Sunday 28 March 2021

.100 couplets of different poets

शोर दिन को नहीं सोने देता।
शब को सन्नाटा जगा देता है। 
..........  सैफुद्दीन सैफ़.......

Noise at day stops eyes to shut tight. 
While silence wakes up during the night.

ग़ैरों से तो फुर्सत तुम्हें दिन रात नहीं है। 
हाँ मेरे लिए वक़्त- ए - मुलाक़ात नहीं है। 
......... लाला माधव राम.......

No rest from rivals day 'n night at all.
O yes, for me there's no tlme to call. 

उलझ के रह गए चेहरे मिरी निगाहों में। 
कुछ इतनी तेज़ी से बदले थे उनकी बात के रंग। ....... फातिमा हसन....... 

Enmeshed were faces within my eyes at last.
The colours of his talks were changing so fast.

 रहता है इबादत में हमें जान का ख़तरा ।
हम याद- ए- ख़ुदा करते हैं कर ले न ख़ुदा याद ।

There is risk of life in prayer, when you chant His name. 
It's alright but what happens when He spells your name. 

हवा बहार की आएगी और मैं चूमूँगा। 
वो सारे फूल कि जिन में तिरी शबाहत है

I'll kiss in the winds of spring that will blow.
Those flowers that look like you and grow. 

कभी तो मेहरबाँ हो कर बुला लें। 
ये महवश हम फ़क़ीरों की दुआ लें। 
 ........ हबीब जालिब.......

Let them call us someday, let them with kindness reek. 
These moon faced dames, from hermit, let some blessings seek.

है उसूल- ए - आरज़ू का राज़ तर्क- ए- आरज़ू।
मैंने दुनिया छोड़ दी तो मिल गई दुनिया मुझे।

Secret of getting the desired is when you leave the pack. 
When I left the world I always got world back.

वो मुझ से हारा मिरी पीठ थपथपा के गया। 
मिरा ग़ुरूर मिरी जीत सब मिटा के गया।

He was defeated. He patted my back and left. 
Erased my pride, my win on the track that crept.

ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पा- ए- नाज़ुक ।
न लो इंतकाम मुझसे मेरे साथ-साथ चल के ।

Fidelity route is hard, your feet so gentle, weak. 
By walking along with me, don't a revenge seek.

बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर। 
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जायँ।........ राहत इन्दौरी....

Very arrogant is the river of it's being, it's esteem. 
If tangled with my thirst, to tatters it would seem.

उसी को जीने का  हक़ है जो इस ज़माने में। 
इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए। 

He alone, has the right to be in this world habitat. 
Who appears to be on this side 'n shifts on that. 

ये ऐसा क़र्ज़ है तो मैं अदा कर ही नहीं सकता। 
मैं जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सज्दे में रहती है।...... मुनव्वर राना....... 

This is a debt  that I can never repay., no chance. 
Till I get back home, my mother is in trance. 

हाल में अपने मगन हो फ़िक्र- ए - आइन्दा न हो। 
ये उसी इंसान से मुमकिन है जो ज़िन्दा न हो। 

Unconcerned with others and self-content. 
One who is dead, can have such intent. 

क्यूँ मिरे हर अमल को सराह कर ये अज़िय्यतें न किया करो। 
मिरी जान तुम भी अजीब हो तुम्हें रूठना भी तो चाहिए।.... आग़ा सरोश...... 

Why should you always agree with what I do and say. 
My love you are so strange,  should also sulk some day. 

ख़ल्क़ कहती है जिसे दिल तिरे दीवाने का एक गोशा है ये दुनिया इसी वीराने का ।
........ फ़ानी बदायूनी..... 


What world calls the heart of your insane. 
The world is a corner of fhis desert lane. 


इक मुअम्मा है समझने का न समझाने का। 
ज़िन्दगी काहे की है ख़्वाब है दीवाने का। 

It's a riddle neither to be known nor told. 
Life is nothing but dream of an insane. 

दानिस्ता हम ने अपने सभी ग़म छुपा लिए। 
पूछा किसी ने हाल तो बस मुस्कुरा दिए। 
....... आफ़ाक़ सिद्दीक़ी..... 

Knowingly I have concealed each and every grief. 
If condition was enquired, just smiled in relief. 

समझी गई जो बात हमारी ग़लत तो क्या 
याँ तर्जुमा कुछ और है आयत कुछ और है
      ....... अंजुम रूमानी...... 

What if considered wrong as all I did converse. 
Here translation is different from what's in The Verse. 

तूने हमें तराश कर हीरा बना दिया। 
वर्ना मिरा शुमार इन्हीं पत्थरों में था। 

You have cut and shaped me into precious stone. 
Or else, amidst stones, I was just a stone. 

न कोई दर है न दीवार न रौज़न 'कामिल' हाय मुझ को मिरे अहबाब कहाँ छोड़ चले

O Kamil, there are no walls, no window and no door. 
Where have they left me alone, those who used to adore. 

न आबशार न सहरा लगा सके क़ीमत। 
हम अपनी प्यास को लेकर दहन में लौट आए।..... अमीर इमाम  ........ 

Neither waterfall nor desert could vaue exact. 
I came back with thirst in my mouth intact. 

दे हौसले की दाद कि हम तेरे ग़म में आज
बैठे हैं महफ़िलों को सजाए तिरे बग़ैर।
........ अदील ज़ैदी...... 

Praise my courage that with your sorrows too. 
I still manage meetings even without you. 

दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़। 
अब के बादल ने बहुत की मेहरबानी हर  तरफ़।...... शबाब ललित..... 

There's stretch of water on land all around. 
The clouds have been very kind all around. 

वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन। 
उसे इक ख़ूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा।...... साहिर..... 

That story whose result is not possible to seek. 
Good to leave with a lovely twist, let not peak. 

सोचो तो सिलवटों से भरी है तमाम रूह। 
देखो तो इक शिकन भी नहीं है लिबास में
......... शकेब जलाली........ 

If you think, full of wrinkles, is the soul. 
You see no wrinkle on the dress as a whole. 

ऐ दोस्त कहीं तुझ पे भी इल्ज़ाम न आए। 
इस मेरी तबाही में तिरा नाम न आए। 
....... हक़ीम नासिर...... 

O friend! A blame on you, shouldn't be there. 
In my ruin, there need not be your affair. 

जब भी मिलती है मुझे अजनबी लगती क्यूँ है। 
ज़िन्दगी रोज़ नए रंग बदलती क्यूँ है ? 
......... शहरयार....... 

Always a stranger, when meets on the way. 
Why does life change colour every day ? 

ज़माना था वो दिल की ज़िन्दगी का। 
तिरी फ़ुर्क़त के दिन लाऊँ कहाँ से ? 
........ जौन एलिया........ 

That was  life when heart showed ways. 
Where from to get your parting days? 

एक लम्हा था अजब उस की शनासाई का
कितने नादीदा ज़मानों से मुलाक़ात हुई। 
...... क़ैसर-उल-जाफ़री....... 

Strange had the moment of knowing her, been. 
I have met with so many worlds unseen. 

आओ पतझड़ में कभी हाल हमारा देखो। ख़ुश्क पत्तों के सुलगने का तमाशा देखो। 
........ जमील मलिक....... 

Come and look at my state during autumn, the drier. 
Watch the way dry, fallen leaves catch the fire. 

तुम्हारी सीधी नज़र ने तो कोई बात न की। 
तुम्हारी तिरछी नज़र का सवाल अच्छा था। 

Your straight forward look never talked with mine. 
What your crooked look asked, well that was fine. 

इन आबलों से पाँव के घबरा गया था मैं। 
जी ख़ुश हुआ है राह को पुरख़ार देख कर

I was worried about blisters of my feet. 
Am happy to find path thorny not neat. 

उठाए जा के कहाँ लुत्फ़ - ए-जुस्तजू कोई। 
जगह वो कौन सी है तू जहाँ नहीं होता। 
...... अज़ीज़ लखनवी

Where should one seek the pleasure to discover. 
There is no place that's not under your cover. 

घर टपकता है औद उस पर घर में वो मेहमान हैं। 
पानी पानी हो रही है आबरू बरसात में। 
...... मुज़्तर मुज़फ़्फ़रपुरी...... 

Water trickles in the house where she is the guest. 
My honour is watered down in rains, at the best. 

जो फूल आता है गुलशन में गरीबाँ चाक आता है। 
बहार-ए-रंग-ओ-बू में ख़ून दीवानों का शामिल है।....... आसी उल्दनी.......... 

Every flower blooms when it tatters it's covers. 
In smell and colour of spring, there is blood of lovers. 

देख लो अहल-ए-चमन ! रुस्वाई - ए-फ़स्ल-ए-बहार।
कौन सा गुल है कि जिस पर क़तरा-ए-शबनम नहीं।.... नातिक़ गुलावटी....... 

Look at the garden, dishonour of spring was due. 
Just trace a flower, where there's no drop of dew. 

लो हम बताएँ ग़ुंचा-ओ-गुल में है फ़र्क़
 क्या। 
इक बात है कही हुई इक बे कही हुई। 
....... आग़ा शायर देहलवी....... 

I can tell the difference between a bud and a flower. 
One talk is unsaid, another told with power. 

वो शाख़-ए-गुल पे रहें या किसी की मय्यत पर। 
चमन के फूल तो आदी हैं मुस्कुराने के। 

Whether these bloom on a branch or on shroud. 
To smile is flower's habit, it makes garden proud. 

चमन में कौन है पुरसान-ए-हाल शबनम का। 
ग़रीब रोई तो फूलों को भी हँसी आई। 
........ अर्श मल्सियानी...... 

In the garden, who cares about the dew, who hears. 
Even flowers smile when the dew sheds tears. 

सहमनशीं कुंज-ए-क़फ़स में मुतम इन हो कर न रह। 
वर्ना हर्फ़ आएगा तेरी जुर'अत-ए-परवाज़ पर।..... माहिरुल क़ादरी...... 

O pal, don't be satisfied with the life, when jailed. 
Your capacity to fly will be said to have failed. 

' हसन'गर पारसा हूँ मैं तो नाचारी से हूँ वर्ना। 
नज़र है जाम पर मेरी सदा और दिल है शीशे में।....... मीरहसन........ 

If 'Hasan' is devout, it is my inability to plug. 
My eyes are riveted to wine cup and heart is in jug. 

पूछती है वो नर्गिस - ए-मख़मूर ? 
किस को दावा है पारसाई का ? 

The eye that's drunk, looks like daffodil. 
Enquires, who claims to be pious still. 

 मिट गए मेरी उम्मीदों की तरह हर्फ़ मगर 
आज तक तेरे ख़तों से तिरी ख़ुशबू न गई 

 Words got erased as my hopes got a dent. 
But still your letters retain your scent. 

तमाम जिस्म की उरियानियाँ थी आँखों में। 
वो मेरी रूह में उतरा हिजाब पहने हुए। 

With nudity of body in her eyes all gone. 
She entered my soul with the veil still on. 

इक दम की ज़िंदगी के लिए मत उठा मुझे। 
ऐ बेख़बर मैं नक़्श-ए-ज़मीं की नशिस्त हूँ। 
Do not lift me for a moment 's life hint. 
O unaware, I am the meeting of earth print. 

गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काँटों से भी ज़ीनत होती है। 
जीने के लिए इस दुनिया में ग़म की भी ज़रूरत होती है। 
....... सारा अफ़रानी........ 

Not only flowers but thorns also garden adore. 
To live in this world, grief needs be in store. 

 ये इंतिज़ार नहीं शम'अ है रिफ़ाक़त की। 
इस इंतिज़ार से तन्हाई ख़ूबसूरत है।
...... अरशद अब्दुल हमीद.... 

It's not waiting but friendship in flame. 
Solitude is more beautiful than this game. 

दिल के हाथों कहीं दुनिया में गुज़ारा न हुआ। 
हम किसी के न हुए कोई हमारा न हुआ। 
..... हबीब अशर देहलवी...... 

In this world it was difficult for heart to have a start. 
I couldn't be of anyone, none could be my part. 

