Thursday 11 November 2021

बिखरे विचार..... रवि मौन

Inside the bar, he is always a star.
And that's because he raises the bar....... 

 बलै कालजो याद माँ साँसां आवै सेक
भर्यो समन्दर आँख माँ ढुल्याँ न रीतै तेक

झरनों का संगीत मधुर जो सुनते अपने कान
राह पड़े रोड़ों का भी है इस में कुछ अवदान

बनें याद में बुत न इमारत क़ैद न हूँ पन्नों में 
मेरी लिए बहुत है इतना तुम न भुलाना साथी

चाहे मानो या न मानो सच्ची बात यही है
आशिक़ मैकश दीवाने का एक ठिकाना साथी

बात कभी जब काशी की चलती है तो लगता है
एक पुराना मंदिर है वाँ, एक पुराना साथी

यतो वेदवाचो विकुण्ठा मनोभिः 
सदा नेति नेतीति यत्ता गृणन्ति ।
परब्रह्मरूपं चिदानन्दभूतं 
सदा तं गणेशं नमामो भजामः ।।

जिन का वर्णन करते वेदवाणि कुण्ठित है, 
नेति-नेति कहती है, मन की पहुँच नहीं है । 
देते हैं आनन्द सदा, परब्रह्म रूप हैं, 
करें सदा ही भजन नमन हम उचित यही है।। 

मैं अज़ल से कर रहा हूँ इंतज़ार
तुम ही ये सोचो मुझे है कितना प्यार 

कुछ भी तो नया नहीं लगता
शिशु का वो भोला सा मुखड़ा 
वो आँखें सोई सोई सी
उल्लासित हैं सब के चेहरे
माँ लगती खोई खोई सी
कुछ भी तो नया नहीं लगता 
मैं समझा था इक क्रान्ति हुई
लगता है मुझ को भ्रान्ति हुई


बूँद नहीं बारिश की कोई यह विज्ञान सिखाता
मोती बनता वही सीप में जो कण तन में रड़के

दीद की भीख तक नहीं देते
हुस्न वाले ग़रीब होते हैं 

 They don't spare in alms even a look. 
Beautiful dames are so rich, I mistook. 

अनगढ़  हीरे की तरह उस ने दिया पठाय
जितना इसे तराशिए उतना चमकत जाय
..... रवि मौन..... 

शादी का माहौल था घर में था उत्साह 
मुझे याद आ रहा हुआ था जब पुष्पा का ब्याह
मुझे नहीं विश्वास हो गए पूरे साल पचास 
जीजाजी की उम्र ही नहीं लगती अभी पचास 

लाम्बा जीजाजी म्हारा ठिगणी है जीजी
इनकी कद काठी देखी जीजी पसीजी

घर मैं हलचल है भारी, जम कै बैठी हैं सारी 
बेटा-बेटी अर बहुआँ, कोई गोरी कोई गेहुँआ

बेटाँ नै काम सिखायो, बेटियाँ नैं बिदा करायो
आछा आछा घर खोज्या, सब का पो-बारह होगा 

ऐसा मौका पै आया, टाबर भी यूँ शरमाया
वो ब्या तो देख्यो कोन्या, जी ईंनैं देख भर्यो ना

फिर सैं वा रात मनैगी, तब जा कै बात बणैगी
देखाँ जब आवैं बाहर, कैयाँ र्हैं नारी अर नर

 नव शिशु क्रंदन, हर दुःख भंजन, है अभिनंदन भाई।
शिशु की हर क्रीड़ा, हरती पीड़ा, लगती है सुखदाई।...... रवि मौन ।

एक बच्चे की मुस्कराहट पर।
 कुछ भी कर दें निसार, वो कम है। 

अनगढ़ हीरे की तरह उस ने दिया पठाय
जितना इसे तराशिए उतना चमकत जाय
..... रवि मौन..... 

 नव शिशु क्रंदन, हर दुःख भंजन, है अभिनंदन भाई।
शिशु की हर क्रीड़ा, हरती पीड़ा, लगती है सुखदाई।...... रवि मौन ।

एक बच्चे की मुस्कराहट पर।
 कुछ भी कर दें निसार, वो कम है। 

हर इंसाँ के माज़ी में कुछ तस्वीरें हैं। 
क्या पाओगे ये तो सोचो उरियाँ कर के। 

भाग्य सोच ले कब तक मेरे पीछे होगा तू कभी हार थक जाएगा और छोड़ ही देगा तू। 

मश्क करना भी तो लाज़िम है हर इक फ़न के लिए। 
सिर्फ़ तक़दीर से मुमकिन नहीं अच्छा होना। 

दोस्तों को भी हर इक बात न दिल की कहिये। 
सह सकेंगे क्या किसी राज़ का उरियाँ होना ? 

