Friday 11 February 2022

STRAY COUPLETS.....100 ....

मेरी हयात है महरूम-ए-मुद्द'आ-ए-हयात।
वो रहगुज़र हूँ जिसे कोई नक़्श-ए-पा न मिला।.......... फ़ानी...........

My life lacks a purpose of life, it's sprint
I am a route that hasn't had a footprint. 

हूँ गिरफ़्तार-ए-उल्फ़त-ए-सैयाद।
वर्ना बाक़ी है ताक़त-ए-परवाज़। 
............ ग़ालिब......... 

I am a captive of the love of my captor
Although for flight,  wings have power. 

जोश-ए-शबाब, नश्श-ए-सहबा, हुजूम-ए-शौक़। 
ताबीर यूँ भी करते हैं फ़सल-ए-बहार की। 
............. असग़र गौंडवी.......... 

Courage of youth, intoxicating wine and collective desire. 
It's how the wise describe that spring season is on fire. 

मय है, गुलज़ार है, साक़ी है, घटा छाई है। 
कह दो तौबा-शिकनों से कि बहार आई है
...... क़मर जान मुश्तरी लखनवी..... 

There's wine, wine girl, garden and clouds in the sky. 
Go, tell the promise-breakers, it's spring here 'n why. 

ये शब है, या शफ़क़-अफ़शानियों से घबरा कर। 
निगार-ए-शाम हया से लटें गिराती है। 
...... अहमद नदीम क़ासमी....... 

 Whether it is night, or that in  twilight distress ! 
Night beauty, out of shame, lets loose her tress ! 

रोती है शबनम, कली दिल तंग है, गुल सीना चाक। 
क्या इसी मजमूअ-ए-ग़म का गुलिस्ताँ नाम है ?...... आसी उलदनी....... 

Dew weeps, bud  tight hearted, flowers with tattered chest. 
Has this collective grief been labelled  garden at it's best ? 

न गुल खिले हैं, न उनसे मिले, न मय पी है। 
अजीब तरह से अबके बहार गुज़री है। 
...... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़........... 

Neither flowers bloomed, nor wine consumed, nor our meetings zoomed. 
In a very strange way, this time so they say, that the spring has passed this way. 

हम लिए फिरते हैं आँखों में चमन ऐ बाग़बाँ। 
जिस तरफ़ उट्ठी निगाह-ए-शौक़ गुलशन हो गया।...... साक़िब लखनवी....... 

O gardener ! We roam about with garden in our eyes. 
A garden ie made where we cast the desirous eyes. 

मेंह बर्से है किस लुत्फ़ से और जाम तेही है। 
साक़ी ! तेरी सरकार में इंसाफ़ यही है ? 
............. नसीर............... 

It's raining with pleasure, yet empty is my measure. 
O wine girl tell me must, is this labelled here just ? 

अभी से वीरानापन अयाँ है, अभी से वहशत बरस रही है। 
अभी तो सुनता हूँ कुछ दिनों तक बहार-ए-आसमाँ रहेगी। 
......... शाद अज़ीमाबादी........ 

Even now projects the desert , even now barbarians assert. 
For a few days I so hear, still spring will the skies steer. 
 
चमन है, शाख़-ए-गुल है, आशियाँ है, फिर नहीं कुछ भी। 
ग़ज़ब है ताइर-ए-आज़ाद का बे-बाल-ओ-पर होना....... असर लखनवी..... 

There's garden, flowery branch, nest and yet nothing. 
O what is it for a free bird to be deprived of a wing ! 

जो फूल आता है गुलशन में गरीबाँ-चाक आता है। 
बहार-ए-रंग-ओ-बू में ख़ून दीवानों का शामिल है।....... आसी उलदनी........ 

Any flower that blooms in garden, has got tattered dress. 
Colour 'n smell of spring need blood of fanatics to express. 

सहारा क्यूँ लिया था नाख़ुदा का ? 
ख़ुदा भी क्यूँ करे इम्दाद मेरी ? 
......... हफ़ीज़ जालंधरी......... 

