Tuesday 16 April 2024

BASHIR BADR.. GHAZAL.. WO KHUSHBUON KA BADAN CHANDANI KA SAYA HAI....

वो ख़ुशबुओं का बदन चाँदनी का साया है
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है 

She is fragrance embodied, shadowed moonshine. 
Very dear to me but yes, she isn't mine.

उतर भी आओ कभी आस्माँ के ज़ीने से
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिए बनाया है 

Step down the ladder from yonder skies.
God has crafted you for my use, fine!

कहाँ से आई ये ख़ुशबू ये घर की ख़ुशबू है 
इस अजनबी के अंधेरे में कौन आया है 

Where from it emits, it's fragrance of home. 
As dark shade of stranger, who came in line? 

महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से 
ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कुराया है 

Earth is fragrant with moonlit flowers. 
For earthly love, He smiles on cloud nine. 

उसे किसी की मोहब्बत का ए'तिबार नहीं 
उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है 

He doesn't believe in anyone's love. 
Probably world has extracted heavy fine. 

तमाम उम्र मिरा दिल इसी धुँए में घुटा
वो इक चराग़ था, मैंने उसे बुझाया है 

Life long my heart got stuffed in smoke. 
That lamp glowed, I stilled it's shine. 






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