Monday 2 May 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

दानिस्ता हम ने अपने सभी ग़म छुपा लिए।
पूछा किसी ने हाल तो बस मुस्कुरा दिए। 
..... आफ़ाक़ सिद्दीक़ी.....

Willingly I concealed all my pain. 
When asked about state, smiled in vain.

भुलाना हमारा मुबारक मुबारक। 
मगर शर्त ये है न याद आइएगा।
..... जिगर मुरादाबादी.....

Blessed is your forgetting me. 
Term is, don't come to memory

चिराग़, चाँद, शफ़क़, शाम, फूल, झील, सबा।
चुराईं सब ने ही कुछ कुछ शबाहतें तेरी। 
..... अंजुम इरफ़ानी.....

Lamp, moon, twilight, eve', flower, lake 'n breeze. 
Your lookalikeness was a little stolen by all these. 

रंग बदला हुआ है फूलों का। 
तुम यक़ीनन उदास गुज़रे थे। 
..... मोहम्मद मुस्तहसन जामी..... 

In the colour of flowers, there's a change. 
Surely you were sad, passing this range. 

सर पे अहसान रहा बे-सर-ओ-सामानी का
ख़ार-ए-सहरा से न उलझा कभी दामन अपना।..... ज़हीर देहलवी..... 

I was favoured by without bag'n baggage on head. 
My hem wasn't entangled in the desert thorn-bed. 






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