Tuesday 25 January 2022

PUNDIT CHAKBAST.. GHAZAL.. BAAGHBAAN NE YE ANOKHAA SITAM IIJAAD KIYAA.......

बाग़बा़ँ ने ये अनोखा सितम ईजाद किया। आशियाँ फूँक के पानी को बहुत याद किया।

Gardener devised torture system so strange. 
Set garden on fire, wanted water within range.

दर-ए-ज़िंदाँ पे लिखा है किसी दीवाने ने।
"वही आज़ाद है जिसने इसे आबाद किया"।

A fanatic wrote on the prison gate. 
"Resident here gets freedom in exchange. "

जिस पर अहबाब बहुत रोए फ़क़त इतना था। 
घर को वीरान किया क़ब्र को आबाद किया। 

For whom relatives cried so much, was this. 
Deserted house, inhabited the grave range.

इस को ना-क़द्री-ए-आलम का सिला कहते हैं।
मर चुके हम तो ज़माने ने बहुत याद किया। 

After death the world regarded me a lot. 
It's disrespect of talent by world for a change. 

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