तख़लीक-ए-कायनात के दिलचस्प जुर्म पर। 
हँसता तो होगा आज भी यजदाँ कभी कभी। 

On creation of this world, an interesting crime. 
Almighty even today, must be laughing some time. 

मिसाल - ए-तार-ए-तंबूरा जुदा हम सब से रहते हैं।
 ज़रा छेड़े से मिलते हैं, मिला ले जिस का जी चाहे। 

I maintain a distance with all, like musical instrument's strings. 
Whoever can play the tune,while strings nearby he brings. 

कोशिश भी कर, उम्मीद भी रख, रास्ता भी चुन। 
फिर इस के बाद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर।..... निदा फ़ाज़ली..... 

 Try, have faith in self 'n choose the way straight. 
It is then, that you may search for help of fate. 

अंदाज़ हूबहू तेरी आवाज़ - ए-पा का था। 
घर से निकल के देखा तो झोंका हवा का धा।...... नदीम..... 

The sound of your foot step, the  same style. 
Got out to find a gush of wind for a while. 

ज़हर मीठा हो तो पीने का मज़ा आता है। 
बात सच कहिये मगर यूँ कि हक़ीक़त न लगे।....... फ़ुज़ैल जाफ़री..... 

If poison is sweet, it's a pleasure to drink. 
Speak truth but let not others so think. 

कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं। 
नाख़ुदा जिनका नहीं, उनका ख़ुदा होता है।....... बेदम शाह वसी.........

All ships finally reach the shore. 
If boatman is out, God comes to fore. 

बिस्मिल के तड़पने की अदाओं में नशा था। 
मैं हाथ में तलवार लिए झूम रहा था। 
........ आदिल मंसूरी....... 

It was intoxicating to watch the victim dither. 
With sword in hand, I wasn't steady either. 

ख़ूब निभेगी हम दोनों में, मेरा जैसा तू भी है। 
थोड़ा झूटा मैं भी ठहरा, थोड़ा झूटा तू भी है। 

We 'll have good time together, we are almost alike. 
Many lies I love to tell, many lies you too like. 

मेरी अपनी और उसकी आरज़ू में फ़र्क ये था। 
मुझे बस वो उसे सारा ज़माना चाहिए था।..... बुशरा फ़ैज़..... 

There was a difference in what we two desire. 
I wanted only him, he wanted world entire. 

देख सकता है भला कौन ये प्यारे आँसू। 
मेरी आँखों में न आ जाएँ तुम्हारे आँसू। 
........ अख़्तर शीरानी...... 

Who can look at your lovely tears O dear.
 O God ! In my eyes let these not appear. 

वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा। 
किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा
...... इक़बाल साजिद..... 

If she is moon, in water her shadow 'll appear. 
By itself her character in the story will appear. 

इतनी पी जाए कि मिट जाए मैं और तू की तमीज़। 
यानि ये होश की दीवार गिरा दी जाए। 
......... फ़रहत शहज़ाद...... 

Drink so much that I and you are gone. 
Or else, wall of senses is overthrown. 

क्या कहूँ उससे कि जो बात समझता ही नहीं। 
वो तो मिलने को मुलाक़ात समझता ही नहीं।..... फातिमा हसन..... 

What to tell him who doesn't understand a thing.
We often meet, but he doesn't think it is meeting. 

 इरादे बाँधता हूँ सोचता हूँ तोड़ देता हूँ। 
कहीं ऐसा न हो जाए कहीं वैसा न हो जाए।..... हफ़ीज़ जालंधरी..... 

I intend, think and then break. 
Will it this way or that way break. 

 गुनहगारों में शामिल हैं गुनाहों से नहीं वाक़िफ़। 
सज़ा को जानते हैं हम ख़ुदा जाने ख़ता क्या है ? 

I am one of the criminals, unaware of my crime. 
I know the punishment, fault known to God sublime. 

इक सिलसिला हवस का है इंसाँ की ज़िंदगी। 
इस एक मुश्त-ए-ख़ाक को ग़म दो जहाँ के हैं। 

Human life is a chin of lusty desires at hand. 
There are sorrows of both world's hor this fistful of sand

मज़ा है अहद-ए-जवानी में सर फटकने का। 
लहू में फिर ये रवानी रहे रहे न रहे। 

Ba g your head while young in pleasure 'n pain. 
This flow of blood may or may not sustain. 

किया है फ़ाश पर्दा कुफ्र-ओ-दीं का इस क़दर मैंने। 
कि दुश्मन है बिरहमन और उदू शैख़-ए-हरम मेरा। 

To this level I raised curtain between thiest and atheist. 
Chief of Kaaba is my rival and enemy the temple priest. 

एक साग़र भी इनायत न हुआ याद रहे। 
साक़िया जाते हैं महफ़िल तिरी आबाद रहे। 

Remember, not a winecup was offered to survive. 
O wine girl ! I leave, let this party keep alive. 

अगर दर्द-ए-मुहब्बत से न इंसाँ आश्ना होता। 
न कुछ मरने का ग़म होता न जीने का मज़ा होता। 

To the agony of love, if human heart couldn't train. 
There'll be no pleasure in life 'n in death no pain. 

 ये कैसी बज़्म है और कैसे उस के साक़ी हैं। 
शराब हाथ में है और पिला नहीं सकते। 

What a party the wine girl and what nerve ! 
There's wine in hand' n you can not serve. 

 मैं ख़ुदकुशी के जुर्म का करता हूँ एतराफ़
अपने बदन की क़ब्र में कब से गड़ा हूँ मैं। 
..... क़तील शफ़ाई...... 

I accept the crime of having committed suicide. 
It's grave of my body where I am buried inside. 

उस चीज़ का क्या ज़िक्र जो मुमकिन ही नहीं है। 
सहरा में कभी साया-ए-दीवार न माँगो। 

What to talk about a thing that's impossible to call. 
In the desert, never ask for the shade of a wall. 

नामाबर अपना हवाओं को बनाने वाले। 
अब न आएँगे पलट कर कभी जाने वाले।

Making your letter carrier the winds that pass. 
Those who have left, you 'll never come across. 

मैं बाग़ में हूँ तालिब-ए-दीदार किसी का। 
गुल पर है नज़र ध्यान में रुख़सार किसी का।..... तअश्शुक़ लखनवी..... 

In a garden I am longing for lover's sight. 
Flower in view, mind on her cheek' s delight. 

ये ज़मीं ख़्वाब है, आसमाँ ख़्वाब है। 
इक मकाँ ही नहीं ला-मकाँ ख़्वाब है। 
......... फ़रहत शहज़ाद...... 

This earth is dream, this sky is dream. 
Sitelessness, not only site is dream. 

तुम्हारे हिस्से के जितने भी ग़म हैं, मैं ले लूँ। 
मिरे नसीब की हर इक ख़ुशी मिले तुम को।...... उल्फ़त बटालवी.... 

Let me take all griefs of your share. 
Each joy of my fate be for you there. 

आँखों से वो कभी मिरी ओझल नहीं रहा 
ग़ाफ़िल मैं उसकी याद से इक पल नहीं रहा।...... सआदत सईद....... 

Never was she concealed from my view. 
Negligent of memory, no moment I knew. 

पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है। ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है ? 
...... अहमद मुश्ताक़...... 

Shade of some other sky which I mistook. 
Which is this boat, where to goes the brook ? 

काम आई कोहकन की मशक्कत न इश्क़ में। 
पत्थर से जू-ए-शीर के लाने से क्या हुआ! ...... मिर्ज़ा रफ़ी सौदा....... 

In love, useless was stride of stone cutter in haste. 
Carving a milky canal in mountain was a waste ! 

सुहानी रात के दिलकश नज़ारे याद आते हैं। 
नहीं हो तुम मगर वो चाँद तारे याद आते हैं।....... शौकत परदेसी..... 

Hearty scenes of the pleasant night come to mind. 
You aren't there but the moon and stars remind. 

किस क़दर महदूद कर देता हराम इंसान को ? 
ख़त्म कर देता है हर उम्मीद हर इम्कान को।..... ज़ीशान साहिल...... 

How far can the forbidden limit a man ? 
Finishes hopes 'n chances as only it can. 

दूर ख़ामोश बैठा रहता हूँ। 
इस तरह दिल का हाल कहता हूँ। 
....... आबरू शाह मुबारक..... 

I keep sitting silently far away. 
I convey state of heart this way. 

शाम को आओगे तुम, अच्छा अभी होती है शाम। 
गेसुओं को खोल दो सूरज छुपाने के लिए।...... क़मर जलालवी...... 

You 'll come at eve', let's make it outright. 
Let your tress down obscuring sun 'n it's light. 

अपने माज़ी की जुस्तजू में बहार। 
पीले पत्ते तलाश करती है।...गुलज़ार.. 

Spring in search of it's own past. 
Searches leaves pale and cast. 

 लुत्फ़ - ए-बहार कुछ नहीं गो है वही बहार। 
दिल ही उजड़ गया कि ज़माना उजड़ गया।... अज़ीज़ लखनवी..... 

There's no pleasure in spring though spring is the same. 
Heart is now deserted as deserted is world game. 

था इंतज़ार मनाएँगे मिल के दीवाली। 
न तुम ही लौट के आए न वक़्त - ए-शाम हुआ।...... आनिस मोइन.... 

We waited to celebrate together Diwali's flame. 
Neither you got back nor evening time came. 

वो जो प्यासा लगता था सैलाबज़दा था। 
पानी पानी कहते कहते डूब गया था। 
...... आनिस मोइन..... 

He was flood hit whom we thought thirsty, gave water. 
He got drowned saying repeatedly water ! Water ! 

इतनी चाहत से न देखा कीजिए महफ़िल में आप। 
शहर वालों से हमारी दुश्मनी बढ़ जाएगी। 
Don't look at me with love in meeting, being bold. 
My enmity with city folk will grow many fold. 

पलकों के सितारे भी उड़ा ले गई 'अनवर' 
वो दर्द की आँधी जो सर-ए-शाम चली थी।..... अनवर मसूद.... 

It blew away even my eyelash star
The storm of pain since eve' went far. 

  ज़िन्दगी जिस ने तल्ख़ की मेरी। 
वो मुझे ज़िन्दगी से प्यारा है। 
......... सुहैल अख़्तर...... 

One who made bitter my life. 
He is dearer to me than  life. 

मैं कहाँ हूँ तू बता दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी। 
फिर सदा अपनी सुना दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी।.... ख़लील-उर-रहमान आज़मी

Where am I, you tell me life, O life ? 
Let me listen your voice, life O life ! 

ज़िन्दगी से ज़िन्दगी रूठी रही। 
आदमी से आदमी बरहम रहा। 
......... बक़ा बलूच....... 

Lives are peeved with in them. 
Angry with each other are men.

ज़िन्दगी ख़्वाब देखती है मगर। 
ज़िन्दगी ज़िन्दगी है ख़्वाब नहीं। 
........ मक़बूल नक़्श........ 

Life visualizes dream. 
But it's life, not dream. 

किया बादलों में सफ़र ज़िन्दगी भर। 
ज़मीं पर बनाया न घर ज़िन्दगी भर। 
....... अनवर श'ऊर....... 

I have sailed through clouds life long. 
On land, never made a house life long. 

सभी ज़िन्दगी के मज़े लूटते हैं। 
न आया हमें ये हुनर ज़िन्दगी भर। 

Every one enjoys pleasure in life. 
I didn't learn this art life long. 

मोहब्बत रही चार दिन ज़िन्दगी में। 
रहा चार दिन का असर ज़िन्दगी भर। 

Love only lasted for four days. 
Effect of four days was life long. 

ज़िन्दगी गुल है नग़्मा है महताब है। 
ज़िन्दगी को फ़क़त इम्तिहाँ मत समझ। 
........ मोहसिन भोपाली....... 

Life is a flower, song and moon
Life isn't only a test, know soon

तुझे मैं ज़िन्दगी अपनी समझ रहा था मगर। 
तिरे बग़ैर बसर मैंने ज़िन्दगी कर ली। 
...... आरिफ़ शरीक..... 

