Wednesday 19 August 2020

BASHIR BADR.. GHAZAL.. UDASI KA YE PATTHAR....

उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम नहीं होता।
हज़ारों जुगनुओं से भी अंधेरा कम नहीं होता। 
It's a stone of sadness, won't get wet with tear. 
Even  thousand glow worms can't make darkness disappear.
कभी बरसात में शादाब बेलें सूख जाती हैं। 
हरे पेड़ों के गिरने का कोई मौसम नहीं होता ।
At times even in rains, healthy climbers  dry up. 
For green trees to fall, no weather is clear. 
बहुत से लोग दिल को इस तरह महफ़ूज़ रखते हैं।
कोई बारिश हो ये काग़ज़ ज़रा भी नम नहीं होता।
Many people keep heart with so much care.
No rain can moisten that paper my dear.
बिछड़ते वक़्त कोई बदगुमानी, दिल में आ जाती। 
उसे भी ग़म नहीं होता, मुझे भी ग़म नहीं होता।
If with misunderstanding, we had parted O pal. 
Neither you would feel bad, nor I, O dear.
ये आँसू हैं, इन्हें फूलों में शबनम की तरह रखना। 
ग़ज़ल अहसास है, अहसास का मातम नहीं होता। 
Keep these tears, like dew drops on flowers. 
Ghazal is a feeling, from sadness keep it clear. 

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