Sunday 30 July 2023

मन बावरे! मन बावरे!

मन बावरे! मन बावरे!
चल तू हरि के गाँव रे। 

जहाँ कन्हैया संग हों गैया। 
बंसी धुन पर रास रचैया। 
भूला क्यों वो ठाँव रे?
मन बावरे! मन बावरे! 

जग परिवर्तन शील कहाता। 
पल पल रीता बीता जाता। 
हरि दर्शन की छाँव रे! 
मन बावरे! मन बावरे!

क्या पाएगा इस जीवन में। 
इच्छाएँ उपजेंगी मन में। 
हारेगा हर दाव रे। 
मन बावरे! मन बावरे!

माया तो आनी जानी है।
फिर भी दुनिया दीवानी है।
मत कर इस का चाव रे। 
मन बावरे! मन बावरे! 

OTHER COUPLETS.... . CONTINUED.

यही वो दिन थे जब इक दूसरे को पाया था 
हमारी साल-गिरह ठीक अब के माह में है 
परवीन शाकिर

These were the days when we got each other. 
Our marriage anniversary is in this month, no other. 

कबीर के दोहे

नाम जपो निर्भय रहो, अंग न व्यापै पीर। 
जरा मरन संसय मिटै, गावै दास कबीर।। 

You recite His name, be fearless, in your body there will be no pain. 
Doubts about aging and death will disappear, 'Kabir' sings so again. 

Tuesday 25 July 2023

KAIF BHOPALI . GHAZAL.. KAUN AAYA HAI YAHAN KOI N AAYA HOGA....

कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा 
मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा 

Who will come here, no one will come. 
My door may be shaken by wind hum. 

दिल-ए-नादाँ न धड़क ऐ दिल-ए-नादाँ न धड़क 
कोई ख़त ले के पड़ोसी के घर आया होगा 

Don't flutter O heart, O heart don't flutter. 
With a letter for neighbor, one may 've come. 

इस गुलिस्ताँ की यही रीत है ऐ शाख़-ए-गुल 
तू ने जिस फूल को पाला वो पराया होगा 

It's garden custom O flowering branch. 
The flowers you bore,' d be else's sum. 

दिल की क़िस्मत ही में लिक्खा था अंधेरा शायद 
वर्ना मस्जिद का दिया किस ने बुझाया होगा 

Darkness was stated on my fate plate. 
Or who' ll put out mosque lamp, chum? 

गुल से लिपटी हुई तितली को गिरा कर देखो 
आँधियो तुम ने दरख़्तों को गिराया होगा 

Topple a butterfly alighting on flower. 
Storms may have uprooted trees some. 

खेलने के लिए बच्चे निकल आए होंगे 
चाँद अब उस की गली में उतर आया होगा 

Children may have come out to play. 
Moon by now in her lane may 've come. 

'कैफ़' परदेस में मत याद करो अपना मकाँ 
अब के बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा

' Kaif' on foreign soil, don't remember home.
These rains must have razed it wholesum. 

Monday 24 July 2023

FAIZ AHMAD FAIZ... GHAZAL.. NASEEB AAZMANE KE DIN AA RAHE HAIN....

नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं
क़रीब उन के आने के दिन आ रहे हैं

Days of trying fate are drawing near. 
Daya of her coming are drawing near. 

जो दिल से कहा है जो दिल से सुना है
सब उन को सुनाने के दिन आ रहे हैं

What heart has said 'n listened till now 
Daye to tell that all are drawing near. 

अभी से दिल ओ जाँ सर-ए-राह रख दो
कि लुटने लुटाने के दिन आ रहे हैं

Keep heart 'n life by roadside right now. 
Days to get robbed are drawing near. 

टपकने लगी उन निगाहों से मस्ती
निगाहें चुराने के दिन आ रहे हैं

Intoxication is dripping from her eyes. 
Days to avoid glimpse are drawing near. 

सबा फिर हमें पूछती फिर रही है
चमन को सजाने के दिन आ रहे हैं

Breeze is asking again for my help. 
Days to set the garden are drawing near. 

चलो 'फ़ैज़' फिर से कहीं दिल लगाएँ
सुना है ठिकाने के दिन आ रहे हैं

O 'Faiz'! Get the heart set somewhere.
It's heard, good days are drawing near. 

Sunday 23 July 2023

JAAN NISAR AKHTAR.... GHAZAL... HOUSLA KHO NA DIYA TERI NAHIN SE HAM NE...

हौसला खो न दिया तेरी नहीं से हम ने
कितनी शिकनों को चुना तेरी जबीं से हम ने

वो भी क्या दिन थे कि दीवाना बने फिरते थे
सुन लिया था तिरे बारे में कहीं से हम ने

जिस जगह पहले-पहल नाम तिरा आता है
दास्ताँ अपनी सुनाई है वहीं से हम ने

यूँ तो एहसान हसीनों के उठाए हैं बहुत
प्यार लेकिन जो किया है तो तुम्हीं से हम ने

कुछ समझ कर ही ख़ुदा तुझ को कहा है वर्ना
कौन सी बात कही इतने यक़ीं से हम ने

Wednesday 19 July 2023

AMEER MINAAI.. GHAZAL.. HANS KE FARMAATE HAIN VOH DEKH KE SURAT MERI

हँस के फ़रमाते हैं वो देख कर हालत मेरी
क्यों तुम आसान समझते थे मुहब्बत मेरी

Smilingly she says looking at my state. 
Why did you think my love was easy O mate? 

बाद मरने के भी छोड़ी न रफ़ाक़त मेरी
मेरी तुर्बत से लगी बैठी है हसरत मेरी

Even after death, it didn't leave 

मैंने आग़ोश-ए-तसव्वुर में भी खेंचा तो कहा
पिस गई पिस गई बेदर्द नज़ाकत मेरी

आईना सुबह-ए-शब-ए-वस्ल जो देखा तो कहा
देख ज़ालिम ये थी शाम को सूरत मेरी

यार पहलू में है तन्हाई है कह दो निकले
आज क्यों दिल में छुपी बैठी है हसरत मेरी

हुस्न और इश्क़ हमआग़ोश नज़र आ जाते
तेरी तस्वीर में खिंच जाती जो हैरत मेरी

किस ढिटाई से वो दिल छीन के कहते हैं 'अमीर'
वो मेरा घर है रहे जिस में मुहब्बत मेरी

AHMAD FARAZ.. GHAZAL... AISA HAI KI SAB KHWAB MUSALSAL NAHIN HOTE.

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते
जो आज तो होते हैं मगर कल नहीं होते

It's so that all dreams are not in a stream. 
They appear today but tomorrow don't beam. 

अंदर की फ़ज़ाओं के करिश्मे भी अजब हैं
मेंह टूट के बरसे भी तो बादल नहीं होते

The weathers inside are truly so strange. 
They rain a lot but clouds just don't gleam. 

कुछ मुश्किलें ऐसी हैं कि आसाँ नहीं होतीं
कुछ ऐसे मुअम्मे हैं कभी हल नहीं होते

Some difficulties are such that don't ease. 
For some riddles, solution's don't seem

शाइस्तगी-ए-ग़म के सबब आँखों के सहरा
नमनाक तो हो जाते हैं जल-थल नहीं होते

Eye deserts out of politeness of grief. 
Get wet but don't any turbulence beam. 

कैसे ही तलातुम हों मगर क़ुल्ज़ुम-ए-जाँ में
कुछ याद-जज़ीरे हैं कि ओझल नहीं होते

Upheavals are there but even in deep seas. 
Islands of memories don't lose their gleam. 

उश्शाक़ के मानिंद कई अहल-ए-हवस भी
पागल तो नज़र आते हैं पागल नहीं होते

Just like lovers, certain people of lust.
Are not lunatics but lunatic they seem. 

सब ख़्वाहिशें पूरी हों 'फ़राज़' ऐसा नहीं है
जैसे कई अशआर मुकम्मल नहीं होते 

All desires get fulfilled, 'Faraz',it isn't so. 
As some couplets don't completion dream. 


 

Tuesday 18 July 2023

AMEER MINAAI.. COUPLETS

तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा 
मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है 

You get angry on love. 
Your anger is what I love.  
 
कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं 
नाख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है 

All boats finally reach the shore. 
 If not a batsman, God's in store. 
 
गाहे गाहे की मुलाक़ात ही अच्छी है 'अमीर' 
क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना 

O 'Ameer' occasional meetings are fine. 
Daily visits lose worth of thine. 
 
वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर 
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिए 

It's the day of meeting and so small. 
I was counting days for it after all. 
 
उल्फ़त में बराबर है वफ़ा हो कि जफ़ा हो 
हर बात में लज़्ज़त है अगर दिल में मज़ा हो 

Being loyal or disloyal in love are the same.
Every thing is pleasant in this heart game.  
 
आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन 
मरता हूँ मैं जिस पर वो अदा और ही कुछ है 

Her poise and style is trouble all the while. 
But what I die for, is something above par. 
 
ख़ंजर चले किसी पे तड़पते हैं हम 'अमीर' 
सारे जहाँ का दर्द हमारे जिगर में है 

Whoever gets the daggers, it's 'Ameer who flutters.
 The whole world ache, my heart is to take. 
 
तीर खाने की हवस है तो जिगर पैदा कर 
सरफ़रोशी की तमन्ना है तो सर पैदा कर 

If you have arrow lust, such heart is a must. 
For the bravery desire, set your head on fire. 
 
कौन सी जा है जहाँ जल्वा-ए-माशूक़ नहीं 
शौक़-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर 

Which is that place, where her glimpse you can't trace. 
Having desire of her view, that vision is long due. 
 
हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी 
क्यूँ तुम आसान समझते थे मोहब्बत मेरी 

She smiles and says looking at my state. 
Why did you think my love was easy O mate? 

हुए नामवर बे-निशाँ कैसे कैसे 
ज़मीं खा गई आसमाँ कैसे कैसे 

 Many famous persons were left with no trace
The earth engulfed hi-fi people of grace. 
 
माँग लूँ तुझ से तुझी को कि सभी कुछ मिल जाए 
सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है 

Why not beg you from you to get all. 
Instead of many things, it's a good call. 
 
अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो 
न छेड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो 

 You have come, ready to go, stay, have some rest. 
 I won't tease you, am ready to pledge my best. 
 
किसी रईस की महफ़िल का ज़िक्र ही क्या है 
ख़ुदा के घर भी न जाएँगे बिन बुलाए हुए 

What to talk about meeting with some rich man? 
:Without invitation, I won't visit His house if I can! 
 
आँखें दिखलाते हो जोबन तो दिखाओ साहब 
वो अलग बाँध के रक्खा है जो माल अच्छा है 

Eyea show anger alone, let see boobs zone. . 
You have kept tied , good goods inside. 

इस शे’र में ग़ज़ब का चोंचाल है। यही चोंचाल उर्दू ग़ज़ल की परम्परा की विशेषता है। आँखें दिखाना द्विअर्थी है। एक मायनी तो ये है कि केवल आँखें दिखाते हो अर्थात मात्र आँखों का नज़ारा कराते हो। दूसरा अर्थ यह है कि केवल ग़ुस्सा करते हो क्योंकि आँखें दिखाना मुहावरा है और इसके कई मायनी हैं जैसे घूर कर देखना, क्रोध की दृष्टि से देखना, घुड़की देना, इशारा व संकेत करना, आँखों ही आँखों में बातें करना। मगर शे’र में जो व्यंग्य दिखाई देता है उसके अनुसार आँखें दिखाने को घुड़की देने अर्थात क्रोध से देखना ही समझना चाहिए।

जोबन के कई अर्थ हैं जैसे सुंदरता, चढ़ती जवानी, स्त्री की छाती अर्थात स्तन। जब ये कहा कि वो अलग बाँध के रखा है जो माल अच्छा है तो तात्पर्य स्तन से ही है क्योंकि जब आँख दिखाई तो स्पष्ट है कि चेहरा भी दिखाया और जब आमने सामने खड़े हो गए तो जैसे चढ़ती जवानी का नज़ारा भी हुआ। अगर कोई चीज़ जो शायर की जानकारी के अनुसार अच्छा माल है और जिसे बाँध के रखा गया है तो वह प्रियतम का स्तन ही हो सकता है।

इस तरह शे’र का अर्थ यह होता है कि तुम मुझे केवल ग़ुस्से से आँखें दिखाते हो और जो चीज़ देखने का मैं इच्छुक हूँ उसे अलग से बाँध कर रखा है।

शफ़क़ सुपुरी
 
 
फ़िराक़-ए-यार ने बेचैन मुझ को रात भर रक्खा 
कभी तकिया इधर रक्खा कभी तकिया उधर रक्खा 

Separation from my love kept agitated whole night. 
Kept the pillow this way or that to set it ali right. 
 
'अमीर' अब हिचकियाँ आने लगी हैं 
कहीं मैं याद फ़रमाया गया हूँ 

O'Ameer'! Hiccups are on the move. 
Someone remembers me, it's to prove. 

जो चाहिए सो माँगिये अल्लाह से 'अमीर' 
उस दर पे आबरू नहीं जाती सवाल से 

O 'Ameer' !, Ask anything from Him that you need. 
At His door, dignity isn't lost this way indeed. 
 