You are my life, this was my view. 
But I have passed this life without you. 

वही है ज़िन्दगी लेकिन 'जिगर' ये हाल है अपना। 
कि जैसे ज़िन्दगी से ज़िन्दगी कम होती जाती है। 

'Jigar' life is same but my state is such. 
As if life is ebbing out of life as such. 

ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा। 
कारवाँ साथ और सफ़र तन्हा।.. गुलज़ार.

 Life, this wat was passed alone. 
With in a  caravan, still alone. 

ज़िन्दगी का भी क्या भरोसा है ? 
ज़िन्दगी की क़सम भी क्या खाऊँ ? 
....... राणा गन्नौर...... 

Who can believe the length of life ? 
Then, why to pledge for the life ? 

रुस्वा अगर न करना था आलम में यूँ मुझे। 
ऐसी निगाह-ए-नाज़ से देखा था क्यूँ    मुझे ? ..... मज़हर मिर्ज़ा जान-ए-जाना.. 

If dishonouring me was not your intent, so to say. 
Then why did you look at me in that coquettish way ? 

बे-सबब बातें बढ़ाने की ज़रूरत क्या है? 
हम ख़फ़ा कब थे मनाने की ज़रूरत क्या है?..... शाहिद कबीर.... 

Baseless is this talk, why prolong the debate ? 
When was I angry, there's no need to placate. 

कट गई एहतियात-ए-इश्क़ मे उम्र। 
हम से इज़हार-ए-मुद्दआ न हुआ। 
.......हसरत मोहानी........ 

Caution of love got me into the mire. 
Whole life, I couldn't express deaire. 

दिल के लुटने का सबब पूछो न सब के सामने। 
नाम आएगा तुम्हारा ये कहानी फिर सही 
...... मसरूर अनवर..... 

Who could my heart rob? Don't ask in front of mob. 
Your name 'll come on date, the tale I 'll later narrate. 

मैं डूबता जज़ीरा थामौजों की मार पर। 
चारों तरफ हवा का समंदर सियाह था। 
........ ज़फ़र इक़बाल....... 

I was a sinking island, waves were thrashing. 
All around was a sea of dark winds lashing. 

मैंने आबाद किए कितने ही वीराने 'हफ़ीज़'।
ज़िन्दगी मेरी इक उजड़ी हुई महफ़िल ही सही।.... हफ़ीज़ बनारसी..... 

O 'Hafiiz'! I have inhabited many deserted sites. 
My life may be a plight, one of ruined sights. 

हज़ार शौक़ नुमायाँ थे जिस नज़र से कभी।
वही निगाह बड़ी अजनबी सी लगती है। 
....... मसूदा हयात..... 

Eyes which thousand desires had shown. 
Somehow, those eyes look so unknown. 

बहुत क़रीब से अनजान बन के गुज़रे हैं
वो जो बहुत दूर से पहचान लिया करते थे।..... अज्ञात..... 

As an unknown, he has passed from so near. 
One who could recognise from far O dear ! 

बहुत दिनों से कहीं हिज्र-ए-माह-ओ-साल के बाद। 
रुका हुआ है ज़माना तिरे विसाल के बाद।..... सलीम कौसर..... 

In a state of departure for months 'n years this time. 
The world has stopped after our meeting sublime. 




































Wednesday 24 March 2021

करमा बाईसा...

मकराणा का जाट की बेटी करमा बाई सा नाम ।
मन में धार लियो मेरा तो धणी हो गया श्याम। 
मा बाबू था भगत रोज ठाकुर को भोग लगाता।
भजन कीर्तन भी करता लेकै ठाकुर को नाम। 
तेरा बरस की करमा थी मा बाप गया पुष्कर जी।
गाय भैंस नैं देख और नित भोग लगाए श्याम।

बाजरा को कर्यो  खीचड़ो घी अर गुड़ भी घाल्यो।
भोग लगाओ ठाकुर जी मैं कर ल्यूँ घर का काम। 
बीच बीच में आती तो थाली ऊइयाँ ई पाती। 
गुड़ घी कमती रहगो होसी खायो कोनी श्याम।
और गुड़ मिला घी भी  घाल्यो थाल पड़्योई रहगो। 
भूख लागरी करमा नैं पण पैल्याँ जीमैं श्याम ।
मैं बी भूखी ई रहस्यूँ जो थे ना भोग लगाओ। 
तू पर्दो ई कर्यो नहीं खावैंगा कय्याँ  श्याम? 
कह देता या बात सुभेर्यां  दोनूँ भूखा रहगा
कर्यो लूगड़ी को पर्दो परगट व्है जीम्या श्याम ।
रोज सुबेराँ करमा बाई बणा खीचड़ो घालै। 
करै लूगड़ी को परदो परगट व्है जीमैं श्याम ।
मा बाबू जद तीरथ करकै आया देख्यो गुड़ कम। 
करमा बोली मैं नहीं खायो खागा अपणा श्याम। 
परगट हो जद खाताँ देख्यो तो पैराँ में पड़गा। 
बेटी तू तो कर्यो बाप दादाँ को रोशन नाम।
बात फैलगी चारूँ कानीं जस बी फैलै लाग्यो। 
ऐंकै हाथ को खाण खीचड़ो रोज पधारैं श्याम ।
पुरी धाम का सब ही पुजारी सुण्यो हुया हैरान। 
बुलवायो करमा बाई नैं उनाँ पुरी कै धाम। 
कर्यो खीचड़ो ओट लूगड़ी की कर परस्यो थाल। 
परगट होकै जीम जूँठ कै चल्या गया फिर श्याम। 
प्रथम भोग ठाकुर जी नैं  करमा बाई को
खिचड़ो। 
जब तक जीई परगट होकै रोज जीमता श्याम। 
पुरी धाम मैं सात मूरती  पा़ँच श्याम परिवार। 
एक सुदर्शन चक्र एक करमा बाई सा नाम 
जगन्नाथ जी की रथयात्रा है दुनिया में मशहूर। 
करमा बाई सा  बी बैठ्याँ कनैं  बिराजैं श्याम ।
जब तक करमा बाई सा की मूरत रथ में नाँय। 
रथ हालै ना जोर लगा ल्यो दाब्याँ राखैं श्याम ।

Thursday 18 March 2021

BASHIR BADR.. GHAZAL.. GULABON KII TARAH DIL APNAA SHABNAM MEN BHIGOTE HAIN....

गुलाबों की तरह दिल अपना शबनम में भिगोते हैं।
मोहब्बत करने वाले ख़ूबसूरत लोग होते हैं।
Like roses, with dew drops,  hearts they soak.
Those who love are really so beautiful folk. 

किसी ने जिस तरह अपने सितारों को सजाया है। 
ग़ज़ल के रेशमी धागों में यूँ मोती पिरोते हैं। 

The way someone's  decorated these stars. 
With silk, poet weaves pearls in ghazal cloak. 

पुराने मौसमों के नाम- ओ-नामी मिटते जाते हैं।
कहीं पानी कहीं शबनम कहीं आँसू से धोते हैं।

The remains of old weathers slowly fade.
At places with water, dew and tears I stroke. 

यही अंदाज़ है मेरा समंदर फ़तह करने का। 
मिरी काग़ज़ की कश्ती में कई जुगनू भी होते हैं।

That's how I conquer the ocean at large. 
On my paper boat, glow-worms too stoke.

सुना है 'बद्र' साहब महफ़िलों की जान होते थे। 
बहुत दिन से वो पत्थर हैं न हँसते हैं न रोते हैं।

It's said 'Badr' saheb was life of poetic meets.
Neither laughs nor cries, is just a stone bloke. 

BASHIR BADR.. GHAZAL.. KHUSHBOO KO TITLIYON KE...

ख़ुश्बू को तितलियों के परों में छुपाऊँगा।
फिर नीले-नीले बादलों में लौट जाऊँगा।

Fragrance concealed in butterfly wings O pal. 
Back to blue clouds, I 'll go after all.

दीवानावार मुझसे लिपट जायगी हवा ।
मैं सुर्ख़ - सुर्ख़ फूलों में जब मुस्कराऊँगा।

When I shall smile in bright red flowers. 
Madly the wind 'll embrace on my call.

ये लकड़ियाँ जो ख़ुश्क हैं बेबर्गोबार हैं ।
इनको मैं अपनी आग में जलना सिखाऊँगा। 

With my  means, teach them to survive. 
Deprived of life , those poor  who crawl.

दीनार- ए- सुर्ख़ बरसेंगे आँगन में सारी रात।
मैं ख़्वाब के शजर की वो शाख़ें हिलाऊँगा

Red Dinars 'll shower from it all night.
Shaking branches of dream tree so tall. 

इक पल की ज़िन्दगी मुझे बेहद अज़ीज़ है
पलकों पे झिलमिलाऊँगा और टूट जाऊँगा। 

Life of a moment is so dear to me. 
Will dazzle on eyelashes' n then fall.

ये रात फिर न आएगी बादल बरसने दे। 
मैं  जानता हूँ सुबह तुझे भूल जाऊँगा।

This night won't be back, let clouds pour. 
Your face, next morn', I 'll not recall.

आँगन में नन्हें - नन्हें फ़रिश्ते लड़ेंगे जब।
भूरी शफ़ीक़ आँखों में मैं मुस्कुराऊँगा।

I' ll smile, behold by kind grey eyes.
When little angels 'll fight in this hall. 

जिस्म में जान है कोशिशें कीजिए

जिस्म में जान है कोशिशें कीजिए
बस यही ज़ीस्त के चंद आदाब हैं। 
तुम को मंज़िल मिले या तजुर्बा मिले
यार चीज़े तो दोनों ही नायाब हैं।
         रवि मौन 

Wednesday 17 March 2021

MAJAZ.. GHAZAL.. KHUD DIL MEN RAH KE AANKH SE PARDAA KARE KOI...

ख़ुद दिल में रह के आँख से पर्दा करे कोई
हाँ लुत्फ़ जब है पा के भी ढूँढा करे कोई। 

While being in heart, the eyes are veiled by someone. 
Pleasure is when found, you are searched by someone.

तुमने तो हुक़्म-ए-तर्क-ए-तमन्ना सुना दिया।
किस दिल से आह! तर्क- ए- तमन्ना करे कोई।

 You have just ordered to renounce all the desires.
By heart, how can you renounce desire of someone.

दुनिया लरज़ गई दिल- ए- हिश्मा- नसीब की
इस तरह साज़- ए- ऐश न छेड़ा करे कोई !

World was shaken for the heart called"reject,"
Let not the pleasure instrument be played by someone

मुझको ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद ।
उनको ये इंतज़ार तक़ाज़ा करे कोई।

My desire is she raises the veil herself.
She waits for request made by someone. 

रंगीनी- ए- नक़ाब में गुम हो गई नज़र।
क्या बे- हिजाबियों का तक़ाज़ा करे कोई।
My vision was trapped in colours of veil. 
How urge of coyness be put before someone. 

या तो किसी को जुर्रत- ए- दीदार ही न हो
या फिर मिरी निगाह से देखा करे कोई। 

Either none be permitted to see her at all. 
Or with my attributes, she be seen by someone. 

होती है इसमें हुस्न की तौहीन ऐ 'मजाज़' इतना न अहल- ए- इश्क़ को रुस्वा करे कोई।

O Majaz ! It is humiliation of beauty.
That lovers be so much disgraced by someone. 

Monday 15 March 2021

MIR KE ASHAAR ..97. COUPLETS

उल्टी हो गई सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया।
देखा इस बीमारी ए दिल ने आख़िर काम तमाम किया। 

Drugs didn't work, efforts had a reverse bend. 
See, how this heartache  brought my life to an end.

लुत्फ़ पर उसके हमनशीं मत जा। 
कभी हम पर भी मेहरबानी थी। 

Yes, she is kind to you but see. 
Some day she was too kind to me. 