Why was boatman made a guard ? 
Why should not  the Lord discard ? 

रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम। 
मौसम-ए-गुल है तुम्हारे बाम पर आने का नाम।...... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़..... 

Colour is name of your dress, smell when you loosen  tress. 
When you come to terrace, the spring arrives  to interlace. 

दिखावे के हैं सब ये दुनिया के मेले। 
भरी बज़्म में हम रहे हैं अकेले। 
....... अफ़सर मेरठी....... 

Gatherings in world are there to be shown. 
In these full meetings, I have been alone. 

तुझ को बर्बाद तो हर हाल में होना था ' ख़ुमार '। 
नाज़ कर नाज़ कि उ ने तुझे बर्बाद किया। 
O 'Khumaar'! You were to be ruined any way. 
Feel proud that she has ruined you her way. 

इसका रोना नहीं क्यों तुम ने किया दिल बर्बाद। 
इसका ग़म है कि बहुत देर में बर्बाद किया।...... जोश मलीहाबादी...    .... 

The trouble isn't that you ruined my heart. 
The trouble is you took too long to start. 

क्या पूछता है तू मेरी बर्बादियों का हाल। 
थोड़ी सी ख़ाक ले के हवा में उड़ा के देख। 
Don't ask me about my ruined state. 
Let a little dust spray with wind, O mare 

ख़याल था तेरे पहलू में कुछ सुकूँ होगा। 
मगर यहाँ भी वही इज़्तेराब-ए-पैहम है। 
............. अहमद राही............. 

I had thought there would be some comfort by your side. 
But same  nonstop unrest isनकनक़् नक़्श-ए-पा नक़्श-ए-पा there to reside. 

बसान-ए-नक़्श-ए-पा-ए-रहरवाँ, कू-ए-तमन्ना में। 
नहीं उठने की ताक़त, क्या करें लाचार बैठे हैं।....... इंशा........ 

Like footprints of passersby, in the longing lane. 
No strength to rise, am seated, helpless, in vain. 

ऐ बर्क़ ! तू ज़रा सा ही तड़पी, ठहर गई। 
याँ उम्र कट गई है इसी इज़्तेराब में। 
............ अमीर ............... 

 O lightening! You dithered a little to stop. 
I have spent this life dithering non-stop. 

वही यूरिश-ए-शब-ए-तार है, वही बारिश-ए-ग़म-ए-यार है। 
कोई फ़र्क़ हो तो बताऊँ मैं, न क़रार था न क़रार है।.... सीमाब अकबराबादी....... 

Same attack of dark nights, same rain of lover's plights. 
There's nothing to tell apart, I am restless from the start. 

एक महरूम चले' मीर'हमीं दुनिया से। 
वर्ना आलम को ज़माने ने दिया क्या क्या कुछ।........ मीर तक़ी मीर.......... 

I am one deprived' Mir' leaving this world.
What others have been showered by world !

मेरी मजबूरियां क्या पूछते हो ? 
कि जीने के लिए मजबूर हूँ मैं ! 
......... हफ़ीज़ जालंधरी........ 

Why do you ask, how helpless am I ? 
I have to survive, so helpless am I ! 

हाय उस ज़ख़्मी-ए-शमशीर-ए-मोहब्बत का जिगर। 
ज़ख़्म को अपने जो नाचार छुपा रखता है
........... मीर तक़ी मीर.............. 

Alas ! one wounded by the sword of love at heart. 
Who can't show, helplessly conceals wounded part. 

शायद मैं दरख़ुर-ए-निगह-ए-गर्म भी नहीं। 
बिजली चमक रही है मेरे आशियाँ से दूर। 
............. फ़ानी.............. 

Probably I don't deserve even heat of view, at best. 
Even electric spark shines far away from my nest. 

आग़ोश में साहिल के क्या लुत्फ़ - ए-सुकूँ इस को। 
ये जान अज़ल ही से परवरदये-तूफ़ाँ है। 
............. असग़र गौंडवी.......... 

An embrace by shore, what a joy of peace can impart . 
This life has been nurtured by the tempests from start. 