जवाँ होने लगे जब वो तो हम से कर लिया पर्दा 
हया यक-लख़्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता 

When she gained youth, veil parted us apart. 
She was suddenly shy, youth was slow to start. 
 
कौन उठाएगा तुम्हारी ये जफ़ा मेरे बाद 
याद आएगी बहुत मेरी वफ़ा मेरे बाद 

Who will bear your disloyalty after I 've gone? 
You will remember my loyalty after I 've gone. 
 
हटाओ आइना उम्मीद-वार हम भी हैं 
तुम्हारे देखने वालों में यार हम भी हैं 

Remove the mirror, me too is a candidate. 
Those who want your view, me too am O mate! 
 
अल्लाह-रे सादगी नहीं इतनी उन्हें ख़बर 
मय्यत पे आ के पूछते हैं इन को क्या हुआ 

What simplicity to show, she doesn't even know. 
She asks my corpse, what happened to you at source? 
 
मुश्किल बहुत पड़ेगी बराबर की चोट है 
आईना देखिएगा ज़रा देख-भाल के 

It will be hard to feel, it's an equal deal. 
Looking mirror my dear , be cautious, 've fear. 
 
मानी हैं मैं ने सैकड़ों बातें तमाम उम्र 
आज आप एक बात मिरी मान जाइए 

I have accepted many things that you said life long. 
Today, you agree with what I say and shape
 the song. 

फिर बैठे बैठे वादा-ए-वस्ल उस ने कर लिया 
फिर उठ खड़ा हुआ वही रोग इंतिज़ार का 

 While sitting by the way, she promised to meet one day. 
Same waiting disease, again started with such ease. 
 
वो दुश्मनी से देखते हैं देखते तो हैं 
मैं शाद हूँ कि हूँ तो किसी की निगाह में 

 With enmity she looks, but at least she looks. 
I am happy 'n at ease,to be in her eyes please. 
 
तीर पर तीर लगाओ तुम्हें डर किस का है 
सीना किस का है मिरी जान जिगर किस का है 

Keep shooting arrows dear, you don't have to fear. 
My love whose is the chest, whose heart is the best? 
 
सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता 
निकलता आ रहा है आफ़्ताब आहिस्ता आहिस्ता 

The veil is sliding slowly from the face. 
The sun is shining slowly with grace. 
  
शाएर को मस्त करती है तारीफ़-ए-शेर 'अमीर' 
सौ बोतलों का नश्शा है इस वाह वाह में 

'Ameer' the poet is intoxicated when a couplet is praised. 
There is hundred bottle arrogance with praise voice raised. 
 
ख़ुदा ने नेक सूरत दी तो सीखो नेक बातें भी 
बुरे होते हो अच्छे हो के ये क्या बद-ज़बानी है 

God's given a good face, learn good things as well. 
You are good but sound bad due to ill sound spell. 
  
पहलू में मेरे दिल को न ऐ दर्द कर तलाश 
मुद्दत हुई ग़रीब वतन से निकल गया 

Don't search for heart in my chest O pain. 
It's long since that poor has left in vain. 
  
बोसा लिया जो उस लब-ए-शीरीं का मर गए 
दी जान हम ने चश्मा-ए-आब-ए-हयात पर 

I breathed my last kissing lips so sweet. 
I died near bank of nectar waters neat. 

अल्लाह-रे उस गुल की कलाई की नज़ाकत 
बल खा गई जब बोझ पड़ा रंग-ए-हिना का 

O God ! How delicate is her flowery wrist. 
With weight of henna colour, it got a twist. 

मिरा ख़त उस ने पढ़ा पढ़ के नामा-बर से कहा 
यही जवाब है इस का कोई जवाब नहीं 

My letter she read, then to messenger said. The answer to it, is there's no answer to it. 
 
आया न एक बार अयादत को तू मसीह 
सौ बार मैं फ़रेब से बीमार हो चुका 

To enquire about welfare, my lover didn't arrive . 
The deceit of being sick many times didn't thrive. 
 
बाद मरने के भी छोड़ी न रिफ़ाक़त मेरी 
मेरी तुर्बत से लगी बैठी है हसरत मेरी 

It didn't leave my friendship even after death. 
Tugged with grave, my desire takes breath. 
  
उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ 
ढूँडने उस को चला हूँ जिसे पा भी न सकूँ 

 I long for her whom I can't erase from heart. 
I search for the one not available from start. 
  
सारी दुनिया के हैं वो मेरे सिवा 
मैं ने दुनिया छोड़ दी जिन के लिए 

 But for me, she belongs to whole world. 
She is one for whom I left whole world. 
  
शब-ए-फ़ुर्क़त का जागा हूँ फ़रिश्तो अब तो सोने दो 
कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब आहिस्ता आहिस्ता 

 I am awake since parting night, angels let me sleep. 
Slowly at leisure time, you can my accounts keep. 
 
आहों से सोज़-ए-इश्क़ मिटाया न जाएगा 
फूँकों से ये चराग़ बुझाया न जाएगा 

 Sighs can't extinguish the fire of love. 
Wind blows can't put out lamp of love. 
 
ज़ब्त देखो उधर निगाह न की 
मर गए मरते मरते आह न की 

Look at my control, I didn't see even once. 
I died but didn't even come to sigh stance. 

बाक़ी न दिल में कोई भी या रब हवस रहे 
चौदह बरस के सिन में वो लाखों बरस रहे 

 O God let no desire remain in the heart. 
She stays fourteen years in lac year part. 
 
समझता हूँ सबब काफ़िर तिरे आँसू निकलने का 
धुआँ लगता है आँखों में किसी के दिल के जलने का 

 O infidel ! I know why you are shedding tears
Smoke hurts  eyes when some heart sears. 
 
ये भी इक बात है अदावत की 
रोज़ा रक्खा जो हम ने दावत की 

This is how the enmity can be retained.
 Invited for feast, a fast she maintained. 
 
है जवानी ख़ुद जवानी का सिंगार 
सादगी गहना है इस सिन के लिए 

 Youth is  decoration of  youth itself. 
Simplicity is ornament of this age pelf. 
  
तेरी मस्जिद में वाइज़ ख़ास हैं औक़ात रहमत के 
हमारे मय-कदे में रात दिन रहमत बरसती है 

O priest in your mosque are limited times for grace. 
In our tavern, day 'n night there's shower of grace. 
 
लुत्फ़ आने लगा जफ़ाओं में 
वो कहीं मेहरबाँ न हो जाए 

Now in her faithlessness, I get pleasure. 
O God! Let her not be kind in measure. 
 
अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है 
हम मरे जाते हैं तुम कहते हो हाल अच्छा है

What a Christ,about patients you take good care! 
I 'm dying' n you say that I am well in your care!
 
वस्ल हो जाए यहीं हश्र में क्या रक्खा है 
आज की बात को क्यूँ कल पे उठा रक्खा है 

Let meeting be here what's it on doom' 's day. 
It's matter of today, why set tomorrow to say. 
 
किस ढिटाई से वो दिल छीन के कहते हैं 'अमीर' 
वो मिरा घर है रहे जिस में मोहब्बत मेरी 

What audacity, she snatches heart 'n says. 
It's surely my house where my love stays. 
  
करता मैं दर्दमंद तबीबों से क्या रुजूअ 
जिस ने दिया था दर्द बड़ा वो हकीम था 

 With sympathetic healers why should I keep contact. 
He who has granted me grief is great and perfect. 
 
 
क़रीब है यार रोज़-ए-महशर छुपेगा कुश्तों का क़त्ल क्यूँकर 

जो चुप रहेगी ज़बान-ए-ख़ंजर लहू पुकारेगा आस्तीं का 

 Doom's day is drawing near, how can simply murders clear?
If dagger tongue gives a slip, blood on sleeves would surely drip. 
 
आबरू शर्त है इंसाँ के लिए दुनिया में 
न रही आब जो बाक़ी तो है गौहर पत्थर 

 Prestige is essential in world for a man.
Without gleam, pearl is stone, it can7
 
इन शोख़ हसीनों पे जो माइल नहीं होता 
कुछ और बला होती है वो दिल नहीं होता 

 One who isn't attracted towards damsels in style. 
Is an impish structure, not heart in a while

मस्जिद में बुलाते हैं हमें ज़ाहिद-ए-ना-फ़हम 
होता कुछ अगर होश तो मय-ख़ाने न जाते 

Priest is unwise, gives  me a  mosque call 
If I had sense, would go to tavern after all. 

मुद्दत में शाम-ए-वस्ल हुई है मुझे नसीब 
दो-चार साल तक तो इलाही सहर न हो 

It's after a long time, I have her meeting time. 
For years two or four, let morning be no more. 
 
शौक़ कहता है पहुँच जाऊँ मैं अब काबे में जल्द 
राह में बुत-ख़ाना पड़ता है इलाही क्या करूँ 
even she calls me bad. 
For whom, with
I have this desire, to reach Kaaba quickfire. 
The temple is on way, O God what to say? 
 
नावक-ए-नाज़ से मुश्किल है बचाना दिल का 
दर्द उठ उठ के बताता है ठिकाना दिल का 

From arrow with style 'n care, it's hard for heart to spare. 
Pain so often rises in heart and shows the targeted part. 
 
वाए क़िस्मत वो भी कहते हैं बुरा 
हम बुरे सब से हुए जिन के लिए 

 O fate! I got her bad call. 
 For whom I was bad to all. 

यार पहलू में है तन्हाई है कह दो निकले 
आज क्यूँ दिल में छुपी बैठी है हसरत मेरी 

By the side is my lover, there is silence cover. 
Why is it hidden in heart, O desire play the part. 
 
कबाब-ए-सीख़ हैं हम करवटें हर-सू बदलते हैं 
जल उठता है जो ये पहलू तो वो पहलू बदलते हैं 
 
Roasting mincemeat, in a pin on heat, I turn sides now and then. 
When one side sings, on shingles it clings, it's often turned  then. 
 
मिला कर ख़ाक में भी हाए शर्म उन की नहीं जाती 
निगह नीची किए वो सामने मदफ़न के बैठे हैं 

Even after razing me to dust, she remains shy as a must. 
She is sitting by my grave, eyes are downcast as a knave. 
 
मिली है दुख़्तर-ए-रज़ लड़-झगड़ के क़ाज़ी से 
जिहाद कर के जो औरत मिले हराम नहीं 

I got 'daughter of grapes' after tussle with the ojudge. 
Woman won in a crusade is for keeps, not to fudge. 

हाथ रख कर मेरे सीने पे जिगर थाम लिया 
तुम ने इस वक़्त तो गिरता हुआ घर थाम लिया 

 Keeping your hand on my chest, you put heart to rest. 
This time you could keep, my home from being a heap. 
 
वही रह जाते हैं ज़बानों पर 
शेर जो इंतिख़ाब होते हैं 

Only those couplets which are select. 
Stay in memory, with tongue connect. 
 
तूल-ए-शब-ए-फ़िराक़ का क़िस्सा न पूछिए 
महशर तलक कहूँ मैं अगर मुख़्तसर कहूँ 

Don't ask about it's plight, long drawn tale of parting night. 
 Even if I narrate in brief, till doom will stretch it's fief. 
 
बातें नासेह की सुनीं यार के नज़्ज़ारे किए 
आँखें जन्नत में रहीं कान जहन्नम में रहे 

I listened to the priest, eyes set on lover as a feast. 
While eyes were in paradise, ears were in hell, no surprise. 
 
पुतलियाँ तक भी तो फिर जाती हैं देखो दम-ए-नज़अ 
वक़्त पड़ता है तो सब आँख चुरा जाते हैं 

Even the pupils turn, when time is last. 
All turn corners, as good times are past. 
 
सादा समझो न इन्हें रहने दो दीवाँ में 'अमीर' 
यही अशआर ज़बानों पे हैं रहने वाले 

O 'Ameer' let these stay in collection, these may seem easy in reflection. 
These couplets are there to survive, in language and tongues 'll thrive. 
 
पहले तो मुझे कहा निकालो 
फिर बोले ग़रीब है बुला लो 

 You just turn him out at first did he shout. 
Then I am poor, he said, called, inhibition shed
 
गिरह से कुछ नहीं जाता है पी भी ले ज़ाहिद 
मिले जो मुफ़्त तो क़ाज़ी को भी हराम नहीं 

You aren't paying O priest! Well sip it at least. If It's available for free, even the judges agree
 
ख़्वाब में आँखें जो तलवों से मलीं 
बोले उफ़ उफ़ पाँव मेरा छिल गया 

When quashing eyes in dream with sole. 
Says my feet are scratched as a whole. 

सीधी निगाह में तिरी हैं तीर के ख़्वास 
तिरछी ज़रा हुई तो हैं शमशीर के ख़्वास 

आशिक़ का बाँकपन न गया बाद-ए-मर्ग भी 
तख़्ते पे ग़ुस्ल के जो लिटाया अकड़ गया 

Even after death lover remained elegant. 
As laid on plank for bath ,streak was present. 
 
देख ले बुलबुल ओ परवाना की बेताबी को 
हिज्र अच्छा न हसीनों का विसाल अच्छा है 

 Look at the nightingale and moth ''s haste. 
 Meeting and parting with cutes is a waste. 
  
