Wednesday 27 April 2022

BASHIR BADR.. GHAZAL.. SANNAATA KYA CHUPKE CHUPKE KAHTAA HAI...

सन्नाटा क्या चुपके चुपके कहता है ?
सारी दुनिया किस का रैन बसेरा है ?

Silently, what silence spies ?
At night, where rest of world lies ?

आसमान के दोनों कोनों के आख़िर। 
एक सितारा तेरा है इक मेरा है। 

One star is mine, one yours. 
On two ends of the skies. 

आहिस्ता, आहिस्ता दिल पर दस्तक दो।
धीर-धीरे ये दरवाज़ा खुलता है।

Gently knock on the heart. 
Slowly this door openly shies. 

सूरज के घर से उसके घर तक जाना। 
कितना सीधा सादा धूप का रस्ता है। 

From home of sun to hers. 
Straight sunlight path lies.

सारी रात लिहाफ़ों में रोई आँखें। 
सब कहते थे रिश्ता-नाता झूठा है।

All night, within covers wept eyes.
People said, all relations are lies. 

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