Monday 2 January 2023

एक चतुष्पदी की विभिन्न भाषाओं में रचना...Transcreation of a tetrad in various languages.. . रवि मौन

खेलै एक घास मैं टाबर अठै - उठीनैं। 
मा हाँसै कन्नै ई बैठी सै नै चीने।
मूनैं हैरानी हो री सै या समझाओ। 
काबा सोमनाथ मैं जाकै थे के पाओ? 
..... (मारवाड़ी/हिन्दी )..... 

खेल रह्यो सै छोरो एक घास मैं भाई। 
ऐं नैं देखै, बर-बर हँस री ऐं की माई। 
 काबा सोमनाथ जो जार्या सैं, जाणै दै। 
के करणू सै मन्नैं, उण नैं ई घबराणै दे।। 

..... (हरियाणवी/हिन्दी )..... 

तृणै खेलै एक टी बाच्चा ।
काछे मिष्टी मुखे मा हाशे। 
कैनू लोके काबा शोमनाथ जाय? 
आमि हैरान, माथाय ना आशे।। 
..... (बाङ्ग्ला).....

A child is playing on the grass. 
While mother smiles sitting nearby. 
Still people visit Kaaba, Somnath. 
I have always wondered, why? 

 खेड रिह्या एक निक्का मुण्डा घासे। 
मा हसदी - वगदी- रहंदी आसे-पासे।
दुनिया काबा सोमनाथ वी जांदी। 
मैंनूँ अचरज हुंदा, समझ न आंदी।। 

..... (पंजाबी)..... 


(Original qat'aa in Urdu by Akhtar Ansari) 

घास पर खेलता है एक बच्चा। 
पास माँ बैठी मुस्कराती है। 
मैं हूँ हैरान, किसलिए दुनिया, 
का'बा और सोमनाथ जाती है? 





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