याद उसकी इतनी ख़ूब नहीं 'मीर' बाज़ आ। 
नादान फिर वो जी से भुलाया न जाएगा। 

Her memory isn't so good O 'Mir' let go. 
O naive! You can't forget , if you get to know. 

जी बहुत चाहता है रोने को। 
है कोई बात आज होने को। 

I want a lot to weep. 
Some event gives a beep. 

वस्ल उस का ख़ुदा नसीब करे। 
मीर जी चाहता है क्या क्या कुछ?

O Almighty! Let her union be my fate. 
O What then Mir wants from his mate? 

दीदनी है शिकस्तगी दिल की। 
क्या इमारत ग़मों ने ढाई है! 

Notable is heartbreak in brief. 
What a building, collapsed by grief ! 

क्या जानिए कि दिल पर गुज़रे है 'मीर' क्या-क्या। 
करता है बात कोई आँखें पुर आब कर-कर। 

O 'Mir'! Who knows what the heart goes through? 
With tear filled eyes when one talks with you !     1.
O Mir ! I know not what on heart befalls. 
When one talks with tear filled eyes and stalls. 2.

शिकस्त- ओ- फ़तह नसीबों से है वले वो 'मीर' ।
मुक़ाबला तो दिल- ए - नातवाँ ने ख़ूब किया। 

Destiny plays a role O 'Mir' in victory or defeat. 
This weak hearted faught so well and so neat.  1

O Mir! Victory or defeat depends on fate. 
But the weak hearted faught a lot o mate.  2

रौशन है इस तरह दिल- ए- वीराँ में दाग़ एक। 
उजड़े नगर में जैसे जले है चिराग़ एक। p

In my deserted heart, a spot glows in a way. 
In a desolate city, a single lamp emits ray. 

 तेज़ रखियो सर- ए- हर - ख़ार को ऐ दश्त- ए - जुनूँ। 
शायद आ जाय कोई आबला- पा मेरे बाद। 

Keep sharp every thorn O desert in lunacy. 
With blistered feet someone may cross after me. 

बाद मरने के मेरी क़ब्र पे आया वो 'मीर'। 
याद आई मेरे ईसा को दवा मेरे बाद। 

O Mir ! After demise to the grave, came she. 
Christ thought of medicine, when I ceased to be. 

कुछ न था याद ब- जुज़- कार- ए- मुहब्बत इक उम्र। 
वो जो बिगड़ा है तो अब काम कई याद आए। 

Since long, but for love, no work could I find. 
With love lost, many undone works came to mind. 

'मीर' उन नीम - बाज़ आँखों में। 
सारी मस्ती शराब की सी है। 

O Mir in those eyes half- closed. 
There is alcohol, full dosed. 

होश जाता नहीं रहा लेकिन। 
जब वो होते हैं तब नहीं आता। 

It's not that I have lost my sense. 
In her presence, it's in past tense. 

जब नाम तेरा लीजिए तब अश्क भर आवे
यूँ ज़िन्दगी करने को कहाँ से जिगर आवे। 
Eyes get filled with tears whenever I take your name. 
Leading life this way, how can the liver I tame. 

दमे आख़िर ही क्या न आना था। 
और भी वक़्त थे बहाने के ।

Why couldn't you come when I was breathing my last. 
There were so many times for excuses in the past. 

उस के ईफ़ा- ए- अहद तक न जिए। 
उम्र ने हम से बेवफ़ाई की। 

I did not live long for her promise to fulfill. 
My age betrayed, though she meant it still. 

मत ढलक मिज़गां से मेरे ऐ स- रश्क- ए- आबदार।
मुफ़्त ही जाती रहेगी तेरी मोती की सी आब। 

O rival of pearls! Don't drop from eyelashes of mine. 
Just for nothing will be lost your pristine shine. 

याराने दैर- ओ- काबा मुझ को बुला रहे हैं। 
अब देखें 'मीर' अपना जाना किधर बने है। 

Both temple and mosque are giving call of a kind. 
Which way to go, 'Mir' hasn't made up his mind. 

आग थे इब्तिदा- ए- इश्क़ में हम। 
हो गए ख़ाक इन्तहा ये है। 
 
In the beginning my love was fire. 
It is ashes, when I retire. 

काबा पहुँचा तो क्या हुआ ऐ शैख़। 
त 'अई कर टुक, पहुँच किसी दिल तक। 

What's there in reaching Kaaba O priest. 
Pray and reach some heart at least. 

ता' अत कोई करे है जब अब्र ज़ोर झूमे। 
गर हो सके तो ज़ाहिद उस वक़्त में गुनह कर। 

Why should someone pray, when dark clouds sway. 
O priest at times like these,just sin if you please. 

Does some one pray when dark clouds roar ? 
If possible, O priest this time, sin more. 

मैं रोऊँ तुम हँसो हो क्या जानो मीर साहब
दिल आपका किसू से शायद लगा नहीं है। 
I cry and you laugh, O Mir it's just no fun. 
Probably your heart isn't tucked with anyone. 

दिल गया रौनक़- ए- हयात गई। 
ग़म गया सारी कायनात गई। 

Love goes, all pleasures of life lose role. 
Without pain, universe is lost as a whole. 

काबे जाने से नहीं कुछ शैख़ मुझ को इतना शौक़। 
चाल वो बतला कि मैं दिल में किसी के घर करूँ। 

For me going to Kaaba O priest, is not a move so smart. 
Tell  a move with which I can be seated in someone's heart.. 

To visit Kaaba O priest will not give solace. 
Say how can I find in someone 's heart a place. 

बेकसी मुद्दत तलक बरसा की मेरी गोर पर। 
जो हमारी ख़ाक पर से हो के गुज़रा रो गया। 

Helplessness poured on my grave for so long. 
Whoever passed by my dust, simply cried strong. 

सख़्त काफ़िर था जिस ने पहले मीर। 
मज़हब ए इश्क़ अख्तियार  किया। 

O Mir! He was an infidel to the core. 
Who first braced religion of love, no more. 

आवारगान- ए- इश्क़ का पूछा जो मैं निशाँ। 
मुश्त- ए- ग़ुबार ले के हवा में उड़ा दिया। 

When I asked her about a lover's fate. 
A fistful of dust against wind showed state. 

दिल भी तेरे ही रंग सीखा है। 
आन में कुछ है आन में कुछ है। 

Heart has learnt your style. 
It's changing all the while. 1

My heart for sure has learnt your ways. 
Within a split second, it's mood sways. 2

दिल कि जिस की ख़ाना वीरानी का तुम को ग़म नहीं। 
क्या बताएँ हम तुम्हें उस घर में कौन आबाद था। 

The heart whose wreck isn't even worthy of you to roam. 
How to tell you who had lived within that lovely home. 

मसाएब और थे पर दिल का जाना। 
अजब एक सानेहा सा हो गया है। 

Troubles were many but loss of heart. 
Is a mishap, strange from the start. 

खिलना कम कम कली ने सीखा है। 
उनकी आँखों की नीमबाज़ी से। 

Bud has learnt to bloom slowly. 
From  her half open eyes held lowly. 

होगा किसी दीवार के साए के तले 'मीर'। 
क्या काम मोहब्बत से उस आराम तलब का। 

'Mir' is likely to be in the shade of a wall. 
He is idle, not working for love to befall. 

Lying in the shade of a wall, Mir is likely to be. 
He likes his rest and is not a love-bee. 

क्यूँ न देखूँ चमन को हसरत से? 
आशियाँ था मिरा यहाँ परसाल। 

Why should not I so lovingly long ? 
Last year, here did my nest belong. 

वजह- ए - बे - गानगी नहीं मालूम। 
तुम जहाँ के हो वाँ के हम भी हैं। 

I don't know why you are ill at ease? 
We share same land, smell same breeze. 

याँ की सुपैद ओ स्याह में हम को दख़्ल जो है तो इतना है। 
रात को रो रो सुबह किया और सुबह को ज्यों त्यों शाम किया। 

I have only this little say, in all the black 'n white over here. 
Wept all night till morning came and somehow through the day I sailed. 

सरज़द हम से बेअदबी तो वहशत में भी कम ही हुई। 
कोनाँ उस की ओर गए पर सिजदा हर हर गाम किया। 

Even in times of lunacy, I did not lose my manners. 
I went miles and at places, with the prayers had her hailed.

नाहक़ हम मजबूरों पर ये तोहमत है मुख़्तारी की। 
करना है सो आप करे है, हम को अबस बदनाम किया। 

For nothing are we dependants  are blamed to be free by Him. 
He does what he wants to do, for nothing has got us nailed.

किस का काबा कैसा किब्ला, कौन हरम है क्या अहराम।
 कूचे से उस के बाशिंदों ने, सब को यहीं से सलाम किया। 

Whose is Kaaba, Qibla, mosque, what a cover is  twin sheets. 
All the residents of her lane, from here had their prayers mailed. 

सुब्ह - ए-चमन में उस को कहीं तकलीफ़ - ए-हवा ले आई थी। 
रुख़ से गुल को मोल लिया, क़ामत से सर्व ग़ुलाम किया। 

During early morning hours,for a stroll she came to garden. 
Purchased the flower with her face, against height Sarv tree failed. 

दिल वो जगह नहीं कि फिर आबाद हो सके। 
पछताओगे सुनो हो ये बस्ती उजाड़ कर। 

Heart' s not a city that can be rehabilitated. 
Listen! You will repent if this locality is vacated. 

मर्ग इक मान्दगी का वक़्फ़ा है। 
यानी आगे चलेंगे दम ले कर। 

Death is just a period of rest.
'll then move for another quest. 

इब्तिदा ए इश्क़ है रोता है क्या। 
आगे आगे देखिये होता है क्या। 

O man! Why cry, it's only love at start. 
Just watch it grow  and then smart. 

बाग़बाँ ने आग दी जब आशियाने को मेरे 
जिन पे तकिया था वही पत्ते हवा देने लगे

When gardner set my nest ablaze.
Trusted straws just fanned the raze. 

टूटा अगर च काबा तो क्या जाए ग़म है शैख़। 
कुछ क़स्र- ए- दिल नहीं जो बनाया न जाएगा। 

If city of Kaaba is ruined, why worry so much O priest. 
It isn't city of heart, whose chance to rebuild is least. 

आँखों में ही रहे हो दिल में नहीं गए हो। 
हैरान हूँ ये शोख़ी आई तुम्हें कहाँ से? 

You had been in eyes, never gone up to heart. 
It surprises me how you learnt this mischievous art? 

मर्ग- ए- मजनूँ पे अक़्ल गुम है 'मीर'। 
क्या दिवाने ने मौत पाई है ? 

OMir! Mind is surprised, so out of breath. 
What a lovely way for that lunatic's death. 

वस्ल में रंग उड़ गया मेरा। 
क्या जुदाई को मुँह दिखाऊँगा ? 

On day of meeting I lost grace. 
How'll the day of departure I face? 

ऐ शब ए हिज्राँ रास्त कह तुझ को। 
बात कुछ सुबह की भी आती है। 

O night of departure! Truly say. Can you tell about morn' anyway. 

सरापा आरज़ू होने ने बंदा कर दिया हम को। 
वगर्ना हम ख़ुदा थे गर दिले बे मुद्दआ होते। 

O desire, I turned servile because of you. 
But for you in my heart, I was a God too. 

नाहक़ हम मजबूरों पर ये तोहमत है मुख़्तारी की। 
चाहते हैं सो आप करें हैं हमको अबस बदनाम किया। 

"Do as you like", what a crime, what a blame ! 
He does it all himself 'n that too in our name. 

हस्ती अपनी हुबाब की सी है। 
ये नुमाइश सराब की सी है। 

Our being is water bubble or so. 
Mirage like is this show. 

सुब्ह तक शम'अ सर को धुनती रही। 
क्या पतंगे ने इल्तमास किया ? 

Candle flame banged head all night.
Fire moth what a request out right?.. 1

All night flame banged it's head. 
What a request O firemoth, dead ! 

कुछ न देखा फिर बजुज़ इक शोल- ए- पुर- पेच- ओ- ख़म। 
शम' अ तक तो हम ने भी देखा कि परवाना गया। 

Nothing was seen but a flame in swing. 
Only firemoth seen near flame, poor thing! 