अभी कमसिन हैं ज़िदें भी हैं निराली उन की 
इस पे मचले हैं कि हम दर्द-ए-जिगर देखेंगे 

She is too young, whims strange, far flung. 
Well she is adamant,to see heart ache, it's extent. 
 
बाग़बाँ कलियाँ हों हल्के रंग की 
भेजनी हैं एक कम-सिन के लिए 

 O gardener pluck buds of a light shade
 These are for cute dame of young grade. 
 
सौ शेर एक जलसे में कहते थे हम 'अमीर' 
जब तक न शेर कहने का हम को शुऊर था 

O 'Ameer' I'd recite hundred couplets at a go. 
When elegant recitation was not on show. 
 
वो फूल सर चढ़ा जो चमन से निकल गया 
इज़्ज़त उसे मिली जो वतन से निकल गया 

 A flower that quit the garden, was high grade
He became famous, who left nation 
 
 
कहते हो कि हमदर्द किसी का नहीं सुनते 
मैं ने तो रक़ीबों से सुना और ही कुछ है 

You tell me not listening to anyone ''s pain. 
I heard rivals saying something else again. 

शब-ए-विसाल बहुत कम है आसमाँ से कहो 
कि जोड़ दे कोई टुकड़ा शब-ए-जुदाई का 

Meeting night is so short, tell time overhead. 
A part of parting night to be annexed instead. 

व्याख्या

शब-ए-विसाल के सम्बंध से शब-ए-जुदाई ने बहुत ही दिलचस्प अंतर्विरोध पैदा किया है और दरअसल इस शे’र का विषय इसी अंतर्विरोध पर आधारित है। मिलन की रात के संक्षिप्त होने का शिकवा उर्दू ग़ज़ल की परम्परा में शामिल है। इसी तरह से शायरों ने जुदाई की रात या शब-ए-फ़िराक़ के दीर्घ होने की शिकायत भी की है। इस शे’र में शब-ए-विसाल यानी मुलाक़ात, शब-ए-फ़िराक़ अर्थात जुदाई के समानुपात में 'बहुत कम', 'जोड़ दे कोई टुकड़ा’ और आसमान के संयोजन ने सुंदरता पैदा की है। आसमान का प्रयोग उर्दू शायरों ने बहुत सी चीज़ों के रूपक या प्रतीक के रूप में किया है। उदाहरण के लिए आसमान को तक़दीर, ख़ुदा(ईश्वर) और समय आदि के रूपकों के रूप में इस्तेमाल किया गया है। इस शे’र में आसमान वास्तव में समय का एक रूपक है।

शायर संबोधित से कहता है कि महबूब से मुलाक़ात की रात लम्बाई की दृष्टि से बहुत छोटी है। अर्थात जिस रात महबूब से मिलन होता है वो कुछ क्षणों में गुज़र जाती है। इसके मुक़ाबले में महबूब से जुदाई की रात बहुत लम्बी होती है। यानी जब महबूब दूर हो तो रात किसी तरह कटती ही नहीं। इसलिए ऐ संबोधित, तुम समय से कहो कि वो विरह की रात से कोई हिस्सा काट के मिलन की रात में मिला दे ताकि आशिक़ अपने महबूब की निकटता से पूरी तरह आनंदित होसके।

शफ़क़ सुपुरी

न वाइज़ हज्व कर एक दिन तो इस दुनिया से जाना है 
अरे मुँह साक़ी-ए-कौसर को भी आख़िर दिखाना है 

O preacher don't call it bad, one day you will be dead. 
You have to face barmaid of heavenly drinks instead. 
 
अपनी महफ़िल से अबस हम को उठाते हैं हुज़ूर 
चुपके बैठे हैं अलग आप का क्या लेते हैं 

 You evict me for no reason from  meeting. 
I ask for nothing and am separately sitting. 
 
रहा ख़्वाब में उन से शब भर विसाल 
मिरे बख़्त जागे मैं सोया किया 

While in dream, I met her whole night. 
My fate was awake, as I slept tight. 
 
शाख़ों से बर्ग-ए-गुल नहीं झड़ते हैं बाग़ में 
ज़ेवर उतर रहा है उरूस-ए-बहार का 

It's not that flower petals in garden are shed. 
Ornaments of spring bride are laid down on bed. 
 
अल्लाह-री नज़ाकत-ए-जानाँ कि शेर में 
मज़मूँ बंधा कमर का तो दर्द-ए-कमर हुआ 

 O God! What delicacy that in a couplet as I tell. 
 About the waist and there's waist ache spell
 
सब हसीं हैं ज़ाहिदों को ना-पसंद 
अब कोई हूर आएगी उन के लिए 

 Preachers dislike each beautiful dame. 
Some houries for them 'll come to claim. 
  
ज़ाहिद उमीद-ए-रहमत-ए-हक़ और हज्व-ए-मय 
पहले शराब पी के गुनाह-गार भी तो हो 

O preacher! You blame wine and ask for His grace. 
First drink, be a sinner and then earn your place. 
 
पूछा न जाएगा जो वतन से निकल गया 
बे-कार है जो दाँत दहन से निकल गया

If you leave motherland, none will take care. 
Tooth extracted from mouth is useless ware. 

काबा भी हम गए न गया पर बुतों का इश्क़ 
इस दर्द की ख़ुदा के भी घर में दवा नहीं 

 I visited Kaaba but love for the idols remained. 
Even at God's home, no relief for pain 
was gained. 

ख़ून-ए-नाहक़ कहीं छुपता है छुपाए से 'अमीर'  
क्यूँ मिरी लाश पे बैठे हैं वो दामन डाले 

 O'Ameer'! Undeserved murder can't be kept concealed. 
 Why she sits by my corpse, to keep it skirt concealed 
 
ये कहूँगा ये कहूँगा ये अभी कहaते हो 
सामने उन के भी जब हज़रत-ए-दिल याद रहे 

I'll say this and that, you are saying it now. 
O heart! Remember it before her somehow. 
 
मौक़ूफ़ जुर्म ही पे करम का ज़ुहूर था 
बंदे अगर क़ुसूर न करते क़ुसूर था 

 His grace was dependant on crime. 
Not committing the crime was crime. 
 
वस्ल में ख़ाली हुई ग़ैर से महफ़िल तो क्या 
शर्म भी जाए तो मैं जानूँ कि तन्हाई हुई 

 What if the rival left  group for me to meet. 
 If shyness also leaves, loneliness 'd be neat. 
 
गर्द उड़ी आशिक़ की तुर्बत से तो झुँझला कर कहा 
वाह सर चढ़ने लगी पाँव की ठुकराई हुई 

 When soil from lover's grave hovered, she said. 
What a surprise, foot trodden has risen to head. 
 
हम जो पहुँचे तो लब-ए-गोर से आई ये सदा 
आइए आइए हज़रत बहुत आज़ाद रहे 

When I arrived,it sounded from a grave side. 
Come, come you were free for long outside. 
 
 ख़ुशामद ऐ दिल-ए-बेताब इस तस्वीर की कब तक 
ये बोला चाहती है पर न बोलेगी न बोली है 

How long would you plead before her photo O heart? 
It wants to speak but hasn't nor 'd speak  from start. 
 
छेड़ देखो मिरी मय्यत पे जो आए तो कहा 
तुम वफ़ादारों में हो या मैं वफ़ादारों में हूँ 

 What twitter that she said it on my grave. 
 Is it you who is faithful or me O knave ? 
 
तवक़्क़ो' है धोके में आ कर वह पढ़ लें 
कि लिक्खा है नामा उन्हें ख़त बदल कर 

I hope that she may read it in deceit range. 
The letter which I wrote with a  hand change. 
 
हिलाल ओ बद्र दोनों में 'अमीर' उन की तजल्ली है 
ये ख़ाका है जवानी का वो नक़्शा है लड़कपन का 

 There is His gleam in moon full or new. 
 That's show of youth, this is childish view. 
 
बरहमन दैर से काबे से फिर आए हाजी 
तेरे दर से न सरकना था न सरके आशिक़ 

Brahmin returns from temple, Muslim from Kaaba pilgrimage. 
From your door step, moved not a step the lovers over an age. 
  
आए बुत-ख़ाने से काबे को तो क्या भर पाया 
जा पड़े थे तो वहीं हम को पड़ा रहना था

I came from temple to Kaaba, what gain? 
If I had gone there, I could then remain. 

है वसिय्यत कि कफ़न मुझ को इसी का देना 
हाथ आ जाए जो उतरा हुआ पैराहन-ए-दोस्त 

 It's my will to have that shroud as cover.
 If you get hold of left over dress of lover. 
 
शैख़ कहता है बरहमन को बरहमन उस को सख़्त 
काबा ओ बुत-ख़ाना में पत्थर है पत्थर का जवाब 

 Sheikh and brahmin call each other hard. 
Both in temple and Kaaba is stone to lord. 
 
ख़ुश्क सेरों तन-ए-शाएर का लहू होता है 
तब नज़र आती है इक मिस्रा-ए-तर की सूरत 

Blood from a poet's body gets dry. 
To see an emotion wet line so high. 
 
नब्ज़-ए-बीमार जो ऐ रश्क-ए-मसीहा देखी 
आज क्या आप ने जाती हुई दुनिया देखी 

O envy of Messiah! When you saw pulse of the patient. 
Did you see today, someone leave world in a moment. 
 
सारा पर्दा है दुई का जो ये पर्दा उठ जाए 
गर्दन-ए-शैख़ में ज़ुन्नार बरहमन डाले 

 It's this is veil of duality and if it can ever obliterate. 
By pious thread brahman will sheikh's neck decorate. 
 
मिसी छूटी हुई सूखे हुए होंट 
ये सूरत और आप आते हैं घर से 

 Erased is the shiner and dried out are lips. 
You come from home like that, giving me tips. 

काबा-ए-रुख़ की तरफ़ पढ़नी है आँखों से नमाज़ 
चाहिए गिर्द-ए-नज़र बहर-ए-तयम्मुम मुझ को 

 My eyes 'll pay obeyance to her Kaaba like face. 
I need to set vision on that religious watery grace. 
 
फ़ुर्क़त में मुँह लपेटे मैं इस तरह पड़ा हूँ 
जिस तरह कोई मुर्दा लिपटा हुआ कफ़न में 

Separated, I am lying down in this way. 
As a carcass is covered in shroud to lay. 
 
लाए कहाँ से उस रुख़-ए-रौशन की आब-ओ-ताब 
बेजा नहीं जो शर्म से है आब आब शम्अ 

Wherefrom to get the glow of her lovely face?   Lamp is shy and watered down beyond trace. 
 
जिस ग़ुंचा-लब को छेड़ दिया ख़ंदा-ज़न हुआ 
जिस गुल पे हम ने रंग जमाया चमन हुआ

When I tease a bud-lip, it smiles all the way. 
When I decorate flower, garden is on display. 

अमीर' जाते हो बुत-ख़ाने की ज़ियारत को 
पड़ेगा राह में का'बा सलाम कर लेना 

'Ameer' you are on temple pilgrimage. 
Kaaba is on way, there too pay homage. 
 
तरफ़-ए-काबा न जा हज के लिए नादाँ है 
ग़ौर कर देख कि है ख़ाना-ए-दिल मस्कन-ए-दोस्त
 
 Don't go towards Kaaba, for pilgrimage you are innocent. 
Carefully watch that friend 's house is where heart is bent. 

रोज़-ओ-शब याँ एक सी है रौशनी 
दिल के दाग़ों का चराग़ाँ और है 

 It's equally illuminated during days and nights. 
Scars of heart have a different display of lights
  
चार झोंके जब चले ठंडे चमन याद आ गया 
सर्द आहें जब किसी ने लीं वतन याद आ गया 

 I was reminded of garden by a few gusts of cool wind. 
Cool sighs by someone reminded me of land left behind. 
 
हो गया बंद दर-ए-मै-कदा क्या क़हर हुआ
शौक़-ए-पा-बोस-ए-हसीनाँ जो तुझे था ऐ दिल 

What wrath if tavern door is closed, it's sad. 
Desire to kiss feet of beautiful girls you had 
 
जब कहीं दो गज़ ज़मीं देखी ख़ुदी समझा मैं गोर 
जब नई दो चादरें देखीं कफ़न याद आ गया 

Seeing two yards of soil dug, I thought it was grave. 
Seeing two new sheets, reminded shroud to me knave. 
 
ज़ानू पर 'अमीर' सर को रक्खे 
पहरों गुज़रे कि रो रहे हैं 

 'Ameer' keeping his head on thigh. 
Is weeping since long on a high. 
 
लचक है शाख़ों में जुम्बिश हवा से फूलों में 
बहार झूल रही है ख़ुशी के झूलों में 

 There's spring in branches and flowers with breeze. 
Spring is swinging in joyful swings with ease. 
 
जी लगे आप का ऐसा कि कभी जी न भरे 
दिल लगा कर जो सुनें आप फ़साना दिल का 

You will be satisfied in overwhelming extent. 
If you heartily listen to my heart ''s tale, intent.
 M
क़स्र-ए-तन बिगड़ा किसी का गोरकन की बन पड़ी 
घर किसी का गिर पड़ा घर बन गया मज़दूर का

Palace of someone ''s body went down , the grave digger had a go. 
As someone' 's home got razed, raised was a labourer's home, so! 

