Wednesday 2 March 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 COUPLETS...

 आरज़ू है कि तू यहाँ आए।
और फिर उम्र भर नजाए कहीं। 
............ नासिर काज़मी...........

"You come here", it is my desire.
"Then don't leave for life, entire."

उसको भी याद करने की फ़ुरसत न थी मुझे। 
मसरूफ़ था मैं कुछ भी न करने के बावजूद।.... ज़फ़र इक़बाल...... 

She had no spare time to remember me. 
Doing nothing, I was also
 very busy. 

छोड़ने मैं नहीं जाता उसे दरवाज़े तक। 
लौट आता हूँ कि अब कौन उसे जाता देखे।....... शहज़ाद अहमद........... 

I do not come along to leave him up to door. 
Returning, who 'll see him leaving once more. 

छुप गए वो साज़-ए-हस्ती छोड़ कर। 
अब तो बस आवाज़ ही आवाज़ है। 
..... असरार-उल-हक़ मजाज़....... 

He left music of life, hid out of bound. 
What has remained, is only the sound. 

सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें। 
आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत।............ बशीर बद्र............. 

Fill in seven boxes and bury deep, the hate. 
Today, love is requirement of man, his state. 


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