Wednesday 22 December 2021

BASHIR BADR.. GHAZAL.. UDASI KE CHEHRE PADHAA MAT KARO....

उदासी के चेहरे पढ़ा मत करो।
ग़ज़ल आँसुओं से लिखा मत करो। 

 Do not read so sad a face.
Let not tears a ghazal trace. 

बहरहाल ये आग ही आग है। 
चरागों को ऐसे छुआ मत करो।

 Fire of lamp too, is fire. 
Touch it not even with grace. 

दुआ आँसुओं में खिला फूल है। 
किसी के लिए बद-दुआ मत करो। 

Flower in tears is a prayer. 
Let no ill - will be its base. 

तुम्हें लोग कहने लगें बे-वफ़ा। 
ज़माने से इतनी वफ़ा मत करो। 

Men 'll call you faithless. 
Do not much fidelity lace. 

अगर वाक़ई तुम परेशान हो।
किसी और से तज़़किरा मत करो। 

If you are really upset.
Tell no one in any case. 

 ख़ुदा के लिए चाँदनी रात में। 
अकेले अकेले फिरा मत करो। 

O God! In a moon lit night. 
Roam not alone, lovely face. 

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