ग़ैर को पाती लिखूँ ये भी कोई बात हुई। 
अभी तो अपने मिरे ख़त के इंतज़ार में हैं। 

वक़्त गुज़रता, यादें ले किन रह जाती हैं। 
कितनी सारी बातें हमसे कह जाती हैं। 
साथ-साथ जो वक़्त गुज़ारा हम ने प्यारा
उसी समय का दिखलाती हैं हमें नज़ारा। 

शाश्वत सत्य यही है, जो भी आता है सो जाता। 
लेकिन बच्चों से तो माता का विचित्र है नाता। 
वह कमरा सूना सूना है, लगता ख़ाली ख़ाली। 
बैठे घूर रहे हैं उसको मैं, मेरी घरवाली ।
स्नेह मिला है इतना तुम से, शब्द पड़ रहे कम हैं ।
लें प्रणाम परिजन का माते, आँखें सब की नम हैं ।

What parts your heart and soul, then rolls down the cheek is tear. 
Copious fluid shed on the departure of a treacherous one or dear is tear. 

Biyer dine dibo kee Maan aashirbaad tor. 
Shaajan ke bhoolish na jaano eyee khaner por. 
Maa, baaba ar deedi, daada shetaau paribaar. 
Nutun baarhir bohu hoyecho, shei tomaar shanshaar. 

हे प्रभु ये क्या  है तेरे संसार का ? 
क्यों लिखी उनसे जुदाई जिनके दिल में प्यार था ? 
गर मैं इस लायक नहीं थी साथ रह सकती सदा। 
तो मुझे पैदा किया क्यों माँ ज़रा ये तो बता ? 

सालगिरह राजा बेटे की बहू लाड़ली मेरी। सदा चूड़ियाँ खनकें रहे माँग सिंदूरी तेरी। 
प्यार रहे आपस में यूँही ऋतु आयें ऋतु जाएँ ।
इक नन्हा सा बालक तेरा घर आँगन महकाए। 
बाबा कह कर प्यारा सा शिशु सीने से लग जाए। 
पास खड़ी दादी मुस्काते अपने पास बुलाए। 
नन्हें राजा! आजा, तेरे साथ साथ मैं खेलूँ।
तेरी सभी बलाएँ बेटा अपने सर पर लेलूँ। 

When ever in your mind, some thoughts grow. 
Record these, later it may not be so. 

छलक पड़े हैं आँसू जब भी भर आई हैं आँखें।
कभी ख़ुशी ने और कभी ग़म ने भी साथ दिया। 

राखी के दिन आ गई फिर से भाभी याद। 
नश्वर है संसार यह जितना हो आबाद। 
स्नेह मिला था जो हमें उन हाथों भरपूर। विधना क्यों छीना उन्हें होकर इतना क्रूर। 

दूरभाष पर मन की गाँठें खोल चुके हो बच्चो। 
अब तन की भी ओर ध्यान दो हृदय पटल के सच्चो। 
कब इनकी बगिया में प्यारे प्यारे सुमन खिलेंगे। 
दोनों व्यक्ति हिसाबी हैं यह निर्णय स्वयं करेंगे ।

First cry of a newborn is simply a boon. 
Sends heart of listener over the moon. 
When the twins cry, it's doubled pleasure. 
These moments are just there to treasure. 

नाज़ुक सा, नन्हा सा शिशु जब इस दुनिया में आए। 
रोने पर भी वो सुनने वालों का मन हर्षाए। रहा पेट में जब से माँ की धड़कन ख़ूब सुनी है। 
इसीलिए माँ के सीने से लग कर चुप हो जाए। 

नमन करूँ गिरिजा तनय गौरी पुत्र गणेश। करें कृपा इस काव्य पर दें आशीश विशेष। 
गुरुजन औ' माता-पिता जिनसे सीखी वाणि। 
चरण छुऊँ माँ सरस्वति रखें शीश पर पाणि।।। 

