Monday 27 July 2020

BASHIR BADR.. GHAZAL.. TALWAR SE KAATA HAI..

तलवार से काटा है फूलों भरी डाली को।
दुनिया ने नहीं चाहा हम चाहने वालों को। 
Chopped with a sword, twigs,, flowers 'n all.
Those who loved, weren't loved at all.
मैं आग था, फूलोँ में तब्दील हुआ कैसे? 
बच्चों की तरह चूमा उसने मेरे गालों को। 
From fire, how did I turn into flower? 
She kissed my cheeks as of a baby, so small.
अख़लाक़, वफ़ा, चाहत सब क़ीमती कपड़े हैं। 
हर रोज़ न पहना कर इन रेशमी शालों को। 
Manners, loyalty, desire are costly clothes. 
Not for daily wear, is a silken shawl . 
बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है। 
उड़ने दे हवाओं में बिखरे हुए बालों को। 
This rainy weather is there to make waves. 
Let the wind play with your hair after all. 
चिड़ियों के लिए चावल, पौधों के लिए पानी।
 थोड़ी सी मुहब्बत दे हम चाहनेवालों को।
Rice for sparrows and water for plants. 
Only a little love is the lover's call. 
अब राख बटोरेंगे अल्फ़ाज़ के सौदागर। 
मैं आग में रख दूँगा नायाब रसालों को। 
Merchants of words can gather the ashes. 
I'll set on fire rare books, that's all. 
मौला मुझे पानी दे, मैंने नहीं माँगा था। 
चाँदी की सुराही को, सोने के पियालों को।
I didn't want silver goblet, golden cups. 
O God! I wanted only water, that's all. 

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