आने-जाने पे साँस के है मदार 
सख़्त ना-पाएदार है दुनिया 

Passage of breath is it's only route. 
This world is very unstable O cute. 

Monday 17 July 2023

NAASIR KAAZMI.. GHAZAL.. DIL MEN IK LAHAR SI UTHII HAI ABHII

BASHIR BADR.. GHAZAL..

मेरी आँखों में तिरे प्यार का आँसू आए 

कोई ख़ुशबू मैं लगाऊँ तिरी ख़ुशबू आए 

वक़्त-ए-रुख़्सत कहीं तारे कहीं जुगनू आए 

हार पहनाने मुझे फूल से बाज़ू आए 

मैं ने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी 

कोई आहट न हो दर पर मिरे जब तू आए 

इन दिनों आप का आलम भी अजब आलम है 

तीर खाया हुआ जैसे कोई आहू आए 

उस की बातें कि गुल-ओ-लाला पे शबनम बरसे 

सब को अपनाने का उस शोख़ को जादू आए 

उस ने छू कर मुझे पत्थर से फिर इंसान किया 

मुद्दतों बा'द मिरी आँखों में आँसू आए

BASHIR BADR.. GHAZAL..

मेरी आँखों में ग़म की निशानी नहीं 

पत्थरों के पियालों में पानी नहीं 

मैं तुझे भूल कर भी नहीं भूलता 

प्यार सोना है सोने का पानी नहीं 

मेरी अपनी भी मजबूरियाँ हैं बहुत 

मैं समंदर हूँ पीने का पानी नहीं 

मेरा चेहरा लकीरों में तक़्सीम है 

आइनों से मुझे बद-गुमानी नहीं 

शाम के बाद बच्चों से कैसे मिलूँ 

अब मिरे पास कोई कहानी नहीं 

मौसमों के लिफ़ाफ़े बदलते रहे 

कोई तहरीर इतनी पुरानी नहीं 

कोई आसेब है इस हसीं शहर पर 

शाम रौशन है लेकिन सुहानी नहीं

BASHIR BADR.. GHAZAL.

मेरे सीने पर वो सर रक्खे हुए सोता रहा 

जाने क्या थी बात मैं जागा किया रोता रहा 

शबनमी में धूप की जैसे वतन का ख़्वाब था 

लोग ये समझे मैं सब्ज़े पर पड़ा सोता रहा 

वादियों में गाह उतरा और कभी पर्बत चढ़ा 

बोझ सा इक दिल पे रक्खा है जिसे ढोता रहा 

गाह पानी गाह शबनम और कभी ख़ूनाब से 

एक ही था दाग़ सीने में जिसे धोता रहा 

इक हवा-ए-बे-तकाँ से आख़िरश मुरझा गया 

ज़िंदगी भर जो मोहब्बत के शजर बोता रहा 

रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर 

उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा 

रात की पलकों पे तारों की तरह जागा किया 

सुब्ह की आँखों में शबनम की तरह रोता रहा 

रौशनी को रंग कर के ले गए जिस रात लोग 

कोई साया मेरे कमरे में छुपा रोता रहा

BASHIR BADR.. GHAZAL..

मिरे साथ तुम भी दु'आ करो यूँ किसी के हक़ में बुरा न हो 

कहीं और हो न ये हादिसा कोई रास्ते में जुदा न हो 

सर-ए-शाम ठहरी हुई ज़मीं जहाँ आसमाँ है झुका हुआ 

उसी मोड़ पर मिरे वास्ते वो चराग़ ले के खड़ा न हो 

मिरी छत से रात की सेज तक कोई आँसुओं की लकीर है 

ज़रा बढ़ के चाँद से पूछना वो उसी तरफ़ से गया न हो 

मुझे यूँ लगा कि ख़मोश ख़ुशबू के होंट तितली ने छू लिए 

उन्हीं ज़र्द पत्तों की ओट में कोई फूल सोया हुआ न हो 

इसी एहतियात में वो रहा इसी एहतियात में मैं रहा 

वो कहाँ कहाँ मिरे साथ है किसी और को ये पता न हो 

वो फ़रिश्ते आप तलाश करिए कहानियों की किताब में 

जो बुरा कहें न बुरा सुनें कोई शख़्स उन से ख़फ़ा न हो 

वो फ़िराक़ हो कि विसाल हो तिरी आग महकेगी एक दिन 

वो गुलाब बन के खिलेगा क्या जो चराग़ बन के जला न हो

Sunday 16 July 2023

NAASIR KAAZMI.. GHAZAL.. THODI DER KO JI BAHLAA THA....

थोड़ी देर को जी बहला था 
फिर तिरी याद ने घेर लिया था 

याद आई वो पहली बारिश 
जब तुझे एक नज़र देखा था 

हरे गिलास में चाँद के टुकड़े 
लाल सुराही में सोना था 

चाँद के दिल में जलता सूरज 
फूल के सीने में काँटा था 

काग़ज़ के दिल में चिंगारी 
ख़स की ज़बाँ पर अँगारा था 

दिल की सूरत का इक पत्ता 
तेरी हथेली पर रक्खा था 
शाम तो जैसे ख़्वाब में गुज़री 
आधी रात नशा टूटा था 

शहर से दूर हरे जंगल में 
बारिश ने हमें घेर लिया था 

सुब्ह हुई तो सब से पहले 
मैं ने तेरा मुँह देखा था 

देर के बा'द मिरे आँगन में 
सुर्ख़ अनार का फूल खिला था 
देर के मुरझाए पेड़ों को 
ख़ुशबू ने आबाद किया था 

शाम की गहरी ऊँचाई से 
हम ने दरिया को देखा था 

याद आईं कुछ ऐसी बातें 
मैं जिन्हें कब का भूल चुका था 

    

AHMAD FARAZ.. GHAZAL.. TUJH SE BICHHD KE HAM BHI MUQADDAR KE HO GAYE

तुझ से बिछड़ के हम भी मुक़द्दर के हो गए
फिर जो भी दर मिला है उसी दर के हो गए

Separated with you I am also left to fate. 
Whichever gate is there , I am with the gate. 

फिर यूँ हुआ कि ग़ैर को दिल से लगा लिया
अंदर वो नफ़रतें थीं कि बाहर के हो गए

It so happened, I made rival heart mate. 
I chose the way out, as inside was hate. 

क्या लोग थे कि जान से बढ़ कर अज़ीज़ थे
अब दिल से महव नाम भी अक्सर के हो गए

Where are people who were dearer than life? 
Now lost from heart, name is out of date. 

ऐ याद-ए- यार तुझ से करें क्या शिकायतें
ऐ दर्द-ए-हिज्र हम भी तो पत्थर के हो गए

O chum memory , why lament with you?  
O parting ache, me too is in stone state. 

समझा रहे थे मुझ को सभी नासेहान-ए-शहर. 
फिर रफ़्ता रफ़्ता ख़ुद उसी काफ़िर के हो गए

All city preachers were trying to teach me. 
But gradually they bowed before her gate. 

अब के न इंतिज़ार करें चारागर कि हम
अब के गए तो कू-ए-सितमगर के हो गए

Now let not the healers wait, because now . 
If  I leave, 'll be in the tyrant's lane, mate. 

रोते हो इक जज़ीरा-ए-जाँ को 'फ़राज़' तुम
देखो तो कितने शहर समुंदर के हो गए

O' Faraz' why do you cry for  island of life?
Watch! How many cities did sea decimate? 

Friday 14 July 2023

पंडित विद्या रतन 'आसी' केअश'आर

कभी रंज-ओ-ग़म है, कभी बे-कसी है
मेरी ज़िंदगी भी अजब ज़िंदगी है

मुहब्बत में जीना, मुहब्बत में मरना
मेरी ज़िंदगी का अक़ीदा यही है

दुनियादारी निभा तो सकते थे
दिल ही सीने में दूसरा न हुआ

दरहम-ओ-बरहम है नज़्म-ए-ज़िंदगी
ऐ ग़म-ए-दौराँ तेरा खाना ख़राब

जैसे माहौल में जिए हमलोग
आप होते तो ख़ुदकुशी करते

अभी कोई सितम टूटा, अभी कोई बला टूटी
रहा जब तक मैं ज़िंदा, बस यही ख़दशा रहा दिल में

मुहब्बत किसको रास आई?
मैं, जीता-जागता हूँ ना!

मुहब्बत पे तेरा ये एहसान होगा
मुहब्बत में जी से गुज़र जाने वाले

ये बहारें, ये चमन ये आशियाँ मेरे लिए
सर-ब-सर साबित हुए आज़ार-जाँ मेरे लिए

अब तबीयत मुश्किलों से इस क़दर मानूस है
फ़स्ल-ए-गुल से कम नहीं है दौर-ए-ख़िज़ाँ मेरे लिए

कौन सी है वो मुसीबत मुझ पे जो टूटी नहीं
रात-दिन ग़र्दिश में हैं हफ़्तआसमाँ मेरे लिए

फिर भी ज़िंदा हैं हम जमाने में
हर जफ़ा उसने तोड़ ली हम पर

देखिए कब तक न हों, कामराँ ऐ दोस्त हम
बख़्त हम से सरगराँ देखिए कब तक रहे

ये अपनी हिम्मत थी हम हर मौज-ए-बला से पार हुए
खेल बहुत दिलदोज़ थे वरना जो तक़दीर ने खेले हैं

ज़रा सा आदमी हूँ / बला का आदमी हूँ
निहायत कम हूँ इन्साँ / ज़ियादा आदमी हूँ
ख़ुदा वाले तो तुम हो / मैं सीधा आदमी हूँ
न आदी अंत मेरे / अजन्मा आदमी हूँ

आप क़ाबिल तो हैं / दोस्ती के नहीं
तेरा मेरा मिलन / अब्र बरसा, गया
इसलिए आज तक नहीं देखे / ख़्वाब होते हैं ख़्वाब, था मालूम
बस कि रिसता रहे / ज़ख्म ऐसा लगा

इक ओहदे रूप दी धूप तिखेरी
दूजा महकाँ दा तिरहाया. शिव बटालवी

तीजा उसका रंग गुलाबी
ओ किसी गोरी माँ दा जाया. शिव बटालवी

दोज़ख़ से जन्नत मुंतक़िल
आसी मरा थोड़े ही है

Thursday 13 July 2023

IRFAAN SIDDIQUI... TWENTY COUPLETS...


उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए 
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए 

Get up to watch the delight of night. 
Sleep is not a must for dream might. 
  
बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है 
उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है 

Running blood hurts like a whip or so. 
Embracing her had been so long ago. 
 
होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता है 
रंज कम सहता है एलान बहुत करता है 

To be clever, attempts my innocent heart. 
Bears little grief but announces a big part. 
 
रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़ 
कम से कम रात का नुक़सान बहुत करता है 

Though the lamp can't win over night. 
At least it hurts night a lot on it's cart
   
तुम परिंदों से ज़ियादा तो नहीं हो आज़ाद 
शाम होने को है अब घर की तरफ़ लौट चलो

Your freedom isn't more than the birds. 
Evening is near, now move homewards. 

बदन के दोनों किनारों से जल रहा हूँ मैं 
कि छू रहा हूँ तुझे और पिघल रहा हूँ मैं 

I am burning from both the body ends. 
I touch you 'n melt making ammends. 
   
सर अगर सर है तो नेज़ों से शिकायत कैसी 
दिल अगर दिल है तो दरिया से बड़ा होना है 

If there is head, why for lancets lament? 
 Heart needs be larger than river extent. 
 
जो कुछ हुआ वो कैसे हुआ जानता हूँ मैं 
जो कुछ नहीं हुआ वो बता क्यूँ नहीं हुआ 

I know how it's happened deed by deed. 
Why it didn't happen, tell that indeed.   
 
अजब हरीफ़ था मेरे ही साथ डूब गया 
मिरे सफ़ीने को ग़र्क़ाब देखने के लिए 

Strange was the rival, who drowned with me
 To watch my ship sink, he drowned with me. 
 
हमें तो ख़ैर बिखरना ही था कभी न कभी 
हवा-ए-ताज़ा का झोंका बहाना हो गया है 

I had to scatter, one day or the other. 
A fresh wind gust, is an excuse just. 
 
सरहदें अच्छी कि सरहद पे न रुकना अच्छा 
सोचिए आदमी अच्छा कि परिंदा अच्छा 

Whether boundaries are good or not staying there ? 
Whether man is good or the bird crossing it there? 

रेत पर थक के गिरा हूँ तो हवा पूछती है 
आप इस दश्त में क्यूँ आए थे वहशत के बग़ैर 

Falling exhausted on sand, asks the wind blind? 
Why did you enter desert, without frenetic mind? 
 
अपने किस काम में लाएगा बताता भी नहीं 
हम को औरों पे गँवाना भी नहीं चाहता है 

He doesn't even tell, how will he use me so well? 
But he doesn't desire, losing me to another empire.  
 
मैं चाहता हूँ यहीं सारे फ़ैसले हो जाएँ 
कि इस के ब'अद ये दुनिया कहाँ से लाऊँगा मैं 

I surely desire, for decisions here entire. 
Where from will I get, this world that I met? 
 
