Wednesday 19 January 2022

POETS AND COUPLETS..33....

ऐ ताइर-ए-लाहूती उस रिज़्क से मौत अच्छी।
जिस रिज़्क से आती हो परवाज़ में कोताही।........ इक़बाल......

Death is better than food, O heavenly bird don't alight. 
The food that scales down height of your flight. 

हर एक शख़्स के चारों तरफ़ समंदर है। 
यहाँ अजीब जज़ीरों में लोग रहते हैं।............ बशीर बद्र.........

There's a sea around evry one here. 
People live in strange islands here. 

सियासत किस हुनरमंदी से सच्चाई छुपाती है ।
कि जैसे सिसकियों के ज़ख़्म शहनाई छुपाती है ।...... मुनव्वर राना.....

Politics conceals truth in such a crafty silky way.
 As clarinet subdues sob wounds on teary misty day.

परेशाँ कर दे मेरी बेक़रार बाहों पर। 
कि बार-ए-ज़ुल्फ़ से थक जाएँगे तिरे शाने।

Scatter these over
 my longing arms O mate.
Your shoulders will ache with heavy tress weight. 

रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल। 
जो आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है ?......... ग़ालिब.......

I am not convinced that through vessels it has flown. 
Till it dribbles from eyes, as blood it won't be known.

या तो किसी को लज़्ज़त - ए-दीदार ही न हो।
या फिर मिरी निगाह से देखा करे कोई। 

Either pleasure of your glimpse for none should be there. 
Or one should see you with my eyes, the way I care. 

एक आँसू ने डुबोया मुझको उनकी बज़्म  में ।
बूँद भर पानी से सारी आबरू पानी हुई ।
............ ज़ौक़......... 

A tear drowned me in her esteemed contact. 
A little drop of water watered down my respect. 

अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे। 
मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे। 
............ ज़ौक़.......... 

Being embarrassed he says, he will die. 
If still unsatisfied, which way to try ? 

मैंने दिन-रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी। 
कोई आहट न हो जब दर पे मिरे तू आए।
.......... बशीर बद्र........ 

Day and night before God I had prayed. 
No footfall be on door, while you stayed. 

यार आश्ना नहीं कोई टकराएँ किस से जाम। 
किस बेवफ़ा के नाम पर ख़ाली सुबू करें। 

No friend, no love to tickle the cups of wine. 
This goblet is for a faithless chum of mine. 

ख़ुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैंने। 
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला ।........ बशीर बद्र........ 

In this vast universe of yours O my Lord.
 I asked for a person but you stood guard. 

नासिहा तू ही बता तूने तो देखे होंगे। 
कैसे होते हैं वो ख़त जिनके जवाब आते हैं। 

Getting answers when written, which letters had been. 
O postman just tell me, you must have seen. 

ज़िक्र उन के लब का था फूल पर नज़र गई ।
पंखुड़ी गुलाब की रश्क से बिखर गई ।

We were talking about her lips, O those ! 
With envy withered many petals of rose. 

फ़ाख़्ता की मजबूरी ये भी कह नहीं सकती। 
कौन साँप रखता है उस के आशियाने में। 
........... बशीर बद्र......... 

Bird is so compelled, can't say beating breast. 
Who is the one that slips snake in the nest. 

हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं। 
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में। 
............. बशीर बद्र......... 

People label every throbbing stone, a heart. 
Many lives are spent making heart a heart. 

 शीशा हो या दिल हो आख़िर टूट जाता है। 
होठों तक आते आते साग़र छूट जाता है। 

It finally breaks, whether it's glass or heart. 
While reaching the lips, container slips to part. 

उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं। 
ये मोतियों की तरह सीपियों में पलते हैं ।
............ बशीर बद्र............ 

From sad eyes, the tears do not flow. 
In oysters just like pearls these grow. 

क्यों हवेली के उजड़ने का मुझे अफ़सोस हो ।
सैकड़ों बेघर परिन्दों के ठिकाने हो गए ।
............ बशीर बद्र......... 

Why feel sad about mansion deserted, bare. 
Hundreds of homeless birds nest there. 