हम से पहले भी मोहब्बत का यही अंजाम था। 
क़ैस भी नाशाद था, फ़रहाद भी नाकाम था।........ आसी उलदनी.......... 

Before me also, love had a similar fate. 
Qais was sad, Farhad a failure O mate ! 

सारा हसूल इश्क़ की नाकामियों में है। 
जो उम्र रायगाँ है वही रायगाँ नहीं। 
............ असग़र गौंडवी............. 

All love earnings are in it's failure. 
Age that's failed, isn't failure for sure. 

यही काँटे तो कुछ ख़ुद्दार हैं सहन-ए-गुलिस्ताँ में। 
जो शबनम के लिए दामन को फैलाया नहीं करते। 

In the garden, only thorns maintain self-pride. 
Don't stretch the garb for dew drops on their side. 

कहें न हम तो ये है अपनी मसलिहत वर्ना। 
हज़ार बार उसे बे-नक़ाब देखा है। 

I don't say, is my way of putting bars. 
I have seen unveiled, that moon, two stars. 

यूँ मुस्कुराए जान सी कलियों में पड़ गई। 
यूँ लब कुशा हुए कि गुलिस्ताँ बना दिया। 

She smiled and suddenly all buds bloomed. 
Those lips then parted and garden zoomed. 

मिलना तुमन का ग़ैर से कोई झूठ कोई सचमुच कहे। 
किस किस का मुँह मूँदूँ सनम कोई कुछ कहे कोई कुछ कहे।... वली दकनी...... 

Your meetings with my rival, is it true or a lie ? 
People say many things, whose tongue  can I tie ? 

कोई उनको समझ भी ले तो फिर समझा नहीं सकता। 
जो इस हद पर पहुँच जाता है वो ख़ामोश होता है।....... नख़शब जारचवी........ 

Even if one understands Him, to others he can't tell. 
Anyone who reaches this limit, goes in a silent spell. 

ख़ुदा तो मिलता है इंसान ही नहीं मिलता। ये चीज़ वो है जो देखी कहीं कहीं मैंने। 
............. इक़बाल............. 

God can be found but not the man. 
For this is something, you rarely can. 

मरने की दुआएँ क्यूँ माँगूँ जीने की तमन्ना कौन करे ? 
ये दुनिया हो या वो दुनिया अब ख़्वाहिश - ए-दुनिया कौन करे ?...... जज़्बी.... 

Why should I pray for death, why to live this one ? 
Who cares for the world, this one or that one ? 

गुलशन-परस्त हूँ मुझे गुल ही नहीं अज़ीज़। 
काँटों से भी निबाह किए जा रहा हूँ मैं। 
....... जिगर मुरादाबादी........ 

I love not only shapely flowers, but garden as a whole. 
I can also live with thorns, playing well my role. 

पता यूँ तो बताते हैं वो सब को ला-मकाँ अपना। 
मगर मालूम है रहते हैं वो टूटे हुए दिल में।......... अनीस दाऊदनगरी......... 

His address is told to be in unknown parts. 
But I know that He stays in broken hearts. 

तू कहाँ है कि तेरी राह में ये दैर-ओ-हरम। 
नक़्श बन जाते हैं मंज़िल नहीं होने पाते। 
......... .. फ़ानी बदायूनी............... 

Where are You, for temple 'n Kaaba on Your way. 
Can be footprints but not a goal with final say. 

मुझे रोकेगा तू ऐ नाख़ुदा क्या ग़र्क़ होने से। 
कि जिन को डूबना है डूब जाते हैं सफ़ीनों में।........... इक़बाल............. 

How can you stop me from drowning O driver of boat ? 
Those who want to get drowned, do so within the boat. 

वाले-नाकामी कि बाद-ए-मर्ग ये साबित हुआ। 
ख़्वाब था जो कुछ कि देखा, जो सुना अफ़साना था।...... मीर दर्द........ 

Un successfully, at time of death, I was certain. 
I saw only dreams, heard stories behind curtain. 

