Thursday 15 December 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +18 COUPLETS

इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा 
मैं नहीं तो कोई तुझ को दूसरा मिल जाएगा..... अदीम हाशमी..... 

When a toy will break, a new one 'll be found.
 If not me, for you someone else' ll be around. 

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है 
मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है..... निदा फ़ाज़ली.....
 
It's a magical toy, called world in vain. 
It's a golden loss and an earthen gain. 

इक खिलौना जोगी से खो गया था बचपन में 
ढूँढता फिरा उस को वो नगर नगर तन्हा 
..... जावेद अख्तर..... 

In childhood, a hermit had lost a toy. 
Roamed alone in cities searching the toy. 

यहाँ हर शख़्स हर पल हादसा होने से डरता है 
खिलौना है जो मिट्टी का फ़ना होने से डरता है..... राजेश रेड्डी.....

Everyone, every time here,
 lives in a mishap fear. 
The toy that's made of earth,
 is afraid getting back to earth. 

रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है 
सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है 
..... जलील आली..... 

By thinking alone, ways to success don't give a call
With frenzy in head, there's
 a door through the wall. 

तुम ज़माने की राह से आए 
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का 
..... बाक़ी सिद्दीक़ी..... 

You have followed the world route. 
Straight was way to the heart
O cute! 

कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन 
फिर इस के ब'अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर..... निदा फ़ाज़ली..... 

Make attempts, choose a way have hope O mate! 
It's only after all these,  you may search for fate. 

दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले 
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले..... कैफ़ भोपाली..... 

The world gave me wounds and scars too. 
These gifts I received by befriending you. 

दिल के फफूले जल उठे सीने के दाग़ से 
इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से 
..... महताब राय ताबाँ..... 

Scars of chest ignited blisters of the heart. 
Home lamp set to flames home on it's part. 

जुदा किसी से किसी का ग़रज़ हबीब न हो 
ये दाग़ वो है कि दुश्मन को भी नसीब न हो..... नज़ीर अकबराबादी..... 

Let none should depart with his  friend. 
Such a scar, let not fate even 
to foe, send. 

दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ 
बाज़ार से गुज़रा हूँ ख़रीदार नहीं हूँ 
..... अकबर इलाहाबादी..... 

I am in the world, but with 
no desire. 
I pass market, with nothing
 to acquire. 

हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा'द ये मा'लूम 
कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी 
..... अहमद फ़राज़..... 

I came to know after parting with you. 
You weren't alone, world was with you. 

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ 
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ..... ख्वाजा मीर दर्द..... 

Travel the whole world ground, O unconscious! Life won't be around. 
Even if this life remained, how can the youth be regained? 


कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है 
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है 
..... गुलज़ार..... 

It looks like a silent wound. 
Life is a poem, so well tuned. 

तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं 
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं 
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़..... 

When healing in wounds of your memory starts. 
On some excuse I  remember, 'n then it smarts. 

मिरा ज़मीर बहुत है मुझे सज़ा के लिए 
तू दोस्त है तो नसीहत न कर ख़ुदा के लिए..... शाज़ तमकनत..... 

My conscience is enough to extract the prize. 
For God's sake ! As a friend, don't  advise. 

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे 
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों..... बशीर बद्र..... 

Bear enmity to the core, but keep it in store. 
When we become friends, no shame descends. 

इस से पहले कि बे-वफ़ा हो जाएँ 
क्यूँ न ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएँ 
..... अहमद फ़राज़..... 

Ere being faithless, takes us apart. 
Why don't as friends, do we 
depart? 

ये कैफ़ियत है मेरी जान अब तुझे खो कर 
कि हम ने ख़ुद को भी पाया नहीं बहुत दिन से..... अज़हर इक़बाल..... 

Losing you O lovely mate!
 Now this is the state. 
For the self to be found, since days gained no ground. 

कहाँ क़रार है कहने को दिल क़रार में है 
जो थी ख़िज़ाँ में वही कैफ़ियत बहार में है 
..... बिस्मिल अज़ीमाबादी..... 

Where's peace to be found? Heart is said to have it around. 
I am in the same state, whether it's autumn or spring O mate! 

मिसाल-ए-शम्अ जला हूँ धुआँ सा बिखरा हूँ 
मैं इंतिज़ार की हर कैफ़ियत से गुज़रा हूँ 
..... फ़ाज़िल जमीली....

i have burnt like a flame, got scattered in smoke's name. 
I have passed through each state, of various ways to wait. 

कैफ़ियत महफ़िल-ए-ख़ूबां की न हम से पूछो
उस को देखूँ न तो फिर क्या मुझे दिखलाई दे.... जुरअत क़लंदर बख़्श.... 

The assembly of beauties state. Don't ask about it mate! 
When I see her O dear! What else can I see so clear? 











अपने होने का कुछ एहसास न होने से हुआ 
ख़ुद से मिलना मिरा इक शख़्स के खोने से हुआ..... मुसव्विर सब्ज़वारी..... 

ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता 
एक ही शख़्स था जहान में क्या 
..... जौन एलिया..... 

ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने 
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला.... बशीर बद्र..... 




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