Saturday 26 August 2023

HAFIIZ JALANDHARII... GHAZAL... DOSTI KA CHALAN RAHAA HI NAHIIN

दोस्ती का चलन रहा ही नहीं 
अब ज़माने की वो हवा ही नहीं 

Friendship is not in trend. 
World wind isn't this blend

सच तो ये है सनम-कदे वालो 
दिल ख़ुदा ने तुम्हें दिया ही नहीं 

Truth is O temple men ! 
Heart isn't in your blend

पलट आने से हो गया साबित 
नामा-बर तू वहाँ गया ही नहीं 

You are back, it proves. 

हाल ये है कि हम ग़रीबों का 
हाल तुम ने कभी सुना ही नहीं 

क्या चले ज़ोर दश्त-ए-वहशत का 
हम ने दामन कभी सिया ही नहीं 

ग़ैर भी एक दिन मरेंगे ज़रूर 
उन के हिस्से में क्या क़ज़ा ही नहीं 

उस की सूरत को देखता हूँ मैं 
मेरी सीरत वो देखता ही नहीं 

इश्क़ मेरा है शहर में मशहूर 
और तुम ने अभी सुना ही नहीं 

क़िस्सा-ए-क़ैस सुन के फ़रमाया 
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं 

वास्ता किस का दें 'हफ़ीज़' उन को 
उन बुतों का कोई ख़ुदा ही नहीं 


    

No comments:

Post a Comment