फ़साने अपनी मोहब्बत के सच हैं पर कुछ कुछ। 
बढ़ा भी देते हैं हम ज़ेब-ए-दास्ताँ के लिए। 
Although there is  in my love story. 
I spice it a little to add some glory. 

कारवाँ या मिट गए या बढ़ गए। 
अब ग़ुबार-ए-राह भी उठता नहीं। 
............फ़िराक़ गोरखपुरी........... 

Caravans have passed or met with demise. 
From the path, even dust does not arise. 

है रूह तारीकियों में हैराँ बुझा हुआ है चिराग़-ए-मंज़िल। 
कहीं सर-ए-राह ये मुसाफ़िर पटक न दे बोझ ज़िन्दगी का।... जमील मज़हरी... 

Soul is worried 'n in dark, lamp at goal post emits no ray. 
Now that this passenger may, drop the weight of life on way. 

तन्हा उठा लूँ मैं भी ज़रा लुत्फ़-ए-गुमरही।
ऐ रहनुमा ! मुझे मेरी क़िस्मत पे छोड़ दे। 
........... हुमायूँ शाह............ 

Let me enjoy alone, being off the track. 
O guide ! Let my destiny back or sack. 

थी किसी दरमंदा रहरौ की सदा-ए-दर्दनाक। 
जिस को आवाज़-ए-रहील-ए-कारवाँ समझा था मैं।....... इक़बाल....... 

Tired passenger's anguished cry was what I took for. 
As blowing of caravan 's conch-shell coming from far. 

दिल इक आईना है इक रोज़ ये टूटेगा ज़रूर। 
एक झंकार सी महफ़िल में समा जाएगी। 

Heart is a mirror, that will break one day. 
A melodious sound 'll spread all the way. 

ये तो इंसानों के टुटे हुए दिल हैं साक़ी। 
हम से टूटे हुए साग़र नहीं देखे जाते। 

It's difficult to see human hearts that broke. 
O wine maid ! These broken cups just choke. 

 दिल शिकस्ता हो निकल आते हैं अक्सर आँसू। 
मय टपक पड़ती है टूटे हुए पैमाने से। 

Tears often appear from a heart that broke up. 
As wine drops trickle out of a leaking cup. 

बाग़बाँ ने आग दी जब आशियाने को मेरे।
जिन पे तकिया था वही पत्ते हवा देने लगे।........ साक़िब लखनवी......... 

When gardener set my nest ablaze. 
Trusted straws simply fanned to raze. 

किसी को क्या हो दिलों की शिकस्तगी की ख़बर। 
कि टूटने में ये शीशे सदा नहीं रखते। 

How can anyone breaking of hearts  track ? 
 No sound spreads when these glasses crack. 

अगर तुम्हारी अना का ही है सवाल तो फिर। 
लो अपना हाथ बढ़ाता हूँ दोस्ती के लिये। 
........... अहमद फ़राज़............. 

If it is a question of your ego then well. 
I stretch my hand to break this spell. 

ये चार दिन के तमाशे हैं आह दुनिया के। 
रहा जहाँ में सिकंदर न और न जम बाक़ी।.... भारतेंदु हरिश्चंद्र रसा..... 

This world is only a four days show. 
Alexander 'n Jamshed also had to go. 

आग अपने ही लगा सकते हैं। 
लोग तो सिर्फ़ हवा देते हैं। 
........ मोहम्मद अल्वी.......... 

Always, your own set things on fire. 
Others simply blow it out of ire. 

नातवानी का बुरा हो जिसने तोड़े हौसले। 
यानी हम हसरत से गर्द-ए-कारवाँ देखा किए।......... साक़िब लखनवी......... 

Bad of weakness that broke my courage'n trust. 
I longed and watched the going caravan dust. 

वाक़िफ़ है 'जोश' इश्क़ से अपने तमाम शहर। 
और हम ये जानते हैं कोई जानता नहीं। 

O'Josh' ! About my love, whole city is aware. 
And I understand that no body is aware. 

