Monday 6 November 2023

WALI MOHAMMAD WALI... GHAZAL... KIYA MUJH ISHQ NE ZAALIM KUUN AAB AAHISTA-AAHISTA

किया मुझ इश्क़ ने ज़ालिम कूँ आब आहिस्ता-आहिस्ता 
कि आतिश गुल कूँ करती है गुलाब आहिस्ता-आहिस्ता 

My love rendered glow on her ever so slowly. 
As heat turns flower in to rose ever so slowly. 

वफ़ादारी ने दिलबर की बुझाया आतिश-ए-ग़म कूँ 
कि गर्मी दफ़ा करता है गुलाब आहिस्ता-आहिस्ता 

The loyalty of beloved doused flame of grief. 
As the heat is put out by rose ever so slowly. 

अजब कुछ लुत्फ़ रखता है शब-ए-ख़ल्वत में गुल-रू सूँ 
ख़िताब आहिस्ता-आहिस्ता जवाब आहिस्ता-आहिस्ता 

It's a strange joy meeting flower.face in lonely night. 
I address slowly, she replies ever so slowly 

मिरे दिल कूँ किया बे-ख़ुद तिरी अँखियाँ ने आख़िर कूँ 
कि ज्यूँ बेहोश करती है शराब आहिस्ता-आहिस्ता 

Your eyes finally made my heart unconscious. 
As the wine casts it's effect ever so slowly. 

हुआ तुझ इश्क़ सूँ ऐ आतिशीं-रू दिल मिरा पानी 
कि ज्यूँ गलता है आतिश सूँ गुलाब आहिस्ता-आहिस्ता 

O glowing face ! Your love watered my heart. 
As  flame melts rose flower ever so slowly. 

अदा-ओ-नाज़ सूँ आता है वो रौशन-जबीं घर सूँ 
कि ज्यूँ मशरिक़ सूँ निकले आफ़्ताब आहिस्ता-आहिस्ता

With style 'n grace glowing face leaves home .
As the sun rises in the east ever so slowly. 



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