Sunday 21 November 2021

BASHIR BADR.10.... COUPLETS

मुख़ालफ़त से मिरी शख्सियत सँवरती है। मैं दुश्मनों का बड़ा एहतराम करता हूँ।

Contradictions dress up my esteem. 
I respect enemies beyond their dream.

 अगर फ़ुरसत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना ।
हर एक दरिया हज़ारों साल का अफ़साना लिखता है।

Read what's written on water if you have leisure. 
Each stream writes story of thousand year treasure.

मैं डर गया हूँ बहुत सायादार पेड़ों से। 
ज़रा सी धूप बिछा कर क़याम करता हूँ। 

I am afraid of the trees with shade.
To stay, bed of sunshine I've made.

लहज़ा कि जैसे सुब्ह की ख़ुशबू अज़ान दे
जी चाहता है मैं तिरी आवाज़ चूम लूँ ।

The tone was a fragrant morning prayer call.
My desire is to kiss your voice after all. 

मुझे ख़ुदा ने ग़ज़ल का दयार बख़्शा है
ये सल्तनत मैं मुहब्बत के नाम करता हूँ 

God has given me ghazal's plot
And this empire to love I allot. 

ये ज़र्द पत्तों की बारिश मिरा ज़वाल नहीं। 
मिरे बदन पे किसी दूसरे की शाल नहीं। 

This cascade of yellow leaves isn't my downfall. 
On my body there isn't another person's shawl. 

कोई फूल धूप की पत्तियों में हरे रिबन से बँधा हुआ। 
वो ग़ज़ल का लहजा नया नया न कहा हुआ न सुना हुआ। 

 A flower tied with sunlit leaves by a green ribbon. 
A brand new tone of ghazal, neither heard nor spoken. 

तुझे भूल जाने की कोशिशें कभी कामयाब न हो सकीं। 
तिरी याद शाख़-ए-गुलाब है जो हवा चली तो लचक गई। 

The attempts to forget you have always failed. 
Rose twig is your memory, swung as wind sailed. 

अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा। 
तुम्हें जिसने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो। 

There are many turns en route, some will come, some will go. 
One who forgot you from heart
You forget him well pray so.

बहुत अजीब है ये क़ुर्बतों की दूरी भी। 
वो मेरे पास रहा और मुझे कभी न मिला। 

This distance in togetherness is so strange to be. 
He had been with me, though I could never see. 

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