नियाज़-ए-इश्क़ को समझा है क्या ऐ वाइज़-ए-नादाँ ? 
हज़ारों बन गए काबे जबीं मैंने जहाँ रख दी।.............असग़र गौंडवी........... . 
 
O foolish priest ! What do you know about love expressed ? 
Thousand Kaabas appeared,as my forehead was pressed. 

कोई वीरानी सी वीरानी है। 
दश्त को देख के घर याद आया।
............... ग़ालिब........... 

Desolation of what a kind !
Seeing it, home comes to mind. 

उग रहा है दर-ओ-दीवार पे सब्ज़ा 'ग़ालिब' ।
हम बयाबाँ में हैं और घर में बहार आई है। 
O 'Ghalib'! Grass grows on doors 'n walls of home.
In the desert I roam and there is spring at  home. 

उस मौज के मातम में रोती है भँवर की आँख। 
दरिया से उठी लेकिन साहिल से न टकराई।....... इक़बाल........... 

Eye of the storm cries for that wave to the core.
Which rose from sea, but didn't bang against shore. 

साबित - क़दम रहूँ कि तलातुम का साथ दूँ। 
साहिल के रुख़ तो ला न सकूँगा हवा को मैं।.......... हफ़ीज़ जालंधरी.......... 

Should I remain sure footed or join the waves. 
Shore-ward I can't turn the wind that raves. 

'मुसहफ़ी' हम तो ये समझे थे कि होगा कोई ज़ख़्म। 
तेरे दिल में तो बड़ा काम रफ़ू का निकला 

'Musahafi' I had thought it would be a small sore. 
Patch up work in your heart is an extensive score. 

दिल-ए-महरूम-ए-तमन्ना पे चमकते हुए दाग़। 
जैसे तुर्बत पे चरागोका समाँ होता है। 
.....  .... ज़हीर कश्मीरी......... 

Unfulfilled desires of heart are spots of glowing embers naive.
These resemble and cast a spell of burning lamps on grave

हमें भी याद नहीं और तुम भी भूल गए। 
वो लम्हे कितने हसीं थे मगर फ़ुज़ूल गए ।
........... जावेद अख़्तर............ 

I can not remember, you also forgot in haste. 
Those beautiful moments have all gone waste. 

और बाज़ार से ले आए अगर टूट गया। 
जाम-ए-जम से ये मिरा जाम-ए-सिफ़ाल अच्छा है।......... ग़ालिब......... 

Jamshed's cup stands alone, golden studded with stone. 
Easy to change, worth the matter, my earthen cup's better 

की मेरे क़त्ल के बाद उसने जफ़ा से तौबा
हाय उस ज़ूद पशेमाँ का पशेमाँ होना ! 
................ ग़ालिब.............. 

Having done with me, she promised never to betray. 
Her feeling ashamed so quick, showed the way. 

नर्मी-ओ-आहिस्तगी से पाँव रखने की अदा। 
सीख लें शबनम के क़तरे आपकी रफ़्तार से।........ जोश मलीहाबादी......... 

So gently, delicately is her foot- fall. 
Let dew drops learn the art after all. 

इक ऐसा राज़ दिया है मुझे छुपाने को। 
जिसे वो चाहें तो ख़ुद भी छुपा नहीं सकते।........ जज़्बी......... 

She has given me such a secret to hide. 
Even if she likes, can't herself abide. 

नज़ाकत उस गुल-ए-राना की देखियो 'इंशा'। 
नसीम-ए-सुब्ह भी छू ले तो रंग हो मैला। 

'Inshaa' ! Look at that delicate, lovely flower. 
Even breeze touch dulls her colour shower. 

 वो अपनी ख़ू न बदलेंगे हम अपनी वजअ क्यों बदलें ? 
सुबुकसर हो के क्यों पूछें कि हम से सरगराँ क्यों हो ?....... ग़ालिब....... 

 She won't change her habit, then why should I hanker ? 
Belittled, why ask for the cause of her anger ? 

