Friday 23 December 2022

श्रीगणेश स्तुति एवम् हिन्दी रूपांतरण

वेदवाणि कुण्ठित जिन के प्रति, मन की पहुँच नहीं है। 
नेति - नेति कह कह कर  जिनकी स्तुति वेदों ने की है।
जो परब्रह्म, सच्चिदानंद स्वरूप कहे जाते हैं। 
उन्हीं गणेश, गुणेश के भजन नमन किए गाते हैं।

रूपांतरण.. रवि मौन

मूल श्लोक....

यतो वेदवाचो विकुण्ठा मनोभिः
सदा नेति नेतीति यत्ता गृणन्ति। 
परब्रह्मरूपं चिदानन्दभूतं
सदा तं गणेशं नमामो भजामः।। 

(श्रीगणेशपुराण ,उपासनाखण्ड 91/52)

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