रूह को रूह से मिलने नहीं देता है बदन 
ख़ैर ये बीच की दीवार गिरा चाहती है 

Body doesn't allow the souls to meet. 
By the way, about to fall is this sheet. 
 
शोला-ए-इश्क़ बुझाना भी नहीं चाहता है 
वो मगर ख़ुद को जलाना भी नहीं चाहता है

He doesn't want to extinguish embers of love. 
But doesn't want to set himself to fire above. 

हम ने देखा ही था दुनिया को अभी उस के बग़ैर 
लीजिए बीच में फिर दीदा-ए-तर आ गए हैं 

I had just seen the world without her dear. 
In between has appeared my eyes with tear. 
 
कहा था तुम ने कि लाता है कौन इश्क़ की ताब 
सो हम जवाब तुम्हारे सवाल ही के तो हैं 

You had said who could bear love toll ?
See I am an answer to your question roll. 
 
हमारे दिल को इक आज़ार है ऐसा नहीं लगता 
कि हम दफ़्तर भी जाते हैं ग़ज़ल-ख़्वानी भी करते हैं 

It isn't that my heart is under impish control. 
I compose poems 'n also perform office toll. 
 
मगर गिरफ़्त में आता नहीं बदन उस का 
ख़याल ढूँढता रहता है इस्तिआरा कोई 

But in my control her body comes not. 
In search of a metaphor is the thought. 


Wednesday 12 July 2023

HASAN KAMAAL.. GHAZAL.. KISI NAZAR KO TERA INTEZAAR AAJ BHI HAI....

किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी हैं
कहां हो तुम कि ये दिल बेक़रार आज भी हैं

Even today some eyes are waiting for you. 
My heart is impatient and waiting for you. 

वो वादियाँ वो फिजायें कि हम मिले थे जहां
मेरी वफ़ा का वहीं पर मजार आज भी हैं

Those valleys and winds where we had  met. 
Epitaph of my loyalty is still dating for you. 

न जाने देख के उन को क्यों ये हुआ एहसास
कि मेरे दिल पे उन्हें इख़्तियार आज भी है

I know not why seeing you heart felt this way. 
My heart even today ,is  waiting for you. 

वो प्यार जिस के लिए हमने छोड़ दी दुनिया
वफ़ा की राह में घायल वो प्यार आज भी है

That love for which I have left this world. 
En route to loyalty, love is rating for you 

यकीं नहीं हैं मगर आज भी ये लगता है
मेरी तलाश में शायद बहार आज भी है

I don't believe but even today it so appears. 
In our pursuit, spring is still. waiting for you. 

न पूछ कितने मोहब्बत के ज़ख्म खाए हैं
कि जिनको सोच के दिन सोगवार आज भी है

Don't ask me to count wounds I had in love.
In whose search heart is still rating for you. 

Tuesday 11 July 2023

AHMAD FARAZ.. GHAZAL..

जुज़ तिरे कोई भी दिन रात न जाने मेरेजुज़ तिरे कोई भी दिन रात न जाने मेरेतू कहां है मगर ऐ दोस्त पुराने मेरे


तू भी ख़ुशबू है मगर मेरा तजस्सुस बेकारबर्ग-ए-आवारा की मानिंद ठिकाने मेरे

शम्अ की लौ थी कि वो तू था मगर हिज्र की रातदेर तक रोता रहा कोई सिरहाने मेरे

ख़ल्क़ की बे-ख़बरी है कि मिरी रुस्वाईलोग मुझ को ही सुनाते हैं फ़साने मेरे

लुट के भी ख़ुश हूं कि अश्कों से भरा है दामनदेख ग़ारत-गर-ए-दिल ये भी ख़ज़ाने मेरे

आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैरजिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे

काश तू भी मेरी आवाज़ कहीं सुनता होफिर पुकारा है तुझे दिल की सदा ने मेरे

काश तू भी कभी आ जाए मसीहाई कोलोग आते हैं बहुत दिल को दुखाने मेरे

काश औरों की तरह मैं भी कभी कह सकताबात सुन ली है मिरी आज ख़ुदा ने मेरे

तू है किस हाल में ऐ ज़ूद-फ़रामोश मिरेमुझ को तो छीन लिया अहद-ए-वफ़ा ने मेरे


चारा-गर यूं तो बहुत हैं मगर ऐ जान-ए-‘फ़राज़’जुज़ तिरे और कोई ज़ख़्म न जाने मेरे

5)
दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वालादोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वालावही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़माने वाला

अब उसे लोग समझते हैं गिरफ़्तार मिरासख़्त नादिम है मुझे दाम में लाने वाला

सुब्ह-दम छोड़ गया निकहत-ए-गुल की सूरतरात को ग़ुंचा-ए-दिल में सिमट आने वाला

क्या कहें कितने मरासिम थे हमारे उस सेवो जो इक शख़्स है मुंह फेर के जाने वाला

तेरे होते हुए आ जाती थी सारी दुनियाआज तन्हा हूं तो कोई नहीं आने वाला

मुंतज़िर किस का हूं टूटी हुई दहलीज़ पे मैंकौन आएगा यहां कौन है आने वाला

क्या ख़बर थी जो मिरी जां में घुला है इतनाहै वही मुझ को सर-ए-दार भी लाने वाला

मैं ने देखा है बहारों में चमन को जलतेहै कोई ख़्वाब की ताबीर बताने वाला


तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो ‘फ़राज़’दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला

.


AHMAD FARAZ.. GHAZAL.. DIL TO WOH BARG-E-KHIZAN HAI KI HAWAA LE JAAE..

दिल तो वो बर्ग़े-ख़िज़ां है कि हवा ले जाए
ग़म वो आंधी है कि सहरा भी उड़ा ले जाए

कौन लाया तेरी महफ़िल में हमें होश नहीं
कोई आए तेरी महफ़िल से उठा ले जाए

और से और हुए जाते हैं मे’यारे वफ़ा
अब मताए-दिलो-जां भी कोई क्या ले जाए

जाने कब उभरे तेरी याद का डूबा हुआ चांद
जाने कब ध्यान कोई हमको उड़ा ले जाए

यही आवारगी-ए-दिल है तो मंज़िल मालूम
जो भी आए तेरी बातों में लगा ले जाए

दश्ते-गुरबत में तुम्हें कौन पुकारेगा ‘फ़राज़’
चल पड़ो ख़ुद ही जिधर दिल की सदा ले जाए

AHMAD FARAZ.. GHAZAL.. QURBATON MEN BHI JUDAAI KE ZAMAANE MAANGE...

क़ुर्बतों में भी जुदाई के ज़माने मांगे
 दिल वो बे-मेहर कि रोने के बहाने मांगे

हम न होते तो किसी और के चर्चे होतेख़िल्क़त-ए-शहर तो कहने को फ़साने मांगे

यही दिल था कि तरसता था मरासिम के लिएअब यही तर्क-ए-तअल्लुक़ के बहाने मांगे


अपना ये हाल कि जी हार चुके लुट भी चुकेऔर मोहब्बत वही अंदाज़ पुराने मांगे

ज़िंदगी हम तिरे दाग़ों से रहे शर्मिंदाऔर तू है कि सदा आईना-ख़ाने मांगे

दिल किसी हाल पे क़ाने ही नहीं जान-ए-‘फ़राज़’मिल गए तुम भी तो क्या और न जाने मांगे

Saturday 8 July 2023

SOME MORE COUPLETS

इक तजस्सुस दिल में है ये क्या हुआ कैसे हुआ 
जो कभी अपना न था वो ग़ैर का कैसे हुआ 
ख़ातिर ग़ज़नवी

How and why has it happened , there's a query in my heart? 
One who could never be mine, how did he join rival's cart

कल बिछड़ना है तो फिर अहद-ए-वफ़ा सोच के बाँध 
अभी आग़ाज़-ए-मोहब्बत है गया कुछ भी नहीं
अख़्तर शुमार 

If you have to part tomorrow, think before tying loyalty knot. 
It's only the start of love, you have neither
 lost nor got. 

ज़िंदगी तेरे हवादिस हम को 
कुछ न कुछ राह पे ले आए हैं
जाँ निसार अख़्तर 

O life! Mishaps by you.
've paved life for me too. 

ग़म-ए-उम्र-ए-मुख़्तसर से अभी बेख़बर हैं कलियाँ 
न चमन में फेंक देना किसी फूल को मसल कर
शकील बदायूनी

Buds aren't aware about grief of a life so short
Don't you throw in garden, crushed flowers in retort. 

कभी यक-ब-यक तवज्जोह कभी दफ़अ'तन तग़ाफ़ुल 
मुझे आज़मा रहा है कोई रुख़ बदल बदल कर
शकील बदायूनी

Sudden attention at times, indifference at others
Someone's testing me, changing face before others

तू कहानी ही के पर्दे में भली लगती है 
ज़िंदगी तेरी हक़ीक़त नहीं देखी जाती 
 अख़्तर सईद ख़ान

On tale curtain, you look nice. 
O life! Your truth can't entice. 

करने गए थे उस से तग़ाफ़ुल का हम गिला 
की एक ही निगाह कि बस ख़ाक हो गए 
मिर्ज़ा ग़ालिब 

I tried to lament about her indifference. 
One look was enough for lack of sustenance. 

वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा 
किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा 
इक़बाल साजिद 

If it's moon, in water it will reflect. 
Character of the tale'll surely eject. 

ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन 
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं 
अब्बास ताबिश

This story of love doesn't perish. 
Characters enacting these perish. 

कब वो सुनता है कहानी मेरी
और फिर वो भी जुबानी मेरी
मिर्ज़ा ग़ालिब 

 My tale, he just doesn't hear. 
And that too from me O dear! 

वो कौन था वो कहाँ का था क्या हुआ था उसे 
सुना है आज कोई शख्स मर गया यारो
शहरयार 

Who was he, where from, what happened to him? 
It's heard that some lifeline had gone dim. 

ऐ ज़ुल्फ़-ए-यार तुझ से भी आशुफ़्ता-तर हूँ मैं 
मुझ सा न कोई होगा परेशान-ए-रोज़गार
जोशिश अज़ीमाबादी 

O beloved's tress! I am more distressed than you. 
None will be more deranged in this business too. 

जुदाइयों के ज़ख़्म ग़म-ए-ज़िन्दगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया 
नासिर काज़मी

Wounds of partition were healed by griefs of life. 
You have fallen asleep and I am consoled in strife. 

इश्क़ में तहज़ीब के हैं और ही कुछ फ़लसफ़े
तुझ से हो कर के ख़फ़ा ख़ुद से ख़फ़ा रहने लगे
आलम ख़ुर्शीद 

Philosophy is different about culture in love. 
Anger with you angered  me with self in love. 

भूक में इश्क़ की तहज़ीब भी मर जाती है 
चाँद आकाश पे थाली की तरह लगता है 
शकील आज़मी 

Hunger kills even the decency of love. 
Moon looks like a plate in sky above

तहज़ीब के लिबास उतर जाएँगे जनाब 
डॉलर में यूँ नचाएगी इक्कीसवीं सदी 
बशीर बद्र 

Cultural covers will get disrobed,gentle man ! 
Twenty first century will turn us around dollar O man. 

फ़रिश्तों से भी अच्छा मैं बुरा होने से पहले था 
वो मुझ से इंतिहाई ख़ुश ख़फ़ा होने से पहले था 
अनवर शऊर

I was better than angels before being bad. 
He was happy with me before angry 'd sad. 

लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से 
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से 
जाँ निसार अख़्तर 

People tell, you are still angry with me. 
In your eyes it's something else that I see. 

किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम 
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ 
अहमद फ़राज़

To how many, will I tell the  causes** of rift. 
You are angry with me, for world make shift. 

माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं 
तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख 
अल्लामा इक़बाल 

I know that I am not worth your look. 
Look how I waited and trouble I took. 

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता 
अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता 
मिर्ज़ा ग़ालिब 

A meeting with the sweet heart! Well it was not so fated. 
Had I lived any longer, waiting was to be slated.

उम्र-ए-दराज़ माँग के लाई थी चार दिन 
दो आरज़ू में कट गए दो इंतिज़ार में 
सीमाब अकबराबादी 

I had begged for a long life of four days. 
Two were lost in wish, two in waiting ways. 

तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों 
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है 
वसीम बरेलवी 

With your arrival, let's talk like moonlight. 
Moon doesn't alight on earth each night. 

उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा 
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा 
इफ़्तिख़ार आरिफ़

It looked plain, in contrast with your face. 
Moon was full in sky, but  half to trace. 

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो 
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे 
निदा फ़ाज़ली

Let little child hands touch stars and moon. 
Reading a few books, they 'll be like us soon. 

शाम से आँख में नमी सी है 
आज फिर आप की कमी सी है 
गुलज़ार 

Since evening, the eyes are a little wet 
You are being missed in today's set. 

दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है 
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 

Heart isn't hopeless, just unsuccessful at task. 
Grief evening is long but only an evening to ask. 

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो 
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए 
बशीर बद्र 

Let the glow of your memories be ever with me. 
Who knows, which lane, marks the eve'of life? 

कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई 
तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया 
जौन एलिया

How to say that you have anything to do with me? 
Till today, you bave never lamented with me. 

आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैर 
जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे 
अहमद फ़राज़

Since one more year, she is missing from me 
One whose presence, meant the world for me. 

ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया 
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया 
शकील बदायूनी

O love! I am weeping for your fate. 
Today, Why have I wept on your state? 

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले 
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है 
अल्लामा इक़बाल 

Raise self esteem to a level that before writing fate. 
God asks man himself, what wish you
 want to state? 

किस लिए देखती हो आईना 
तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो 
जौन एलिया

Why should you look into mirror? 
In beauty, with self you are better. 

हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन 
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है 
मिर्ज़ा ग़ालिब 

I know fully well, truth of heavenly fspell. 
But to please the heart, it's good thought part. 

जो गुज़ारी न जा सकी हम से 
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है 
जौन एलिया

One which I couldn't pass. 
Was the life I had to pass. 

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम 
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता 
अकबर इलाहाबादी 

I get a bad name even with a sigh. 
She murders, without a comment, why? 

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी 
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता 
बशीर बद्र 

Some compulsions must have been there 
None is faithless for nothing in an affair. 

न जी भर के देखा न कुछ बात की 
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की 
बशीर बद्र 

Neither I talked nor watched her well. 
I had held a desire for meeting spell. 

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ 
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ 
ख्वाजा मीर दर्द

Visit the world around, this life won't last. 
Even if life is there, the youth won't last

अस्र-ए-नौ मुझ को निगाहों मैं छुपा कर रख ले 
एक मिटती हुई तहज़ीब का सरमाया हूँ 
अज़हर इमाम

Conceal me in your eyes O new effect. 
Capital of a vanishing culture, I reflect. 

हल्का था नदामत से सरमाया इबादत का 
इक क़तरे में बह निकले तस्बीह के सौ दाने 
आरज़ू लखनवी 

The wealth of prayer was surely lighter than repentance. 
A hundred beads of prayer were swept in a tear of repentance. 

फिर जो देखा तो वहाँ कुछ भी नहीं था मौजूद 
हम तो बस आँख झपकने के गुनहगार हुए
शहज़ाद अहमद 

Then when I saw, nothing was left. 
I have a part of blinking in the theft. 

करें क्या ये बला अपने लिए ख़ुद मुंतख़ब की है 
गिला बाक़ी रहा लेकिन शिकायत छोड़ दी हम ने
शहज़ाद अहमद

I have designed for myself, this trouble too! 
Laments exist, comments I 've left for you 

उलझ पड़ते अगर तो हम में तुम में फ़र्क़ क्या रहता 
यही दीवार बाक़ी थी सलामत छोड़ दी हम ने

If involved in a tussle, how 'd I differ from you.
This was the partition left, I' ve kept it for you. 

खटमल का वो हुजूम था जागे शब-ए-विसाल
ख़ूँ चूसने वालों को दीं हम ने दुआएँ सहर
रवि मौन 

So many bedbugs kept us awake whole night. 
We blessed blood suckers spending the night.

हम को ये फ़िक्र कि दिल मुफ़्त गया हाथों से 
उन को ये नाज़ कि हम ने इसे छीना कैसा
नूह नारवी

I was worried having lost for nothing, my heart 
She holds grace, with what ease she upset cart. 

मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है 
जो दिल में है उसे आँखों से कहलाना ज़रूरी है
वसीम बरेलवी 

Love is foolish, needs be told about, a lot. 
What heart holds dear, must by eyes be taught. 

थके-हारे परिंदे जब बसेरे के लिए लौटें 
सलीक़ा-मंद शाख़ों का लचक जाना ज़रूरी है 

When exhausted birds get back to the tree.. 
Good mannered branches need gently bend a lot. 

बहुत बेबाक आँखों में त'अल्लुक़ टिक नहीं पाता 
मोहब्बत में कशिश रखने को शर्माना ज़रूरी है

Very daring looks don't hold relationships dear. 
It's essential to feel shy to keep charm in love knot. 

मिरे होंटों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो 
कि इस के बा'द भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है

Place your thirst on my lips and then think. 
What needs be had in the world after this lot. 
।।
!! कजुदाइयों की ये रातें तो काटनी होंगी 
कहानियों को कोई कैसे मुख़्तसर कर दे
वसीम बरेलवी 

These nights of departure will have to be spent. 
How can tales be shortened yet convey what is meant. 

समझ रहा हो कहीं ख़ुद को मेरी कमज़ोरी 
तो उस से कह दो मुझे भूलना भी आता है
वसीम बरेलवी 

If he considers himself as weakness on my part. 
Let it be told that I can forget 'n upset the cart. 

वो ख़्वाब थे जिन्हें हम मिल के देख सकते थे 
ये बार-ए-ज़ीस्त है तन्हा उठाना पड़ता है
वसीम बरेलवी 

Those were dreams which we could jointly atone.
This is burden of life, needs be carried alone. 

दी शब-ए-वस्ल मोअज़्ज़िन ने अज़ाँ पिछली रात 
हाए कम-बख़्त को किस वक़्त ख़ुदा याद आया 
दाग़ देहलवी 

On first meeting night, cleric called for prayer early morning hour. 
O the Ill fated remembered God at that time with such power. 

इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ 
मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है 
मुस्तफ़ा ज़ैदी

Come wobbling on each stone, if you can on your own. 
On to my home way, no galaxy lights would stray. 

देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से 
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से 
साहिर लुधियानवी

I have observed life from so near 
All faces appear strange O dear! 

कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी जैसे 
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा 
अहमद फ़राज़

I have spent life in this way. 
In otherone's house did I stay. 

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया 
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया 
मीर तक़ी मीर

All attempts were a waste, drugs didn't work in haste. 
Now you could also see, this heart disease finished me. 

उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़ 
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है 
मिर्ज़ा ग़ालिब

When she is near face, there's glow in each trace. 
While she concludes such, patient is well so much. 

दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई 
लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया 
अज्ञात 

The breaking of heart, upset relief cart. 
But it's lifetime relief, for the age so brief. 

वो आ रहे हैं सँभल सँभल कर नज़ारा बे-ख़ुद फ़ज़ा जवाँ है 
झुकी झुकी हैं नशीली आँखें रुका रुका दौर-ए-आसमाँ है 
मजरूह सुल्तानपुरी

She is stepping ahead with care, view is senseless, air young 'n bare. 
Intoxicated eyes are drooping down, the realm of skies halted then' n there. 

हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ 
दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं 
परवीन शाकिर

Understanding beauty needs life time dear. 
Likes of little while, don't show girls  clear. 

हस्ती का नज़ारा क्या कहिए मरता है कोई जीता है कोई 
जैसे कि दिवाली हो कि दिया जलता जाए बुझता जाए 
नुशूर वाहिदी

What to talk about spectacle of being, some die others keep living. 
Whether it is festival of lights or lamp, some burn, some get put out stamp. 

मैं रहा उम्र भर जुदा ख़ुद से 
याद मैं ख़ुद को उम्र भर आया 
जौन एलिया

I remained separate from self lifetime. 
I was reminded of myself lifetime. 

आइना देख कर तसल्ली हुई 
हम को इस घर में जानता है कोई 
गुलज़ार 

Looking at mirror granted me relief. 
Someone recognizes me in this fief. 
A
ऐ मौज-ए-बला उन को भी ज़रा दो चार थपेड़े हल्के से 
कुछ लोग अभी तक साहिल से तूफ़ाँ का नज़ारा करते हैं 
मुइन अहसन जज़्बी

O powerful wave, give gentle shave to those who still see. 
The people on shore, who still ignore, beauty of storm, just see. 

कौन इस घर की देख-भाल करे 
रोज़ इक चीज़ टूट जाती है 
 जौन एलिया

About this house, who can care.
 Daily something breaks there. 

इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है 
सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है 
जिगर मुरादाबादी

So little is the tale, about this love word gale
Condensed is lover's heart, extending covers world part. 

काबा किस मुँह से जाओगे 'ग़ालिब' 
शर्म तुम को मगर नहीं आती 
ग़ालिब 

'Ghalib'! How will you to Kaaba go? 
But never any shame did you show. 

नज़र-नवाज़ नज़ारा बदल न जाए कहीं 
ज़रा सी बात है मुँह से निकल न जाए कहीं 
दुष्यंत कुमार

Eye pleasing spectacle might just not change. 
It's a small talk, let not be out of mouth
 range. 

किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम 
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ 
 अहमद फ़राज़

To how many will I tell, the reason to part. 
You are angry with me, come for social part. 

हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं 
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं 
जिगर मुरादाबादी

Erasing me, well world hasn't that power. 
World itself is from me, not me from it's tower

लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से 
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से 
जाँ निसार अख़्तर 

People say that you are still angry with me. 
But your eyes say something else to me. 

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो 
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे 
निदा फ़ाज़ली

Let the little children hands touch stars ' n moon. 
Reading a few books, they will be like us soon. 

कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने 
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की 
परवीन शाकिर

How to say that he has left me alone.? 
Though it's true but in an infamy zone. 

ज़िंदगी तो अपनी है लुट गई तो फिर क्या ग़म 
ग़म तिरी अमानत है छिन गई तो क्या होगा
सूफ़ी तबस्सुम

Life is my own, if it is lost,I won't moan
Grief is your deposit, what if that 's gone. 

सुन चुके जब हाल मेरा ले के अंगड़ाई कहा। 
किस ग़ज़ब का दर्द ज़ालिम तेरे अफ़साने में था
शाद अज़ीमाबादी 

Twisting her torso, she said listening to my state. 
How awesome was the hurt in your story O mate? 

मुझे गिरना है तो मैं अपने ही क़दमों पे गिरूँ
जिस तरह साया_ए-दीवार पे दीवार गिरे
शकेब जलाली

let it be on my feet,if I have to fall. 
Just as a wall falls on shade of wall. 

कल थके हारे परिंदों ने नसीहत दी मुझे
शाम ढल जाए तो 'मोहसिन' तुम भी घर जाया करो
मोहसिन नक़्वी

Yesterday the tired birds advised me to do so. 
When evening befalls 'Mohsin', you too to home, go. 

शहर वालों की मुहब्बत का हूँ क़ायल मैं मगर
मैंने जिस हाथ को चूमा वही खंजर निकला 
अहमद फराज 

I am convinced of the love of city folk. 
Hand that I kissed, had dagger in stock. 

तमाम उम्र इसी एहतियात में गुज़री 
कि आशियाँ किसी शाख़-ए-चमन पे बार न हो
मीर अनीस

My entire life was spent in this care. 
My nest shouldn't be weight on twig to bear. 

चाहता हूँ फूँक दूँ इस शहर को 
शहर में इन का भी घर है क्या करूँ
कैफ़ भोपाली 

I want to burn this city as such. 
But her home is here very much. 

पाँव में ज़ंजीर काँटे आबले 
और फिर हुक्म-ए-सफ़र है क्या करूँ
कैफ़ भोपाली 

There are chains, thorns, blisters in feet. 
But there's an order to march, on sheet. 

ज़ब्त करता हूँ तो घुटता है क़फ़स में मिरा दम 
आह करता हूँ तो सय्याद ख़फ़ा होता है 
क़मर जलालवी

 In prison, it stifles breath,if I restrain. 
If I sigh, captor's anger resumes again. 

एक ऐसी भी तजल्ली आज मय-ख़ाने में है 
लुत्फ़ पीने में नहीं है बल्कि खो जाने में है 
असग़र गोंडवी

In tavern, today, is a glow of this sort as well. 
Joy isn't in drinking, but getting lost in spell. 

कभी हम को यक़ीं था ज़ोम था दुनिया हमारी जो मुख़ालिफ़ हो तो हो जाए मगर तुम मेहरबाँ हो 
हमें ये बात वैसे याद तो अब क्या है लेकिन हाँ इसे यकसर भुलाने में अभी कुछ दिन लगेंगे 
जावेद अख्तर 

Once i was proud and sure, let it be even if world goes against, but you will be kind. 
I don't remember it now so well but it will take days to forget it all together from mind. 

ज़ब्त लाज़िम है मगर दुख है क़यामत का 'फ़राज़' 
ज़ालिम अब के भी न रोएगा तो मर जाएगा 
अहमद फ़राज़

O 'Faraz' restraint is a must, but grief is so intense. 
If you don't cry even now, you will be past tense. 

ग़रज़ कि काट दिए ज़िन्दगी के दिन ऐ दोस्त 
वो तिरी याद में हों या तुझे भुलाने में 
फ़िराक़ गोरखपुरी

I have spent the days of life O friend this way. 
Whether it was to remember or forget any day

न अपने ज़ब्त को रुस्वा करो सता के मुझे 
ख़ुदा के वास्ते देखो न मुस्कुरा के मुझे 
बिस्मिल अज़ीमाबादी 

Don't disgrace your restrain, by torturing me again. 
For God's sake, don't smile and look at me all the while. 

नहीं शिकवा मुझे कुछ बे-वफ़ाई  से तेरी हरगिज़। 
गिला तब हो अगर तूने किसी से भी निभाई हो
ख्वाजा मीर दर्द

Never do I lament , for your disloyal intent. 
I 'd have felt bad, if good relation with others you had. 

न जाने कौन सा आसेब दिल में बसता है 
कि जो भी ठहरा वो आख़िर मकान छोड़ गया 
परवीन शाकिर

I know not what ill spirit is a resident of heart. 
Whoever stayed here has finally left this 
part. 