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में ।
तुम तरस नहीं खाते बस्तियों जलाने में ।
............. बशीर बद्र.......... 

In building a house men are left with nothing. 
Setting cottages afire, you just feel nothing. 

आलम का ये सब नक़्शा बच्चों का घरोंदा है। 
इक ज़र्रे के कब्ज़े में सहमी हुई दुनिया है।........... बशीर बद्र......... 

The map of this world is child craft, it's lot. 
The world is in terror, in control of adot. 

यहाँ एक बच्चे के ख़ून से जो लिखा हुआ है उसे पढ़ें।
 तेरा कीर्तन अभी पाप है अभी मेरा सजदा हराम है।..... बशीर बद्र..... 

Written with the blood of a child is what needs be read by all. 
Your chant in temple is still a sin, as is sin to kneel on preacher's call. 

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है। 
सर-ए-आईना मिरा अक्स है, पस-ए-आईना कोई और है।... सलीम कौसर... 

I am an idea of someone and thinking me is someone else. 
My shadow is in front of mirror, behind it is someone else. 

मोतियों को छुपा सीपियों की तरह। 
बे-वफ़ाओं को अपनी वफ़ाई न दे। 
............ बशीर बद्र.......... 

Just as oysters pearls conceal
To disloyals, don't loyalty reveal. 

मजनूँ की रग-ए-दिल में बे-वजह ख़लिश कैसी ? 
काँटा कोई तलवे में लैला के चुभा होगा। 
........... क़तील शफ़ाई......... 

For nothing why did Majnun feel a prick in his heart. 
A thorn in Laila's sole, is the cause  for him to smart. 

ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं। 
साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं।.......... दाग़ देहलवी........... 

Covered by split bamboo sticks, her cover is so new. 
Neither she is so well hidden, nor is in full view. 

रेदा-ए-लाला-ओ-गुल पर्दा-ए-मह-ओ-अंजुम।
जहाँ जहाँ वो छुपे हैं अजीब आलम है। 
.......... असग़र गौंडवी......... 

Covered by daffodils 'n rose sheet, covered by moon' n stars fleet. 
Well wherever is hidden my lord, everything is glorious on record. 

दम-ए-आख़िर ही क्या न आना था ? 
और भी वक़्त थे बहाने के।... मीर.... 

Why couldn't you come when I was breathing my last ? 
There were so many times for excuses in the past. 

इक समंदर के प्यासे किनारे थे हम अपना पैग़ाम लाती थी मौज-ए-रवाँ ।
आज दो रेल की पटरियों की तरह साथ चलना है और बोलना तक नहीं ।
........... बशीर बद्र........... 

We were thirsty ocean shore, message brought by waves that roar. 
Now like parallel rails we stay, for us there is nothing to say. 

इन हवाओं से मौसम बदलने लगा धूप में प्यार की नर्म चुमकार है। 
फिर कबूतर के जोड़े के दिल में चुभी तिनके चुन चुन के लाने की फ़ितरी चुभन।......... बशीर बद्र.......... 

While stealthily kissing is now the sun, wind set change in weather laws. 
Once again I paired pigeon hearts grew a wish to gather distant straws. 

कहियो सबा सलाम हमारा बहार से। 
हम तो चमन को छोड़ के सू-ए-क़फ़स चले। 

O breeze just convey my salute to spring season. 
I am leaving the garden and move in to prison. 

आधी से ज़्यादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ। 
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है
.......... फ़िराक़ गोरखपुरी........... 

I have passed more than half of the painful night. 
If you come even now, enough is left in the night. 

कहती थी जुनूँ जिस को दुनिया बिगड़ी हुई सूरत अक़्ल की थी। 
फाड़ा था गरेबाँ तेरे लिए जब तू न रहा सीना ही पड़ा।...... जमील मज़हरी...... 

What the world called lunacy were senses in altered shape. 
I tore clothes for you, when you left, stitched  back to shape. 

अगर न ज़ोहरा जबीनों के दरमियाँ गुज़रे।
तो फिर ये कैसे कटे ज़िन्दगी कहाँ गुज़रे? 

If it isn't passed with those with starry forehead. 
How to pass this life, which way to move ahead ? 


 



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