Saturday 17 June 2023

AHMAD FARAZ.. GHAZAL.. JO GHAIR THE VOH ISII BAAT PAR HAMAARE HUE...

जो ग़ैर थे वो इसी बात पर हमारे हुए
कि हम से दोस्त बहुत बे-ख़बर हमारे हुए

Rivals have become  my own this way. 
That friends like me are known this way. 

किसे ख़बर वो मोहब्बत थी या रक़ाबत थी
बहुत से लोग तुझे देख कर हमारे हुए

Who knows whether it was enmity or love? 
For you, many became my own this way. 

अब इक हुजूम-ए-शिकस्ता-दिलाँ है साथ अपने
जिन्हें कोई न मिला हम-सफ़र हमारे हुए

A group of broken hearts is now with me. 
Who got none, joined their own this way. 

किसी ने ग़म तो किसी ने मिज़ाज-ए-ग़म बख़्शा
सब अपनी अपनी जगह चारागर हमारे हुए

Some gave me pain, others painful mood. 
People were healers on their own this way. 

बुझा के ताक़ की शमएँ न देख तारों को
इसी जुनूँ में तो बर्बाद घर हमारे हुए

Don't look at stars, puffing lamps high up. 
Frenzy ruined home of my own this way 

वो ए'तिमाद कहाँ से 'फ़राज़' लाएँगे
किसी को छोड़ के वो अब अगर हमारे हुए

Where from will the trust come O' Faraz'? 
Leaving rival, if she is now my own this way. 


Transcreated by Ravi Maun 

Hindi Kavita: केदारनाथ सिंह की कविता 'ठंड से नहीं मरते शब्द, वे मर जाते हैं साहस की कमी से'
Kavita
ठंड से नहीं मरते शब्द
वे मर जाते हैं साहस की कमी से
कई बार मौसम की नमी से
मर जाते हैं शब्द

मुझे एक बार एक ख़ूब लाल
पक्षी जैसा शब्द
मिल गया था गाँव के कछार में
मैं उसे ले आया घर
पर ज्यों...और पढ़ें
24 MINUTES AGO
Anjum Rehbar Ghazal: अंजुम रहबर की ग़ज़ल 'जिन के आँगन में अमीरी का शजर लगता है'
 काव्य डेस्क
Urdu Adab
जिन के आँगन में अमीरी का शजर लगता है
उन का हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है

चाँद तारे मिरे क़दमों में बिछे जाते हैं
ये बुज़ुर्गों की दुआओं का असर लगता है

माँ मुझे देख के नाराज़ न हो जाए कहीं
सर पे आँचल न...और पढ़ें
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