 दिल चले आते हैं ख़राम के साथ। 
देखी चलने में उन बुताँ की अदा ! 

Hearts also join along each step. 
That's how beauties take each step. 

आशिक़ों की ख़स्तगी बदहाली की पर्वा नहीं। 
ऐ सरापा नाज़ तूने बे-नियाज़ी ख़ूब की। 

Didn't care for weak lovers, their bad state aside. 
You were unconcerned, O top to bottom pride ! 

आँखों में ही रहे हो दिल में नहीं गए हो। 
हैरान हूँ ये शोख़ी आई तुम्हें कहाँ से ? 

You had been in eyes, never stepped  into heart. 
I'm surprised, how did you know mischievous art ? 

लुत्फ़ पर उसके हमनशीं मत जा। 
कभी हम पर भी मेहरबानी थी। 

Don't go for her care O mate. 
Earlier I was  in that state. 

मर्ग- ए- मजनूँ पे अक़्ल गुम है 'मीर'। 
क्या दिवाने ने मौत पाई है ! 

O 'Mir'! Mind is surprised, so out of breath. 
What a unique way for that lunatic's death ! 

मरते हैं 'मीर' सब प न इस बेबसी के साथ। 
मातम में तेरे कोई न रोया पुकार कर ! 

O 'Mir' ! Everyone dies, but none without the sighs ! 
None of those around,crying loudly weren't found. 

प्यार करने का जो ख़ूबाँ रखते हैं हम पर गुनाह। 
उन से भी तो पूछिये वो इतने प्यारे क्यों हुए। 

That I love cute dames, those who cast such blames. 
To them if one enquires, why they are so lovely triers ? 

बे-ख़ुदी ले गई कहाँ हम को। 
देर से इंतिज़ार है अपना। 

Where senselessness took me for a song. 
I am waiting for my own since long. 

अहद-ए-जवानी रो रो काटी, पीरी में ली आँखें मूँद। 
यानी रात बहुत थे जागे, सुब्ह हुई आराम किया। 

The youth was swept with tears, the eyes got closed with age. 
I had kept awake all night, with morning slept on stage. 

ये भी तुर्फ़ा माजरा है कि उसी को चाहते हैं। 
मुझे चाहिए है जिस से बहुत एतराज़ करना। 

How strange it is, I like her still. 
Whom I should avoid as much as I will. 

दूर बैठा ग़ुबार - ए-मीर उस से। 
इश्क़ बिन ये अदब नहीं आता। 

Even dust of 'Mir' did distance maintain. 
This regard, without love, you can not retain. 

कल न आने से एक याँ तेरे। 
आज सौ सौ तरफ़ गुमान गया। 

Yesterday when you didn't come here. 
A hundred thoughts in mind are there. 

जब नाम तिरा लीजिए तब अश्क भर आवे। 
यूँ ज़िन्दगी करने को कहाँ से जिगर आवे ? 

Whenever I take your name, in eyes rears fill. 
Where from to have a heart for such a life still ? 

चमन का नाम सुना था वले न देखा हाय। 
जहाँ में हम ने क़फ़स ही में जिंदगानी की। 
I had heard about the garden but did not see. 
The world was a prison and inside me. 

 अपने जी ही ने न चाहा कि पिएँ आब-ए-हयात। 
यूँ तो हम 'मीर' उसी चश्मे पे बे- जान हुए। 

To drink the nectar of life, I had not bowed. 
I breathed my last where that stream flowed. 

हाथ दामन में तिरे मारते झुँझला के न हम। 
अपने जामे में अगर आज गरेबाँ होता। 

Irritated, I wouldn't have tucked at your cloak. 
Had I been wearing any cloak. 

यक क़तरा ख़ून हो के पलक से टपक पड़ा। 
किस्सा ये कुछ हुआ दिल-ए-गुफ़राँ पनाह का। 

As a drop of blood from eyelashes it could part. 
That is the whole story of this foresaken heart.

 इश्क़ ऐ 'मीर' भारी पत्थर है। 
कब ये तुझ नातवाँ से उठता है। 

O Mir ! Love is a heavy stone. 
Weak like you, can't get it on. 

दिल की आबादी का क्या मज़कूर हो। 
ये नगर सौ मर्तबा लूटा गया। 

Why talk about heart, the way it was mooted. 
A hundred times, this city was looted. 

मत सहल हमें जानो, फिरता है फ़लक बरसों। 
तब ख़ाक के पर्दे ए इंसान निकलता है। 

For years the sky tries, as it must. 
Then man appears from screen of dust. 

अब तो जाते हैं बुतक़दे से मीर। 
फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया। 

'Mir' is now leaving temple terrain. 
Allah willing, he will be back again. 

दिल से रुख़सत हुई कोई ख़्वाहिश। 
गिरिया यूँ बेसबब नहीं आता। 

Some desire must have left my heart. 
Without a reason , tears don't start. 

शाख़-ए-गुल लचके है तो जानूँ हूँ। 
जल्वागर यूँ भी यार होता है। 

I know when flower branches sway. 
My dear love also appears this way. 

नहीं इश्क़ का दर्द लज़्ज़त से ख़ाली। 
जिसे ज़ौक़ है वो मज़ा जानता है। 

The pain of love is not a waste. 
Only he can taste it, who has taste. 

कहे है हर कोई अल्लाह मेरा। 
अजब निस्बत है बंदे की ख़ुदा से। 

Every one claims that his is the Lord. 
Lord and man  have strange accord. 

हाल गुलज़ार - ए-ज़माना का है जैसे कि शफ़क़। 
रंग कुछ और ही हो जावे है इक आन के बीच। 

The garden of world acts like redness of sky. 
It changes it's hue, as a moment passes by. 

हवा रंग बदले है हर आन 'मीर'। 
ज़मीन-ओ-ज़माँ हर ज़माँ और है। 

In every moment O 'Mir' there is change. 
Every time, earth and time are strange. 

क़द्र जैसी मिरे शे'रों की अमीरों में हुई। 
वैसी ही उन की भी होगी मिरे दीवान के बीच। 

My couplets were regarded by the rich in a way. 
In my book of poems, they'll be treated that way. 

यक बयाबाँ बरंग-ए-सौत-ए-जरस।
मुझ पे है बेकसी व तन्हाई। 

All through the desert, like sound of caravan bells. 
On me prevails solitude and 
helplessness tells. 

हम ख़ाक में मिले तो मिले लेकिन ऐ सिपहर। 
उस शोख़ को भी राह पे लाना ज़रूर था। 

Of course I was razed to dust, but O sky trade. 
It was necessary to set her in way and grade. 

मजलिस में रात एक तिरे पर्तवे बग़ैर। 
क्या शम'अ, क्या पतंग, हर इक बेहुज़ूर था। 

In the gathering last night, but for your shade. 
Be it candle or firemoth looked absent, unmade. 

मेरे मालिक ने मिरे हक़ में यह अहसान किया। 
ख़ाक-ए-नाचीज़ था मैं, सो मुझे इंसान किया। 

My Lord, in my favour accorded the grace. 
From insignificant dust, shaped this body, my face. 

मुझ को शा'यर न कहो' मीर' कि साहब मैंने। 
दर्द - ओ-ग़म जितने किए जम' अ सो दीवान किया। 

Do not call 'Mir' a poet, that in this poem base. 
All pain and sufferings gathered in life, are in place. 

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है। 
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है। 

Every leaf and every plant knows about my state. 
Only flower doesn't know, garden knows it well O mate. 

छूटूँ कहाँ ईज़ा से रहा एक ही जल्लाद। 
ता हश्र मिरे सर पे ये अहसान रहेगा। 

O hangman ! Relieve me in a go from pain. 
Till doom, it'll be a blessing in my terrain. 

मुन'इम ने बिना ज़ुल्म की रख, घर तो बनाया। 
पर आप कोई रात ही मेहमान रहेगा। 

The rich based it on oppression for a home. 
This guest' ll stay a few nights in this lane. 

जाने का नहीं शोर सुख़न का मिरे हरगिज़। 
ता हश्र जहाँ में मिरा दीवान रहेगा। 

The sound of my written art 'll persist. 
Till doom, it' ll be a blessing in
my terrain. 

बिखरे है ज़ुल्फ़ उस रुख़-ए-आलम फ़रोज़ पर। 
वर्ना बनाव होवे न दिन और रात का। 

On the face that glows this universe, are scattered the tresses. 
Or else day and night won't be formed the way that it impresses. 

उस के फ़रोग़-ए-हुस्न से झलके है सब में नूर। 
शम'अ - ए-हरम हो या कि दिया सोमनाथ का। 

With the light of her beauty, glisten and shine all. 
Be it lamp of Kaaba or Somnath, it's  glow for all. 

वो आए बज़्म में इतना तो' मीर'ने देखा। 
फिर उस के बाद चरागों में रौशनी न रही। 

' Mir'noticed that she was getting in to the gathering. 
After that the light in lamps was withering. 

कहा मैंने गुल से है कितना स्वात। 
कली ने ये सुन कर तबस्सुम किया। 

When I said flower' s life is small. 
The bud just listened then smiled all. 

मुँह तका ही करे है जिस तिस का ।
हैरती है ये आईना किस का ।

To look at every face it's keen. 
Whose face has this mirror seen. 

शाम ही से बुझा सा रहता है। 
दिल हुआ है चिराग़ मुफ़लिस का। 

My heart is a poor man's lamp. 
Since eve', going out of scene. 












 




SHAB E FIRAQ KI TANHAIYON SE GHABRA KAR....

शब ए फ़िराक़ की तन्हाइयों से घबरा कर तुम्हारे मिलने की उम्मीद आँख में पाकर। 
मचल कर आ गए आँखों में दिल को ठुकरा कर ।
बहुत तलाश किया तुम को हर तरफ़ जाकर ।
न पाया जब तुम्हें वाँ भी तो ग़म से घबरा कर। 
टपक के पलकों से अश्कों ने ख़ुदकुशी कर ली। 

Troubled by solitude of departure at night. 
Hoping to find you in eyes with in sight.
They surfaced in eyes 'n shunned the heart.
Searched over and again, then part by part. 
Not finding, grief amassed, made to decide. 
Tears dropped from the eyes to commit suicide. 

I don't know Urdu poet' s name. Whoever knows please tell. 

Monday 8 March 2021

पोती मेरी एक अकेली।

पोती मेरी एक अकेली।
 सुंदर बुद्धिमान अलबेली।
जब से तुम को मैंने देखा।
 खिली भाग्य की मानो रेखा।
कैसे यह तुझको समझाऊँ?
सुंदर सा क्या गीत बनाऊँ? 
तुम मेरी प्यारी की प्यारी।
श्यामा है तुम पर बलिहारी। 
तुम्हें चाहता है परिवार।
 सारे करते जान निसार। 
कुछ ऐसा कर के दिखलाओ। 
दुनिया की नज़रों में छाओ। 
जन्मदिवस का आशीर्वाद। 
बिटिया रहो सदा आबाद। 
...... रवि मौन..... 

Wednesday 3 March 2021

MAHESH CHANDRA NAQSH... GHAZAL.. CHEHRA - E- ZINDAGI NIKHAR AAYAA...

चेहरा - ए - ज़िन्दगी निखर आया।
जब कभी हम ने जाम छलकाया। 

Face of life glowed fine. 
When I spilled glass of wine. 

शाम- ए - हिज्राँ भी इक क़यामत थी।
आप आए तो मुझको याद आया।

Parting night was doom. 
As you come, memories pine.

रंग फीका पड़ा वफ़ाओं का। 
आज कुछ इस तरह वो शरमाया।

Colours of faith looked dim. 
She was so coy, on line. 

क्या हुई दो दिलों की मासूमी? 
हुस्न रूठा न इश्क़ पछताया। 

Love repented nor beauty sulked. 
Two hearts that failed to pine.