गर सिला दोगे मुझे मेरी वफ़ाओं के एवज़ 
माँग लूँगा तुम्हें इनआ'म में क्या रखा है 
ग़ौस ख्वाह - म-ख्वाह हैदराबादी 

If you ever pay me for my loyalties O dear! 
Not a thing, but I will ask for you my dear! 

छेड़ती रहती हैं अक्सर लब-ओ-रुख़सारों को
तुम ने ज़ुल्फ़ों को बहुत सर पे चढ़ा रखा है

It's often seen teasing your lips and cheeks. 
This tress is mounting on your head O dear !

तू रोज़ जिस के तजस्सुस में आ रहा है यहाँ 
हज़ार बार बताया है वो नहीं हूँ में 
अफ़ज़ल ख़ान

In whose search you come here every day to see
I 've told you a thousand times, that he isn't me. 

इन में लहू जला हो हमारा कि जान - ओ-दिल
महफ़िल में कुछ चराग़ फ़रोज़ां हुए तो हैं 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

Whether my blood or life got burnt in it? 
Some lamps in the gathering have got alit. 

बोसा होठों का मिल गया किस को
दिल में कुछ आज दर्द मीठा है
मुनीर शिकोहाबादी

Who has got kiss of her lips apart? 
There's a sweet ache in my heart. 

मैं तुझ से साथ भी तो उम्र भर का चाहता था 
सो अब तुझ से गिला भी उम्र भर का हो गया है 
इरफ़ान सत्तार

 I had wished your company of a lifetime. 
So I have also got  lament of a lifetime 

अब किसी से भी शिकायत न रही 
जाने किस किस से गिला था पहले 
निदा फ़ाज़ली

Now towards none is a lamentous approach. 
I know not with how many, I had reproach? 

गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी 
वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह 
बासिर सुल्तान काज़मी

I have a lot of love for you and lots of lament. 
That's a one thing and it's another content. 

एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के
एक दिन सुन लीजिए जो कुछ हमारे दिल में है 
जोश मलीहाबादी

Say what is in your heart one day. 
Listen what's in my heart one day. 


Friday 7 July 2023

RAHI MASOOM RAZA.. GHAZAL.. AI AAWARA YAADO PHIR YE FURSAT KE LAMHAAT KAHAAN....

ऐ आवारा यादो फिर ये फ़ुर्सत के लम्हात कहाँ
हम ने तो सहरा में बसर की तुम ने गुज़ारी रात कहाँ

O vagabond memories, when to get these moments of leisure? 
I passed it in desert, where did you spend night of pleasure? 

मेरी आबला-पाई उन में याद अक्सर की जाती है
काँटों ने इक मुद्दत से देखी थी कोई बरसात कहाँ

My blistering of feet is often memorised
 in these times. 
Thorns since long haven't witnessed such 
a  rainy treasure. 

बे-हिस दीवारों का जंगल काफ़ी है वहशत के लिए
अब क्यूँ हम सहरा को जाएँ अब वैसे हालात कहाँ

A jungle of senseless walls is good enough 
for the frenzy. 
Why should I now go to the desert, it has
 no such measure? 

जिस को देखो फ़िक्र-ए-रफ़ू है जिस को देखो वो नासेह
बस्ती वालों में हार आए वहशत की सौग़ात कहाँ

Whoever you see is darning tatters and is
 just a preacher.
In these lanes where have I forsaken the 
 frenetic treasure? 

Thursday 6 July 2023

COUPLETS OF BASHIR BADR..

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो 

न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए 

टैग्ज़ : इश्क़ और 7 अन्य
 
  
 
न जी भर के देखा न कुछ बात की 

बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की 

टैग्ज़ : आरज़ू और 5 अन्य
 
  
 
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी 

यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता 

टैग्ज़ : इश्क़ और 4 अन्य
 
 
 
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं 

पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है 

टैग्ज़ : ज़िंदगी और 1 अन्य
 
  
 
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना 

जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता 

टैग्ज़ : फ़ेमस शायरी और 1 अन्य
 
  
 
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे 

जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों 

टैग्ज़ : अम्न और 5 अन्य
 
 
 
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला 

अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला 

टैग्ज़ : इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं 

मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे 

टैग्ज़ : आदमी और 2 अन्य
 
  
 
मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी 

किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी 

टैग्ज़ : फ़ेमस शायरी और 2 अन्य


हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं 

उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में 

टैग : दिल
 
  
 
तुम मोहब्बत को खेल कहते हो 

हम ने बर्बाद ज़िंदगी कर ली 

टैग्ज़ : इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से 

ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो 

टैग्ज़ : फ़ेमस शायरी और 2 अन्य
 
  
 
इतनी मिलती है मिरी ग़ज़लों से सूरत तेरी 

लोग तुझ को मिरा महबूब समझते होंगे 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने 

बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा 

यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो 

टैग्ज़ : इश्क़ और 2 अन्य
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं 

दिल हमेशा उदास रहता है 

टैग्ज़ : उदासी और 2 अन्य
 
 
 
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा 

इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा 

टैग्ज़ : इश्क़ और 1 अन्य
 
  
 
हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा 

जो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे 

टैग : हुस्न
 
  
 
पत्थर मुझे कहता है मिरा चाहने वाला 

मैं मोम हूँ उस ने मुझे छू कर नहीं देखा 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना 

यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है 

ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है 

टैग्ज़ : ग़म और 2 अन्य

पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है 

ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है 

टैग्ज़ : ग़म और 2 अन्य
 
  
 
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है 

जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है 

टैग्ज़ : घमंड और 2 अन्य
 
  
 
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में 

तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में 

टैग : फ़साद
 
  
 
इसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं 

तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं 

टैग्ज़ : आदमी और 1 अन्य
 
  
 
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा 

मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा 

टैग्ज़ : इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में 

फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते 

टैग : बचपन
 
  
 
वो चेहरा किताबी रहा सामने 

बड़ी ख़ूबसूरत पढ़ाई हुई 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
दुश्मनी का सफ़र इक क़दम दो क़दम 

तुम भी थक जाओगे हम भी थक जाएँगे 

टैग्ज़ : दुशमनी और 1 अन्य
 
  
 
सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें 

आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत 

टैग्ज़ : अम्न और 3 अन्य

घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे 

बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला 

टैग्ज़ : इंसान और 1 अन्य
 
  
 
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली 

दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली 

टैग्ज़ : दुनिया और 2 अन्य
 
 
 
भला हम मिले भी तो क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले 

न कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिजक गई 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा 

मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा 

टैग्ज़ : रोमांटिक और 1 अन्य
 
  
 
अगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना 

हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़्साना लिखता है 

टैग्ज़ : दरिया और 2 अन्य
 
  
 
अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा 

तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है 

रहे सामने और दिखाई न दे 

टैग्ज़ : एहसास और 1 अन्य
 
  
 
मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है 

कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य

न तुम होश में हो न हम होश में हैं 

चलो मय-कदे में वहीं बात होगी 

टैग्ज़ : नशा और 1 अन्य
 
 
 
कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें 

उदास होने का कोई सबब नहीं होता 

टैग्ज़ : आँख और 1 अन्य
 
 
 
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा 

कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा 

 
  
 
इसी शहर में कई साल से मिरे कुछ क़रीबी अज़ीज़ हैं 

उन्हें मेरी कोई ख़बर नहीं मुझे उन का कोई पता नहीं 

 
  
 
जी बहुत चाहता है सच बोलें 

क्या करें हौसला नहीं होता 

टैग : सच
 
  
 
अजीब शख़्स है नाराज़ हो के हँसता है 

मैं चाहता हूँ ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे 

 
  
 
अजब चराग़ हूँ दिन रात जलता रहता हूँ 

मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे 

 
  
 
आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है 

बेवफ़ाई कभी कभी करना 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए 

तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए 

टैग्ज़ : आसमान और 2 अन्य
 
  
 
बहुत दिनों से मिरे साथ थी मगर कल शाम 

मुझे पता चला वो कितनी ख़ूबसूरत है 

टैग्ज़ : महबूब और 1 अन्य
 
  
 
है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है 

कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है 

टैग्ज़ : ज़िंदगी और 2 अन्य
 
  
 
दिल की बस्ती पुरानी दिल्ली है 

जो भी गुज़रा है उस ने लूटा है 

टैग्ज़ : दिल और 1 अन्य
 
 
 
गुफ़्तुगू उन से रोज़ होती है 

मुद्दतों सामना नहीं होता 

 
  
 
एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिला 

जाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं 

टैग्ज़: औरत और 1 अन्य
 
 
 
महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से 

ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कुराया है

न उदास हो न मलाल कर किसी बात का न ख़याल कर 

कई साल ब'अद मिले हैं हम तेरे नाम आज की शाम है 

टैग्ज़: दोस्त और 2 अन्य
 
  
 
रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर 

उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा 

टैग: मौत
 
  
 
काग़ज़ में दब के मर गए कीड़े किताब के 

दीवाना बे-पढ़े-लिखे मशहूर हो गया 

टैग: किताब

मैं हर हाल में मुस्कुराता रहूँगा 

तुम्हारी मोहब्बत अगर साथ होगी 

टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है 

जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा 

 
  
 
शबनम के आँसू फूल पर ये तो वही क़िस्सा हुआ 

आँखें मिरी भीगी हुई चेहरा तिरा उतरा हुआ 

टैग्ज़: आँख और 3 अन्य
 
  
 
कभी मैं अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझा 

मुझे मालूम है क़िस्मत का लिक्खा भी बदलता है 

टैग: क़िस्मत
 
  
 
जिस दिन से चला हूँ मिरी मंज़िल पे नज़र है 

आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा 

टैग: मंज़िल

उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से 

तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिए बनाया है 

टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया 

जिस को गले लगा लिया वो दूर हो गया 

 
  
 
उस की आँखों को ग़ौर से देखो 

मंदिरों में चराग़ जलते हैं 

टैग: आँख
 
  
 
उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे 

मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है 

टैग्ज़: इश्क़ और 1 अन्य
 
  
 
मैं बोलता हूँ तो इल्ज़ाम है बग़ावत का 

मैं चुप रहूँ तो बड़ी बेबसी सी होती है 

टैग: बेकसी
 
  
 
चाँद सा मिस्रा अकेला है मिरे काग़ज़ पर 

छत पे आ जाओ मिरा शेर मुकम्मल कर दो 

टैग: महबूब

तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है 

तुम्हारे बा'द ये मौसम बहुत सताएगा 

टैग्ज़: विदाई और 1 अन्य
 
  
 
कभी तो शाम ढले अपने घर गए होते 

किसी की आँख में रह कर सँवर गए होते 

टैग्ज़: घर और 1 अन्य
 
  
 
मैं चाहता हूँ कि तुम ही मुझे इजाज़त दो 

तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे 

टैग्ज़: इजाज़त और 2 अन्य
 
  
 
पहली बार नज़रों ने चाँद बोलते देखा 

हम जवाब क्या देते खो गए सवालों में 

 
तुम अभी शहर में क्या नए आए हो 

रुक गए राह में हादसा देख कर 

टैग्ज़: फ़साद और 1 अन्य

ये एक पेड़ है आ इस से मिल के रो लें हम 

यहाँ से तेरे मिरे रास्ते बदलते हैं 

टैग: विदाई
 
  
 
तिरी आरज़ू तिरी जुस्तुजू में भटक रहा था गली गली 

मिरी दास्ताँ तिरी ज़ुल्फ़ है जो बिखर बिखर के सँवर गई 

टैग्ज़: आरज़ू और 1 अन्य
 
 
 
मैं तमाम दिन का थका हुआ तू तमाम शब का जगा हुआ 

ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ 

टैग: शाम
 
  
 
ख़ुदा हम को ऐसी ख़ुदाई न दे 

कि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे 

 
  
 
मुख़ालिफ़त से मिरी शख़्सियत सँवरती है
मैं दुश्मनों का बड़ा एहतिराम करता हूँ 

टैग: दुश्मन
 
 
 
रात का इंतिज़ार कौन करे 

आज कल दिन में क्या नहीं होता 

 
 
 
लहजा कि जैसे सुब्ह की ख़ुश्बू अज़ान दे 

जी चाहता है मैं तिरी आवाज़ चूम लूँ 

टैग्ज़: आवाज़ और 1 अन्य
 
 
 
ख़ुदा की उस के गले में अजीब क़ुदरत है 

वो बोलता है तो इक रौशनी सी होती है 

टैग्ज़: आवाज़ और 1 अन्य
 
 
 
हम दिल्ली भी हो आए हैं लाहौर भी घूमे 

ऐ यार मगर तेरी गली तेरी गली है

वो जिन के ज़िक्र से रगों में दौड़ती थीं बिजलियाँ 

उन्हीं का हाथ हम ने छू के देखा कितना सर्द है 

टैग: मौत
 
  
 
मोहब्बत अदावत वफ़ा बे-रुख़ी 

किराए के घर थे बदलते रहे 

टैग्ज़: दुशमनी और 2 अन्य
 
  
 