हमने तिरी दुनिया में बड़ा काम कर लिया। यूँ मुफ़्त अपने आप को बदनाम कर लिया। 

कुछ दोस्तों के साथ कटी ऐसे ज़िन्दगी। 
थोड़ा सा काम और बहुत आराम कर लिया। 

कुछ लोग साथ वक़्त के बहते चले गए। 
कुछ सोच नई लाए अपना नाम कर लिया। 

उनकी कहो जिन्हें नहीं रोटी हुई नसीब। 
और हुक़्मरान-ए-वक़्त ने बदनाम कर दिया। 

कल रात ही तो जश्न में शामिल थे हम सभी। 
जब सुब्ह ने अंगड़ाई ली सुनसान कर दिया। 

उड़ते हुए पंछी किसे अच्छे नहीं लगते। 
सैयाद ने इनको भी तह-ए-दाम कर लिया। 

जो भूल गए काश उन्हें हम भी भूलते। 
क्यूँ 'मौन' हो के किस्सा ही तमाम कर दिया। 

अंकित मानस पटल पर वो मनभावन शाम। 
लिख रखा मैंने जिसे भाभी तेरे नाम। 
परसा जिसको प्यार से भाभी ने निज हाथ। 
उस भोजन की याद मैं ले आया हूँ साथ। 

कोमल इसके हाथ पाँव हैं कोमल इसके बाल। 
सुंदर इसकी उँगलियाँ तलवे इसके लाल। 
मुस्काते हौले से जब तो मन को बहुत लुभाय। 
उन्नत इसकी नासिका उन्नत इसका भाल।

दिल भरा है हमारा खुशियों से आज तो हरि की मेहरबानी है।
दो दो बच्चों को दिया गोदी में ख़ूबसूरत सी ये कहानी है। 

इसको गोदी में लूँ कि उसको लूँ
बात कब ये समझ में आनी है। 

ये भी प्यारा है वो भी प्यारी है
इस तरफ़ दादी उधर नानी है। 

Who doesn't know that man is born and stays a sucker. 
Who knows not about milk'n who suckles with love, mother. 
That man 'll drink' n drown his griefs, as 'n when they appear. 
That is why the mammary pores are kept open by the mother. 

दिल धड़कना छोड़ देगा हमनवा। 
आप भी गर ग़ैर होकर रह गए। 
ज़ीस्त का दामन नहीं इतना वसीअ। 
कहिए यूँ क्यूँ' मौन' होकर रह गए। 

सेहरा ने सेहर डाल दिया आज दुल्हन पर। हाँ कह ही दिया चेहरे पे डाली नहीं नज़र ।
शाकी नहीं हूँ साक़ी के दामन की ख़ैर हो सब पी रहे हैं कुछ तो मुझे भी मिले अगर 
सहर तक फूल मुरझाएँगे जो हैं सेज पर बिखरे। 
करेंगे गुफ़्तगू हीआज भी क्या आप यूँ शब भर ।

ज़ीस्त तेरे साथ गुज़रे था न मेरे बख़्त में। 
ग़ैर का हो जाऊँ मैं ये तो नहीं कर पाऊँगा। 
मेरे मालिक उसको देना मेरे हिस्से की ख़ुशी।
 यह हुआ तो अक्स उसके नूर का पा जाऊँगा। 
ज़िन्दगी कोई गिला तुझसे नहीं होता है ये। 
रफ़्ता रफ़्ता मैं भी तेरी रौ में बहता जाऊँगा। 

पितु ने भी तो हाथ उठाया पति सम निकला दुष्ट। 
सारे मर्द एक से होते कथन हो गया पुष्ट। 
बहुत देर तक हिचकी लेकर बिटिया रोई रात। 
बंद हुए जब झटके माता पिता हुए संतुष्ट। 
झटके यदि चलते रहते तो विपदा आती भारी। 
इन्हें रोकना आवश्यक था यह ही थी लाचारी। 
मूत्राशय अंतड़ियाँ बाहर आने को हो जाती। 
यह कैसे होने देते हम समझो बिटिया प्यारी। ने भी तो हाथ उठाया पति सम निकला दुष्ट। 
सारे मर्द एक से होते कथन हो गया पुष्ट। 
बहुत देर तक हिचकी लेकर बिटिया रोई रात। 
बंद हुए जब झटके माता पिता हुए संतुष्ट। 
झटके यदि चलते रहते तो विपदा आती भारी। 
इन्हें रोकना आवश्यक था यह ही थी लाचारी। 
मूत्राशय अंतड़ियाँ बाहर आने को हो जाती। 
यह कैसे होने देते हम समझो बिटिया प्यारी। 

उतनी ही प्रिय अब लगती हो जितनी पहली रात। 
हे सर्वांग सुंदरी हे मेरे बच्चों की मात। 
शब्द कहाँ से लाऊँ जो तेरे गुण करें बखान। 
चयन रात भर करते-करते हो जाए परभात। 

सावण मैं सारी भौजाई। 
लागैं सैं सासू की जाई।

Shabai gurujon ke boli, aami O bhat khabo. 
Shudhu dudhu koto bolun aami aar chalaabo. 
Dadu Thakur Ma ke boli Toole kole dulao. 
Eika Eika 1 keinun aamaaye bhaat khaavao. 
Maayer doodh to khachchi ee majhe majhe eoo khabo. 
Bhaater oopure lobh uthe che aaj keyee she khaabo. 