कुछ तो मजबूरियां मुक़द्दर थीं। 
तेरी क़ुर्बत ने और तड़पाया। 

Restlessness was fate.
Torture was nearness sign. 

क्या क़यामत थी कमनिगाही भी। 
हर हक़ीक़त को जिस ने झुटलाया।

Short sightedness was doom. 
It falsified  truths so fine.

हाय किस किस मुक़ाम पर दिल को। 
उस उचटती नज़र ने भटकाया। 

Alas to which sites was heart. Directed by negligent glance fine.

ख़ुदशनासी थी जुस्तजू तेरी।
तुझ को ढूँढा तो आप को पाया। 
Self-awareness was the quest.
Your search could lead to mine.

'नक़्श' आँखों में आ गए आँसू।
आज ऐसे में कौन याद आया। 
O'Naqsh' tears came to eyes.
Whose recollection is mine? 

Tuesday 2 March 2021

...54 couplets of many poets

एक गुमनाम उदासी से भरा बैठा हूँ।
आज दिल खोल के रोने की ज़रुरत है मुझे। 

Sitting with all sadness loaded from start. 
Today I need to cry with an open heart. 

 ये शीशे ये सपने ये रिश्ते ये धागे।
किसे क्या ख़बर है कहाँ टूट जाएँ।

These glasses, dreams, thready relations in check.
Who has an inkling where 'll they break?

तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे। 
मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं।........ जौन एलिया....

On arrival in a lost state, you' ll see me exist.
In my loneliness nothing but dreams persist. 

ये कहना था उनसे मोहब्बत है मुझको। 
ये कहने में मुझको ज़माने लगे हैं। 
....... ख़ुमार बाराबंक्वी....

I love you, is all I wanted to say. And it has taken me ages to say. 

किसी हालत में भी तन्हा नहीं होने देती। 
है यही एक ख़राबी मिरी तन्हाई की। 
..... फ़रहत एहसास.... 

Doesn't allow me to be lonely in any state. 
My solitude has this one bad trait. 

इक याद रह गई थी मगर वो भी कम नहीं। 
इक दर्द रह गया है सो रखना सम्भाल कर।....... मोहम्मद अल्वी.... 

Only a memory was left but that wasn't small. 
A sorrow has remained, keep, care for it all. 

दुश्मन- ए - जाँ भी मगर जान से प्यारा भी है। 
ऐसा इस शहर में इक शख़्स हमारा भी है।........ ज़िया अमीर...... 

Lovelier than life yet enemy at heart. 
I have such a person in this city mart. 

मुंतज़िर हूँ तिरी आवाज़ से तस्वीर तलक। एक वक़्फ़ा ही तो दरकार था मिलने के लिए।  ..... कामरान नफ़ीस.... 

I have been waiting from your sound to frame. 
A little meeting time was needed in game. 

दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं। 
देखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन।....... परवीन शाकिर...... 

Along with enemies friends too are free to claim. 
 On me, let's see, whose arrow is first to aim. 

इतने घने बादल के पीछे। 
कितना तन्हा होगा चाँद।
... परवीन शाकिर.... 

Behind so many dark clouds that cover. 
Moon might be so lonely, a lover. 

यूँ बिछड़ना भी बहुत आसाँ न था उस से मगर। 
जाते जाते उस का वो मुडृ कर दोबारा देखना।  ..... परवीन शाकिर..... 

To part with him was not  an easy pack. 
But while leaving, he turned, looked back. 

ये अब्र है या - फ़ील- ए- सियह- मस्त है साक़ी! 
बिजली कि जो है पाँव में ज़ंजीर हवा पर।...... शाह जमीर...... 

Is it cloud or an intoxicated, black elephant to rescind. 
With lightening in feet and a chain in the wind. 

अभी तो दिल में हल्की सी ख़लिश महसूस होती है। 
बहुत मुमकिन है कल इस का मोहब्बत नाम हो जाए।..... शेरी भोपाली..... 

Now in heart, there's a feeling of little dis-ease. 
It's likely, tomorrow we label as love, this disease. 

दामन पे मेरे सैकड़ों पैबन्द हैं मगर। 
लेकिन ख़ुदा का शुक्र है धब्बा नहीं कोई। 

On my hem, hundreds of patches remain. 
But by God's grace, there isn't a single stain. 

मैंने तस्वीर फेंक दी है मगर। 
कील दीवार में गड़ी है अभी। 

Although I have thrown the photo- frame. 
Nail that's stuck in wall, stakes claim. 

ये है दौर - ए- हवस मगर ऐसा भी क्या। 
आदमी आख़िरश आदमी तो रहे। 

It's an age of lust but yes, one can. 
Man should at least be a man. 

ये आँखें देखती हैं और हो जाती हैं दीवानी। 
हमेशा चश्मदीदों की गवाही सच नहीं होती। 

On seeing, eyes turn lunatic, stick as glue. 
Evidence of viewers isn't always true. 

रूह छू कर कोई गुज़रे तो मोहब्बत कहना। 
जिस्म छूकर तो हवाएँ भी गुज़र जाती हैं। 

One passes touching soul is love, she grinned. 
Touching body alone, even passes the wind. 

सबके लिए बुलंद रहे हात उम्र भर। 
अपने लिए दुआओं का लम्हा गुज़र गया। 

My hands were raised for all, life long. 
But to pray for the self, time passed along. 

मिलना तो ख़ैर उसको नसीबों की बात है। देखे हुए भी उसको ज़माना गुज़र गया। 

Meeting of course was a matter of fate. 
Even seeing her, time passed by O mate. 

गले मिला न कभी चाँद बख़्त ऐसा था। 
हरा भरा बदन अपना दरख़्त जैसा था। 
........ शकेब जलाली....... 

Moon never embraced me, such was the fate. 
My full grown body was a tree in this state. 

लज़्ज़त - ए - ग़म तो बख़्श दी उस ने। 
हौसले भी 'अदम' दिए होते। 

Of course, I was given pleasure ot pain. 
'Adam' courage too was needed to sustain.

कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊँगा। 
मैं तो दरिया हूँ समन्दर में उतर जाऊँगा। 
....... अहमद नदीम क़ासमी......

Who says, with death I 'll cease to be.
I am a river, will step into  the sea.

जानलेवा थी ख्वाहिशें वर्ना। 
वस्ल से इंतिज़ार अच्छा था। 
......... जौन एलिया....... 

Life threatening were desires, otherwise. 
Waiting was better than meeting precise. 

नाउम्मीदी बढ़ गई है इस क़दर। 
आरज़ू की आरज़ू होने लगी। 
...... दाग़ देहलवी...... 

Hopelessness has increased so much. 
There is a desire for desire as such. 

पुराने लोग दरियाओं में नेकी डाल देते थे।
हमारे दौर का इंसान नेकी कर के चीख़ेगा
......... ज़ुबैर रिज़वी...... 

Earlier people 'd throw in river after doing a good deed. 
A person of our era would shout aloud , indeed.

वो अक्सर दिन में बच्चों को सुला देती है इस डर से। 
गली में फिर खिलौने बेचने वाला न आ जाए।..... मोहसिन नक़्वी..... 

During daytime, she makes children sleep out of  fear. 
The toyseller may not visit this lane or it's near. 

गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है तो चाल लगा दो डर कैसा। 
गर जीत गए तो क्या कहना हारे भी तो बाज़ी मात नहीं।..... फ़ैज़..... 

If it's a bet of love, then play, what's there to fear. 
What to say if you win O Pal, for loss is also deer. 


एक गुस्ताख़ी करूँगा वो भी मर जाने के बाद। 
यार तुम पैदल चलोगे मैं जनाज़े पर सवार। 

Once after death, I 'll be rude to you before everyone on the street. 
While I' ll be carried on the shoulders, you will be walking on feet. 

अपने ही ग़म में जो टपके वो है आँसू लेकिन। 
ग़ैर के ग़म में जो टपके वो गुहर होता है। 

It's  tear when it drops in your own grief. 
A pearl, if it's shed for other's relief. 

दामन- ए- यार से जा लिपटे हमारे आँसू ।
गिरके इस तरह सम्भलते हैं संभलने वाले 

My tears embraced my beloved's cloak. 
That's how the fallen rise in a stroke. 

उलझे दामन को छुड़ाते नहीं झटका देकर
दफ़ अतन तर्के तअ'ल्लुक में भी रुस्वाई है। 

When cloak is stuck in thorns, don't jerk for release. 
Sudden breach in relations is to no one's ease

क्या सितम है कि अब तिरी सूरत। 
ग़ौर करने पे याद आती है।.. .... .
...... जौन एलिया..... 

What a pity that now your face. From memories I have to trace.

ये तस्वीरें बज़ाहिर तो बहुत ख़ामोश रहती हैं। 
मगर अहल- ए - नज़र देखें तो दिल की बात कहती हैं। 

These murals always appear to be mum. 
For gifted observers, have a tune to hum. 

एक वो हैं कि जिन्हें उनकी ख़ुशी ले डूबी
एक हम हैं कि जिसे ग़म ने उबरने न दिया। 

Drowned with pleasure was his fall to be concise. 
It is I whom pain did not allow to rise. 

उदास शाम की यादों भरी सुलगती हवा। हमें फिर आज पुराने दयार ले आई। 
....... राजेन्द्र मनचंदा बानी..... 

Burnig winds of sad memories in eve's reign. 
Has brought me back to the same old lane.

वो टूटते हुए रिश्तों का हुस्न- ए- आख़िर था। 
कि चुप सी लग गई दोनों को बात करते हुए।..... राजेंद्र मनचंदा बानी.... 

In breaking relations, it was the beautiful last. 
While talking, between them,the silence was cast. 


बहुत जी ख़ुश हुआ 'हाली' से मिल कर। 
अभी कुछ लोग बाक़ी हैं जहाँ में। 

Meeting 'Haali' was a pleasure difficult to resist. 
Worthwhile people in this world still exist. 

जीना भी आ गया मुझे मरना भी आ गया 
पहचानने लगा हूँ तुम्हारी नज़र को में। 

I have learnt this life_ death dance. 
I am now recognising your stance. 

भुला भी दे उसे जो बात हो गई प्यारे। 
नए चिराग़ जला रात हो गई प्यारे। 
...... हबीब जालिब..... 

Of that, what's past, make light, my love. 
Light up new lamps, it's night, my love. 

वफ़ा का नाम न लेगा कोई ज़माने में। 
हम अहल- ए- दिल को अगर मात हो गई प्यारे। 

None will vouch for, in faith's name . 
If sad heart as I, loses game, my love. 

उनके  आने के बाद भी 'जालिब'।
 देर तक उनका इंतज़ार रहा। 

O Jaalib! Even after she had really come. 
Fo long, her arrival was waited  by some. 

दुनिया ये चाहती है यूँ ही फ़ासले रहें। 
दुनिया के मशवरों पे न जा, उस गली में चल। 

World wants that distance should always remain. 
Don't go by world's bias, go in that lane. 

चार दिन की ज़िन्दगी है किस से कतरा कर चलूँ। 
ख़ाक हूँ मैं ख़ाक पर क्या ख़ाक इतरा कर चलूँ। 

It's a life of just four days, whom can I avoid? 
I am dust, walk on dust, why boast on the 66yyhvoid? 