सब लोग अपने अपने ख़ुदाओं को लाए थे 

इक हम ही ऐसे थे कि हमारा ख़ुदा न था 

टैग: ख़ुदा
 
  
 
अजीब रात थी कल तुम भी आ के लौट गए 

जब आ गए थे तो पल भर ठहर गए होते 

टैग्ज़: इश्क़ और 1 अन्य
 
  
 
नए दौर के नए ख़्वाब हैं नए मौसमों के गुलाब हैं 

ये मोहब्बतों के चराग़ हैं इन्हें नफ़रतों की हवा न दे 
 
 
इस शहर के बादल तिरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं 

ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते

फिर याद बहुत आएगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम 

जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा 

टैग्ज़: ज़ुल्फ़ और 1 अन्य
 
  
 
हक़ीक़तों में ज़माना बहुत गुज़ार चुके 

कोई कहानी सुनाओ बड़ा अँधेरा है 

 
  
 
उस ने छू कर मुझे पत्थर से फिर इंसान किया 

मुद्दतों बअ'द मिरी आँखों में आँसू आए 

 
  
 
मैं ने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी 

कोई आहट न हो दर पर मिरे जब तू आए 

टैग्ज़: आहट और 3 अन्य
 
  
 
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं 

तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा 

 
  
 
कितनी सच्चाई से मुझ से ज़िंदगी ने कह दिया 

तू नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा 

टैग: ज़िंदगी
 
  
 
उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं 

ये मोतियों की तरह सीपियों में पलते हैं 

टैग्ज़: आँख और 1 अन्य
 
  
 
दुआ करो कि ये पौदा सदा हरा ही लगे 

उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे 

टैग: दुआ
 
  
 
यारो नए मौसम ने ये एहसान किए हैं 

अब याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते 

टैग: दर्द
 
  
 
मैं यूँ भी एहतियातन उस गली से कम गुज़रता हूँ 

कोई मासूम क्यूँ मेरे लिए बदनाम हो जाए 

 
 
 
चराग़ों को आँखों में महफ़ूज़ रखना 

बड़ी दूर तक रात ही रात होगी 

 
  
 
वो इत्र-दान सा लहजा मिरे बुज़ुर्गों का 

रची-बसी हुई उर्दू ज़बान की ख़ुश्बू 

टैग: उर्दू
 
  
 
हम ने तो बाज़ार में दुनिया बेची और ख़रीदी है 

हम को क्या मालूम किसी को कैसे चाहा जाता है 

 
 
 
मुझे मालूम है उस का ठिकाना फिर कहाँ होगा 

परिंदा आसमाँ छूने में जब नाकाम हो जाए 

टैग: परिंदा
 
  
 
कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं 

कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की 

टैग: मुसाफ़िर
 
  
 
वो बड़ा रहीम ओ करीम है मुझे ये सिफ़त भी अता करे 

तुझे भूलने की दुआ करूँ तो मिरी दुआ में असर न हो 

टैग: दुआ
 
  
 
इक दीवार पे चाँद टिका था 

मैं ये समझा तुम बैठे हो 

टैग: चाँद
 
  
 
अहबाब भी ग़ैरों की अदा सीख गए हैं 

आते हैं मगर दिल को दुखाने नहीं आते 

टैग: दोस्त
 
  
 
किसी ने चूम के आँखों को ये दुआ दी थी 

ज़मीन तेरी ख़ुदा मोतियों से नम कर दे 

टैग्ज़: आँख और 1 अन्य
 
  
 
कभी यूँ भी आ मिरी आँख में कि मिरी नज़र को ख़बर न हो 

मुझे एक रात नवाज़ दे मगर इस के बाद सहर न हो 

टैग्ज़: इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से 

कहीं भी जाऊँ मिरे साथ साथ चलते हैं 

 
  
 
फिर से ख़ुदा बनाएगा कोई नया जहाँ 

दुनिया को यूँ मिटाएगी इक्कीसवीं सदी 

टैग: दुनिया
 
  
 
नहीं है मेरे मुक़द्दर में रौशनी न सही 

ये खिड़की खोलो ज़रा सुब्ह की हवा ही लगे 

टैग्ज़: रौशनी और 1 अन्य
 
  
 
ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखाएँगे 

रोएँगे बहुत लेकिन आँसू नहीं आएँगे 

 
  
 
मुझ से क्या बात लिखानी है कि अब मेरे लिए 

कभी सोने कभी चाँदी के क़लम आते हैं 

टैग: सियासत
 
  
 
इजाज़त हो तो मैं इक झूट बोलूँ 

मुझे दुनिया से नफ़रत हो गई है 

 
 
 
मुझे इश्तिहार सी लगती हैं ये मोहब्बतों की कहानियाँ 

जो कहा नहीं वो सुना करो जो सुना नहीं वो कहा करो 

टैग्ज़: इश्क़ और 1 अन्य
 
  
 
मैं जिस की आँख का आँसू था उस ने क़द्र न की 

बिखर गया हूँ तो अब रेत से उठाए मुझे 

टैग्ज़: आँख और 1 अन्य
 
  
 
बे-वक़्त अगर जाऊँगा सब चौंक पड़ेंगे 

इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा 

 
  
 
बिछी थीं हर तरफ़ आँखें ही आँखें 

कोई आँसू गिरा था याद होगा 

टैग्ज़: आँख और 1 अन्य
 
  
 
नाम पानी पे लिखने से क्या फ़ाएदा 

लिखते लिखते तिरे हाथ थक जाएँगे 

 
  
 
रात तेरी यादों ने दिल को इस तरह छेड़ा 

जैसे कोई चुटकी ले नर्म नर्म गालों में 

टैग्ज़: इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
मुद्दत से इक लड़की के रुख़्सार की धूप नहीं आई 

इस लिए मेरे कमरे में इतनी ठंडक रहती है 

टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य
 
 
 
तहज़ीब के लिबास उतर जाएँगे जनाब 

डॉलर में यूँ नचाएगी इक्कीसवीं सदी 

 
  
 
हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में 

अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता 

टैग: शेर
 
  
 
बहुत दिनों से है दिल अपना ख़ाली ख़ाली सा 

ख़ुशी नहीं तो उदासी से भर गए होते 

 
  
 
वो शख़्स जिस को दिल ओ जाँ से बढ़ के चाहा था 

बिछड़ गया तो ब-ज़ाहिर कोई मलाल नहीं 

टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
मंदिर गए मस्जिद गए पीरों फ़क़ीरों से मिले 

इक उस को पाने के लिए क्या क्या किया क्या क्या हुआ 

 
  
 
प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ 

मय-कदे में कोई छोटा न बड़ा जाम उठा 

टैग: मय-कदा
 
  
 
मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा 

आग से आग बुझा फूल खिला जाम उठा 

 
  
 
हाथ में चाँद जहाँ आया मुक़द्दर चमका 

सब बदल जाएगा क़िस्मत का लिखा जाम उठा 

टैग्ज़: क़िस्मत और 2 अन्य
 
  
 
ये परिंदे भी खेतों के मज़दूर हैं 

लौट के अपने घर शाम तक जाएँगे 

टैग: परिंदा
 
  
 
तुम्हारे घर के सभी रास्तों को काट गई 

हमारे हाथ में कोई लकीर ऐसी थी 

 
 
 
इक शाम के साए तले बैठे रहे वो देर तक 

आँखों से की बातें बहुत मुँह से कहा कुछ भी नहीं 

 
  
 
मेरी आँख के तारे अब न देख पाओगे 

रात के मुसाफ़िर थे खो गए उजालों में 

 
  
 
उसे पाक नज़रों से चूमना भी इबादतों में शुमार है 

कोई फूल लाख क़रीब हो कभी मैं ने उस को छुआ नहीं 

 
  
 
यहाँ एक बच्चे के ख़ून से जो लिखा हुआ है उसे पढ़ें 

तिरा कीर्तन अभी पाप है अभी मेरा सज्दा हराम है 

टैग: फ़साद
 
  
 
वो इंतिज़ार की चौखट पे सो गया होगा 

किसी से वक़्त तो पूछें कि क्या बजा होगा 

टैग: इंतिज़ार
 
 
 
दादा बड़े भोले थे सब से यही कहते थे 

कुछ ज़हर भी होता है अंग्रेज़ी दवाओं में 

 
  
 
मिरे साथ चलने वाले तुझे क्या मिला सफ़र में 

वही दुख-भरी ज़मीं है वही ग़म का आसमाँ है 

 
  
 
न जाने कब तिरे दिल पर नई सी दस्तक हो 

मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आएगा 

टैग: दिल
 
  
 
गले में उस के ख़ुदा की अजीब बरकत है 

वो बोलता है तो इक रौशनी सी होती है 

 
 
 
वो अब वहाँ है जहाँ रास्ते नहीं जाते 

मैं जिस के साथ यहाँ पिछले साल आया था 

टैग: श्रद्धांजलि
 
 
 
हँसो आज इतना कि इस शोर में 

सदा सिसकियों की सुनाई न दे 

 
  
 
दिन में परियों की कोई कहानी न सुन 

जंगलों में मुसाफ़िर भटक जाएँगे 

टैग: मुसाफ़िर
 
  
 
लोबान में चिंगारी जैसे कोई रख जाए 

यूँ याद तिरी शब भर सीने में सुलगती है 

टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य
 
  
 
कोई बादल हो तो थम जाए मगर अश्क मिरे 

एक रफ़्तार से दिन रात बराबर बरसे 

टैग: आँसू
 
  
 
कोई फूल सा हाथ काँधे पे था 

मिरे पाँव शो'लों पे जलते रहे 

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फूल बरसे कहीं शबनम कहीं गौहर बरसे 

और इस दिल की तरफ़ बरसे तो पत्थर बरसे 

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मुझे लगता है दिल खिंच कर चला आता है हाथों पर 

तुझे लिक्खूँ तो मेरी उँगलियाँ ऐसी धड़कती हैं 

 
 
 
मेरा शैतान मर गया शायद 

मेरे सीने पे सो रहा है कोई 

 
 
 
जिस पर हमारी आँख ने मोती बिछाए रात भर 

भेजा वही काग़ज़ उसे हम ने लिखा कुछ भी नहीं 

 
  
 
ये शबनमी लहजा है आहिस्ता ग़ज़ल पढ़ना 

तितली की कहानी है फूलों की ज़बानी है 

 
  
 
RECITATION
वो माथा का मतला हो कि होंठों के दो मिसरे 

बचपन से ग़ज़ल ही मेरी महबूबा रही है 

 
 
 
मैं तमाम तारे उठा उठा के ग़रीब लोगों में बाँट दूँ 

वो जो एक रात को आसमाँ का निज़ाम दे मिरे हाथ में 

 
 
 
हयात आज भी कनीज़ है हुज़ूर-ए-जब्र में 

जो ज़िंदगी को जीत ले वो ज़िंदगी का मर्द है 

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ये ज़ाफ़रानी पुलओवर उसी का हिस्सा है 

कोई जो दूसरा पहने तो दूसरा ही लगे

महलों में हम ने कितने सितारे सजा दिए 

लेकिन ज़मीं से चाँद बहुत दूर हो गया 

 
  
 
पहचान अपनी हम ने मिटाई है इस तरह 

बच्चों में कोई बात हमारी न आएगी 

 
  
 
दिल उजड़ी हुई एक सराए की तरह है 

अब लोग यहाँ रात जगाने नहीं आते 

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कमरे वीराँ आँगन ख़ाली फिर ये कैसी आवाज़ें 

शायद मेरे दिल की धड़कन चुनी है इन दीवारों में 

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पीछे पीछे रात थी तारों का इक लश्कर लिए 

रेल की पटरी पे सूरज चल रहा था रात को

जिस को देखो मिरे माथे की तरफ़ देखता है 

दर्द होता है कहाँ और कहाँ रौशन है 

 
 
 
फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी है 

इस में तिरी ज़ुल्फ़ों की बे-रब्त कहानी है 

 
  
 
ग़ज़लों ने वहीं ज़ुल्फ़ों के फैला दिए साए 

जिन राहों पे देखा है बहुत धूप कड़ी है 

 
 
 
यूँ तरस खा के न पूछो अहवाल 

तीर सीने पे लगा हो जैसे 

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सुनाते हैं मुझे ख़्वाबों की दास्ताँ अक्सर 

कहानियों के पुर-असरार लब तुम्हारी तरह 

 
  
 
गुलाबों की तरह शबनम में अपना दिल भिगोतें हैं 

मोहब्बत करने वाले ख़ूबसूरत लोग होते हैं 

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मैं चुप रहा तो और ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ीं 

वो भी सुना है उस ने जो मैं ने कहा नहीं 

 
  
 
सुना के कोई कहानी हमें सुलाती थी 

दुआओं जैसी बड़े पान-दान की ख़ुशबू 

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सोचा नहीं अच्छा-बुरा देखा-सुना कुछ भी नहीं 

माँगा ख़ुदा से रात-दिन तेरे सिवा कुछ भी नहीं 

 
 
 
इक 'मीर' था सो आज भी काग़ज़ में क़ैद है 

हिन्दी ग़ज़ल का दूसरा अवतार मैं ही हूँ 

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