Monday 17 October 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 + 15 COUPLETS

आप ने तस्वीर भेजी मैं ने देखी ग़ौर से 
हर अदा अच्छी ख़मोशी की अदा अच्छी नहीं..... जलील मानिकपुरी..... 

You sent your portrait, I saw it with care. 
All styles are good, but silence isn't fair. 

उस की आँखों को ग़ौर से देखो 
मंदिरों में चराग़ जलते हैं 
..... बशीर बद्र..... 

Look at her eyes, with care. 
Temple lamps are alit there. 

कोई भूला हुआ चेहरा नज़र आए शायद 
आईना ग़ौर से तू ने कभी देखा ही नहीं 
..... शकेब जलाली..... 

May be a forgotten face, somewhere you can trace. 
You never saw with care, 
mirrors are not to stare. 

क्या ग़ौर से ऐ जान-ए-जहाँ देख रहे हो
तुम सा कोई आईने के अंदर तो नहीं है 
..... क़वी अमरोहवी..... 

O love ! What's it that you are looking with care? 
Is someone like you, inside 
the mirror there? 

देखा है किस निगाह से तूने भी सितम-ज़रीफ़
महसूस हो रहा है मैं ग़र्क-ए-शराब हूँ 
..... अब्दुल हमीद अदम..... 

O tyrant! What a look is cast 
by you? 
It looks that I am drowned in wine too. 

रुलाएगी मिरी याद उन को मुद्दतों साहब 
करेंगे बज़्म में महसूस जब कमी मेरी 
..... ज़ौक़..... 

My memory will make her cry, for long on the sly. 
In gathering, she will feel, my absence above appeal. 

सामने माँ के जो होता हूँ तो अल्लाह अल्लाह 
मुझ को महसूस ये होता है कि बच्चा हूँ अभी 
..... महफ़ूज़ उर रहमान आदिल.....

O God !  When with the mother, I confront. 
I am but a kid, the feeling comes upfront 

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ 
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया..... साहिर लुधियानवी..... 

Where there is no difference between pleasure 'n pain. 
I have brought my heart there over and again. 

अपने अतवार में कितना बड़ा शातिर होगा
ज़िन्दगी तुझ से कभी जिसने शिकायत नहीं की..... ज़फ़र गोरखपुरी..... 

How smart he must be, in his style? 
O life, no regret about you in a while. 

मैं बिस्तर-ए-ख़याल पे लेटा हूँ उस के पास 
सुब्ह-ए-अज़ल से कोई तक़ाज़ा किए बग़ैर..... जौन एलिया..... 

I am asleep with her on a bed of thought form. 
From eternal morn',nothing to expect is norm. 

मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद 
उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई 
..... मजाज़ लखनवी..... 

My desire is, she should raise her veil. 
While she waits for a request 
to sail. 

किस की है ये तस्वीर जो बनती नहीं मुझ से 
मैं किस का तक़ाज़ा हूँ कि पूरा नहीं होता 
..... फ़रहत अहसास..... 

Whose is this sketch that I can't exactly etch. 
What one expects from me,
 not up to stretch. 

अतवार उस के देख के आता नहीं यक़ीं 
इंसाँ सुना गया है कि आफ़ाक़ में रहा 
..... एजाज़ गुल..... 

Looking at his means, it's hard to believe. 
From very hard times, he had to retrieve.

इश्क़ को हुस्न के अतवार से क्या निस्बत है 
वो हमें भूल गए हम तो उन्हें याद करें 
..... अबु मोहम्मद सहर..... 

What's love to do with the status of beauty? 
She forgot me but remembering her is a duty. 

काम आई कोहकन की मशक़्क़त न इश्क़ में 
पत्थर से जू-ए-शीर के लाने ने क्या किया
..... सौदा..... 

Stone cutter's hard work, in love did not work. 
Through stones a stream, did
 it fulfill his dream? 

अपने होने का कुछ एहसास न होने से हुआ 
ख़ुद से मिलना मिरा इक शख़्स के खोने से हुआ..... मुसव्विर सब्ज़वारी..... 

Feeling myself was on being undone
I met myself after losing some one,

वो अक्स बन के मिरी चश्म-ए-तर में रहता है
अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है 
..... बिस्मिल साबरी.....

He lives as a shadow, in 
my own wet eyes.
He lives in waterhouse,
 strange not lies.

ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने 
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला..... बशीर बद्र..... 

From this vast universe of great Lord ! 
I asked for a person, He did
not reward. 






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