 





मुण्डकोपनिषद्... व्याख्याकार... स्वामी चिन्मयानन्द ... हिन्दी पद्यानुवाद

............ शान्ति पाठ........
ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवाः भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः।
स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवांसस्तनूभिर्व्यशेम देवहितं यदायुः।।
स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति न पूषा विश्ववेदाः ।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ।।
ॐ शान्तिः।शान्तिः।। शान्तिः।।।
 
ॐ कान शुभ ही सुनें देखें आँख शुभ ही सर्वदा।
 स्थिर स्वस्थ हाथों पावँ  से करते रहें हम अर्चना।
पूर्ण आयु ही देवहित में हम सदा पूजा करें
हे देवो! हे पूजनीयो! आप सब रक्षा करें।इन्द्र वृद्ध प्रसिद्ध औ'सर्वज्ञ सूर्य आशीश दें। 
आशीश दें हे वायु कष्टों से सदा रक्षा करें। 
आध्यात्मिकी धन की करें रक्षा बृहस्पति बुद्धि दें। 
हम समझ पाएँ वेद फिर स्वाध्याय और मनन करें। 
अपने जीवन में उसे हर विधि सकें उतार। ॐ शान्ति दें! शांति दें! शांति दें! उपहार। 
आधिदैविक वे विपद जो दैव की भेजी हुईं। 
आधिभौतिक विपद जो जग कारणों से हो गईं। 
और आध्यात्मिक विपद जिनका सृजन हमनै किया। 
ज्ञान पथ की तीन बाधा ॐ हरलें सर्वदा। 

ॐ ब्रह्मा देवानां प्रथमः सम्बभूव
विश्वस्त कर्ता भुवनस्य गोप्ता। 
स ब्रह्मविद्यां सर्वविद्याप्रतिष्ठाम्
अथर्वाय ज्येष्ठपुत्राय प्राह।। 1।।

प्रथम जन्मा ॐ ब्रह्म थे देवों में इनका सम्मान। 
अखिल विश्व के सृजक और पालनकर्ता भी इन्हें जान। 
ब्रह्मविद्या जो कि सारी विद्याओं का मूल। 
बाह्य भीतरी जगत के सब ज्ञानों का मूल।
अग्रज पुत्र अथर्व थे दिया उसे यह ज्ञान। 
गुरु-शिष्य की परम्परागत आगे बढ़ता जान। 

अथर्वणे यां प्रवदेत ब्रह्माऽथर्वा
तां पुरोवाचाङ्गिरे ब्रह्मविद्याम्। 
स भारद्वाजाय सत्यवहाय प्राह
भारद्वाजोऽङ्गिरसो परावराम् ।। 2।।

ब्रह्मा ने ज्यों अथर्व को सिखलाया यह ज्ञान। 
पूर्व काल में अंगि को उन ने किया बखान। 
सत्यवाह को भारद्वाज कुल का गुणग्राही देखा। 
सीखा उन से अंगिरा ने बढ़ी परम्परा रेखा। 
जिस जिस गुरु को हो गया परमसत्य का ज्ञान। 
योग्य शिष्य आया वहीं पाने को वह ज्ञान।

शौनको ह वै महाशालोऽङ्गिरसं
विधिवदुपसन्नः पप्रच्छ।
कस्मिन् नु भगवो विज्ञाते
सर्वमिदं विज्ञातंभवतीति।। 3।।

शौनक के मन में रही दुविधा एक महान। 
आश्रम ऋषि अङ्गिरा का वहाँ किया प्रस्थान। 
पूछा विधिवत पूज कर अपना प्रश्न विशेष। 
किसे जान कर जानना रहे न कुछ भी शेष। 

तस्मै स होवाच। 
द्वै विद्ये वेदितव्ये इति ह स्म यद्
ब्रह्मविदो वदन्ति, परा चैवापरा च।। 4।।

ऋषि ने तब उससे कहा ब्रह्मविदों का ज्ञान। 
परा और अपरा हुए ऊँचा नीचा ज्ञान। 

तत्रापरा, ऋग्वेदो यजुर्वेदः
सामवेदो अथर्ववेदःशिक्षा
कल्पो व्याकरणं निरुक्तं छन्दो ज्योतिषमिति। 
अथ परा यया तदक्षरमधिगम्यते।। 5।।

अपरा विद्या में शामिल हैं वेद और वेदाङ्ग।
ऋग, यदु, साम, अथर्व हैं औ' छः उनके अंग। 
स्वर, शास्त्र विधि से कर्म, छन्द व व्याकरण, का ज्ञान। 
शब्दों की उत्पत्ति का औ' ज्योतिष का ज्ञान। 
परा विद्या में निहित है बस अक्षर का ज्ञान। 
जिस का नाश न हो सके उस अक्षर का ध्यान। 
और अक्षरों से जिसे प्रकट न करने पाय। गहन विद्या अक्षरों से परे ले कर जाय। 

यत्तदद्रेश्यमग्राह्यमगोत्रमवर्णम्
अचक्षुः श्रोत्रं तदपाणिपादम्।
नित्यं विभुं सर्वगतं सुसूक्ष्मं तदव्ययं
यद्भूतयोनिं परिपश्यन्ति धीराः।। 6।।***

जिसको न देखा जा सके, जिसको न पकड़ा जा सके। 
जो है अजन्मा अतः मृत्यु कभी न जिसको  पा सके। 
ना हाथ- पाँव न बुद्धि- मन ही छू सकें जिसको कभी। 
जिसके न कोई हाथ- पाँव नआँख- नाक व कान भी। 
कोई नहीं ज्ञानेन्द्रियाँ, कोई नहीं कर्मेन्द्रियाँ
जो है स्वयं ही पूर्ण सत्य व पूर्ण ज्ञान यहाँ वहाँ। 
शाश्वत है जो, है सब कहीं, उसके समस्त  स्वरूप हैं। 
अक्षर, असीमित है वही, उसके असीमित रूप हैं। 
है सूक्ष्म से भी सूक्ष्म, है सर्वज्ञ कर्ता सृष्टि का। 
सुस्पष्ट है फैला हुआ है खेल ज्ञानी दृष्टि का। 

यथोर्णनाभिः सृजते गृह्णते च
यथा पृथिव्यामोषधयः सम्भवन्ति। 
यथा सतः पुरुषात् केशलोमानि
तथाक्षरात् सम्भवतीह विश्वम्।। 7।।

सृष्टि बनी है ब्रह्म से उस प्रकार तत्काल 
मकड़ी करती सृजन ज्यों निज शरीर से जाल। 
किन्तु नहीं है ब्रह्म का स्वार्थ किए निर्माण। 
केश बढ़ें जैसे स्वयं जब तक तन में प्राण।
उपजें पौधे औषधि धरा से अनायास। 
और समा जाते वहीं जब हो जाय विनाश।
सत चित औ'आनन्द है सृष्टि सृजन आधार। 
सृजन और विध्वंस क्रम होते बारम्बार। 


तपसा चीयते ब्रह्म ततोऽन्नमभिजायते। 
अन्नात् प्राणो मनःसत्यं लोकाःकर्मसु चामृतम्।। 8।।

ब्रह्म जब एकाग्र हो चिन्तन करें यों सृजन की। 
सृजन के सुख से उगे तब अन्न प्राण व मन सभी । 
पञ्चभूत व जगत बनते कर्म औ' फल कर्म के। 
चक्र यह चलता सदा यों कर्म औ' फल कर्म के। 

यः सर्वज्ञः सर्वविद्यस्य ज्ञानमयं तपः। 
तस्मादेतद्ब्रह्म नाम रूपमन्नं च जायते।। 9।। 
इति मुण्डकोपनिषदि प्रथममुण्डके प्रथम खण्डः।। 

है सर्वविद सर्वज्ञ भी औ' ज्ञान का भंडार भी। 
आनन्द में जिसने किया यह सृजन औ' संसार भी। 
ब्रह्म से ही नाम का और रूप का निर्माण हो। 
हर पल घटे का ज्ञान उसको खाद्य हो या प्राण हो।। 
.... मुण्डकोपनिषद् के प्रथम मुण्डक का प्रथम खण्ड समाप्त....... 

तदेतत्सत्यं मन्त्रेषु कर्माणि कवयो
यान्यपश्यंस्तानि त्रेतायां बहुधा सन्ततानि। तान्याचरथ नियतं सत्यकामा
एष वः पन्थाः सुकृतस्य लोके।। 1।।

वेदमन्त्रों में लिखा जो सत्य है ऋषि ज्ञान। नियमित कर वह साधना फल दें कर्म प्रदान। 

यदा लेलायते ह्यर्चिः समिद्धे हव्यवाहने।
तदाज्यभागावन्तरेणाहुतीः प्रतिपादयेत्
(श्रद्धयाहुतम्) ।। 2।।

जब अग्नि लपटें नृत्य करतीं आहुति करें प्रदान। 
लपटें दाएँ बाएँ हों, मध्य करो घृत दान। 

 यस्याग्निहोत्रमदर्शमपौर्णमासम्
अचातुर्मास्यामनाग्रयणमतिथिवर्जितं च। 
अहुतमवैश्वदेवमविथिना हुतम्
आसप्तमांस्तस्य लोकान् हिनस्ति।। 3।।

अग्निहोत्र के साथ यदि दिया न जाए दान। 
बलि देने की प्रथा का रखा न जाए मान। 
नवचन्द्र पूर्णचन्द्रको जैसा शास्त्र विधान। 
चतुर्मास और फसल कटे पर विधिवत कीजे दान। 
विश्वदेव और अतिथि का विधिवत हो सम्मान। 
शास्त्रों की इस रीति का हो न पूर्ण यदि ज्ञान। 
अग्निहोत्र ऐसा करे सात लोक का नाश। 
स्वयं, तीन पीढ़ी के पूर्वज, तीनों सन्तति नाश। 

काली कराली च मनोजवा च
सुलोहिता या च सुधूम्रवर्णा। 
स्फुलिङ्गिनी विश्वरुची च देवी
लेलेयमाना इति सप्त जिह्वाः।। 4।।

काली, भयानक, शीघ्रगामी लपट मन सी 
रक्तवर्ण, सुधूम्रवर्णा, फेंकती चिंगार सी। 
अनेकवर्णा और उज्ज्वल, चमचमाती। 
लपलपाती, सात ये जिह्वा अगन की। 

एतेषु यश्चरते भ्राजमानेषु यथाकालं चाहुतयो ह्याददायन्।
तं नयन्त्येताः सूर्यस्य रश्मयो यत्र देवानां पतिरेकोऽधिवासः।। 5।।

कर्मकाण्ड से किया है जिस ने हर  इक बार। 
जीवन भर करता रहा इच्छित उपसंहार । 
इच्छित फल की प्राप्ति दें मन के राजा इंद्र। 
सूर्यकिरण ले जाएँगी उसे स्वर्ग के द्वार। 

एह्येहीति तमाहुतयः सुवर्चसः। 
सूर्यस्यरश्मिभिर्यजमानं वहन्ति। 
प्रियांवाचमभिवदन्त्योऽर्चयन्त्य
एष वः पुण्य सुकृतो ब्रह्मलोकः।। 6।।

आओ इधर आओ इधर ये कह रहीं यजमान से। 
प्रज्वलित लपटें कह रहीं ये प्रेम से सम्मान से। 
आहूति देते समय जिसकी वासना जैसी रहीं। 
मृत्यु के उपरांत किरणें उसे ले जाएँ वहीं। 

प्लवा ह्येते अदृढा यज्ञरूपायेप्रौ अष्टादशोक्तमवरं येषु कर्म। 
एतच्छ्रेयो ये अभिनन्दन्ति मूढा जरामृत्युं ते पुनरेवापि यन्ति।। 7।।

यद्यपि अठारह स्तम्भ फिर भी यज्ञ नौका क्षीण हैं। 
कर्म विधिवत कर रहे सुख के लिए जो लीन हैं। 
जो लोक मिलते पुण्य से जा कर वहाँ सुख भोगते। 
जब क्षीण होते पुण्य तो वापस धरा पर लौटते।
 वे मूर्ख फिर से जन्म मृत्यु चक्र में फँसते यहीं। 
माँ श्रुति उन्हें समझा रही हैं लक्ष्य जीवन यह नहीं। 

अविद्यायामन्तरे वर्तमानाः स्वयं धीराः पण्डितं मन्यमानाः। 
जङ्घन्यमानाः परियन्ति मूढा अन्धेनैव नीयमाना यथान्धाः।। 8।।

हैं मूर्ख समझें धीर निज को बुद्धि से क्या वास्ता। 
फिरते रहें ज्यों अन्ध अन्धों को दिखाए रास्ता। 

अविद्यायां बहुधा वर्तमान वयं कृतार्थता इत्यभिमन्यन्ति बालाः। 
यत्कर्मिणो न प्रवेदयन्ति रागात्
तेनातुराः क्षीणलोकाश्च्यवन्ते।। 9।।

