Tuesday 27 December 2022

PARVEEN SHAKIR.. IMAGE COUPLETS

फिर भी न मेरा क़ाफ़िला लुटने से बच सका
मैंने ख़बर तो रक्खी थी एक एक घाट की

My caravan couldn't be saved from plunder here, .
 Though I had kept track of each and every tier. 

मस'अला जब भी चिरागों का उठा
फ़ैसला सिर्फ़ हवा करती है 

Whenever there's a problem with lamps.
 Only wind imparts judicial stamps. 

मौसम का अज़ाब चल रहा है
बारिश में गुलाब जल रहा है 

Calamities of weather are on move. 
Burning of rose in rains can prove. 

जिस पर दिल सारे अहद भूल गया 
भूलने का सवाल था क्या था 

For whom heart forgot every promise. 
Was worth forgetting or kept on trellis? 

पलट कर फिर यहीं आ जाएँगे हम
वो देखें तो हमें आज़ाद कर के

I 'll get back at same stage. 
Let him set me out of cage. 

ख़ुद अपने से मिलने का तो यारा न था मुझ में 
मैं भीड़ में गुम हो गई तन्हाई के डर से

Friendship with self I couldn't atone. 
So got into crowd, afraid of being alone. 

कभी अर्श पर कभी फ़र्श पर
 कभी  इन का डर कभी दर-बदर
ग़म-ए-आशिक़ी तिरा शुक्रिया 
हम कहाँ कहाँ से गुज़र गए

At times on sky, at times on
 the floor
afraid of him, moving from door to door. 
Thanks to you pain of love once again 
O I'm on the way, just come 
what may. 

क़ैद में गुज़रेगी जो उम्र बड़े काम की थी
पर मैं क्या करती कि ज़ंजीर तिरे नाम की थी

Behind bars what 'd be spent, was an age very well meant. 
What could I do in the game? Chains had borne your name. 

बदल देना है रस्ता या कहीं पर बैठ जाना है
कि थकता जा रहा है हम-सफ़र आहिस्ता-आहिस्ता

Either change the way there,
 or sit and wait somewhere. 
Slowly slowly on the ways, 
mate's exhausting 'n sways. 

देने वाले की मशिय्यत पे है सब कुछ मौक़ूफ़
मांगने वाले की हाजत नहीं देखी जाती

काँप उठती हूँ मैं ये सोच के तन्हाई में 
मेरे चेहरे पे तिरा नाम न  पढ़ ले कोई

 I tremble when alone
 and lose face tone? 
Let no one retrace,
 your name on my face. 


जुस्तजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे
चाँद के हमराह हम हर शब सफ़र करते रहे

In seach of those lost, 
whole life was lost. 
Enroute with the glow
 of moon was show

बख़्त से कोई शिकायत है न अफ़्लाक से है
ये ही क्या कम है कि निस्बत मुझे इस ख़ाक से है

There's no malice with fate, have no calamity to state. 
Is that less of a trust? 
I am related to this dust. 


शब की तन्हाई में अब तो अक्सर 
गुफ़्तुगू ख़ुद से रहा करती है

Night of solitude, 
often sets prelude. 
There is self talk 
on every life walk


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