn is over, it's spring harvest cover.
My garb on it's own, is in tatters to moan.
शगुफ़्ता बाग़-ए-सुख़न है हमीं से ऐ 'साबिर'
जहाँ में मिस्ल-ए-नसीम-ए-बहार हम भी हैं ..... फ़ज़ल हुसैन साबिर.....
Literary garden is flowery due to me.
As spring breeze it's me worth a see.
फूल पर गुलशन के गोया दाना-ए-शबनम नहीं
आशिक़ों के हाल पर आँखें फिराती है बहार ..... अनंनद राम मुख़लिस.....
As if there's no dew drop on garden dress.
On the state of lovers, spring is out to impress.
किया हंगामा-ए-गुल ने मिरा जोश-ए-जुनूँ ताज़ा
उधर आई बहार ईधर गरेबाँ का रफ़ू टूटा
..... मीर मोहम्मदी बेदार.....
My frenzy did bring back the season of spring.
My garb stitch ruptured, spring arrival captured .
बहार चाक-ए-गिरेबाँ में ठहर जाती है
जुनूँ की मौज कोई आस्तीं में होती है
..... अज़ीज़ हामिद मदनी.....
To the garb in tatters, spring stay really matters.
The frenzy waves retrieve , when it's up in sleeve.