बालक बुद्धि से लगा उसे पा लिया जीवन ज्ञान।
 कर्मकांडी सीख न पाया कुछ भी सका न जान। 
जब तक इच्छा से रहा मन में उसे लगाव। 
जिन लोकों में जाएगा पुनः यहीं पर आव।

इष्टापूर्तं मन्यमानाः वरिष्ठं
नान्यच्छ्रेयो वेदयन्ते प्रमूढाः।
नाकस्य पृष्ठे ते सुकृतेऽनुभूत्वा
इमं लोकं हीनतरं वा विशन्ति।। 10।। 

इष्ट एवं पूर्त हैं दो तरह के शुभ कर्म सब। 
देव सेवा इष्ट है औ' पूर्त जनहित कर्म सब
पुण्य लोकों में न होता दर्द का अहसास भी। 
सुख भोग लेते अंततःजब तक वहीं आवास भी। 
सुख के सिवा ये मूर्ख नर जानें न  पुण्य व दान फल। 
इस हेतु करते कामना ये स्वर्ग जाने की अचल। 
अंततः नर निज पुण्य फल से स्वर्ग में सुख से घिरें। 
हो अंत पुण्यों का पुनः आकर धरातल पर गिरें। 

तपःश्रद्धे ये ह्युपवसन्त्यरण्ये
शान्ता विद्वांसो भैक्ष्यचर्यां चरन्तः। 
सूर्यद्वारेण ते विरजाः प्रयान्ति
यत्रामृतः स पुरुषो ह्यव्ययात्मा।। 11।। 

तप श्रद्धा के साथ ही रहते जो वन माँहिं। 
जो विदुजन निज इन्द्रियाँ बस में रखते ताहिं। 
भिक्षुक सा भोजन करें सूर्य द्वार से जाहिं। भले बुरे सब कर्म जो तजें धरा पर आहिं। 
अमर हुए रहते सदा परमब्रह्म के साथ। 
प्रज्ञान के प्रथम गुरु प्रथमपुरुष के साथ। 

परीक्ष्य लोकान् कर्मचितान् ब्राह्मणो
निर्वेदमायान्नास्त्यकृतः कृतेन।
तदविज्ञानार्थं स गुरुमेवाभिगच्छेत्
समित्पाणिःश्रोत्रियं ब्रह्मनिष्ठम्।। 12।।

कर्मजगत का जो कर चुका स्वयं अवलोकन। 
किन्तु न सत्य मिला यूँ जो कर चुका विमोचन। 
करे खोज गुरु की ले समिधा अपने कर में। 
गुरु जो हों वेदज्ञ सत्य हो हृदयान्तर में। 

तस्मै स विद्वानुपसन्नाय सम्यक्
प्रशान्तचित्ताय शमान्विताय।
येनाक्षरं पुरुषों वेद सत्यं
प्रोवाच तां तत्त्वतो ब्रह्मविद्याम्।। 13।।

उस शिष्य को मन और इन्द्रिय शान्त जिसके हो चुकें। 
गुरु करें दीक्षित ब्रह्मविद्या के सभी गुण दे चुकें। 
फिर परम सत्य मिले उसे हो पूर्ण उसका ज्ञान भी। 
अमर पुरुष प्रथम मिलें हो साथ प्राप्त स्थान भी। 

प्रथम मुण्डक द्वितीय खण्ड समाप्त। 

तदेतत् सत्यं यथासुदीप्तात् पावकाद्
विस्फुलिङ्गाः सहस्रशःप्रभवन्ते सरूपाः।
तथाऽक्षरादविविधाः सोम्य भावाः
प्रजायन्ते तत्र चैवापि यन्ति।। 1।।

सत्य है यह जिस तरह चिंगारियांँ ही आग से। 
उठें चारों ओर बिखरें फिर समाएँ आग में। जीव भी यों ब्रह्म से निकले फले फूले यहाँ। 
ब्रह्म ही में जा मिले कर कार्य जीवन के यहाँ।। 1।।4

दिव्यो ह्यमूर्तः पुरुषः सबाह्याभ्यन्तरो ह्यजः।
अप्राणो ह्यमनाः शुभ्रो ह्यक्षरात् परतः परः।। 2।।

दिव्य, सत्यस्वरूप पुरुष, अमूर्त और अपूर्व है। 
अज, बाह्य भीतर में समाहित, प्राण से भी पूर्व है। 
यह शुद्ध है, इसका सभी विधि हर जगह विस्तार है। 
अमर, अवर्णनीय, मन से परे, चेतन सार है।। 2।।

एतस्माज्जायते प्राणो मनः सर्वेन्द्रियाणि च।
खं वायुर्ज्योतिरापः पृथ्वी विश्वस्य धारिणी।। 3।।

प्राण, मन, दस इन्द्रियाँ, आकाश, वायु व ज्योति भी। 
अग्नि, पानी और धरा जो धारती हैं ये सभी।। 3।।
यदि सूत की कारीगरी हो, वस्त्र भी हो सूत का। 
पर सूत जाएँ खोलते तो ढेर लगता सूत का। 
यदि सूत को उल्टा घुमा दें, ढेर रूई का रहा। 
कहँ श्रुति सभी कुछ ब्रह्म से निकले, उसी में जा रहा।। 

अग्निर्मूर्धा चक्षुषी चन्द्रसूर्यौ
दिशः श्रोत्रे वाग् विवृताश्च वेदाः।
वायुः प्राणों हृदयं विश्वमस्य
पद्भ्यां पृथ्वी ह्येष सर्वभूतान्तरात्मा।। 4।।

स्वर्ग जैसे अग्नि मस्तक आँख सूर्य व चाँद सी। 
हैं दिशाएँ आकाश के चहुँ भाग उनके कान सी। 
वेद उनकी वाणि है औ' वायु उनके श्वास सा। 
ब्रह्माण्ड उनका मन व निकली पाँव से उनके धरा। 
हैं सत्य सब का अन्तरात्मा और विस्तृत सब कहीं। 
सब कुछ उन्हीं की शक्ति से है उन बिना है कुछ  नहीं।। 4।।

तस्मादग्निः समिधो यस्य सूर्यः
सोमात् पर्जन्य औषधयः पृथिव्याम् ।
पुमान् रेतः सिञ्चति योषितायां
बह्वीःप्रजाः पुरुषात् सम्प्रसूताः।।5।। 

पञ्चाग्नि वर्णन करें श्रुति अद्भुत व समझा कर कहें। 
व्यापक सभी दिश में रहे उसको प्रथम अग्नि कहें। 
सूर्य है समिधा प्रथम अग्नि की ऐसा श्रुति कहें। 
चन्द्र से बरसें जो बादल दूसरी अग्नि कहें। अन्न औषधि जन्म लेती धरा से जो तीसरी। 
जो पुरुष उसको खा रहा वह अग्नि है चौथी कही। 
फिर वीर्य सिञ्चित करे पंचम अग्नि में जो नार है। 
यों धरा पर हो प्रजा वर्धन दिव्य पुरुष प्रकार है।। 5।।

तस्मादृचः साम यजूंषि दीक्षा यज्ञाश्च सर्वे क्रतवो दक्षिणाश्च। 
संवत्सरश्च यजमानश्च लोकाः सोमो यत्र पवते यत्र सूर्यः।। 6।।

उन पुरुष से पैदा हुईं वेदिक ऋचाएँ, मंत्र सब। 
बलि  विधि व प्रारंभिक क्रियाएँऔर जितने यंत्र सब।
स्तम्भ औ' वह बलिपशु, ब्राह्मण तथा यजमान भी। 
यज्ञ सामग्री तथा सब दिया जाता दान भी। 
बलि समय, बलि दाता तथा जो प्राप्त हों वे लोक भी।
 पावन किए जो सूर्य चन्द्र ने वही सारे लोक भी।
बलि कार्य से तात्पर्य है करते सभी जो कर्म हम। 
संचित करें अनुभव प्रकृति के जानते हैं मर्म हम।। 6।।

तस्माच्च देवा बहुधा सम्प्रसूताःसाध्या मनुष्याः पशवो वयांसि।
प्राणापानौ व्रीहियवौ तपश्च श्रद्धा सत्यं ब्रह्मचर्यं विधिश्च।। 7।।

इस मंत्र में माँ श्रुति बताती सृष्टि कर्म विधान भी। 
उन से प्रकट कैसे हुए जो दिव्य हैं ,क्रम से सभी। 
वसु, रुद्र औ'आदित्य ,सारे देवता, मानव सभी। 
पशु ,पक्षि, प्राण, अपान एवं अन्न का भक्षण सभी। 
नर अन्न-भक्षण से करे तप और श्रद्धा का सृजन। 
सत्य, निष्ठा, ब्रह्मचर्य व इस दिशा में ही गमन। 
इन गुणों को जब जीव पूरे ध्यान से धारण करे। 
तो इस दिशा में अग्रसर हो जन्म भर पालन करे।। 7।।

सप्त प्राणाः प्रभवन्ति तस्मात्
 सप्तार्चिषः समिधः सप्त होमाः। 
सप्त इमे लोका येषु चरन्ति प्राणा
गुहाशया निहिताः सप्त सप्त।। 8।।

उच्च कोटि की कविता है यह उच्च कोटि का ज्ञान। 
जिसमें करते ऋषि श्रुतियों के सुंदर यह व्याख्यान। 
सात छिद्र माथे के हैं ये प्राण व इन्द्रिय स्थान। 
इनसे निकलें सप्त अग्नि जो शक्ति करें पहचान। 
आँखें देखें शक्ल रंग औ'ध्वनि सुनते हैं कान। 
समिधा से  ही रहें प्रज्वलित अग्नि इन्द्रिय स्थान। 
ध्वनि ही यदि न हो तो कहिए किसे सुनेंगे कान।
वस्तु न हो तो रूप रंग को आँख न सकती जान। 
सप्त होम हैं इन्द्रिय जब कर पायँ वस्तु का ज्ञान। 
वही ज्ञान जो अग्नि करें उदरस्थ पायँ सम्मान। 
सप्त लोक हैं छिद्र जहाँ से भीतर आता ज्ञान। 
ज्ञान तन्तु पहुँचाएँ उनको निज गंतव्य स्थान। 
सुप्तावस्था में जब करता हृदय स्थान विश्राम। 
कर्मेन्द्रिय ज्ञानेन्द्रिय सोतीं अब इन का क्या काम? 
दिव्य पुरुष से ये सब निकलें श्रुति का यही बखान। 
सुंदर सा ये चित्र बनाएँ ऋषि का अद्भुत ज्ञान।। 8।।

अतः समुद्रा गिरियश्च सर्वेऽस्मात् 
स्यन्दन्ते सिन्धवः सर्वरूपाः ।
अतश्च सर्वा ओषधयो रसश्च 
येनैष भूतैस्तिष्ठते ह्यन्तरात्मा।। 9।।

उनसे ही निकलें समुद्र उन से ही पर्वत सब विशाल। 
कलकल करती नदियाँ जिनसे पनपें सब वनमाल। 
उन के ही रस से औषध से पलते सारे जीव। 
उन आत्मा से ही निकले सब जीव और निर्जीव। 
बाहर जो विस्तृत है औ'भीतर है जिन का वास। 
आत्मा की ही वृहद् शक्ति से करते सभी विकास।। 9।।

पुरुष एवेदं विश्व कर्म
 तपो ब्रह्म परामृतम् । 
एतद्यो वेद निहितं गुहायां
सोऽविद्याग्रन्थिं विकिरतीह सोम्य।। 10।।

वही पुरुष हैं विश्व भी कर्म और हैं ज्ञान। 
ब्रह्म वही हैं अमर भी है सर्वोच्च स्थान। 
जो यह जाने हृदय गुहा में ही है उनका वास। 
कटे ग्रंथि अज्ञान की करे ब्रह्म में वास।। 10।।

इति मुण्डकोपनिषदि  द्वितीयमुण्डके प्रथमः खण्डः।।