मिरी हयात के उन्वान बन के आ जाओ। 
हैं नातमाम अभी ज़िन्दगी के अफ़साने। 
........... मेहदी शेख़पुरी........... 

Come in my life as a title page. 
Incomplete are stories of my age. 

वो नहीं भूलता कहाँ जाऊँ ? 
हाय मैं क्या करूं कहाँ जाऊँ ?... नासिख़

Can't forget her, wherever I go. 
O what to do, where to go ? 

वस्ल उस का ख़ुदा नसीब करे। 
'मीर' जी चाहता है क्या क्या कुछ ! 

O Almighty ! Let her union be my fate. 
What not 'Mir' wants from his mate ? 

हमें ख़बर है कि हम हैं चराग़-ए-आख़िर-शब ! 
हमारे बाद अंधेरा नहीं उजाला है। 

We know that we are last lamps of the night. 
What follows isn't darkness but morning light. 

Aamra jaani  aamraa raatreer shesher deepok. 
Taar pore ondhakaar neyin, kolorob-e-raag  (Bengali) 

इक प्यार का नग़्मा है होंठों की रवानी है। 
ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है।...... संतोष आनंद....... 

It's a song of love, from the lips  It flows. 
Life is nothing but a tale of our woes. 

  हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के 'दाग़'। 
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं। 

O'Daagh' in love, there are thousand jobs of joy. 
Those who do nothing, abundantly enjoy. 

फ़िक्र ही ठहरी तो दिल को फ़िक्र-ए-ख़ूबाँ क्यों न हो। 
ख़ाक होना है तो ख़ाक-ए-कू-ए-जानाँ क्यों न हो ?...... जोश मलीहाबादी......... 

If heart has to worry, why not worry for lovely dames. 
If one has to be dust, why not dust of lane of dames ? 

कहा मैंने गुल से है कितना सबात। 
कली ने ये सुन कर तबस्सुम किया। 
............ मीर तक़ी मीर............ 

When I asked the flower how long this while ? 
Liistening to it, the bud bloomed to smile. 

कली कोई जहाँ पर खिल रही है। 
वहीं इक फूल भी मुरझा रहा है। 
........... जिगर मुरादाबादी....... 

Wherever a bud has started to bloom.
A flower wilts and meets his doom. 

गुल को होता सबा क़रार ऐ काश ! 
रहती एक आध दिन बहार ऐ काश ! 
............ मीर तक़ी मीर......... 

How I wish flower could stay this way O breeze ! 
How I wish for a few days, spring could freeze ! 

दो रोज़ है ये लुत्फ़-ए-ऐश-ओ-निशात-ए-दुनिया।
बू-ए-शब-ए-उरूसी मेहमाँ है पैरहन में। 
....... हैदर अली आतिश....... 

In life, joys and pleasures last just for two days. 
Fragrance of nuptual night is a  guest till cloth sways. 

अजल लगाए हुए घात हर किसी पर है। 
बहोशवाश ! ये आलम रवारवी पर है। 

Death is ensnaring everyone in it's groove.
Beware ! This life is always on the move. 

लड़ गई उनसे नज़र खिंच गए अबरू उनके। 
मार्क इश्क़ के अब तीर-ओ-कमाँ तक पहुँचे।... बेताब अज़ीमाबादी....... 

As the eyes met eyes, drawn were eyebrows. 
The tests of love reached bows and arrows. 

बुलबुल चमन में तेग़-ए-निगह किस की चल गई। 
जिस गुल को देखता हूँ वो ज़ख़्मों से चूर है।.............. सौदा...........

 O nightingale ! In the garden, sword of whose eye is on move
Each flower that I look at, has got a wound in it's groove. 

सइ मेरे वास्ते अहबाब फ़रमाएँगे क्या। 
ज़ख़्म के भरने तलक नाख़ूँ न बढ़ आएँगे क्या ?......... ग़ालिब........... 

For me, what attempts will my friends make ? 
Till the wounds heal, will not nails overtake ?

 ख़ून-ए-दिल ज़ाया न हो, मुझको बस इतनी फ़िक्र है। 
अपने काम आया तो क्या ग़ैरों के काम आया तो क्या ?
........ आनंद नारायण मुल्ला......... 

