Tuesday 18 January 2022

IQBAL.. GHAZAL.. TERE ISHQ KI INTEHA CHAHTA HOON...

तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ।
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ। 

Full extent of your love is what I want. 
Look at my simplicity, what I want. 

कोई दम का मेहमाँ हूँ ऐ अहल-ए-महफ़िल।
चराग़-ए-सहर हूँ बुझा चाहता हूँ।

I am a guest of moments, O those gathered. 
Morn' flame to be extinct, is what I want.

भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी। 
बड़ा बे-अदब हूँ सज़ा चाहता हूँ।

A secret was revealed in open meeting. 
Unmannered ! Punishment is what I want.

ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को। 
कि मैं आपका सामना चाहता हूँ। 

Congrats to priests for their heaven. 
Your confrontation is what I want. 

ज़रा सा तो दिल हूँ मगर शोख़ इतना। 
वही लंतरानी सुना चाहता हूँ। 

So little is my heart but so bold. 
Your sweet nothing talk is what I want.

सितम हो कि हो वादा-ए-बे-हिजाबी।
कोई बात सब्र आज़मा चाहता हूँ। 

Be it your torture or promise to unveil. 
Worth testing my patience is what I want. 

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