Pudhaano pokaa chhilo raatrer shabhaaye sriti chinho. 
Shakaal parjonto tumi chhaadhle naa oke he shameer.

Jaar buke aagun jole, sheyi boojate paare. 
Arthoheen, bemaani laage she chharha shonshaar. 

Ghoorte thakuk dhamaniye, aami aashwasto naanyi. 
Chok diye naa jhorle, aami rokto bolibo naanyi. 

Jotodoor parjonto morubhoomi daikha jaay.
Aamaar mutuni ee sheoo eklaayi dekhaay. 

Aito rege cholchish kainun he baataash. 
Shesher paataa to nije yi podte chai che. 


Shubhra Tewari.. Duarte, California  0016263580247.


Copied from Dr. C. K. Chatter Ji's chamber....... 

Why worry ? 
There are only two things to worry about. 
Either you are well or you are sick. 
If you are well there is nothing to worry about. 
If you are sick either you will get well or you will die.
 If you get well, there's nothing to worry about. 
If you die there are only two things to worry about. 
Either you go heaven or hell
If you go to heaven, there's nothing to worry about. 
If you go to hell, you will be so busy shaking hands with old friends, you won't have time to worry. 
So why worry ? 

मोहित पर मोहित हुई पूजा सी सुकुमारि। 
मन ही मन पूजा करे मोहित छवि निहारि।
हे प्रभु इनका भी रहे जीवन भर का साथ। रखें कृपा इन पर सदा हरि ब्रह्मा त्रिपुरारि।

रौनक़ ने की कामना रहूँ कामना संग। 
ये कन्या सुंदर लगी लागूँ इसके अंग। 
मम्मी सी लागे अगर बीस बरस के बाद। 
तो मैं मानूँगा इसे श्रीहरि का प्रसाद। 

रेखा संग महेन्द्र के बीते पच्चिस साल। 
जीवन रेखा बन गई भैया की तत्काल। 
जीवन में सुख दुःख हैं हर प्राणी के साथ। काटे जिनने प्रेम से उन्नत उनके भाल। 

था गणतंत्र दिवस पर घर में शादी का उत्साह।
 साक्षी अग्निदेव की भैया भाभी का था ब्याह। 
मुझे नहीं विश्वास हुए शादी को साल पचीस। 
भाभी की तो उम्र अभी लगती है केवल बीस। 

काम बहुत मुश्किल है सारे रिश्तों को ख़ुश रखना। 
अंधियारा तो रूठेगा ही जब चिराग़ जलता है। 

आता है अभिमान जब हमें लगता हम करते हैं। 
मिलता है सम्मान लगे जब जग को हम करते हैं। 

भक्ति नहीं धन देती पर रखती है हृदय प्रसन्न। 
नर्क निराशा, स्वर्ग है जब हो हृदय प्रसन्न। 

जोश-ए-बहार दामन-ए-गुल चाक कर गया। 
इल्ज़ाम साथ रहने से काँटों के सर गया। 

दोस्त बिन मांगे सलाह दें उनकी ये फ़ितरत नहीं। 
दुश्मनों से लूँ नसीहत ये मेरी आदत नहीं। 
धूल उछले गर युंही इसमें कोई इज़्ज़त नहीं। 
नई पीढ़ी दूर सच से जाय तो इबरत नहीं। 

मधुर कभी झरनों से ना संगीत सुनाई देता
जल के रस्ते में न कहीं गर पत्थर होते प्यारे। 

मेरी आस ही है वो जाम जिस में शराब मेरी ही चाह है
मेरा सूनापन वो नशा है जिस की न प्यास  बुझती न चाह है

कोई करे प्रशंसा या निंदा, इच्छा है उन की
वे विचार प्रिय हैं कहते जो विपदा इनकी, उनकी। 

पक्षी गण ज्यों आन वृक्ष पर सोते, होते रात
दशों दिशाओं में उड़ जाते, जब होता परभात। 

मिलन बिछोह युँही होते मत होना मित्र अधीर
जन्म मृत्यु विधि का लिखा, इनसे कैसी पीर? 

 बलि, कृपाचार्य, अश्वत्थामा, परशुराम औ'व्यास। 
 हनुमान जी, सात अमर हैं सदा करेंगे वास।। 

ख़ूबी दिखेगी उस को जो तराशता है
ख़ामी मिलेगी उस को जो तलाशता है 

याद भी पास से गुज़रे तो मो'अत्तर हो जाए
कैसे बतलाऊँ कि किस शख़्स का ये चेहरा है













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