I am only worried that heart blood shouldn't go waste. 
Whether it's of my use or rivals, is no domain of my taste. 

एक हंगामे पे मौकूफ़ है घर की रौनक़। 
नोहा-ए-ग़म ही सही नग़्मा-ए-शादी न सही
............. ग़ालिब.............. 

Glamour of home is turmoil bound. 
Be it cry of grief, if no joyous sound. 

 आशुफ़्ता-आख़िरी वो बला है कि 'शेफ़्ता'। 
ताअत में मज़ा है न है लज़्ज़त गुनाह में। 

O Shefta!  Upset heart is  a troubled kin. 
No pleasure in prayer, no charm  in sin. 

जी बहुत चाहता है रोने को। 
है कोई बात आज होने को।... मीर... 

I feel like crying a lot. 
Something 'll be on dot. 

दिल - शिकस्ता हूँ निकल आते हैं आँसू अक्सर। 
मै टपक पड़ती है टूटे हुए पैमाने से। 
....... बेदिल अज़ीमाबादी.......... 

I am a  broken heart, tears often appear
From cracked glass, wine trickles O dear. 

ज़ब्त-ए-गिरिया तो है पर दिल पे जो इक चोट सी है। 
क़तरे आँसू के टपक पड़ते हैं दो- चार  हनोज़।....रासिख़ अज़ीमाबादी....... 

There's controlled cry but the hurt of heart. 
Tears appear and drop, even  now on it's part. 

मिरी आँखों में आँसू, तुझ से हमदम क्या कहूँ क्या है। 
ठहर जाए तो अंगारा है, बह जाए तो पानी है।............... फ़ानी................. 

About tears in my eyes, what to tell you O mate ! 
It's ember if stays, watering down to placate. 

वो अर्ज़-ए-हाल में अश्कों पे मोतरिज़ हैं अबस। 
मैं क्या करूं, यही सुर्ख़ी है इस फ़साने की।... जगत मोहनलाल रवाँ

She objects for nothing, about tears in my tale. 
What can be done,for it's the title of my  tale. 

ये पीते ही पीते पिए जाएँगे। 
अरे बे-वफ़ा ! अश्क हैं सम नहीं। 
......... असर लखनवी............... 

Lipping these, 'll take time O dear. 
Faithless ! Not poison, it is tear 

आ अंदलीब ! मिल के करें आह-ओ-ज़ारियाँ। 
तू हाय गुल पुकार मैं चिल्लाऊँ हाय दिल !............. रिंद

O nightingale ! Let us jointly play the crying part. 
You cry for the flower, while I shout for the heart ! 

अब अपना इंतिज़ार रहेगा तमाम उम्र। 
इक शख़्स था जो मुझसे जुदा कर गया मुझे।......... एहतिमाम सादिक़..... 

This whole life, I shall wait for myself. 
One person has parted me from myself. 

बद्र और महर दो हैं नाम उनके। 
इक जमाली है इक जलाली है। 
........ जलील मानकपुरी.......... 

Full moon 'n sun are two names of thine. 
While one is beautiful,  the other is divine. 

गुलशन को तिरी सोहबत अज़-बस-कि ख़ुश आई है। 
हर ग़ुंचे का गुल होना आग़ोश-कुशाई है। 
................ ग़ालिब...............

 That's why your company with  garden, is an acceptable ace. 
Each bud turning flower is stretching arms for embrace. 

जान-ओ-दिल हैं उदास से मेरे। 
उठ गया कौन पास से मेरे।... मीर हसन..

Almost sad are my life 'n heart. 
From  my side, who did part ? 

दिल की शेगुफ़्तगी के साथ राहत-ए-मय-कदा गई। 
फ़ुर्सत-ए-मय-कशी तो है, हसरत-ए-मय-कशी गई।........ एहसान दानिश........ 
With pleasure of heart, comfort of tavern ' s gone.
There's time to drink,, but the desire has gone. 




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